मी०-
फीट इन्च-
रतन टाटा अपने कुत्तों के साथ
रतन टाटा नैनो कार के साथ
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जन्म: 28 दिसंबर 1937, सूरत
कैरियर/व्यवसाय/पद: टाटा संस के सेवामुक्त चेयरमैन
रतन टाटा एक प्रसिद्ध भारतीय उद्योगपति और टाटा संस के सेवामुक्त चेयरमैन हैं। वे सन 1991 से लेकर 2012 तक टाटा ग्रुप के अध्यक्ष रहे। 28 दिसंबर 2012 को उन्होंने टाटा ग्रुप के अध्यक्ष पद को छोड़ दिया परन्तु वे अभी भी टाटा समूह के चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष बने हुए हैं। वह टाटा ग्रुप के सभी प्रमुख कम्पनियों जैसे टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाटा पावर, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, टाटा टी, टाटा केमिकल्स, इंडियन होटल्स और टाटा टेलीसर्विसेज के भी अध्यक्ष थे। उनके नेतृत्व में टाटा ग्रुप ने नई ऊंचाइयों छुआ और समूह का राजस्व भी कई गुना बढ़ा।
प्रारंभिक जीवन
रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर, 1937 को भारत के सूरत शहर में हुआ था। रतन टाटा नवल टाटा के बेटे हैं जिन्हे नवजबाई टाटा ने अपने पति रतनजी टाटा के मृत्यु के बाद गोद लिया था। जब रतन दस साल के थे और उनके छोटे भाई, जिमी, सात साल के तभी उनके माता-पिता (नवल और सोनू) मध्य 1940 के दशक में एक दुसरे से अलग हो गए। तत्पश्चात दोनों भाइयों का पालन-पोषण उनकी दादी नवजबाई टाटा द्वारा किया गया। रतन टाटा का एक सौतेला भाई भी है जिसका नाम नोएल टाटा है।
रतन की प्रारंभिक शिक्षा मुंबई के कैंपियन स्कूल से हुई और माध्यमिक शिक्षा कैथेड्रल एंड जॉन कॉनन स्कूल से। इसके बाद उन्होंने अपना बी एस वास्तुकला में स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग के साथ कॉर्नेल विश्वविद्यालय से 1962 में पूरा किया। तत्पश्चात उन्होंने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से सन 1975 में एडवांस्ड मैनेजमेंट प्रोग्राम पूरा किया।
भारत लौटने से पहले रतन ने लॉस एंजिल्स, कैलिफोर्निया, में जोन्स और एमोंस में कुछ समय कार्य किया। उन्होंने टाटा ग्रुप के साथ अपने करियर की शुरुआत सन 1961 में की। शुरुआती दिनों में उन्होंने टाटा स्टील के शॉप फ्लोर पर कार्य किया। इसके बाद वे टाटा ग्रुप के और कंपनियों के साथ जुड़े। सन 1971 में उन्हें राष्ट्रीय रेडियो और इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी (नेल्को) में प्रभारी निदेशक नियुक्त किया गया। 1981 में उन्हें टाटा इंडस्ट्रीज का अध्यक्ष बनाया गया। सन 1991 में जेआरडी टाटा ने ग्रुप के अध्यक्ष पद को छोड़ दिया और रतन टाटा को अपना उत्तराधिकारी बनाया।
रतन के नेतृत्व में टाटा समूह ने नई ऊंचाइयों को छुआ। उनके नेतृत्व में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने पब्लिक इशू जारी किया और टाटा मोटर्स न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध किया गया। सन 1998 में टाटा मोटर्स ने पहली पूर्णतः भारतीय यात्री कार – टाटा इंडिका – को पेश किया। तत्पश्चात टाटा टी ने टेटली, टाटा मोटर्स ने ‘जैगुआर लैंड रोवर’ और टाटा स्टील ने ‘कोरस’ का अधिग्रहण किया जिससे टाटा समूह की साख भारतीय उद्योग जगत में बहुत बढ़ी। टाटा नैनो – दुनिया की सबसे सस्ती यात्री कार – भी रतन टाटा के ही सोच का ही परिणाम है।
28 दिसंबर 2012 को वे टाटा समूह के सभी कार्यकारी जिम्मेदारी से सेवानिवृत्त हुए। उनका स्थान 44 वर्षीय साइरस मिस्त्री ने लिया। हालाँकि टाटा अब सेवानिवृत्त हो गए हैं फिर भी वे काम-काज में लगे हुए हैं। अभी हाल में ही उन्होंने भारत के इ-कॉमर्स कंपनी स्नैपडील में अपना व्यक्तिगत निवेश किया है। इसके साथ-साथ उन्होंने एक और इ-कॉमर्स कंपनी अर्बन लैडर और चाइनीज़ मोबाइल कंपनी जिओमी में भी निवेश किया है।
वर्तमान में रतन, टाटा समूह के सेवानिवृत अध्यक्ष हैं। इसके साथ-साथ वह टाटा संस के 2 ट्रस्ट्स के अध्यक्ष भी बने हुए हैं।
रतन टाटा ने भारत के साथ-साथ दूसरे देशों के कई संगठनो में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। वह प्रधानमंत्री की व्यापार और उद्योग परिषद और राष्ट्रीय विनिर्माण प्रतिस्पर्धात्मकता परिषद के एक सदस्य हैं। रतन कई कम्पनियो के बोर्ड पर निदेशक भी हैं।
सम्मान और पुरस्कार
भारत सरकार ने रतन टाटा को पद्म भूषण (2000) और पद्म विभूषण (2008) द्वारा सम्मानित किया। ये सम्मान देश के तीसरे और दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान हैं। उनको मिले अन्य उल्लेखनीय पुरस्कार इस प्रकार हैं:
2015 | मानद | एचईसी पेरिस |
2015 | ऑटोमोटिव इंजीनियरिंग की मानद डॉक्टर | क्लेमसन विश्वविद्यालय |
2014 | कानून की मानद डॉक्टर | न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय, कनाडा |
2014 | ब्रिटिश साम्राज्य के आदेश के मानद नाइट ग्रैंड क्रॉस | यूनाइटेड किंगडम |
2014 | सयाजी रत्न पुरस्कार | बड़ौदा मैनेजमेंट एसोसिएशन |
2014 | व्यापार के मानद डॉक्टर | सिंगापुर मैनेजमेंट यूनिवर्सिटी |
2013 | डॉक्टरेट की मानद उपाधि | एम्स्टर्डम विश्वविद्यालय |
2013 | व्यापार व्यवहार के मानद डॉक्टर | कार्नेगी मेलॉन विश्वविद्यालय |
2013 | अर्नस्ट और वर्ष का सर्वश्रेष्ठ युवा उद्यमी – लाइफटाइम अचीवमेंट | अर्न्स्ट एंड यंग |
2013 | विदेश एसोसिएट | नेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग |
2012 | व्यापार डॉक्टर | न्यू साउथ वेल्स विश्वविद्यालय |
2012 | मानद फैलो | इंजीनियरिंग की रॉयल अकादमी |
2010 | इस साल के बिजनेस लीडर | एशियाई पुरस्कार |
2010 | कानून की मानद डॉक्टर | पेपरडाइन विश्वविद्यालय |
2010 | लीडरशिप अवार्ड में लीजेंड | येल विश्वविद्यालय |
2010 | शांति पुरस्कार के लिए ओस्लो व्यापार | शांति प्रतिष्ठान के लिए व्यापार |
2010 | हैड्रियन पुरस्कार | विश्व स्मारक कोष |
2010 | लॉ की मानद डॉक्टर | कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय |
2009 | इतालवी गणराज्य की मेरिट के आदेश के ‘ग्रैंड अधिकारी’ का पुरस्कार | इटली की सरकार |
2009 | 2008 के लिए इंजीनियरिंग में लाइफ टाइम योगदान पुरस्कार | इंजीनियरिंग इंडियन नेशनल एकेडमी |
2009 | ब्रिटिश साम्राज्य के आदेश के मानद नाइट कमांडर | यूनाइटेड किंगडम |
2008 | प्रेरित होकर लीडरशिप अवार्ड | प्रदर्शन रंगमंच |
2008 | मानद फैलोशिप | इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संस्थान |
2008 | मानद नागरिक पुरस्कार | सिंगापुर सरकार |
2008 | साइंस की मानद डॉक्टर | इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी खड़गपुर |
2008 | साइंस की मानद डॉक्टर | इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी मुंबई |
2008 | लॉ की मानद डॉक्टर | कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय |
2008 | लीडरशिप अवार्ड | लीडरशिप अवार्ड |
2007 | परोपकार की कार्नेगी पदक | अंतर्राष्ट्रीय शांति के लिए कार्नेगी एंडोमेंट |
2007 | मानद फैलोशिप | अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान के लंदन स्कूल |
2006 | जिम्मेदार पूंजीवाद पुरस्कार | |
2006 | साइंस की मानद डॉक्टर | इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी मद्रास |
2005 | साइंस की मानद डॉक्टर | वारविक विश्वविद्यालय |
2005 | अंतर्राष्ट्रीय गणमान्य अचीवमेंट अवार्ड | |
2004 | प्रौद्योगिकी के मानद डॉक्टर | एशियन इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी |
2004 | उरुग्वे के ओरिएंटल गणराज्य की पदक | उरुग्वे की सरकार |
2001 | बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन के मानद डॉक्टर | ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी |
रतन टाटा का जीवन परिचय, जीवनी, परिवार (कुल संपत्ति, शिक्षा, जन्म, पुरस्कार, माता, पिता, पत्नी, नागरिकता, जाती, आयु, करियर) Ratan Tata Biography in Hindi, Net worth, Education, age, Wife, Father, mother, awards, achievements
Ratan Tata Biography in Hindi : रतन टाटा एक बहुत बड़े मशहूर उद्योगपति है, जो टाटा ग्रुप की कंपनीयों के मालिक है। उनके टाटा ग्रुप की मार्केट में वैल्यू 17 लाख करोड़ रूपये है। रतन टाटा एक बहुत बड़े दानवीर है, जो अपनी सैलरी का 65% लोगों की मदद के लिए दान कर देते है। इसीलिए रतन टाटा बहुत सारे लोगों के लिए काफी चहेते है।
आपने रतन टाटा का नाम काफी बार सुना होगा, लेकिन आप शायद ही उनकी जीवनी के बारे में जानते होंगे। रतन टाटा का जीवन परिचय काफी अद्भुत है। अगर आप उनके जीवन के बारे में जानेंगे, तो आप हैरान हो जाएंगे। मैं आपको इस आर्टिकल में, रतन टाटा के जन्म, आयु, शिक्षा, परिवार, करियर, नेट वर्थ, और उनके उत्तराधिकारी के बारे में बताऊँगा।
विषय–सूची
रतन टाटा भारत के सबसे प्रसिद्ध उद्योगपतियों में से एक है, जिन्हे टाटा ग्रुप के चेयरमैन के रूप में जाना जाता है। उन्होने पूरे टाटा ग्रुप को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। इन्होने 2012 में टाटा समूह के अध्यक्ष के पद को छोड़ दिया, और साथ ही सायरस मिस्त्री को टाटा समूह का उत्तराधिकारी नियुक्त किया।
रतन टाटा पिछले 50 वर्षों से टाटा समूह से जुड़े हैं, और इन्होने 21 वर्षों तक टाटा ग्रुप की अध्यक्षता संभाली। रतन टाटा पूरी दुनिया में एक नामचिन उद्योगपति है। इनको अनेक बड़ी-बड़ी उपलब्धियां भी मिली हैं, जैसे- पद्म विभूषण, भारत का तीसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार।
रतन टाटा को उनके मानवीय और परोपकारी गुणों के कारण पूरी दुनिया में पहचाना जाता है। उन्होने सामाजिक कार्यों में अपना काफी योगदान दिया है, जैसे शिक्षा में, स्वास्थ्य देखभाल में, और गरीबी उन्मूलन में आदि।
रतन नवल टाटा | |
28 दिसंबर 1937 | |
सूरत, गुजरात | |
बी.एस. डिग्री | |
पारसी पन्थ | |
पारसी | |
1962 | |
रतन टाटा | |
पदम विभूषण, भारत का तीसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार |
रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 में गुजरात के सूरत शहर में हुआ था। इनके पिता का नाम नवल टाटा था, जिनको नवजबाई टाटा ने गोद लिया था। नवजबाई अपने पति के निधन के बाद अकेली हो गयी थी, इसलिए उन्होने रतन टाटा को गोद लिया था।
रतन टाटा और उनके छोटे भाई जिमी टाटा जब छोटे थे, तो उनके माता पिता 1940 में एक-दूसरे से अलग हो गए, इसलिए दोनों भाईयों को भी अलग होना पड़ा। हालांकि उनकी दादी नवजबाई ने दोनों पोतो का पालन-पोषण काफी अच्छे से किया।
इनके माता -पिता का निधन हो चुका है, इसलिए उन्हे अपने माता पिता का ज्यादा प्यार नही मिला। उनके दो भाई हैं, जिमी टाटा और नोएल टाटा, लेकिन नोएल टाटा उनके सौतेले भाई है। उन्हे बचपन से ही पियानों सीखने का और क्रिकेट खेलने का काफी शौक था।
रतन टाटा का जन्म एक निजी परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम नवल टाटा है, जो एक सफल व्यवसायी थे, और उनकी माता का नाम सूनी टाटा है, जो एक गृहिणी थीं। उनकी छोटी उम्र में उनेक माता-पिता का निधन हो गया था।
उनके दादा का नाम श्री जमशेदजी टाटा है, जिन्होने टाटा कंपनी की शुरुआत की थी। उनकी एक सौतेली मां भी थी, जिनका नाम सिमोन टाटा था। उनकी अधिकतर देखभाल उनकी दादी नवजबाई ने की थी।
उनका एक छोटा भाई है, जिनका नाम जिमी टाटा है। वे भी एक कुशल उद्यमी है, जिन्होने कई बिज़नेश शुरू किए, जैसे- टाटा डोकोमो, टाटा हाउसिंग डेवलपमेंट और टाटा टेलिसर्विसेज। इसके अलावा उनका एक सौतेला भाई भी है, जिनका नाम नोएल टाटा है। वे एक कला संग्रहकर्ता और परोपकारी है।
आपको यह जानकर बहुत ज्यादा हैरानी होगी कि रतन टाटा ने अभी तक शादी नही की है। अब क्यो नही की, इसका सही जवाब हमें अभी तक नही पता है। इसके अलावा रतन टाटा के परिवार के अन्य सदस्तों के बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नही है।
पिता का नाम | नवल टाटा |
माता का नाम | सोनू टाटा |
दादा का नाम | श्री जमशेदजी टाटा |
भाई का नाम | जिमी टाटा और नोएल टाटा |
रतन टाटा ने अपनी शुरुआती पढ़ाई मुंबई के कैथेड्रल और जॉन केनन स्कूल से प्राप्त की। इसके बाद वे 1955 में स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन डिग्री के लिए लंदन के इंपीरियल कॉलेज में चले गए। इसके बाद उन्होने 1975 में हावर्ड विश्वविद्यालय से एमबीए की डिग्री प्राप्त की।
इस कोर्स को करने के बाद उन्हे एक फैमश आईबीएम कंपनी से जॉब का ऑफर मिला, लेकिन उन्होने मना कर दिया और टाटा समूह में शामिल हो गए, जहां उन्होने विभिन्न पदों पर काम किया, जैसे-टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज।
आज रतन टाटा भारत के एक बहुत बड़े और सफल बिज़नेसमैन है।
रतन टाटा का करियर काफी प्रेरणादायक है, क्योंकि उन्होने एक छोटे से व्यवसाय से शुरुआत करके, टाटा समूह को विश्व प्रसिद्ध कंपनी बना दिया। उन्होने अपने करियर की शुरुआत 1962 में टाटा समूह में एक प्रबंधक के रूप में की। उन्होने विभिन्न पदों पर कार्य किया, जैसे- टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज।
इसके बाद 1991 में, रतन टाटा को टाटा समूह का अध्यक्ष बना दिया गया। उन्होने टाटा समूह को विश्व प्रसिद्ध कंपनी बना दी। उन्होने अपने करियर में अनेक तरह की उपलब्धियां और पुरस्कार प्राप्त किए, जिसमें पद्मभूषण भी शामिल है।
रतन टाटा पूरे टाटा ग्रुप के चेयरमैन भी बने, जिसमें अनेक कंपनीयां शामिल हैं- जैसे टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाटा पावर, टाटा कंसल्टेंसी सर्विस आदि। सभी जिम्मेदारियों को अच्छे से निभाने के बाद उन्होने 28 दिसंबर 2012 को टाटा समूह की अक्ष्यता से रिटायरमेंट ले लिया। हालांकि अभी भी वे टाटा समूह के कामकाज में लगे हुए हैं।
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रतन टाटा एक बिज़नेसमैन के साथ-साथ एक परोपकारी इंसान भी है। इस वजह से उन्हे अनेक तरह की उपलब्धियां और पुरस्कार मिले हैं। ये पुरस्कार निम्नलिखित हैं-
इसके अलावा भी रतन टाटा को और बहुत सारी उपलब्धियां और पुरस्कार मिल हैं।
रतन टाटा की कुल संपत्ति लगभग 3800 करोड़ रूपये है। और उनकी अधिकांश संपत्ति टाटा संस के स्वामित्व से आती है। इसके अलावा उन्होने विभिन्न स्टार्टअप्स और प्रोद्योगिकी कंपनीयों में निवेश भी किया है। रतन टाटा काफी बड़े दानवीर है, जो अपनी कमाई का 65% हिस्सा दान करते हैं।
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कुछ रिपोर्ट में बताया गया है कि रतन टाटा को लॉस एंजिल्स से प्यार हुआ था, लेकिन 1962 में भारत-चीन युद्ध के बढ़ते तनाव की वजह से वे शादी नही कर पाए।
टाटा कंपनी की शुरुआत 28 मई, 1868 में रतन टाटा के दादा जमशेदजी टाटा ने की थी।
रतन टाटा अमीर लोगों की लिस्ट में इसलिए नही है, क्योंकि वे अपनी कमाई का 65% हिस्सा लोगों की भलाई में लगा देते है।
रतन टाटा का जीवन परिचय काफी प्रेरणादायक है, जो केवल भारत में ही नही बल्कि पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। उन्होने अपने व्यवसाय को सामाजिक जिम्मेदारियों के साथ जोड़ा, और काफी लोगों की उन्होने मदद भी की। वे एक अच्छे बिज़नेसमैने के साथ-साथ एक परोपकारी इंसान भी है, जो सामाजिक कार्यों में अपना समर्थन देते हैं, जैसे- शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, और गरीबी उन्मूलन।
मुझे उम्मीद है कि इस आर्टिकल की मदद से आपको Ratan Tata Biography in Hindi में काफी कुछ जानने के लिए मिला होगा।
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दिल के सबसे अमीर आदमी श्रीमान रतन टाटा को आप सभी जानते ही होंगे. रतन टाटा का जीवन परिचय – Ratan Tata biography in Hindi language में हम आपको रतन टाटा के बारें में सम्पूर्ण जानकारी देंगे.
रतन टाटा देश के सबसे सफल बिजनेसमैन में से एक हैं. इसीलिए सर रतन टाटा को भारतीय कॉरपोरेट जगत का बादशाह भी कहा जाता हैं.
सर रतन टाटा बिज़नेस में दया और सहानुभूति को प्राथमिकता देते हैं. इनकी यह खूबी उनको सबसे अलग बनाती हैं.
रतन टाटा की इस बायोग्राफी में हम आपको रतन टाटा(about ratan tata in hindi) के पूरे जीवन का दर्शन करवाएंगे.
इसके साथ उनके महत्वपूर्ण किस्से भी बताएँगे और हम आपको यह भी बताएँगे कि रतन टाटा ने सादी क्यों नहीं की?
“आपको जानकर आश्चर्य होगा कि अगर रतन टाटा के ट्रस्ट की सम्पति को उनके नेट वर्थ के साथ जोड़ दिया जाये तो वे विश्व के सबसे अमीर इंसान होंगे.”
r atan tata life story in hindi : टाटा संस के सबसे सम्मानित और रीटायर उद्योगपति रतन टाटा का जन्म 28 दिसम्बर 1937 को मुंबई में हुआ. सर रतन टाटा का पूरा नाम श्रीमान रतन नवल टाटा हैं. रतन टाटा के पिताजी का नाम नवल टाटा और माता का नाम सोनू हैं.
सर रतन टाटा बहुत ज्यादा समय तक अपने माता पिता के साथ नहीं रहे. 1948 में माता सोनू और पिता नवल टाटा अलग हो चुके थे. इसके बाद नवल टाटा ने दूसरी सादी कर ली. कुछ समय बाद रतन टाटा का दूसरा भाई हुआ. रतन टाटा के भाई का नाम नोएल टाटा हैं.
माता पिता के अलग होने के बाद रतन टाटा अपनी दादी के साथ रहने लगे. रतन टाटा कि परवरिश उनकी दादी नवाज बाई टाटा कि देखरेख में हुई.
सर रतन टाटा को उनकी दादी से बहुत लगाव था और वे उनको बहुत मानते थे. रतन टाटा अपनी दादी की सीख को अपना मूल्य मानते थे.
ratan tata education qualification : सर रतन टाटा की शुरूआती शिक्षा मुंबई में ही हुई. आगे की पढाई के लिए वे अमेरिका चले गए. स्नातक के लिए कॉर्नेल विश्वविद्यालय में एडमिशन लिया. इसके बाद वे हॉवर्ड बिज़नस स्कूल गए.
Tata history in hindi: कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से पढाई पूरी करने के बाद रतन टाटा ने लोस एन्जोलिस में दो साल तक एक आर्किटेक्चर फर्म में काम करते रहे.
भारत आने के बाद 1962 में टाटा स्टील डिवीज़न के साथ अपना करियर शुरू किया. 1971 में रतन टाटा को नेशनल रेडियो एंड इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी लिमिटेड के डायरेक्टर के पद के लिए चुने गए थे. 1991 में जे आर डी टाटा के रिटायर होने पर रतन टाटा को टाटा संस के चेयरमैन के रूप में नामित किया गया था.
इसके बाद सर रतन टाटा ने टाटा नैनो, टाटा इंडिका कारों को लांच किया. 28 दिसम्बर 2012 को रतन टाटा ने अपने 75 वें जन्मदिन पर अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया.
1991 में 5 बिलियन डॉलर कमाने वाली कंपनी ने 2016 में 103 बिलियन डॉलर कमायें. रतन टाटा के कार्यकाल में टाटा संस का मुनाफ़ा 50 फीसदी से अधिक बढ़ गया हैं.
टाटा संस के चेयरमैन के तौर पर रतन टाटा तीस कंपनियो के मालिक हैं. वर्तमान में टाटा संस के चेयरमैन नागराजन चन्द्र शेखरन हैं.
कुछ लोग यह नहीं जानते की रतन टाटा ने सादी क्यों नहीं की? कुछ लोगो का यह सवाल भी हो सकता है कि क्या रतन टाटा की कोई प्रेम कहानी हैं? हाँ! रतन टाटा कि एक प्रेम कहानी हैं. कुछ समय पहले तक यह एक इतिहास था, लेकिन एक इंटरव्यू में रतन टाटा ने अपने इतिहास (ratan tata history in hindi) के परदे को उजागर किया.
जब रतन टाटा ने अपनी स्नातक पूरी की तब उनको लोस एन्जोलिस में एक आर्किटेक्चर फर्म में एक नौकरी मिली. उनके पास खुद की कार थी. सब कुछ अच्छा चल रहा था. लेकिन रतन टाटा को अपनी बीमार दादी को देखने के लिए कुछ समय के लिए भारत जाना था.
रतन टाटा ने अपनी प्रेमिका से वादा कर कि वे केवल उनसे ही सादी करेंगे, भारत चले आये. तभी 1962 में भारत और चीन की जंग छिड़ गई.
भारत चीन की जंग से रतन टाटा जल्दी लोस एन्जोलिस नहीं लौट पाए. दूसरी तरफ रतन टाटा की प्रेमिका के माता पिता ने इस जंग को मुद्दा बनाते हुए इस रिश्ते को ठुकरा दिया और उसकी सादी किसी और के साथ करवा दी.
रतन टाटा अपने वचन पर अडिग रहे और आज तक सादी नहीं की. यही थी रतन टाटा की प्रेम कहानी और यही कारण था कि रतन टाटा ने आज तक सादी क्यों नहीं की.
Ratan Tata net worth : टाटा चैरिटेबल ट्रस्ट भारत के इतिहास का सबसे बड़ा ट्रस्ट है. रतन टाटा अपनी कुल सम्पति का 65% हिस्सा यहाँ पर लगा देते है. इसलिए अमीरों की सूची में उनकी रैंक गिर जाती हैं.
अगर इस 65% को टाटा की मूल सम्पति में गिना जाए तो रतन टाटा वर्ल्ड के सबसे अमीर इन्सांन होंगे. 2016 में इसकी सुचना फ़ोर्ब्स पत्रिका में दी गयी थी.
टाटा स्टील, टीसीएस, टाटा पॉवर, इंडियन होटल्स सहित 30 कंपनियों के मालिक हैं. 2021 के आंकड़ों के अनुसार रतन टाटा की कुल सम्पति 1 बिलियन डॉलर हैं.
रतन टाटा ‘रतन टाटा हाउस’ मुंबई में रहते हैं. उन्होंने यह लक्ज़री हाउस 2015 में खरीदा था. रतन टाटा हाउस की कीमत लभग 150 करोड़ है. इसके अलावा रतन टाटा कई सम्पतियों के मालिक हैं.
रतन टाटा नेट वर्थ | 7416 करोड़ रुपये(1 बिलियन) |
औसत वार्षिक आय | 820 करोड़ रुपये |
व्यक्तिगत निवेश | 5248 करोड़ रुपये |
लग्जरी कारें | 19 करोड़ रूपये |
मासिक आय | 90 करोड़ रूपये |
लास्ट अपडेट | अगस्त 2021 |
रतन टाटा के पास दुनिया की कुछ बेहतरीन कारें हैं. रतन टाटा अधिकतर अपने खुद के ब्रांड की ही कारे उपयोग में लाते हैं, लेकिन उनके पास कुछ दूसरी कारें भी हैं. रतन टाटा के पास लगभग 19 करोड़ की कारें हैं.
मर्सिडीज | Mercedes-Benz SL500, Mercedes Benz E-Class W124 |
फरारी | Ferrari California |
हौंडा | Honda Civic |
लैंड रोवर | Land Rover Freelander |
टाटा | Tata Nano, Tata Nexon, Tata Indigo Marina |
Cadillac | Cadillac XLR |
जेगुआर | Jaguar F-Type S |
ब्यूक सुपर 8 | Buick Skylark |
सर रतन टाटा को भारत सरकार ने 2000 पदम् भूषण और 2008 को पदम् विभूषण से सम्मानित किया हैं. इसके अलावा रतन टाटा को देश और विदेश के विभिन्न संघठनो द्वारा 40 से अधिक अवार्ड्स मिल चुके हैं.
ratan tata story in hindi: शिक्षा, चिकित्सा और ग्रामीण विकास के लिए रतन टाटा एक प्रमुख परोपकारी व्यक्ति हैं. रतन टाटा अपनी नेट वर्थ का 65% से अधिक शेयर चैरिटेबल ट्रस्टों में निवेश करते हैं. वर्तमान में टाटा ग्रुप के नाम से अनेक ट्रस्ट चल रहे हैं. टाटा ट्रस्ट सबसे बड़ा और पुराना ट्रस्ट हैं.
भारत के अलावा रतन टाटा विदेशों में भी आर्थिक सहयोग करते हैं. 2010, अमेरिका की हार्वर्ड बिजनेस स्कूल में एक सेंटर के निर्माण के लिए 50 मिलियन डॉलर का आर्थिक दान दिया.
2014 में, टाटा ग्रुप ने आईआईटी, बॉम्बे को 95 करोड़ रूपये दिए. कोविड महामारी के दौरान रतन टाटा ने 1500 करोड़ का दान किया. इसके किस्से आपने सोशल मीडिया पर जरूर सुने होंगे.
यहं पर रतन टाटा के जीवन से जुड़े कुछ प्रेरणात्मक किस्से हैं, जो रतन टाटा की महानता को तो साबित करते ही हैं, साथ में हमको एक उदारता, सदाचारी अच्छे लीडर बनने का सन्देश भी देते हैं.
आपने जो भी अपने इस ब्लॉग में रतन टाटा जी के बारे में बताया है। वह मुझे बहुत अच्छा लगा है। रतन टाटा हमारे देश के अनमोल रतन है। मैं आपके माध्यम से रतन टाटा जी के बारे में और भी बहुत कुछ जानना चाहता हूं। आप अगर अपने इस ब्लॉग के माध्यम से मुझे और भी रतन टाटा जी के बारे में जानकारी दें। तो मैं बहुत आपका आभारी रहूंगा
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रतन टाटा का जीवन परिचय, जन्म, परिवार, घर, संपति, शेयर, जीवनी, पत्नी, उम्र, नेट वर्थ, इतिहास, सम्मान और पुरस्कार (Ratan Tata Biography in Hindi, Birth, wife, family, age, son, net worth, Life, Education, success, Donation, Quotes)
Ratan Tata Biography in Hindi – भारत ने सबसे बड़े उद्योगपतियों में से एक रतन टाटा जी का पूरा जीवन अपने आप मे हर युवा के लिए एक प्रेरणा है। आज रतन टाटा का जीवन परिचय ( Ratan Tata Biography in Hindi) में हम आपको इनकी जीवन गाथा बताने वाले हैं हम जानेंगे कि कैसे एक बच्चा जिसे बचपन मे ही अपने माता पिता के प्यार से महरूम रहना पड़ा, वह देश का इतना बड़ा उद्योगपति बना। तो चलिए शुरू करते हैं।
नाम (Name) | रतन टाटा (Ratan Tata) |
पूरा नाम (Full Name) | रतन नवल टाटा |
जन्म तारीख (Date Of Birth) | 28 दिसंबर 1937 |
जन्मदिन (Ratan Tata Birthday) | 28 दिसंबर |
उम्र (Ratan Tata Age) | 84 वर्ष (2023) |
जन्म स्थान (Place) | सूरत, गुजरात |
शिक्षा (Education ) | बी.एस. डिग्री संरनात्मक इंजीनियरिंग एवं वास्तुकला में उन्नत प्रबंधन कार्यक्रम |
स्कूल (School) | कैंपियन स्कूल और कैथेड्रल और जॉन कॉनन स्कूल, मुंबई |
कॉलेज (Collage) | कॉर्नेल विश्वविधालय, हार्वर्ड विश्वविधालय |
होम टाउन (Hometown) | मुंबई |
व्यवसाय (Business) | टाटा समूह के रिटायर्ड अध्यक्ष |
अवार्ड (Award) | पद्म भूषण, पद्म विभूषण |
नागरिकता (Nationality) | भारतीय |
राशि (Zodiac Sign) | तुला राशि |
धर्म (Religion) | पारसी |
वैवाहिक स्थिति (Marital Status) | अवैवाहिक |
कुल संपत्ति (Ratan Tata Net Worth) | 3800 करोड़ |
Table of Contents
टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष रतन टाटा है। 28 दिसंबर 1937 को रतन टाटा का जन्म सूरत गुजरात में हुआ था। रतन टाटा के फादर का नाम नवल टाटा है तथा इनकी मदर का नाम सोनू टाटा है। इसके साथ ही आपको बता दूं इनके दादा जी का नाम श्री जमशेदजी टाटा है।
इन सब के अलावा इनके परिवार में इनकी एक सौतेली मां भी थी। कहने का तात्पर्य यह है कि रतन टाटा के पिता नवल टाटा ने दूसरी शादी सिमोन टाटा से किया था और सिमोन टाटा का एक बेटा भी है जिसका नाम नोएल टाटा है। लेकिन खुश हाल जीवन में एक मोड़ ऐसा आया जब रतन के माता पिता दोनो डिवोर्स लेकर अलग अलग रहने लगे।
उस समय रतन टाटा की आयु महज 10 वर्ष ही थीं। उस उम्र में उन्हें माता पिता की सख्त जरूरत थी और इस जरूरत को रतन टाटा की दादी जिनका नाम नवजबाई टाटा है इन्होंने ही दोनों भाइयों का लालन पालन काफी अच्छी तरह से किया। बताया जाता है कि नवजबाई टाटा काफी दयालु किस्म की इंसान थी। लेकिन जब अनुशासन की बात आती तो ये काफी कठोर बन जाती है।
यदि हम रतन टाटा की शिक्षा की बात करें तो इन्होंने कैपियन नाम के स्कूल से अपनी पढ़ाई की शुरुआत किया और इसके साथ ही उन्होने कार्निल यूनिवर्सिटी जो की लंदन में है वहां से आर्किटेक्चर एंड स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग की ग्रेजुएट की डिग्री भी हासिल किया है और उसके बाद फिर उन्होंने हार्वड हाई स्कूल से एडवांस मैनेजमेंट प्रोग्राम कोर्स को भी पूरा किया।
यही नहीं रतन टाटा को प्रतिष्टित कंपनी IBM से जॉब का अच्छा खासा ऑफर भी प्राप्त हुआ था, लेकिन रतन टाटा ने उस ऑफर को एक्सेप्ट नहीं किया और अपने पुश्तैनी व्यवसाय को ही आगे बढ़ाने का निर्णय लिया। वैसे देखा जाए तो उनका यह निर्णय काफी हद तक बेहतर भी साबित हुआ।
तो चलिए अब जानते हैं की आखिर रतन टाटा के पसंदीदा चीजें कौन कौन सी थी :-
पसंदीदा खाना | इड़ा चटनी पेटिस, पारसी व्यंजन, पटरानी मच्छी |
पसंदीदा व्यवसायी | J.R.D TATA |
पसंदीदा कलर | Red |
पसंदीदा कार | फरारी |
वैवाहिक स्थिति कैसी थी | इनकी शादी नही हुई थी। |
रतन टाटा की शादी यानी की विवाह हुआ था या नहीं | रतन टाटा की पत्नी नहीं थी। |
इनका कोई बच्चा था (Ratan Tata Son) | इनका कोई बच्चा नहीं था। |
जानकारी के मुताबिक साल 1955 से लेकर साल 1962 तक रतन टाटा अमेरिका में रहते थे यही कारण है कि वे अमेरिका से काफी ज्यादा प्रभावित भी हुए थे। रतन टाटा जब अमेरिका रहते थे तो उन्हें कैलिफोर्निया और वेस्ट कोस्ट के रहन सहन इतना पसंद आ जाते हैं की उन्होंने लॉस एंजिल्स में ही रहने का अपना पूरा निर्णय ले लिया था।
लेकिन किस्मत को ये मंज़ूर नहीं था और कुछ वक्त के पश्चात ही उनकी दादी जिनका नाम नवाजबाई था उनकी तबियत अचानक से काफी ज्यादा खराब होने लगी जिसकी वजह से ही उन्हें अमरीका में रहने का निर्णय को बदलना पड़ा और वे भारत आ गए। जब रतन टाटा इंडिया वापस आए तब उनके पास केवल IBM की नौकरी थी। परंतु देखा जाए तो JRD टाटा को इनकी वापसी की थोड़ी भी खुशी नहीं थी।
JRD टाटा ने वर्ष 1962 में रतन टाटा को Tata Group की कंपनी में कार्य करने की ऑफर किया है और इस प्रकार देखा जाए तो रतन टाटा का टाटा ग्रुप से जुड़े। एक रिपोर्ट के अनुसार देश के सबसे बड़े टाटा ग्रुप में शामिल होने के पश्चात उन्होंने स्टार्टिंग के दिन में रतन टाटा ने टाटा स्टील के शॉप फ्लोर पर कार्य किया है।
दोस्तों जैसा कि मैंने आपको पहले भी जानकारी दिया है रतन टाटा को सन 2000 में पद्म भूषण और साल 2008 में इन्हें पद्म विभूषण जैसे बड़े बड़े अवार्ड्स भारत सरकार के माध्यम से प्रदान किया गया।
2000 | पद्म भूषण | भारत सरकार द्वारा |
2008 | पद्म विभूषण | भारत सरकार द्वारा |
2001 | बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन के मानद डॉक्टर | ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी |
2004 | उरुग्वे के ओरिएंटल गणराज्य की पदक | उरुग्वे सरकार |
2004 | प्रौद्योगिकी के मानद डॉक्टर | एशियन इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी |
2005 | साइंस की मानद डॉक्टर | वारविक विश्वविद्यालय |
2006 | साइंस की मानद डॉक्टर | इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी मद्रास |
2007 | मानद फैलोशिप | अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान के लंदन स्कूल |
2007 | परोपकार की कार्नेगी पदक | अंतर्राष्ट्रीय शांति के लिए कार्नेगी एंडोमेंट |
2008 | लॉ की मानद डॉक्टर | कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय |
2008 | साइंस की मानद डॉक्टर | इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी मुंबई |
2008 | साइंस की मानद डॉक्टर | इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी खड़गपुर |
2008 | मानद फैलोशिप | इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संस्थान |
2009 | ब्रिटिश साम्राज्य के आदेश के मानद नाइट कमांडर | यूनाइटेड किंगडम |
2009 | इतालवी गणराज्य की मेरिट के आदेश के ‘ग्रैंड अधिकारी’ का पुरस्कार | इटली सरकार |
2010 | लॉ की मानद डॉक्टर | कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय |
2010 | लॉ के मानद डॉक्टर | पेप्परडाइन यूनिवर्सिटी |
2012 | बिजनेस के मानद डॉक्टर | न्यू साउथ वेल्स यूनिवर्सिटी |
2013 | बिजनेस प्रैक्टिस के मानद डॉक्टर | कार्नेगी मेलन यूनिवर्सिटी |
2014 | सयाजी रत्न पुरस्कार | बड़ौदा प्रबंधन संघ |
2014 | लॉ की मानद डॉक्टर | यॉर्क यूनिवर्सिटी, कनाडा |
2021 | असम बैभव | असम सरकार द्वारा |
मैंने आपको पहले ये बताया है कि रतन टाटा ने शादी नहीं किया था लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर शादी न करने की वजह क्या है। कहने का तात्पर्य यह है कि रतन टाटा ने शादी क्यों नहीं की इसका मुख्य कारण क्या था। तो चलिए अब हम आपको इसके मुख्य वजह के बारे में जानकारी देंगे जिसे जानकारी आप काफी चौक जायेंगे।
जानकारी के मुताबिक शादी न करने की मुख्य वजह थी प्रेम। हालांकि, कई लोगों को यह शक था लेकिन प्रेम कहानी की ऑफिशियल तौर पर कोई पुष्टि नहीं कही किया गया था परंतु हाल ही में इस बात का खुलासा खुद रतन टाटा ने ही कर दिया।
रतन टाटा ने जब अपनी ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त कर ली तब लॉस एंजेलिस की एक कंपनी में रतन टाटा की एक आर्किटेक्चर फर्म में जॉब लग गई। उस दौर में रतन टाटा के पास उनकी खुद की कार मौजूद थी। उनके जीवन में उस समय सब कुछ बेहतर चल रहा था। मगर मैने आपको ऊपर भी बताया है की उनकी दादी की बीमारी की वजह से उन्हें वहां की नौकरी छोड़नी पड़ी और भारत वापस आना पड़ा।
रतन टाटा ने अपनी जीवनी कथा में यह भी बताया की जब उन्हें भारत आना था तब वे एक लड़की से प्रेम करते थे और वे भारत आने से पहले उस प्रेमिका को यह प्रोमिस किया की वे केवल उनसे ही प्रेम करते है और शादी भी उन्ही से करेंगे। ये कह कर रतन टाटा भारत आए थे। उसके कुछ वक्त बाद साल 1962 में भारत और चीन में युद्ध छिड़ गई।
भारत और चीन में युद्ध छिड़ जाने के वजह से रतन टाटा समय रहते लॉस एंजेलिस नहीं पहुंच पाए। जिसकी वजह से जिस प्रेमिका से वे शादी करना चाहते थे उसके माता पिता ने इस युद्ध का कारण देते हुए इनके रिश्ते को नहीं माना और प्रेमिका का विवाह किसी और के साथ कर दिया गया।
यही वजह है कि आज भी रतन टाटा अपने वादे को पूरी ईमानदारी के साथ निभा रहे हैं और आज तक शादी नहीं किया। रतन टाटा ने शादी क्यों नहीं किया इसके पीछे का कारण बस यही था। वैसे रतन टाटा की काफी दिलचस्प प्रेम कथा थी।
भारत में सबसे सस्ती और किफायती कार को लॉन्च करना ही रतन टाटा का सपना था। विस्तार से जाने तो रतन टाटा भारत के नागरिकों के लिए सबसे सस्ती, बेहतरीन और किफायती गाड़ी को बाजार में पेश करना चाहते थे और उन्होंने अपने इस सपने को जल्द ही साकार करके दुनिया को अपनी काबलियत को साबित भी किया।
टाटा मोटर्स के द्वारा साल 2008 में सबसे किफायती कार नैनों कार को भारत के बाजारों में लॉन्च किया गया। यदि हम इस कार की कीमत की चर्चा करें, तो इस कार की कीमत केवल 1 लाख रूपए है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में सबसे पहली और सबसे सस्ती कार नैनों कार है।
दोस्तों, उम्मीद है कि आपको रतन टाटा का जीवन परिचय ( Ratan Tata Biography in Hindi) सुनकर प्रेरणा मिली होगी। आज के लेख में मैंने रतन टाटा की जीवनी कथा से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी को आपके साथ शेयर किया है। यदि आपको रतन टाटा जी की कहानी पसंद आए तो इसे अपने मित्रों के साथ शेयर करना ना भूले।
Q : रतन टाटा के माता पिता कौन थे? Ans : नवल टाटा ( पिता) और सूनी टाटा ( माता)
Q : टाटा कंपनी के संस्थापक कौन है? Ans : जमशेदजी टाटा
Q : रतन टाटा के पास कितने रुपए हैं? Ans : 150 से भी ज्यादा देशों में 100 से भी ज्यादा कंपनियों के मालिक है, उनकी पुरी कमाई 7,350 करोड़ रुपये है.
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रतन टाटा जीवनी – Ratan Tata biography in hindi- “जिंदगी में उतार-चढ़ाव का होना बहुत जरूरी है क्योंकि ECG में भी सीधी लाइन का मतलब डेथ होता है। “
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Ratan Tata / रतन टाटा जिनका पूरा नाम रतन नवल (Ratan Naval Tata) टाटा हैं एक प्रसिद्ध भारतीय उद्योगपति, निवेशक, परोपकारी और टाटा सन्स के सेवामुक्त चेयरमैन हैं। टाटा समूह भारत की सबसे बड़ी व्यापारिक समूह है, जिसकी स्थापना जमशेदजी टाटा ने की और उनके परिवार की पीढियों ने इसका विस्तार किया और इसे दृढ़ बनाया। रतन टाटा सन 1991 से लेकर 2012 तक टाटा ग्रुप के अध्यक्ष रहे। 28 दिसंबर 2012 को उन्होंने टाटा ग्रुप के अध्यक्ष पद को छोड़ दिया परन्तु वे अभी भी टाटा समूह के चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष बने हुए हैं। हालाँकि उन्होंने अंतरिम अध्यक्ष के रूप में, अक्टूबर 2016 से फरवरी 2017 तक काम किया। रतन टाटा, एक ऐसी शख्सियत हैं, जिसने यह सिद्ध कर दिया कि अगर आपमें प्रतिभा है, तो आप देश में रहकर भी ऐसे शिखर पर पहुँच सकते हैं, जहाँ हर भारतीय आप पर नाज़ करे।
नाम | रतन टाटा |
जन्म | 28 दिसंबर 1937, सूरत (गुजरात) |
माता-पिता का नाम | नवल टाटा (पिता) और सोनू टाटा (माता) |
शिक्षा कहां से की प्राप्त | कॉर्नेल विश्वविधालय, हार्वर्ड विश्वविधालय |
शैक्षिक योग्यता | • बी.एस. डिग्री संरचनात्मक इंजीनियरिंग के साथ वास्तुकला में • उन्नत प्रबंधन कार्यक्रम |
वैवाहिक स्थिति | अविवाहित |
व्यवसाय | टाटा समूह के निवर्तामान अध्यक्ष |
व्यवसाय की शुरूआत | 1962 |
पुरस्कार | पद्मा विभूषण (2008) और ओबीई (2009) |
शिक्षा | बी.एस. डिग्री संरनात्मक इंजीनियरिंग एवं वास्तुकला में उन्नत प्रबंधन कार्यक्रम |
नागरिकता | भारतीय |
धर्म |
रतन टाटा सभी टाटा ग्रुप के प्रमुख कम्पनियों जैसे टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाटा पावर, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, टाटा टी, टाटा केमिकल्स, इंडियन होटल्स और टाटा टेलीसर्विसेज के भी अध्यक्ष थे। उनके नेतृत्व में टाटा ग्रुप ने नई ऊंचाइयों छुआ और समूह का राजस्व भी कई गुना बढ़ा। रतन टाटा एक परोपकारी व्यक्ति है, जिनके 65% से ज्यादा शेयर चैरिटेबल संस्थाओ में निवेश किये गए है। उनके जीवन का मुख्य उद्देश् भारतीयो के जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाना है और साथ ही भारत में मानवता का विकास करना है। रतन टाटा का ऐसा मानना है की परोपकारियों को अलग नजरिये से देखा जाना चाहिए, पहले परोपकारी अपनी संस्थाओ और अस्पतालों का विकास करते थे जबकि अब उन्हें देश का विकास करने की जरुरत है। 2007 में फॉर्च्यून पत्रिका ने उन्हें व्यापर क्षेत्र के 25 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में शामिल किया। भारत सरकार ने रतन टाटा को पद्म भूषण (2000) और पद्म विभूषण (2008) द्वारा सम्मानित किया।
रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को मुंबई में हुआ था। उनके पिता नवल टाटा और माँ सोनू कमिसरियात हैं। उन्हें एक छोटा भाई जिमी टाटा भी है। जब रतन दस साल के थे और उनके छोटे भाई, जिमी, सात साल के तभी उनके माता-पिता (नवल और सोनू) मध्य 1940 के दशक में एक दुसरे से अलग हो गए। तत्पश्चात दोनों भाइयों का पालन-पोषण उनकी दादी नवजबाई टाटा द्वारा किया गया। रतन टाटा का एक सौतेला भाई भी है जिसका नाम नोएल टाटा है। रतन टाटा, टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा के दत्तक पोते हैं।
बचपन से ही रतन एन. टाटा का पालनपोषण उद्योगियो के परिवार में हुआ था। वे एक पारसी पादरी परिवार से जुड़े हुए थे। उनका परिवार ब्रिटिश कालीन भारत से ही एक सफल उद्यमी परिवार था इस वजह से रतन टाटा को अपने जीवन में कभी भी आर्थिक परेशानियो का सामना नही करना पड़ा था।
मुंबई के कैपियन स्कूल से शुरूआती पढ़ाई करने के बाद रतन टाटा ने कार्निल यूनिवर्सिटी, लंदन से आर्किटेक्चर एंड स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग की डिग्री ली और फिर हार्वड विश्वविघालय से एडवांस मैनेजमेंट प्रोग्राम कोर्स किया। उन्हें प्रतिष्टित कंपनी आईबीएम से नौकरी का बढ़िया प्रस्ताव मिला, लेकिन रतन ने उस प्रस्ताव को ठुकराकर अपने पुश्तैनी बिजनेस को ही आगे बढ़ाने की ठानी।
पढाई पूरी करने के बाद भारत लौटने से पहले रतन ने लॉस एंजिल्स, कैलिफोर्निया, में जोन्स और एमोंस में कुछ समय कार्य किया। लेकिन अपनी दादी की बिगड़ती तबीयत को देख अमेरिका में बसने का सपना छोड़कर उन्हें वापस इंडिया आना पड़ा। भारत आने के बाद उन्होंने आईबीएम के साथ काम किया लेकिन, उनके दादा जेआरडी टाटा को ये पसंद नहीं आया। उन्होंने (रतन टाटा) टाटा ग्रुप के साथ अपने करियर की शुरुआत सन 1961 में की। टाटा समूह से जुड़ने के बाद उन्हें काम के सिलसिले में टाटा स्टील को आगे बढाने के लिये जमशेदपुर भी जाना पडा।
शुरुआती दिनों में उन्होंने टाटा स्टील के शॉप फ्लोर पर कार्य किया। इसके बाद वे टाटा ग्रुप के और कंपनियों के साथ जुड़े। सन 1971 में उन्हें राष्ट्रीय रेडियो और इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी (नेल्को) में प्रभारी निदेशक नियुक्त किया गया। जिसकी उस समय बहुत बुरी हालत थी और उन्हें 40% का नुकसान और 2% ग्राहकों के मार्केट शेयर खोने पड़े। लेकिन जैसे ही रतन एन. टाटा उस कंपनी में शामिल हुए उन्होंने कंपनी का ज्यादा मुनाफा करवाया और साथ ही ग्राहक मार्केट शेयर को भी 2% से बढाकर 25% तक ले गए। उस समय मजदूरो की कमी और NELCO की गिरावट को देखते हुए राष्ट्रीय आपातकाल घोषित किया गया था।
जे.आर.डी टाटा ने जल्द ही 1981 में रतन टाटा को अपने उद्योगों का उत्तराधिकारी घोषित किया। लेकिन उस समय ज्यादा अनुभवी न होने के कारण कई लोगो ने उत्तराधिकारी बनने पर उनका विरोध किया। लोगो का ऐसा मानना था की वे ज्यादा अनुभवी नही है और ना ही वे इतने विशाल उद्योग जगत को सँभालने के काबिल है। लेकिन टाटा ग्रुप में शामिल होने के 10 साल बाद, सन 1991 में जेआरडी टाटा ने ग्रुप के अध्यक्ष पद को छोड़ दिया और रतन टाटा को अपना उत्तराधिकारी बनाया।
रतन के नेतृत्व में टाटा समूह ने नई ऊंचाइयों को छुआ। और देश ही नही बल्कि विदेशो में भी उहोने टाटा ग्रुप को नई पहचान दिलवाई। उनके नेतृत्व में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने पब्लिक इशू जारी किया और टाटा मोटर्स न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध किया गया। सन 1998 में टाटा मोटर्स ने पहली पूर्णतः भारतीय यात्री कार – टाटा इंडिका – को पेश किया। देश की पहली कार जिसकी डिजाइन से लेकर निर्माण तक का कार्य भारत की कंपनी ने किया हो, उस टाटा इंडिका प्रोजेक्ट का श्रेय भी रतन टाटा के खाते में ही जाता है। तत्पश्चात टाटा टी ने टेटली, टाटा मोटर्स ने ‘जैगुआर लैंड रोवर’ और टाटा स्टील ने ‘कोरस’ का अधिग्रहण किया जिससे टाटा समूह की साख भारतीय उद्योग जगत में बहुत बढ़ी। टाटा नैनो – दुनिया की सबसे सस्ती यात्री कार – भी रतन टाटा के ही सोच का ही परिणाम है।
टाटा ग्रुप की टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) आज भारत की सबसे बडी सूचना तकनीकी कंपनी है। वह फ़ोर्ड फ़ाउंडेशन के बोर्ड आंफ़ ट्रस्टीज के भी सदस्य हैं। आज टाटा ग्रुप का 65% मुनाफा विदेशो से आता है. 1990 में उदारीकरण के बाद टाटा ग्रुप ने विशाल सफलता हासिल की, और फिर से इसका श्रेय भी रतन एन. टाटा को ही दिया गया।
28 दिसंबर 2012 को वे टाटा समूह के सभी कार्यकारी जिम्मेदारी से सेवानिवृत्त हुए। उनका स्थान 44 वर्षीय साइरस मिस्त्री ने लिया था लेकिन 4 साल बाद साइरस मिस्त्री को भी इस पद से हटा दिया गया और फिर 4 महीने के लिए टाटा समूह का भार रतन टाटा ने अपने कंधो पर लिया। अभी टाटा ग्रुप के चेयरमैन नटराजन चंद्रशेखरन हैं। हालाँकि टाटा अब सेवानिवृत्त हो गए हैं फिर भी वे काम-काज में लगे हुए हैं। अभी हाल में ही उन्होंने भारत के इ-कॉमर्स कंपनी स्नैपडील में अपना व्यक्तिगत निवेश किया है। इसके साथ-साथ उन्होंने एक और इ-कॉमर्स कंपनी अर्बन लैडर और चाइनीज़ मोबाइल कंपनी जिओमी में भी निवेश किया है।
वर्तमान में रतन, टाटा समूह के सेवानिवृत अध्यक्ष हैं। इसके साथ-साथ वह टाटा संस के 2 ट्रस्ट्स के अध्यक्ष भी बने हुए हैं। रतन टाटा ने भारत के साथ-साथ दूसरे देशों के कई संगठनो में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। वह प्रधानमंत्री की व्यापार और उद्योग परिषद और राष्ट्रीय विनिर्माण प्रतिस्पर्धात्मकता परिषद के एक सदस्य हैं। रतन कई कम्पनियो के बोर्ड पर निदेशक भी हैं। रतन टाटा भारतीय एड्स कार्यक्रम समिति के सक्रीय कार्यकर्ता भी है। भारत में इसे रोकने की हर संभव कोशिश वे करते रहे है। देश ही नहीं बल्कि विदेशो में भी रतन टाटा का काफी नाम दिखाई देता है। वे मित्सुबिशी को-ऑपरेशन की अंतर्राष्ट्रीय सलाहकार समिति के भी सदस्य है और इसीके साथ वे अमेरिकन अंतर्राष्ट्रीय ग्रुप जे.पी. मॉर्गन चेस एंड बुज़ एलन हमिल्टो में भी शामिल है।
रतन टाटा आज भी अविवाहित पुरुष है। रतन टाटा व्यक्तिगत तौर पे बहुत ही शर्मीले हैं। और वे दुनिया की झूठी चमक दमक में विश्वास नहीं करते। वे सालों से मुम्बई के कोलाबा जिले में एक किताबों से भरे हुए फ्लैट में अकेले रहते है। रतन टाटा उच्च आदर्शों वाले व्यक्ति है। वे मानते हैं कि व्यापार का अर्थ सिर्फ मुनाफा कामाना नहीं बल्कि समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को भी समझना है और व्यापार में सामाजिक मूल्यों का भी सामावेश होना चाहिए। वे हमेशा कहते हैं “आगे बढ़ने के लिए जीवन में उतर-चढ़ाव बहुत ज़रूरी हैं, क्योंकि ईसीजी में भी एक सीधी लाइन का मतलब होता है कि हम जिंदा नहीं हैं।”
Ans- ऐसा कहा जाता है कि, रतन टाटा को लॉस एंजिल्स से प्यार हुआ। लेकिन 1962 में भारत-चीन युद्ध के कारण बढ़े तनाव ने उन्हें शादी करने से रोक दिया।
Q : रतन टाटा को किस लिए जाना जाता है?
Ans – रतन टाटा एक भारतीय व्यवसायी और मुंबई स्थित समूह टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष हैं।
Ans- इस समय करीबन 7,350 करोड़ रुपये।
Ans- 1868 में इसकी स्थापना की गई।
Ans- ऐसा इसलिए क्योंकि रतन टाटा अपना आधा पैसा लोगों की मदद के लिए लगा देते हैं।
Ans- पद्म भूषण और पद्म विभूषण से किया गया था सम्मानित।
Q : रतन टाटा के परिवार में कौन कौन हैं?
Ans –
Please Note : – Ratan Tata Biography & Life History In Hindi मे दी गयी Information अच्छी लगी हो तो कृपया हमारा फ़ेसबुक (Facebook) पेज लाइक करे या कोई टिप्पणी (Comments) हो तो नीचे Comment Box मे करे।
1 thought on “रतन टाटा की प्रेरणादायक जीवनी | ratan tata biography in hindi”.
Yashasvi Jaiswal: जो की एक समय पानीपूरी बेचा करता था। अब कहा जाता है भारत का दूसरा कोहली।
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SuccessMatters4me
Don’t Wait For Success, But Work For It.
“जीवन में आगे बढ़ने के लिए उतार-चढ़ाव भी जरूरी है। क्योंकि ईसीजी मशीन में भी एक सीधी लाइन आ जाने पर व्यक्ति को मृत घोषित कर दिया जाता है।“ ~ Ratan Tata
दोस्तों टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष और भारत के जाने माने उद्योगपति रतन टाटा के जीवन पर आधारित यह Ratan Tata Biography in Hindi एक प्रेरणादायक जीवनी है, जो आपके जीवन व सोचने के नजरिये को बदल सकती है। आप चाहे महिला है या पुरुष, यह Hindi Biography आपके लिए एक जीवन बदलने वाली बायोग्राफी साबित हो सकती है।
आपको इस बायोग्राफी से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा और आपको अपनी जिन्दगी के प्रति बहुत सारी मोटिवेशन और इंस्पिरेशन मिलेगी।
Table of Contents
भारत के एक बहुत ही प्रसिद्ध और धनाढ्य परिवार में जन्मे रतन टाटा, जिनका पूरा नाम रतन नवल टाटा है, एक भारतीय अरबपति बिजनेसमैन, निवेशक और एक जाने माने लोक परोपकारी व्यक्ति हैं। टाटा परिवार भारत के सबसे धनी और प्रसिद्ध परिवारों में से एक है। Ratan Tata , टाटा ग्रुप के रिटायर्ड अध्यक्ष हैं, जिन्होंने टाटा ग्रुप के अध्यक्ष के रूप में 1991 से 2012 तक कार्य किया है। इसके अलावा उन्होंने अक्टूबर 2016 से फरवरी 2017 तक टाटा ग्रुप के अंतरिम अध्यक्ष के रूप में भी काम किया है। वर्तमान में Ratan Tata , टाटा ग्रुप में Tata Charitable Trust के अध्यक्ष के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
Ratan Naval Tata | |
Ratan Tata Age – | 85 years ( as on December 28, 2023 ) |
Ratan Tata Net worth In Rupees – | 3800 Crore Rupees (according to Forbes data as of 31/10/2023) |
Ratan Tata Wife – | रतन टाटा अविवाहित हैं। |
Ratan Tata Son – | रतन टाटा अविवाहित हैं। |
Ratan Tata Birthday – | December 28 |
Ratan Tata Education – | MSc. degree in Architecture from Cornell University, New York |
Ratan Tata Family – | के पिता नवल टाटा एक भारतीय बिजनेसमैन थे और उनकी माता सोनू टाटा एक ग्रहणी थी। का एक छोटा भाई भी है। |
Ratan Tata House – | Ratan Tata’s House in Colaba, Mumbai. |
Ratan Tata Father and Mother Name – | Ratan Tata’s father’s name – Naval Tata and Ratan Tata’s mother’s name – Sonu Tata. |
Ratan Tata Religion – | Hindu |
Ratan Tata Brother Name – | Jimmy Tata |
रतन नवल टाटा का जन्म एक बहुत बड़े उद्योगपति घराने और एक पारसी परिवार में 28 दिसंबर 1937 को गुजरात के सूरत शहर में हुआ था। Ratan Tata के पिता नवल टाटा एक भारतीय बिजनेसमैन थे और उनकी माता सोनू टाटा एक ग्रहणी थी। Ratan Tata का एक छोटा भाई Jimmy Tata भी है। जब Ratan Tata 10 साल के थे और इनके छोटे भाई जिम्मी टाटा केवल 7 साल के थे तो इनके माता-पिता के बीच में किसी झगड़े को लेकर तनाव पैदा हो गया और बात तलाक तक पहुंच गई।
तलाक के बाद Ratan Tata व उनके छोटे भाई Jimmy Tata का पालन पोषण उनकी दादी नवाजबाई टाटा के द्वारा किया गया। तलाक के कुछ समय बाद ही Ratan Tata के पिता नवल टाटा ने Simon Dunoyer Tata से दूसरी शादी कर ली उनकी दूसरी पत्नी सिमोन टाटा से उनका एक बेटा Noel Tata है।
रतन टाटा ने अपनी आठवीं तक की पढ़ाई मुंबई के Capmpion School से पूरी की तथा इसके बाद की पढ़ाई मुंबई के ही Cathedral and John Connon School और Bishop Cotton School से पूरी की। इसके बाद अपनी उच्च शिक्षा के लिए वे अमेरिका चले गए जहां उन्होंने 1955 में न्यूयॉर्क के Riverdale Country School से बीएससी की डिग्री हासिल की और 1959 में न्यूयॉर्क की ही Cornell University से आर्किटेक्ट में एमएससी की डिग्री हासिल की। 1975 में Ratan Tata ने अमेरिका के Harverd Business School से 7 सप्ताह की Advanced Management Program की पढ़ाई भी की।
अपनी उच्च शिक्षा पूरी करने के बाद शुरुआती कुछ सालों तक Ratan Tata ने अमेरिका के कैलिफोर्निया में रहकर ही वहां की कुछ कंपनियों में नौकरी की जैसे कि John Amos और IBM । 1962 में जब वे IBM में काम कर रहे थे तो उनके अंकल JRD Tata की सलाह पर वे नौकरी छोड़कर भारत लौट आए और Tata Group में शामिल हो गए। इस तरह उन्होंने Tata Group के साथ अपने कैरियर की शुरुआत की।
Tata Group में अपने कैरियर के शुरुआती दिनों में उन्होंने जमशेदपुर में Tata Steel कंपनी में काम किया। इसी तरह धीरे-धीरे इनका अनुभव बढ़ता गया और उन्हें Tata Group की विभिन्न कंपनियों में काम करने का मौका मिलता रहा। आखिरकार 1971 में उन्हें National Radio & Electronics Company (NELCO) का निदेशक बना दिया गया। जब Ratan Tata ने इस कंपनी की बागडोर संभाली थी उस समय कंपनी के आर्थिक हालात काफी खराब थे।
लेकिन Ratan Tata के द्वारा NELCO कंपनी की जिम्मेवारी संभालते ही सबसे पहले उन्होंने कंपनी के हर पहलू जैसे कंपनी का लेखा जोखा, कर्मचारीयों संबंधी मुद्दे, माल वितरण और प्रबंधन संबंधी मुद्दों आदि का गहन विश्लेषण किया। जहां जहां सुधार की गुंजाइश थी, वहां नए सिरे से विभिन्न सुधार किए गए। कंपनी के समुचित प्रबंधन, वितरण और अन्य मुद्दों पर नई रणनीति बनाई गई। इन सब सुधारों और Ratan Tata के अथक प्रयासों की बदौलत कंपनी ने धीरे-धीरे अच्छे परिणाम देना शुरू कर दिया और धीरे-धीरे NELCO एक घाटे की कंपनी से मुनाफे की कंपनी बन गई।
लेकिन बाद में इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री कार्यकाल में जब देश में आर्थिक मंदी के हालात पैदा हो गए तो कंपनी को वित्तीय हानि उठानी पड़ी। रही सही कसर 1977 की कंपनी की यूनियन हड़ताल ने पूरी कर दी, जिसकी वजह से कंपनी इतने ज्यादा आर्थिक घाटे में चली गई कि कंपनी को बंद करना पड़ा और रतन टाटा जी के सारे प्रयास व्यर्थ चले गए।
इस घटना के कुछ समय बाद ही Ratan Tata को एक दूसरी कंपनी ( Empress Mil l ), जो कि एक कपड़ा मिल कंपनी थी, का कार्यभार सौंप दिया गया। लेकिन कंपनी की आंतरिक गड़बड़ियों की वजह से बाद में इस कंपनी को भी बंद करना पड़ा। हालांकि Ratan Tata इस कंपनी को बंद करने के फैसले के विरोध में थे। लेकिन टाटा समूह के बोर्ड मेंबर्स के फैसले के आगे वह क्या कर सकते थे।
टाटा समूह की विभिन्न कंपनियों में विभिन्न पदों पर कार्य करते हुए Ratan Tata को बहुत सारा अनुभव हासिल हो चुका था। उनके इसी अनुभव और कड़ी मेहनत की बदौलत और उनकी काबिलियत को देखते हुए 1981 में JRD Tata व अन्य बोर्ड मेंबर्स की मीटिंग में उन्हें को टाटा ग्रुप का उत्तराधिकारी बनाने की अटकलें लगाई जा रही थी। सबसे ज़्यादा JRD Tata यह चाहते थे की रतन टाटा टाटा समूह के नए अध्यक्ष बने।
लेकिन टाटा समूह के अंतर्गत कार्य कर रही अन्य कंपनियों के प्रमुखों ने इस फैसले का यह कहकर विरोध किया कि Ratan Tata अभी कम अनुभवी हैं और टाटा ग्रुप को संभालने के काबिल नहीं है। इस कारण उनके उत्तराधिकारी बनने के फैसले को उस समय टाल दिया गया। लेकिन 1991 में JRD Tata ने दोबारा से एक साहस भरा फ़ैसला लिया और उन्होंने टाटा संस के चेयरमैन के रूप में अपने पद को छोड़ दिया और अपने उत्तराधिकारी के रूप में Ratan Tata को नामित किया।
जेआरडी टाटा ने उन्हें टाटा ग्रुप में Tata Sons व कुछ अन्य कंपनियों के अध्यक्ष पद की बागडोर दे दी। आमतौर पर टाटा संस के अध्यक्ष पद पर कार्यरत व्यक्ति ही टाटा समूह का भी अध्यक्ष होता है। टाटा ग्रुप में अध्यक्ष के रूप में कार्य करते हुए उन्होंने काफी सुधार किए। उनके कार्यकाल में टाटा समूह ने नई ऊंचाइयों को छुआ, नए मुकाम हासिल किए। टाटा समूह में अध्यक्ष पद पर कार्य करते हुए उन्होंने टाटा समूह को ना केवल भारत में ही बल्कि विदेशों में भी पहचान दिलवाई।
टाटा समूह में अपनी नई भूमिका में कार्य करते हुए उन्हें टाटा समूह के अंतर्गत कार्य कर रही अन्य कंपनियों के प्रमुखों के कड़े प्रतिरोध का भी सामना करना पड़ा। इनमें से कुछ कंपनी प्रमुख तो दशकों से जेआरडी टाटा की देखरेख में स्वतंत्र कार्य करते हुए बहुत ज्यादा शक्तिशाली और प्रभावशाली बन चुके थे। सबसे पहले Ratan Tata ने सबके लिए सेवानिवृत्ति की उम्र निर्धारित की, नए विचारों को प्रोत्साहित किया गया और युवा प्रतिभाओं को प्राथमिकता दी गई, इन नए सुधारों के परिणामस्वरूप कई कंपनी प्रमुखों को प्रतिस्थापित होना पड़ा और उनकी जगह नए युवा प्रतिभाओं को मिली।
इनके अलावा उन्होंने टाटा समूह के अंतर्गत कार्य कर रही सभी व्यक्तिगत कंपनियों को समूह कार्यालय में कंपनी के परिचालन संबंधी वार्षिक रिपोर्ट जमा करना और टाटा समूह के ब्रांड नेम के उपयोग और निर्माण करने के एवज में समूह में कुछ वित्तीय योगदान करना आदि अन्य सुधार भी किये और यह भी नियम बनाए गए की समूह के अंतर्गत कार्य कर रही सभी कंपनियों के ओवरलैपिंग ऑपरेशनओं को भी सुव्यवस्थित किया जाए।
टाटा समूह में उनके द्वारा अध्यक्ष पद पर कार्य करते हुए Tata Tea ने टेटली ( Tetley ) कंपनी, टाटा मोटर्स ( Tata Motors ) ने फोर्ड मोटर्स ( Ford Motors ) की जगुआर लैंड रोवर ( Jaguar Land Rover ) और टाटा स्टील ( Tata Steel ) ने कोरस ( Corus ) का अधिग्रहण किया। इनके अधिग्रहण के बाद टाटा समूह एक भारत केंद्रित समूह में रहकर एक वैश्विक समूह बन गया। वर्तमान में टाटा समूह 100 से अधिक देशों में कार्य कर रहा है।
भारत की सबसे सस्ती कार टाटा नैनो ( Tata Nano ) का निर्माण भी Ratan Tata की ही अवधारणा पर आधारित है। 2015 में हार्वर्ड बिजनेस स्कूल ( Harvard Business School ) में दिए गए एक इंटरव्यू में जब उनसे टाटा नैनो के निर्माण उद्देश्य के बारे में पूछा गया तो जवाब में उन्होंने कहा कि टाटा नैनो एक ऐसी कार है जिसका मूल्य एक औसत भारतीय उपभोक्ता की पहुंच के भीतर है। इसका निर्माण महत्वपूर्ण था इसकी वजह से दूसरी कार निर्माण कंपनियां भी ऐसी कम कीमत की कारों का निर्माण करेगी, जिनकी कीमत औसत भारतीय उपभोक्ताओं की पहुंच के भीतर होगी।
टाटा नैनो एक कॉम्पैक्ट सिटी कार है, जिसका निर्माण 2008 में टाटा मोटर्स के द्वारा भारतीय उपभोक्ताओं को ध्यान में रखकर किया गया था। 10 जनवरी 2008 में जब यह कार भारतीय बाजार में लांच की गई थी तो इसकी मार्केट कीमत लगभग एक लाख रुपए (2500$) थी।
टाटा समूह में 21 साल तक लगातार अपनी सेवाएं देने के बाद 28 दिसंबर 2012 में 75 वर्ष की उम्र में Ratan Tata ने अपनी सभी कार्यकारी शक्तियों से इस्तीफा दे दिया ( Tata Charitable Trust के अध्यक्ष पद को छोड़कर)। Ratan Tata के उत्तराधिकारी के रूप में Cyrus Mistry ( Shapoorji Pallonji Group के मालिक Pallonji Mistry के बेटे ) ने टाटा समूह का कार्यभार संभाला। पालोनजी मिस्त्री टाटा समूह के सबसे बड़े व्यक्तिगत शेयरधारक भी है। लेकिन कुछ आंतरिक गड़बड़ियों के कारण 24 अक्टूबर 2016 को साइरस मिस्त्री को टाटा संस के चेयरमैन पद से हटा दिया गया। इसके बाद एक बार फिर Ratan Tata को टाटा संस के अंतरिम अध्यक्ष पद को संभालने का मौका मिला।
टाटा सन्स के नए अध्यक्ष पद के चयन के लिए एक चयन समिति का निर्माण किया गया। चयन समिति में सर Ratan Tata के अलावा टीवीएस ग्रुप ( TVS Group ) के मुख्य वेनू श्रीनिवासन, बैन कैपिटल ( Bain Capital ) के अमित चंद्रा, पूर्व राजनयिक रोनेन सेन और लॉर्ड कुमार भट्टाचार्य भी शामिल थे। मिस्टर भट्टाचार्य के अलावा चयन समिति के बाकी सभी सदस्य टाटा संस के बोर्ड मेंबर भी थे।
चयन समिति के गहन विश्लेषण के बाद 12 जनवरी 2017 को नटराजन चंद्रशेखरन ( Natarajan Chandrasekaran ) को टाटा संस के नए चेयरमैन के रूप में चुना गया और फरवरी 2017 से उन्होंने टाटा संस के नए चेयरमैन के रूप में अपनी जिम्मेदारी संभाली। इस तरह से Ratan Tata जी ने अक्टूबर 2016 से फरवरी 2017 तक टाटा संस के अंतरिम अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया।
रतन टाटा भारत के सबसे प्रमुख लोक परोपकारी व्यक्तियों में से एक हैं। वे ना केवल भारत में ही बल्कि दुनिया भर में चल रही विभिन्न लोक परोपकारी योजनाओं में वित्त पोषण कर रहे हैं। 2020 में भारत में फैले कोविड-19 ( Covid- 19 ) के दौरान भी उन्होंने आर्थिक सहायता के रूप में एक बड़ी राशि प्रधानमंत्री राहत कोष फंड ( PM Cares Fund ) में दान की।
टाटा भारत समेत दुनिया के कई देशों में शिक्षा, चिकित्सा और मूलभूत ग्रामीण विकास संबंधी विभिन्न योजनाओं को वित्तीय सहायता प्रदान कर रहे हैं। टाटा ग्रामीण इलाकों में मूलभूत शिक्षा और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने के समर्थक हैं।
रतन टाटा मानते हैं कि वर्तमान में चैरिटी के नजरिए बदल चुके हैं अब स्कूल और अस्पताल खुलवाना ही काफी नहीं है, बल्कि आपको संपूर्ण राष्ट्र विकास के बारे में सोचना होगा। उनका मानना है कि बिजनेस का मतलब सिर्फ मुनाफा कमाना नहीं बल्कि समाज और राष्ट्र के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को निभाना भी है।
रतन टाटा अभी तक बैचलर ही है। एक इंटरव्यू में उन्होंने यह खुलासा किया कि वे चार बार प्यार में पड़ चुके हैं लेकिन कुछ निजी कारणों से शादी नहीं कर पाए। Ratan Tata बिल्कुल शांत, शर्मीले और सीधे स्वभाव के व्यक्ति हैं। वे ज्यादा चमक दमक और दिखावे में विश्वास नहीं करते। इनके दादा जी श्री जमशेदजी टाटा ( Jamsetji Tata ), टाटा ग्रुप के संस्थापक हैं। टाटा समूह की स्थापना 1868 में श्री जमशेदजी टाटा ( Jamshedji Tata ) के द्वारा मुंबई, महाराष्ट्र में की गई थी।
कई जगह रतन टाटा जी के पिता नवल टाटा को दत्तक पुत्र बताया गया है जिन्हे सर रतन टाटा जी ने गोद लिया था। लेकिन रतन टाटा जी की नानी टाटा समूह के संस्थापक श्री जमशेदजी टाटा की पत्नी हीराबाई टाटा की बहन थी और इनके दादा श्री हार्मोस जी टाटा टाटा परिवार का हिस्सा थे। इस तरह Ratan Tata जन्म से ही टाटा थे।
1948 में जब Ratan Tata के माता-पिता का तलाक हुआ, उस समय Ratan Tata केवल 10 साल के थे और उनके छोटे भाई जिमी टाटा केवल 7 साल के थे। इनके माता-पिता के तलाक के बाद दोनों भाइयों की परवरिश इनकी विधवा दादी नवाजबाई टाटा ने की थी। इनकी दादी नवाजबाई टाटा ने इन्हें औपचारिक रूप से JN Petit पारसी अनाथालय के माध्यम से गोद लिया था। Ratan Tata मुख्य रूप से गुजराती और इसके अलावा हिंदी और अंग्रेजी भी अच्छी तरह से बोलते हैं।
2011 में एक इंटरव्यू में शादी के बारे में पूछे एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि शादी के बारे में चार बार गंभीरता से आया और हर बार किसी डर या अन्य कारण से शादी को ना करना पड़ा। इसके अलावा Ratan Tata को पियानो बजाना, महँगी गाड़ियाँ चलाना और हवाई जहाज़ उड़ाना भी बहुत पसंद है।
रतन टाटा को उनके व्यापार और वाणिज्य क्षेत्र में किए गए महत्वपूर्ण योगदान के लिए सन 2000 में भारत सरकार द्वारा भारत के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण ( Padma Vibhushan ) से तथा 2008 में भारत के तीसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म भूषण ( Padma Bhushan ) से सम्मानित किया था। इनके अलावा भी उन्हें भारत सरकार और अन्य देशों की सरकारों द्वारा बहुत सारे सम्मान और पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।
Ratan tata की फैमिली व घर | ratan tata’s family and home.
रतन टाटा अभी तक अविवाहित ही है। रतन टाटा की फैमिली में उनके अलावा उनके छोटे भाई जिम्मी टाटा और उनके सौतेले भाई नोएल टाटा भी है। 2012 के दिसंबर में टाटा समूह से अपनी रिटायरमेन्ट के बाद रतन टाटा अपना ज्यादातर वक्त कोलाबा स्थित अपने बंगले में बिताते हैं। रतन टाटा जी को सफ़ेद रंग जो की शांति का प्रतीक है बहुत पसंद है, इसिलए उन्होंने अपने इस बंगले को पूरी तरह से सफ़ेद पेंट कराया है, यहां तक की उनके इस बंगले के दरवाज़े व खिड़कियां को भी सफ़ेद रंग से पेंट कराया है।
टाटा ग्रुप से अपनी रिटायरमेंट के बाद उन्होंने इस बँगले को अपने हिसाब से डिज़ाइन कराया है। उनके इस बंगले में आधुनिक घरों में पाई जाने वाली सभी सुविधाएँ मौजूद है जैसे की कार पार्किंग, स्विमिंग पूल अदि। अपने इस घर में उन्होंने अपने पढ़ने के लिए एक स्टडी रूम भी बनवाया है।
टाटा ग्रुप एक भारतीय बहुराष्ट्रीय समूह है, जिसका मुख्यालय भारत के मुंबई में स्थित है। टाटा समूह की स्थापना श्री जमशेदजी टाटा के द्वारा 1968 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी शासित मुंबई प्रेसिडेंसी में की गई थी। वर्तमान में टाटा भारत समेत दुनिया के 100 से अधिक देशों में अपना व्यवसाय कर रही है। नटराजन चंद्रशेखरन वर्तमान में टाटा समूह के चेयरमैन है। टाटा समूह भारत के सबसे बड़े व्यावसायिक समूहों में से एक है। आमतौर पर टाटा संस के अध्यक्ष पद पर कार्यरत व्यक्ति ही टाटा समूह का भी अध्यक्ष होता है। टाटा समूह के अब तक सात अध्यक्ष रह चुके हैं।
रतन टाटा एक सीधे साधे, सादगी पसंद, उच्च विचारों वाले, आदर्श व्यक्ति हैं। उनका मानना है कि व्यक्ति अपनी मेहनत और लगन से दुनिया में जो चाहे हासिल कर सकता है। बस उसे अपने काम के प्रति पूरी इमानदारी से जुटे रहना होगा। कठिन परिस्थितियों से कभी न घबराए। उनका मानना है कि जीवन में छोटे-मोटे उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। आपको इनसे डरना नहीं है। क्योंकि उनके अनुसार
“जीवन में आगे बढ़ने के लिए यह उतार-चढ़ाव भी जरूरी है। क्योंकि ईसीजी मशीन में भी एक सीधी लाइन आ जाने पर व्यक्ति को मृत घोषित कर दिया जाता है।” Ratan Tata Quotes in Hindi
प्रश्न – Ratan Tata ने Coronavirus के दौरान कितनी Donations की?
उत्तर – Tata Trust के चेयरमैन Ratan Tata ने Covid – 19 के ख़िलाफ़ जंग में टाटा ट्रस्ट की तरफ़ से 500 करोड़ रूपए की आर्थिक सहायता देने का वादा किया है। सभी प्रभावित समुदायों की रक्षा करने और उन्हें सशक्त बनाने के लिए Ratan Tata द्वारा Donations के रूप Coronavirus से लड़ने की लिए दी जा रही यह सहायता निम्न रूप में दी जाएगी।
प्रश्न – JRD Tata और Ratan Tata का Relation क्या है?
उत्तर – Ratan Tata ने अपने एक इंटरव्यू में JRD Tata के साथ अपनी Relationship के बारे में बात करते हुए कहा की वह मेरे लिए ‘एक पिता और एक भाई की तरह’ थे। लेकिन ऊपर दिए Tata family Chart में आप स्पष्ट रूप से देख सकते है की JRD Tata, Ratan Tata के पिता के दूर के रिश्ते में भाई लगते थे। इसलिए रतन टाटा जी JRD Tata को अंकल कह कर सम्बोधित करते थे।
प्रश्न – क्या Ratan Tata जी पायलट है?
Ratan Tata जी एक प्रशिक्षित पायलट है। Ratan Tata जी, 2007 में बैंगलोर में एयरो इंडिया शो के दौरान F-16 Falcon ( फाइटिंग फाल्कन ) उड़ाने वाले पहले भारतीय नागरिक थे। एक बार उन्होंने अमेरिकी वायु सेना के ब्लाक 50 से संबंधित लड़ाकू विमान का लगभग 40 मिनट के लिए सह-संचालन भी किया था।
प्रश्न – Ratan Tata जी के पास कितनी कार हैं?
रतन टाटा जी को कार चलाने का बड़ा शौक है। Ratan Tata जी कारों के बहुत बड़े शौकीन है। इसलिए Ratan Tata जी के पास एक बहुत बड़ा Car Collection है। उन्होंने अपने कोलाबा स्थित बँगले में अपनी कारों को खड़ा करने के लिए एक स्पेशल पार्किंग एरिया बनवाया है। रतन टाटा जी के पास लक्जरी फेरारी से लेकर टाटा नेक्सन तक जो कारें है उनकी एक लम्बी लिस्ट है जिनमें से कुछ निचे दी गई है।
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कर्मजीत सिंह SuccessMatters4me के संस्थापक हैं। कर्मजीत पिछले 10 वर्षों से स्व-विकास ( Self Development ), व्यक्तिगत वित्त ( Personal Finance ) और निवेश ( Investment ) का अध्ययन कर रहे हैं और SuccessMatters4me चला रहे हैं। कर्मजीत का मिशन सरल है, दूसरों को अपने सपनों को जीने के लिए प्रेरित करना और वह व्यक्ति बनना जिसे देखकर दूसरे कह सके की “तुम्हारी वजह से, मैंने कभी हार नहीं मानी।”
Ratan tata history in hindi.
रतन टाटा का जन्म | 14 दिसम्बर 1937 |
रतन टाटा की जन्मभूमि | सूरत, बंबई प्रेसीडेंसी, ब्रिटिश भारत |
रतन टाटा का घर | कुलाबा, मुंबई, भारत |
राष्ट्रीयता | भारतीय (भारत में जन्मे) |
रतन टाटा की शिक्षा प्राप्ति | कॉर्नेल विश्वविद्यालय, हार्वर्ड विश्वविद्यालय |
काम-काज | टाटा कंपनी के मालिक |
सक्रिय वर्ष | 1962-2012 |
धर्म | पारसी धर्म |
जीवनसाथी | अविवाहित |
माता | श्रीमती सोनू टाटा |
पिता | श्री नवल टाटा |
अन्य संबंधी | जे० आर० डी० टाटा (चाचा), सिमोन टाटा (सौतेली माँ) और नोएल टाटा (सौतेला भाई) |
पुरस्कार | पद्म विभूषण (2008), CNN-IBN Indian of the Year in Business (2006) और OBE (2009) |
Ratan Tata Net Worth in 2020 | 1 Billion Dollar |
रतन टाटा पूरी दुनिया में अमीरों की गिनती में आते हैं और वो चाहे तो सबसे उपर उनका ही नाम होता अगर वो अपनी आमदनी का आधे से भी ज्यादा हिस्सा दान ना करते तो। रतन टाटा का नाम ही काफी है, बहुत ही गर्व महसूस होता है ऐसे महान व्यक्ति रतन टाटा की जीवनी लिखने में।
रतन टाटा एक बेहद बड़े मशहूर व्यवसायी है, उनका इतना बड़ा सफर उन्होंने बड़ी ही मेहनत और लगन से किया है। रतन टाटा की शादी नहीं हुई है वे अपने दरियादिली के लिए भी जाने जाते हैं। रतन टाटा कई तरह के सामान का विक्रय करते है जैसे Tata Tea, Tata Motors, Jaguar, Tata Steel, Tata Consultancy Services, etc.
रतन टाटा एक माने जाने भारतीय उद्योगपति है जिन्हें दुनिया का हर कोने में रहने वाला व्यावसायी जानता है। रतन टाटा, टाटा समूह के वर्तमान अध्यक्ष है और टाटा समूह भारत की सबसे बड़ी व्यापारिक समूह है।
टाटा समूह की स्थापना जमशेदजी टाटा जी ने की थी और उनके परिवार की पीढ़ियों ने टाटा समूह को विकसित किया और इसे कायम रखा है।
रतन टाटा की कहानी: सन् 1971 में रतन टाटा को एक Radio and Electronics Company Limited ( Nelco ) का Director in Charge नियुक्त किया गया, एक कंपनी जो कि सख्त वित्तीय कठिनाई की स्थिति में थी। रतन ने सुझाव दिया कि कम्पनी को उपभोक्ता Electronics के बजाय High Technology के उत्पादों के विकास में निवेश करना चाहिए।
JRD NELCO के ऐतिहासिक वित्तीय प्रदर्शन की वजह से अनिच्छुक थे, क्योंकि इसने पहले कभी नियमित रूप से लाभांश का भुगतान नहीं किया था इसके साथ, रतन ने कार्यभार देखा की उपभोक्ता इलेक्ट्रिकल्स नेल्को की बाजार में 2% हिस्सा था और घाटा बिक्री का 40% था। फिर भी JRD ने रतन के सुझाव का अनुसरण किया।
सन् 1972 से 1975 तक NELCO ने अपनी बाजार में हिस्सेदारी 20% तक बढ़ा ली और अपना नुक्सान भी पूरा कर लिया लेकिन सन् 1975 में, भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपात स्थिति की घोषणा कर दी, और उसी कारण आर्थिक मंदी आ गई।
सन् 1977 में यूनियन की समस्याएं हुई, इसलिए मांग के बढ़ने पर भी उत्पादन में बदलाव नहीं हो पाया। फिर टाटा ने यूनियन की हड़ताल का सामना किया, सात महीने के लिए तालाबंदी (lockout) कर दी गई।
र तन ने हमेशा नेल्को की मौलिक दृढ़ता में विश्वास रखा, लेकिन उद्यम आगे और न रह सका।
टाटा को सन् 1977 में Empress Mills सौंपा गया, यह टाटा द्वारा नियंत्रित कपड़ा मिल थी। यह टाटा समूह की बीमार / कमजोर इकाइयों में से एक थी। रतन ने इसे संभाला और यहाँ तक की एक लाभांश की घोषणा कर दी। श्रमिक संख्या बहुत ज्यादा थी और जिन्होंने आधुनिकीकरण पर बहुत कम खर्च किया था रतन के आग्रह पर, कुछ निवेश किया गया, लेकिन वो पूरा नहीं पड़ा क्योंकि मोटे और मध्यम सूती कपड़े के लिए बाजार प्रतिकूल था (जो कि एम्प्रेस का कुल उत्पादन था) , एम्प्रेस को भारी नुकसान होने लगा।
BOMBAY HOUSE टाटा मुख्यालय, अन्य ग्रुप कंपनियों से फंड को हटाकर ऐसे उपक्रम में लगाने का इच्छुक नहीं था, जिसे लंबे समय तक देखभाल की आवश्यकता हो। इसलिए, कुछ टाटा निर्देशकों, नानी पालखीवाला (Nani Palkhivala) ने ये फैसला लिया कि टाटा को मिल बंद कर देनी चाहिए। उस मिल को 1986 के अंत में बंद कर दिया गया। रतन इस फैसले से बेहद निराश थे और बाद में हिंदुस्तान टाइम्स के साथ एक साक्षात्कार में उन्होंने दावा किया कि एम्प्रेस को मिल जारी रखने के लिए सिर्फ़ 50 लाख रुपये की जरुरत थी।
सन् 1981 में, रतन टाटा इंडस्ट्रीज और समूह की अन्य होल्डिंग कंपनियों के अध्यक्ष बनाए गए, जहाँ वे समूह के कार्यनीतिक विचार समूह को रूपांतरित करने के लिए उत्तरदायी तथा उच्च प्रौद्योगिकी व्यापारों में नए उद्योग के प्रवर्तक थे।
बाद में टाटा कंसलटेंसी सर्विसेस सार्वजनिक निगम बनी और टाटा मोटर्स New York Stock Exchange में सूचीबद्ध हुई| 1998 में TATA MOTORS ने उनके संकल्पित TATA INDICA को बाजार में उतारा.
31 जनवरी 2007 को, रतन टाटा की अध्यक्षता में, टाटा संस ने कोरस समूह (CORUS GROUP) को सफलतापूर्वक अधिग्रहित किया, जो एक एंग्लो-डच एल्यूमीनियम और इस्पात निर्माता है.
इस अधिग्रहण के साथ रतन टाटा भारतीय व्यापार जगत में एक प्रतिष्ठित व्यक्ति बन गये| इस विलय के फलस्वरुप दुनिया को पांचवां सबसे बड़ा इस्पात उत्पादक संस्थान मिला.
रतन टाटा अपने दरिया दिल की वजह से लोगों के दिलों पे राज करते हैं। रतन टाटा सब का सोच कर चलते है। रतन टाटा का सपना था कि किसी भी तरह 1 लाख रुपए की लागत में कार बनाई जाए। नई दिल्ली में ऑटो एक्सपो में 10 जनवरी 2008 को इस कार का उदघाटन कर दिया गया। शुरू में टाटा नैनो के तीन मोडल को बाजार में लाया गया।
रतन टाटा ने लोगों के सपनों को पूरा किया और 1 लाख की कार बाजार में लाकर कहा “वादा एक वादा है,”
दस साल पहले जब रतन टाटा अपनी डूबती हुई टाटा मोटर्स को बेचने के लिए फोर्ड कंपनी के पास गए थे और जिस पर फोर्ड कंपनी ने उनका अपमान करते हुए कहा की “आपकी टाटा मोटर्स खरीद कर हम आप पर एहसान कर रहे हैं” .
उस अपमान के चलते रतन टाटा ने अपनी कंपनी नहीं बेची और वहां से चल दिए और करीब दस साल के बाद 26 मार्च 2008 को रतन टाटा ने अपने अपमान का बदला लिया।
फोर्ड कंपनी की जैगुआर और लैंड रोवर को खरीद कर। ब्रिटिश की मशहूर जैगुआर और लैंड रोवर 1.15 अरब पाउंड ($2.3 अरब), में खरीदी गई।
रतन टाटा एक शर्मीले व्यक्ति हैं, समाज की झूठी चमक दमक में विश्वास नहीं करते हैं, सालों से मुंबई के कोलाबा जिले में एक किताबों एवं कुत्तों से भरे हुए बैचलर फ्लैट में रह रहे हैं। रतन टाटा ने अपना नया उत्तराधिकारी चुन लिया है। साइरस मिस्त्री रतन टाटा का स्थान लेंगे लेकिन पूरी तरह उनकी जगह लेने से पहले वो एक साल तक उनके साथ काम करेंगे।
दिसंबर 2012 में वो पूरी तरह समूह की जिम्मेदारी संभाल लेंगे। पलोनजी मिस्त्री के छोटे बेटे और शपूरजी-पलोनजी के प्रबंध निदेशक साइरस मिस्त्री ने लंदन के इंपीरियल कॉलेज से सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक एवं लंदन बिजनेस स्कूल से प्रबंधन में डिग्री ली है।
फिलहाल वो टाटा संस की सबसे बड़ी शेयरधारक कंपनी शापूरजी पैलनजी के प्रबंध निदेशक हैं। सायरस 2006 से ही टाटा समूह से जुड़े हैं, मिस्त्री साल 2006 से ही टाटा संस के निदेशक समूह से जुड़े हैं।
रतन टाटा ने अपनी प्रारम्भिक पढाई मुंबई के Campion School में की थी और सेकेंडरी शिक्षा John Cannon School से ली। इसके बाद 1962 में Cornell University से वास्तुकला और Structural Engineering में स्नातक की उपाधि प्राप्त की थी। उनके बाद उन्होंने Harvard business school से सन् 1975 में Advanced Management प्रोग्राम पूरा किया।
रतन टाटा के माता-पिता श्री नवल टाटा (पिता) और श्रीमती सोनू टाटा (माँ) है, रतन टाटा के चाचा जे०आर०डी० टाटा है।
रतन टाटा की सौतेली माँ भी हैं श्रीमती सिमोन टाटा , और सौतेला भाई भी है “नोएल टाटा” रतन टाटा की पत्नी नहीं है उन्होंने शादी नहीं की।
रतन टाटा को भारत सरकार की तरफ से पद्म भूषण (2000) और पद्म विभूषण (2008) द्वारा सम्मानित किया जा चूका है। यह सम्मान देश के तीसरे और दुसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, उनको मिले और अन्य सम्मान और पुरस्कार निम्नलिखित है।
2015 मानद | एचईसी पेरिस |
2015 ऑटोमोटिव इंजीनियरिंग की मानद डॉक्टर | क्लेमसन विश्वविद्यालय |
2014 कानून की मानद डॉक्टर | न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय, कनाडा |
2014 ब्रिटिश साम्राज्य के आदेश के मानद नाइट ग्रैंड क्रॉस | यूनाइटेड किंगडम |
2014 सयाजी रत्न पुरस्कार | बड़ौदा मैनेजमेंट एसोसिएशन |
2014 व्यापार के मानद डॉक्टर | सिंगापुर मैनेजमेंट यूनिवर्सिटी |
2013 डॉक्टरेट की मानद उपाधि | एम्स्टर्डम विश्वविद्यालय |
2013 व्यापार व्यवहार के मानद डॉक्टर | कार्नेगी मेलॉन विश्वविद्यालय |
2013 अर्नस्ट और वर्ष का सर्वश्रेष्ठ युवा उद्यमी – लाइफटाइम अचीवमेंट | अर्न्स्ट एंड यंग |
2013 विदेश एसोसिएट | नेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग |
2012 व्यापार मानद डॉक्टर | न्यू साउथ वेल्स विश्वविद्यालय |
2012 मानद फैलो | इंजीनियरिंग की रॉयल अकादमी |
2010 इस साल के बिजनेस लीडर | एशियाई पुरस्कार |
2010 कानून की मानद डॉक्टर | पेपरडाइन विश्वविद्यालय |
2010 लीडरशिप अवार्ड में लीजेंड | येल विश्वविद्यालय |
2010 शांति पुरस्कार के लिए ओस्लो व्यापार | शांति प्रतिष्ठान के लिए व्यापार |
2010 हैड्रियन पुरस्कार | विश्व स्मारक कोष |
2010 लॉ की मानद डॉक्टर | कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय |
2009 इतालवी गणराज्य की मेरिट के आदेश के ‘ग्रैंड अधिकारी’ का पुरस्कार | इटली की सरकार |
2009 2008 के लिए इंजीनियरिंग में लाइफ टाइम योगदान पुरस्कार | इंजीनियरिंग इंडियन नेशनल एकेडमी |
2009 ब्रिटिश साम्राज्य के आदेश के मानद नाइट कमांडर : | |
2008 प्रेरित होकर लीडरशिप अवार्ड | प्रदर्शन रंगमंच |
2008 मानद फैलोशिप | इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संस्थान |
2008 मानद नागरिक पुरस्कार | सिंगापुर सरकार |
2008 साइंस की मानद डॉक्टर | इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी खड़गपुर |
2008 साइंस की मानद डॉक्टर | इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी मुंबई |
2008 लॉ की मानद डॉक्टर | कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय |
2008 लीडरशिप अवार्ड | लीडरशिप अवार्ड |
2007 परोपकार की कार्नेगी पदक | अंतर्राष्ट्रीय शांति के लिए कार्नेगी एंडोमेंट |
2007 मानद फैलोशिप | अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान के लंदन स्कूल |
2006 साइंस की मानद डॉक्टर | इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी मद्रास |
2005 साइंस की मानद डॉक्टर | वारविक विश्वविद्यालय |
2004 प्रौद्योगिकी के मानद डॉक्टर | एशियन इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी |
2004 उरुग्वे के ओरिएंटल गणराज्य की पदक | उरुग्वे की सरकार |
2001 बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन के मानद डॉक्टर | ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी |
रतन टाटा दिल के बहुत बड़े आदमी है और बहुत बड़े दानी भी है। रतन टाटा की आमदनी इतनी है कि दुनिया में उनसे ज्यादा कोई नहीं कमाता होगा, पर वो अपनी कमाई का एक बड़ा हिस्सा हर साल दान कर देते हैं और फिर कुछ समय के बाद फिर अपनी स्थिति में आ जाते हैं।
Quotes 02: मैं यह कहूँगा कि एक चीज जो मैं अलग तरीके से कर सकता था वह यह कि मैं और भी अधिक सेवामुक्त होता।
Ratan TaTa Quotes in Hindi For Students
Ratan Tata Coronavirus : भारत के मुश्किल वक्त में सबसे ज्यादा दान करने वाली टाटा फैमिली है। ऐसे में रतन टाटा और टाटा संस ने भारत की मदद की है। भारत को कोरोना वायरस से बचाने में बहुत बड़ा योगदान दिया है।
भारत अपने बुरे समय में अर्थात कोरोना वायरस से जूझ रहा था तभी भारत के प्रधानमंत्री जी श्री नरेंद्र मोदी ने PM Cares Fund की घोषणा की, इस घोषणा में बताया गया की भारत को आर्थिक मदद की जरूरत है जिससे की वो कोरोना वायरस से लड़ सके और कोरोना वायरस से लड़ने के लिए दुनिया भर के लोगों ने अपना अपना योगदान दिया जिसमें मुकेश अंबानी जी ने 500 करोड़ रुपए का दान दिया है।
रतन टाटा जी ने स्वयं 500 करोड़ दान किए है साथ में उनकी टाटा संस ने 1000 करोड़ का दान दिया है। भारत कभी इनके इस उपकार को नहीं भूलेगा। रतन टाटा हमेशा से ही कहते रहे है कि भारत के सुख दुख में वो भारत के साथ है।
रतन टाटा बहुत बड़े व्यवसायी है उन्होंने भारत को बहुत कुछ दिया है। रतन टाटा ने शुरू से ही भारत के भले के लिए सोचा है उन्होंने लोगों के कार के सपने को पूरा करने के लिए सबसे कम कीमत वाली कार टाटा नैनो निकाली थी जिसका बाजार में अच्छा दबदबा रहा है।
रतन टाटा एक आम व्यक्ति के लिए प्रेरणा स्रोत है। बहुत से लोग उनके दिखाए हुए रास्ते पर चलते हैं। रतन टाटा ने भारत के भविष्य के लिए प्रत्येक वर्ष भारत के नौजवानों को उनके व्यापार उपाय के चलते उनका साथ दिया है यदि किसी व्यक्ति के पास अच्छा उपाय है और उस उपाय से भारत का भला हो सकता है तो रतन टाटा पीछे नहीं होते है।
उम्मीद है कि आपको रतन टाटा की जीवनी पढ़ कर अच्छा लगा होगा। रतन टाटा के बारे में जानकर उनसे कुछ सीखने को मिला होगा तो इस लेख को अवश्य साझा करें अपने मित्रों आदि के साथ और टिप्पणी करके अपने विचार हमारे साथ व्यक्त करें।
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– Ratan Tata Biography in Hindi
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Ratan Tata Biography in Hindi : आज के लेख में रतन टाटा का जीवन परिचय बताएँगे भारत के सबसे सफल उद्योपति में एक भारत के एक महान हस्ती रतन टाटा पर ये बात लागू होती है आज हम आपको एक ऐसी कहानी बता रहे है।
जो रतन टाटा की महत्ता को व्यान करती है रतन टाटा एक प्रसिद्ध भारतीय उद्योगपति ओर टाटा संग मुख्य के प्रमुख चेयर मैन हैै वे साल 1991 से लेकर 2012 तक टाटा ग्रुप के अध्यक्ष रहे 28 दिसम्बर 2012 को उन्होंने टाटा ग्रुप के अध्यक्ष पद को छोड़ दिया लेकिन वो अभी भी टाटा ग्रुप के चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष बने हुए है।
वे टाटा ग्रुप के सभी प्रमुख कंपिनयों जैसे – टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाटा पावर, टाटा टी, टाटा कैमिकल्स, इंडियन होटल्स ओर टाटा टेली सर्विसेज के भी अध्यक्ष थे उनके नीतित्व टाटा ग्रुप ने नई ऊंचाइयों को छुआ और कंपनी का राजस्व भी कई गुना बढ़ गया था यहाँ हम आपको Ratan Tata Biography विस्तार प्रूवक बताएँगे।
Table of Contents
रतन नवल टाटा | |
28 दिसंबर, 1937 | |
सूरत, गुजरात, भारत | |
नवल टाटा | |
सोनू टाटा, सिमोन टाटा (सौतेली मां) | |
बी.एस. डिग्री संरनात्मक इंजीनियरिंग के साथ वास्तुकला में उन्नत प्रबंधन कार्यक्रम | |
पदम भूषण, पदम विभूषण | |
टाटा समूह के निवर्तामान अध्यक्ष |
रतन टाटा का जन्म 28 दिसम्बर 1937 को गुजरात के सूरत शहर में हुआ रतन टाटा नवल टाटा के बेटे है उनकी माँ का नाम सोनू टाटा है जब रतन टाटा 10 साल के थे और उनके छोटे भाई जिमि 7 साल के तब ही उनके माता पिता 1940 के दसक में एक दूसरे से अलग हो गए थे इसके बाद दोनों भाइयों का पालन पोषण उनकी दादी नवाजबाई टाटा द्वारा किया गया।
रतन टाटा का एक सौतेला भी भी है उसका नाम नोएल टाटा है रतन टाटा की प्रारंभिक स्कूली शिक्षा मुम्बई के कैम्पियन स्कूल से हुई और इसके बाद उन्होंने अपने आगे की पढ़ाई आर्किटेक्चर एसट्रक्चलर इंजीनियरिंग के साथ कार्नर विश्वविद्यालय से 1962 में पूरी की इसके अलावा उन्होंने हवाद बिजनेस स्कूल से सन 1975 में एडवांस मैनेजमेंट प्रोग्राम भी पूरा किया।
भारत लौटने से पहले रतन ने लॉसऐंजली केनोफोर्निया में जोन्सअनमोन्स कंपनी में कार्य किया था उन्होंने टाटा ग्रुप के साथ अपने कैरियर कैरियर की शुरुआत 1961 में की थी शुरुआती दिनो मे उन्होंने टाटा स्टील के सौंफ फ्लोर पर कार्य किया था कुछ दिन बाद वे टाटा ग्रुप के अन्य कंपनियों के साथ भी जुड़ गए।
साल 1971 में उनको राष्ट्रीय रेडियो और इलेक्ट्रॉनिक कंपनी नेल्को में प्रभारी निर्देसक नियुक्त किया गया था 1981 में उन्होने टाटा इंड्रस्टीज का अध्यक्ष बनाया गया था साल 1991 में JRD टाटा ने ग्रुप के अध्यक्ष पद हो छोड़ दिया और रतन टाटा को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया।
बात तब की है जब टाटा ग्रुप ने 1998 में टाटा ऐंडिका कार को बाजार में लंच किया था टाटा ऐडिका को बाजार में अच्छा रिस्पॉस नही मिला तब कुछ करीबी लोगों और सजादारो ने रतन डेटा को अपने कार व्यापार का नुकसान की पूर्ति के लिए अपनी कार कंपनी किसी ओर कंपनी को बेचने का सुझाव दिया क्योंकि कार लंच करने की योजना रतन टाटा की स्वयं की थी।
और उससे नुकसान हुआ था और इसका जिमेदार वो खुद थे इसी लिए रतन टाटा ने इस सुझाव को ठीक समझा इसके बाद वे अपने सजेदारो के साथ मिलकर कर कंपनी बेचने का प्रस्ताव फोड़ कंपनी के पास गए फोड़ कंपनी अमेरिका में बनने वाली कारो का एक मुख्य केंद्र थी।
फोर्ड कंपनी के साथ रतन टाटा ओर उनके सजेदारो के बीच मीटिंग करीब 3 घंटो तक चली फोर्ड कंपनी के मालिक बिल्क फोर्ड ने रतन टाटा के साथ कुछ रूखा बेवहार किया था और बातों ही बातों में यह कह दिया कि जब तुमको इस बेवपार के बारे पता नही थी तो तुमने उस कार को लंच करने में इतना पैसा क्यो लगाया।
हम तुम्हारी कंपनी को खरीद कर तुम्हारी बहुत बड़ी मदद करे जा रहे है कोई बार इंसान अपनी सफलता के घमंड में कुछ ऐसी बाते कह जाता है जो उसे नही कहना चलिए मीटिंग के बाद रतन टाटा ने तुरंत वापस लौटने का फैसला किया पूरे रास्ते मे उस मीटिंग में हुए
बात के बारे में सोचकर अपमानित महसूस कर रहे थे और वही बात उनकी मन मे बार-बार आ रही थी कुछ ही साल में शुरुआती झटके खाने के बाद रतन टाटा की कार की बिजनेस अच्छा चलने लगा और एक मुनाफे का बेवसाय साबित हुआ।
वही दूसरी ओर फोर्ड कंपनी का बाजार गिर गया था फोर्ड कंपनी 2008 तक उनकी दिवाला निकलने की कगार पर थी तभी रतन टाटा ने फोर्ड कंपनी के सामने उनकी लग्जरी कार ब्रांड जैगुआर और लैंडरोवर को खरीदने की प्रस्ताव रखा।
इसके बदले फोर्ड कंपनी को अच्छा खासा दाम देने का प्रताव दिया क्योकी बिल फोर्ड पहले से ही जैगुआर और लैंडरोवर की वजह से काफी घाटा झेल चुके थे तो उन्होंने ये प्रस्ताव खुशी-खुशी स्वीकार कर लिया।
बिल फोर्ड बिल्कुल उसी तरह अपने सजेदारो के साथ बॉम्बे हाउस यानी टाटा समूह के मुख्यालय में पहुचे जिस प्रकार रतन टाटा बिल्फोर्ड से मिलने उनके मुख्यालय गए थे मीटिंग में ये तय हुआ की जैगुआर और लैंड रोवर ब्रांड 9 हजार 300 करोड़ रुपये में टाटा समूह के अधीन होगा और वैसा ही हुआ।
इस बार भी बिल फोर्ड ने वही बात दोहराई जो उन्होंने पिछली मीटिंग में रतन टाटा से कही थी लेकिन बात इस बार थोड़ी उल्टा थी उन्होंने कहा आप हमारे कंपनी को खरीदकर बहुत बड़ा एहसान कर रहे है आज जैगुआर और लैंड रोवर टाटा समूह का एक हिस्सा है और बाजार में बेहद मुनाफे के साथ आगे बढ़ रहा है
रतन टाटा एक बेगिनार ने कहा हैं कि मेरे पास जितनी भी सम्पति है वह कोई मायने नही रखती उनको साल 2012 में बहुत से नेताओ ने राजनीतिक में लाने की कोसिस की पर वो साफ इंकार लर दिया वे चाहते है कि लोग उन्हें एक अच्छे उद्योगपति के रूप में जाने अब चलिए बात कर लेते है कि रतन टाटा के पास कितना पैसा है।
तो सूत्रों के अनुसार रतन टाटा के पास कुल संपत्ति लगभग 72000 अरब डॉलर की है टाटा समूह के चेयरमैन रतन टाटा ने कहा था।
साल 2001 से 2016 तक रतन टाटा को कौन कौन से पुरस्कार मिले है उसके बारे में निचे लिस्ट दिया गया है।
2001 | बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन के मानद डॉक्टर | ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी |
2004 | उरुग्वे के ओरिएंटल गणराज्य की पदक | उरुग्वे की सरकार |
2004 | प्रौद्योगिकी के मानद डॉक्टर | एशियन इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी |
2005 | साइंस की मानद डॉक्टर | वारविक विश्वविद्यालय |
2006 | साइंस की मानद डॉक्टर | इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी मद्रास |
2007 | मानद फैलोशिप | अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान के लंदन स्कूल |
2007 | परोपकार की कार्नेगी पदक | अंतर्राष्ट्रीय शांति के लिए कार्नेगी एंडोमेंट |
2008 | लीडरशिप अवार्ड | लीडरशिप अवार्ड |
2008 | लॉ की मानद डॉक्टर | कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय |
2008 | साइंस की मानद डॉक्टर | इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी मुंबई |
2008 | मानद नागरिक पुरस्कार | सिंगापुर सरकार |
2008 | मानद फैलोशिप | इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संस्थान |
2009 | ब्रिटिश साम्राज्य के आदेश के मानद नाइट कमांडर | यूनाइटेड किंगडम |
2009 | 2008 के लिए इंजीनियरिंग में लाइफ टाइम योगदान पुरस्कार | इंजीनियरिंग इंडियन नेशनल एकेडमी |
2009 | इतालवी गणराज्य की मेरिट के आदेश के ‘ग्रैंड अधिकारी’ का पुरस्कार | इटली की सरकार |
2010 | लॉ की मानद डॉक्टर | कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय |
2010 | हैड्रियन पुरस्कार | विश्व स्मारक कोष |
2010 | शांति पुरस्कार के लिए ओस्लो व्यापार | शांति प्रतिष्ठान के लिए व्यापार |
2010 | लीडरशिप अवार्ड में लीजेंड | येल विश्वविद्यालय |
2010 | कानून की मानद डॉक्टर | पेपरडाइन विश्वविद्यालय |
2010 | इस साल के बिजनेस लीडर | एशियाई पुरस्कार |
2012 | मानद फैलो | इंजीनियरिंग की रॉयल अकादमी |
2012 | व्यापार मानद डॉक्टर | न्यू साउथ वेल्स विश्वविद्यालय |
2013 | विदेश एसोसिएट | नेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग |
2013 | अर्नस्ट और वर्ष का सर्वश्रेष्ठ युवा उद्यमी – लाइफटाइम अचीवमेंट | अर्न्स्ट एंड यंग |
2013 | व्यापार व्यवहार के मानद डॉक्टर | कार्नेगी मेलॉन विश्वविद्यालय |
2013 | डॉक्टरेट की मानद उपाधि | एम्स्टर्डम विश्वविद्यालय |
2014 | व्यापार के मानद डॉक्टर | सिंगापुर मैनेजमेंट यूनिवर्सिटी |
2014 | सयाजी रत्न पुरस्कार | बड़ौदा मैनेजमेंट एसोसिएशन |
2014 | ब्रिटिश साम्राज्य के आदेश के मानद नाइट ग्रैंड क्रॉस | यूनाइटेड किंगडम |
2014 | कानून की मानद डॉक्टर | न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय, कनाडा |
2015 | ऑटोमोटिव इंजीनियरिंग की मानद डॉक्टर | क्लेमसन विश्वविद्यालय |
2015 | मानद | एचईसी पेरिस |
2016 | कमांडर ऑफ ऑनर | फ्रांस की सरकार |
Ans : हुरून की रिच लिस्ट के मुताबिक समृद्ध और प्रभावशाली उद्योगपतियों में से एक रतन टाटा की कुल 6,000 करोड़ रुपये की संपति है।
Ans : टाटा ग्रुप देश और दुनिया में 10 क्लस्टर में 30 कंपनियों के साथ परिचालन कर रहा है।
Ans : रतन नवल टाटा का जन्म 28 दिसम्बर 1937 को गुजरात के सूरत शहर में हुआ था।
Ans : रतन टाटा का जन्म 28 दिसम्बर 1937 को हुआ था साल 2022 के हिसाब से इनका उम्र 85 साल होंगे।
Ans : कहा जाता है की रतन टाटा को एक लड़की से प्यार था, जब उनका प्यार सफल नहीं रहा तो उन्होंने जिंदगी अकेले ही गुजार दी।
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Reported by Saloni Uniyal
Published on 13 August 2024
आज हम इस आर्टिकल में भारतीय उद्योगपति एवं टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष रतन टाटा की जीवनी के बारे में बता रहें है। आपको बता दे यह भारत के प्रसिद्ध बिजनेसमैन है एवं अपनी कमाई का करीबन 65% हिस्सा सामाजिक कार्य के लिए दान कर देते हैं। टाटा समूह की स्थापना जमशेदजी टाटा ने की थी और यह कंपनी वर्तमान समय में भारत की सबसे बड़ी व्यापारिक कंपनी है, इसका विकास पीढ़ी दर पीढ़ी किया जा रहा है, Ratan Tata ने टाटा में शामिल होने के बाद कड़ी मेहनत की और इस कंपनी को नया मुकाम हासिल कराया। आप इनके उद्योगपति जीवन को तो भली भांति जानते है, परन्तु क्या आप इनके निजी जीवन के विषय में भी जानते है अगर नहीं जानते तो कोई बात नहीं, यहां हम आपको रतन टाटा जीवनी (Biography of Ratan Tata in Hindi Jivani ) से जुड़ी जानकारी बताने जा रहे है, इसलिए आप सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए इस आर्टिकल के लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें।
रतन टाटा का जन्म गुजरात राज्य के सूरत शहर में 28 दिसंबर 1937 को हुआ था। इनके पिता का नाम नवल टाटा जो कि एक बिजनेसमैन थे एवं इनकी माता का नाम सोनू टाटा था और यह इन दोनों की सबसे बड़े बेटे थे। बचपन में इन्हें नवजबाई टाटा ने गोद ले लिया था, क्योंकि उस समय इनके पति की मृत्यु हो गई थी और इनके साथ कोई नहीं था इसलिए इन्हें गोद ले लिया गया। वर्ष 1940 में इनके अपने माता-पिता एक दूसरे से अलग हो गए थे उस समय रतन 10 वर्ष के थे तथा इनका एक छोटा भाई था जिसका नाम जिम्मी था वह उस समय 7 वर्ष का था। माता-पिता तो अलग हुए ही साथ में दोनों भाई को भी अलग कर दिया गया।
यह भी देखें- इशिता किशोर का जीवन परिचय (UPSC Topper)
नाम | |
जन्म | 28 दिसंबर 1937 |
जन्म स्थान | सूरत, गुजरात |
आयु | 85 वर्ष (2023 के अनुसार) |
पेशा | बिजनेसमैन (टाटा ग्रुप के अध्यक्ष) |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
राशि | मकर |
स्कूल | कैम्पियन स्कूल, मुंबई |
कॉलेज | कॉर्नेल यूनिवर्सिटी (अमेरिका), हार्वर्ड बिजनेस स्कूल,सयुंक्त राज्य अमेरिका |
गृहनगर | मुंबई, भारत |
पिता का नाम | नवल टाटा |
माता का नाम | सूनी टाटा, सिमोन टाटा (सौतेली माँ) |
भाई | जिम्मी टाटा |
बहन | कोई नहीं |
वैवाहिक स्थिति | अविवाहित |
धर्म | पारसी |
वजन | 85 kg |
लम्बाई | 5 फीट 10 इंच |
आँखों का रंग | हल्का भूरा |
बालों का रंग | काला |
नागरिकता | भारतीय |
इन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा मुंबई के कैम्पियन स्कूल में 8वीं क्लास तक प्राप्त की थी इसके बाद की पढ़ाई को कैथेड्रल एंड जॉन कॉनन स्कूल से पूरा किया था। प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त होने के बाद इन्होंने कॉर्नेल यूनिवर्सिटी में अपना दाखिला कराया और स्ट्रक्चर इंजीनियरिंग की शिक्षा प्राप्त करके डिग्री हासिल की। वर्ष 1962 में इन्होंने अपनी स्नातक की डिग्री प्राप्त कर थी। अब वर्ष 1975 में हार्वर्ड बिजनेस स्कूल में दाखिला लिया और एडवांस मैनेजमेंट का कोर्स पूरा किया।
यह भी देखें- एलन मस्क जीवनी – Biography of Elon Musk in Hindi Jivani
पढ़ाई पूरी होने के पश्चात रतन अमेरिका में ही सैटल होना चाहते थे और लॉस एंजिल्स कलिफ़ोर्निया में जोन्स एंड एमोंस में कार्य करने लग गए परन्तु आचनक इन्हें भारत वापस लौटना पड़ा क्योंकि इनकी दादी का स्वास्थ्य ठीक ना था और उनकी तबीयत बिगड़ती ही जा रही थी।
भारत आने के पश्चात ये आईबीएम में काम करने के लिए शामिल हो गए परन्तु जेआरडी नहीं चाहते थे कि ये यहां काम करें। यही शुरुआत थी टाटा ग्रुप में शामिल होने की और वर्ष 1961 में ये टाटा समूह में जुड़ गए और कार्य करना शुरू कर दिया। रतन टाटा सबसे पहले स्टील के शॉप फ्लोर पर काम करते थे इसके पश्चात ये लगन से कार्य करने लगे और वर्ष 1971 में इन्हें इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी में डायरेक्टर एवं राष्ट्रीय रेडियो के लिए इंचार्ज के लिए (Appointed) किया गया था।
यह भी देखें- Biography of Gautam Adani in Hindi Jivani
रतन टाटा को टाटा समूह का चेयरमैन वर्ष 1981 में चुना गया था। परन्तु उस समय कंपनी का काम इतना अच्छा नहीं चल रहा था किन्तु रतन ने कड़ी मेहनत की और कंपनी को ऊंचाई हासिल कराई और वर्ष 1991 में इनको कंपनी का उत्तराधिकारी घोषित किया गया।
उत्तराधिकारी नियुक्त होने के बाद टाटा कंपनी बहुत प्रसिद्ध हो गई। उस समय मार्केट में इसी कंपनी का नाम अधिक था। टाटा समूह ने भारत में प्रथम इंडिका नामक कार का निर्माण वर्ष 1998 में कर डाला और इसके पश्चात कोरस, टेटली तथा जैगुआर लैंड रोवर जैसे कई नामों की कारों का निर्माण किया तथा भारतीय बिजनेस लिस्ट में इस कंपनी का नाम भी शामिल हो गया और यह एक प्रसिद्ध कंपनी बन गई। इसके पश्चात टाटा ग्रुप तरक्की ही करता रहा और वर्ष 2008 में नैनो कार का उद्घाटन समारोह दिल्ली में किया गया। इस कार का मूल्य केवल 1 लाख रुपए था जिसे लोगों ने खरीद कर अपना कार लेना का सपना पूरा किया और उस समय इस कार का खूब प्रचलन हुआ।
इतने साल तक इस कंपनी का कार्यभार सँभालते हुए रतन टाटा ने 28 सितम्बर 2012 को कंपनी से रिटायरमेंट ले लिया है और कंपनी का उत्तराधिकारी अपने सौतेले भाई के साले साइरस मिस्त्री को नियुक्त कर दिया था, क्योंकि रतन टाटा की कोई संतान नहीं है। साइरस मिस्त्री ने लन्दन के इंपीरियल कॉलेज से सिविल इंजीनियरिंग में डिग्री को प्राप्त किया था। एवं कंपनी का कार्य भार इन्हें वर्ष 2006 में दिया गया था और वर्ष 2022 तक इन्होंने कंपनी का कार्य संभाला, दुर्भाग्यवश 4 सितम्बर 2022 को इनकी सड़क हादसे में मौत हो गई। अब वर्ष 2022 में एन चंद्रशेखरन को टाटा संस का अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
हालाँकि रतन टाटा ने टाटा समूह से रिटायरमेंट तो ले लिया है परन्तु वे अभी भी संस के दो ट्रस्टों के अध्यक्ष है और कंपनी का कार्य देखते रहते है।
2016 | फ़्रांस की सरकार द्वारा | कमांडर ऑफ़ ऑनर |
2015 | एचइसी पेरिस द्वारा | मानद |
2015 | क्लेमसन यूनिवर्सिटी | ऑटोमोटिव इंजीनियरिंग की मानद |
2014 | न्यूयोर्क यूनिवर्सिटी, कनाडा | कानून की मानद डॉक्टर |
2014 | यूनाइटेड किंगडम | ब्रिटिश साम्राज्य के आदेश के मानद नाइट ग्रैंड क्रॉस |
2014 | बड़ौदा मैनेजमेंट एसोसिएशन | सजायी रत्न पुरस्कार |
2014 | सिंगापुर मैनेजमेंट विश्वविद्यालय | व्यापर के मानद डॉक्टर |
2013 | एम्सटडर्म यूनिवर्सिटी | डॉक्टरेट की मानद उपाधि |
2013 | अर्नस्ट और यंग | अर्नस्ट और वर्ष का सर्वश्रेष्ठ युवा उद्यमी (लाइफटाइम अचीवमेंट) |
2013 | कार्नेगी मेलॉन यूनिवर्सिटी | व्यापार व्यवहार के मानद डॉक्टर |
2013 | नेशनल अकेडमी ऑफ़ इंजीनियरिंग | विदेश एसोसिएट |
2012 | न्यू साऊथ वेल्स यूनिवर्सिटी | व्यापार मानद डॉक्टर |
2012 | इंजीनियरिंग की रॉयल अकादमी | मानद फैलो |
2010 | एशियन आवर्ड | वर्ष का बिजनेस लीडर |
2010 | पेपरडाइन यूनिवर्सिटी | कानून की मानद डॉक्टर |
2010 | येल यूनिवर्सिटी | लीडरशिप अवॉर्ड में लीजेंड |
2010 | शांति प्रतिष्ठान व्यापार | शांति पुरस्कार के लिए ओस्लो व्यापार |
2010 | विश्व स्मारक कोष | हैड्रियन अवॉर्ड |
2010 | कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी | लॉ की मानद डॉक्टर |
2009 | इटली सरकार द्वारा | इतालवी गणराज्य की मेरिट के आदेश के ग्रैंड अधिकारी का अवॉर्ड |
2009 | इंजीनियरिंग इंडियन नेशनल एकेडमी | 2008 के लिए इंजीनियरिंग में हमेशा के लिए योगदान अवॉर्ड |
2009 | यूनाइटेड किंगडम | ब्रिटिश साम्राज्य के आदेश के मानद नाइट कमांडर |
2008 | सिंगापुर सरकार द्वारा | मानद नागरिक अवॉर्ड |
2008 | इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी मुंबई | साइंस की मानद डॉक्टर |
2008 | कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी | लॉ की मानद डॉक्टर |
2008 | लीडरशिप पुरस्कार | लीडरशिप पुरस्कार |
2008 | भारत सरकार द्वारा | पद्म विभूषण |
2007 | इंटरनेशनल शांति के लिए कार्नेगी एंडोमेंट | परोपकार की कार्नेगी पदक |
2007 | अर्थशास्त्र और राजनीती विज्ञानं के लन्दन स्कूल द्वारा | मानद फैलोशिप |
2006 | इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी मद्रास | साइंस की मानद डॉक्टर |
2005 | वारविक यूनिवर्सिटी | साइंस की मानद डॉक्टर |
2004 | एशियन इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी | प्रौद्योगिकी के मानद डॉक्टर |
2004 | उरग्वे की सरकार द्वारा | उरग्वे के ओरिएंटल गणराज्य का पदक |
2001 | ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी | बिजनेसमैन एडमिनिस्ट्रेशन के मानद डॉक्टर |
2001 | भारत सरकार द्वारा | पद्म भूषण |
Ratan Tata की कुल सम्पति की बात करें 117 बिलियन डॉलर अर्थात 8.25 लाख करोड़ रूपए है। इसमें से ये समाजिक कार्यों एवं लोगों की सहायता करने के लिए 65 प्रतिशत सम्पति को दान कर देते हैं। एक उद्योगपति होने के बावजूद ये दिल के बहुत अमीर और दयालु है।
Ratan Tata का जन्म कब हुआ था?
तानसेन जीवनी - Biography of Tansen in Hindi Jivani
इनका जन्म 28 दिसंबर 1937 में गुजरात राज्य के सूरत शहर में हुआ था।
Ratan Tata के पिता का नाम क्या था?
इनके पिता का नाम नवल टाटा था।
क्या Ratan Tata की शादी हुई है?
नहीं, रतन टाटा ने शादी नहीं की, वे अविवाहित है।
Ratan Tata के भाई का नाम क्या है?
इनके भाई का नाम जिम्मी टाटा है, जो इनसे दो साल छोटे हैं।
रतन टाटा के पिता का क्या नाम था?
रतन टाटा को भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण पुरस्कार किस वर्ष प्रदान किया गया था?
रतन टाटा को भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण पुरस्कार वर्ष 2008 में प्रदान किया गया था।
Biography of Ratan Tata in Hindi Jivani से सम्बंधित प्रत्येक जानकारी को हमनें इस लेख के माध्यम से प्रदान कर दिया है, यदि आप इस लेख से जुड़ी और जानकारी या प्रश्न पूछना चाहते है तो इसके लिए आपको नीचे दिए हुए कमेंट सेक्शन में अपना प्रश्न लिख लेना है, हम कोशिश करेंगे कि आपके प्रश्रों का जल्द उत्तर दे पाएं। इसी तरह की अन्य जानकारी के लिए हमारी साइट से ऐसे ही जुड़े रहें। आशा करते है कि आपको हमारा यह लेख पसंद आया हो धन्यवाद।
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Ratan Tata Biography in Hindi : रतन टाटा एक प्रमुख उद्योगपति, निवेशक और टाटा संस के पूर्व अध्यक्ष हैं। टाटा समूह, भारत का सबसे बड़ा कॉर्पोरेट समूह, जमशेदजी टाटा द्वारा स्थापित किया गया था और उनके परिवार की पीढ़ियों द्वारा इसका विस्तार किया गया, जिससे यह और भी मजबूत हो गया।
रतन टाटा ने टाटा ग्रुप में शामिल होने के बाद अपनी मेहनत, लगन और अपनी काबिलियत के दम पर टाटा ग्रुप को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया है। हालांकि आज हर कोई उन्हें एक उद्योगपति के तौर पर जानता है, लेकिन उनकी निजी जिंदगी के बारे में कम ही लोग जानते हैं।
रतन टाटा का निजी जीवन बहुत ही प्रेरणादायक है। इसीलिए आज के लेख में हम आपको रतन टाटा के जीवन का परिचय प्रदान करेंगे, जिससे आपको उनके व्यक्तिगत जीवन को समझने में मदद मिलेगी।
Table of Contents
रतन टाटा | |
28 दिसंबर 1937, सूरत (गुजरात) | |
सोनू टाटा (माता) और नवल टाटा (पिता) | |
कॉर्नेल विश्वविद्यालय इथाका, न्यूयॉर्क, यूएसए हार्वर्ड बिजनेस स्कूल बोस्टन, मैसाचुसेट्स, यूएसए | |
अविवाहित | |
टाटा समूह के निवर्तमान अध्यक्ष | |
1962 में | |
पद्मा विभूषण (2008) और ओबीई (2009) | |
बी.एस. में संरचनात्मक इंजीनियरिंग और वास्तुकला में एक उन्नत प्रबंधन कार्यक्रम | |
भारतीय |
देश के मशहूर उद्योगपति रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को सूरत शहर में हुआ था। रतन टाटा नवल टाटा के बेटे हैं। जिन्हें नवजबाई टाटा ने गोद लिया था। ऐसा इसलिए क्योंकि नवजबाई टाटा के पति का देहांत हो गया था, जिसके बाद वह अकेली पड़ गईं। इसलिए उन्होंने उसे गोद ले लिया। उनके माता-पिता 1940 में अलग हो गए जब रतन टाटा 10 साल के थे और उनके छोटे भाई जिमी टाटा 7 साल के थे। इस वजह से दोनों भाइयों को अलग होना पड़ा। लेकिन उनकी दादी नवजबाई ने दोनों पोते को पालने में कोई कसर नहीं छोड़ी। वह अनुशासन के मामले में जितनी सख्त थीं, उतनी ही नरम भी थीं। आपको बता दें कि रतन टाटा का एक सौतेला भाई भी है जिसका नाम नोएल टाटा है। बचपन से ही उन्हें पियानो सीखने और क्रिकेट खेलने का बहुत शौक था।
रतन टाटा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मुंबई के कैंपियन स्कूल में प्राप्त की। जहां उन्होंने 8वीं तक की शिक्षा प्राप्त की। उसके बाद उन्होंने कैथेड्रल और जॉन कॉनन स्कूल में पढ़ाई की। अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद, उन्होंने 1962 में कॉर्नेल विश्वविद्यालय से स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त की। 1962 में अपनी स्नातक की डिग्री पूरी करने के बाद, उन्होंने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल में प्रवेश लिया और 1975 में एडवांस्ड मैनेजमेंट कोर्स पूरा किया।
भारत लौटने से पहले रतन ने लॉस एंजिल्स, कैलिफोर्निया में जोन्स एंड एमोंस में कुछ समय के लिए काम किया। उन्होंने 1961 में टाटा ग्रुप के साथ अपने करियर की शुरुआत की। शुरुआती दिनों में उन्होंने टाटा स्टील के स्टोर फ्लोर पर काम किया। इसके बाद वह टाटा समूह की और कंपनियों से जुड़ गए। 1971 में, उन्हें नेशनल रेडियो एंड इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी (NELCO) का प्रबंध निदेशक नियुक्त किया गया। 1981 में, उन्हें टाटा इंडस्ट्रीज का अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा समूह नई ऊंचाइयों पर पहुंचा। 1998 में, टाटा मोटर्स ने पहली अखिल भारतीय यात्री कार – टाटा इंडिका पेश की। उसके बाद, टाटा टी ने टेटली का अधिग्रहण किया, टाटा मोटर्स ने जगुआर लैंड रोवर का अधिग्रहण किया और टाटा स्टील ने कोरस का अधिग्रहण किया, जिसके परिणामस्वरूप भारतीय उद्योग में टाटा समूह की प्रतिष्ठा बहुत बढ़ गई । टाटा नैनो – दुनिया की सबसे सस्ती यात्री कार – भी रतन टाटा का आविष्कार थी।
28 दिसंबर 2012 को, वह टाटा समूह की सभी कार्यकारी जिम्मेदारियों से सेवानिवृत्त हुए। उनकी जगह 44 साल के साइरस मिस्त्री ने ली थी। हालाँकि टाटा अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं, फिर भी वे काम में लगे हुए हैं। हाल ही में उन्होंने भारत की ई-कॉमर्स कंपनी स्नैपडील और एक अन्य ई-कॉमर्स कंपनी अर्बन लैडर और चाइनीज मोबाइल कंपनी शाओमी में निजी निवेश किया है।
रतन वर्तमान में टाटा समूह के सेवानिवृत अध्यक्ष हैं। इसके साथ ही वह टाटा संस के 2 ट्रस्ट के चेयरमैन भी बने हुए हैं। रतन टाटा ने भारत और अन्य देशों में कई संगठनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वह प्रधान मंत्री की व्यापार और उद्योग परिषद और राष्ट्रीय विनिर्माण प्रतिस्पर्धात्मकता परिषद के सदस्य हैं। रतन कई कंपनियों के बोर्ड मेंबर भी हैं।
अगर टाटा ग्रुप की सभी कंपनियों की मार्केट वैल्यू की बात करें तो एक अनुमान के मुताबिक उनकी सभी कंपनियों की मार्केट वैल्यू करीब 17 लाख करोड़ रुपए होगी। एक रिपोर्ट के मुताबिक रतन टाटा की कुल संपत्ति करीब 117 बिलियन डॉलर यानी करीब 8.25 लाख करोड़ रुपये है। रतन टाटा इस पैसे का 65% लोगों की मदद के लिए दान करते हैं। यही वजह है कि वह दुनिया के अमीर लोगों में शामिल नहीं हैं। लेकिन लोग उन्हें दिल का बहुत अमीर मानते हैं।
हालांकि रतन टाटा ने अभी तक शादी नहीं की है, लेकिन इसके पीछे की असली वजह कम ही लोग जानते हैं। दरअसल रतन टाटा की लाइफ में एक गर्लफ्रेंड थी, जिनसे उनकी मुलाकात अमेरिका में ही हुई थी। हालांकि यह उनके जीवन का एक इतिहास था, लेकिन उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में इस इतिहास के बारे में खुलासा भी किया था।
उन्होंने बताया था कि कॉलेज से स्नातक होने के बाद, वह लॉस एंजिल्स में एक आर्किटेक्चर फर्म में काम कर रहा थे। उस समय उनके पास अपनी कार भी थी और सब कुछ ठीक चल रहा था। लेकिन अचानक उनकी दादी की बीमारी की खबर आई और उन्हें देखने के लिए उन्हें भारत जाना पड़ा।
भारत जाने से पहले, वह अपनी प्रेमिका से मिले और उससे वादा किया कि वह भारत से लौटने के बाद ही उससे शादी कर लेंगे, उसके बाद वह भारत चले गए। हालांकि, 1962 में भारत और चीन के बीच युद्ध शुरू हो गया था, इसलिए वे वापस लॉस एंजेलिस नहीं जा सके और उस समय वे अपनी प्रेमिका से नहीं मिल सके।
उसके बाद उनकी प्रेमिका के घरवालों ने भी इस युद्ध को मुद्दा बनाकर इस रिश्ते को ठुकरा दिया और उसकी शादी किसी और से करवा दी। लेकिन रतन टाटा ने अपनी गर्लफ्रेंड से जो वादा किया था वह अपने वादे पर कायम रहे और यही वजह है कि रतन टाटा ने अभी तक शादी नहीं की।
रतन टाटा को भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण (2000) और पद्म विभूषण (2008) से सम्मानित किया जा चुका है। यह सम्मान देश का तीसरा और दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। इसके अलावा उन्होंने और भी कई अवॉर्ड जीते हैं।
अन्य पढ़ें –
उत्तर : सूनी टाटा ( माता) और नवल टाटा ( पिता)
उत्तर : जमशेदजी टाटा
उत्तर : रतन टाटा एक भारतीय व्यवसायी और मुंबई स्थित टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष हैं।
उत्तर : इसकी स्थापना 1868 में हुई थी।
उत्तर : वह 150 से अधिक देशों में 100 से अधिक कंपनियों के मालिक हैं और उनकी कुल संपत्ति 7,350 करोड़ रुपये है।
उत्तर : रतन टाटा को पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था ।
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आज हम आपको यहां पर रतन टाटा के बारे में बताने जा रहे हैं. Ratan Tata biography in hindi – रतन टाटा टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष तथा भारतीय व्यवसायी है. रतन टाटा सभी प्रमुख कंपनियां जैसे टाटा स्टील , टाटा मोटर्स, टाटा पावर , टाटा कंसलटेंसी सर्विस, टाटा केमिकल्स, इंडियन हॉस्टल और टाटा टेलीसर्विस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. लेकिन वे अभी भी टाटा समूह के चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं. रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 में सूरत (गुजरात) में हुआ था,रतन टाटा नवल टाटा के बेटे हैं जिनको नवजबाई ने गोद लिया था.रतन टाटा का पूरा नाम रतन नवल टाटा है. रतन टाटा की उम्र 2023 में, 85 वर्ष है. आइए हम आपको रतन टाटा के जीवन से परिचित कराते हैं –
Table of contents.
रतन टाटा | |
रतन नवल टाटा | |
28 दिसंबर 1937 | |
सूरत (गुजरात) | |
भारतीय | |
हिंदू | |
पारसी | |
2023 में, | |
टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष तथा भारतीय व्यवसायी | |
भारतीय व्यवसायी | |
पिता नवल टाटा ,माँ – सोनू टाटा | |
118 बिलियन$, 8.25 लाख करोड़ लगभग | |
– अविवाहित | |
मुंबई, महाराष्ट्र (भारत) |
रतन टाटा का जन्म एवं प्रारंभिक जीवन – ratan tata birth and early life.
रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 में सूरत (गुजरात) में हुआ था,रतन टाटा नवल टाटा के बेटे हैं जिनको नवजबाई ने गोद लिया था,नवजबाई उनकी दादी थी. जब रतन टाटा 10 साल के थे और उनके छोटे भाई जिमी टाटा 7 साल के थे. तब उनके माता-पिता दोनों एक दूसरे से अलग हो गए थे. जिसके कारण दोनों भाइयों को भी अलग होना पड़ा लेकिन उनकी दादी भाई ने दोनों का पालन पोषण किया.
रतन टाटा पढ़ने में काफी अच्छे थे उनकी शुरुआती पढ़ाई कैंपियन स्कूल से हुई. उसके बाद वह कैथ्रेडल एंड जॉन कॉनन स्कूल में चले गए. स्कूली पढ़ाई खत्म करने के बाद उन्होंने बी एस वास्तु कला स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग के साथ कॉर्नल विश्वविद्यालय में साल 1962 में पढ़ाई पूरी की इस को खत्म करने के बाद उन्होंने हावर्ड बिजनेस स्कूल में एडमिशन लिया उन्होंने साल 1975 में एडवांस्ड मैनेजमेंट का कोर्स किया,
रतन टाटा एक अमीर परिवार से ताल्लुक रखते हैं उनके पिता नवल टाटा जोकि टाटा ग्रुप से जुड़े हुए थे. रतन टाटा की मां का नाम सोनू टाटा है. रतन टाटा नवल टाटा के बेटे हैं जिन्हें नवजबाई टाटा ने अपने पति रतन जी टाटा के मौत के के बाद गोद लिया था. साल 1940 में रतन टाटा के माता-पिता एक दूसरे से अलग हो चुके थे उनका पालन पोषण उनकी दादी नवजबाई टाटा ने किया था. रतन टाटा के परिवार में उनका भाई है और उनके एक सौतेले भाई भी है. रतन टाटा जी अविवाहित हैं उन्होंने कभी शादी नहीं की. टाटा रत्न के परिवार में कौन-कौन हैं ?
रतन टाटा के करियर की शुरुआत भारत वापस आने के बाद शुरू हुई है, पहले लॉस एंजेलिस कैलिफोर्निया में जॉन्स एंड एमोंस में थोड़े समय के लिए काम किया. इनोवा दादी की तबीयत खराब हो गई इसलिए अमेरिका छोड़कर वापस आए. आने के बाद उन्होंने आईबीएम में काम किया लेकिन जेआरडी टाटा कोई पसंद नहीं आया. साल 1964 में टाटा ग्रुप में काम करने का मौका दिया पहले कुछ शुरुआती दिनों में उन्होंने टाटा स्टील के शॉप फ्लोर पर काम किया क्या धीरे-धीरे टाटा ग्रुप की और कंपनियों के साथ जुड़ गए. एक समय आया जब उन्हें 1971 में राष्ट्रीय रेडियो और एक्टरनी कंपनी नेल्को में डायरेक्टर इंचार्ज के लिए चुना गया. साल 1981 में उन्हें टाटा का अध्यक्ष चुना गया उस समय कंपनी घाटे में चल रही थी बाजार में कंपनी की हिस्सेदारी 2% की और घाटा 40 पर था.लेकिन कुछ समय बाद साल1991 में टाटा का उत्तराधिकारी बनाया गया. रतन टाटा इस पद को संभालने के बाद मानव टाटा ग्रुप की किस्मत ही बदल गई ऐसा लग रहा था आसमान पर टाटा का ही नाम है. साल 1998 में टाटा ने अपनी पहली भारतीय कार तैयार की जिसका नाम टाटा इंडिका था इसके बाद टाटा ने टाटा मोटर्स में जैगवार लैंड रोवर और टाटा स्टील ने कोरस को तैयार किया इसके बाद भारतीय उद्योग की लिस्ट में टाटा का नाम दर्ज हो गया दुनिया की सबसे सस्ती कार यानी टाटा नैनो टाटा की सोचता है जिसको लोगों ने काफी पसंद किया. रतन टाटा ने 28 दिसंबर साल 2012 को टाटा समूह की सभी कार्यकारी जिम्मेदारियां से रिटायर ले लिया. इसके बाद उनकी यह जगह 44 वर्षीय साइरस मिस्त्री को दी गई लेकिन रतन टाटा ने चकोको देने से पहले उनके सामने अपनी बात रखी. जिसके मुताबिक उन्हें 1 साल तक टाटा रतन के साथ काम करने को कहा कि उन्होंने स्वीकार कर लिया. रतन टाटा ने भारत के अलावा कई देशों के संगठनों में भी अहम भूमिका निभाई है. प्रधानमंत्री की व्यापार उद्योग परिषद और राष्ट्रीय विनिर्माण प्रतिस्पर्धात्मक परिषद के सदस्य हैं इसके साथ ही कंपनियों के डायरेक्टर भी है. रतन टाटा सभी प्रमुख कंपनियां जैसे टाटा स्टील , टाटा मोटर्स, टाटा पावर , टाटा कंसलटेंसी सर्विस, टाटा केमिकल्स, इंडियन हॉस्टल और टाटा टेलीसर्विस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. लेकिन वे अभी भी टाटा समूह के चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं. टाटा समूह की कुल 96 कंपनियां है सात अलग-अलग व्यवसाई क्षेत्रों में सक्रिय हैं इन 96 में से केवल 28 पब्लिक लिस्टेड कंपनी है टाटा ग्रुप छह महाद्वीपों के 40 से भी अधिक देशों में सक्रिय टाटा समूह दुनिया के ऐसे 40 से भी अधिक देशों के उत्पाद करता है.
मैं सही निर्णय लेने में विश्वास नहीं करता। मैं निर्णय लेता हूँ और फिर उन्हें सही साबित कर देता हूँ।
अगर आप तेजी से चलना चाहते हैं तो अकेले चलिए। लेकिन अगर आप दूर तक चलना चाहते हैं तो साथ मिलकर चलिए।
ऐसी कई चीजें हैं, जो अगर मुझे दोबारा जीने के मौका मिले तो शायद मैं अलग ढंग से करूँगा। लेकिन मैं पीछे मुड़कर ये नहीं देखना चाहूँगा कि मैं क्या नहीं कर पाया। रतन टाटा(टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष तथा भारतीय व्यवसायी)
रतन टाटा जी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर काफी कम एक्टिव रहते हैं, वह दिखावा पसंद नहीं करते उन्हें सादगी के साथ जीवन जीना पसंद है. लेकिन रतन टाटा जी दुनिया भर में प्रसिद्ध व्यक्तियों में से एक है. अगर आप रतन टाटा जी को फॉलो करना चाहते हैं तो नीचे दिए लिंक से कर सकते हैं.
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रतन टाटा जी की सभी कंपनियों की मार्केट वैल्यू की बात करें तो 1700000 करोड रुपए के एक रिपोर्ट के मुताबिक उनकी कुल संपत्ति लगभग 118 बिलियन डॉलर है. रतन टाटा इसमें से 65% पैसा लोगों की मदद करने के लिए दान देते हैं.टाटा समूह के चैरिटेबल ट्रस में दान जाता है.
कुल संपत्ति Net Worth -1 18 बिलियन$, 8.25 लाख करोड़ लगभग
Q. रतन टाटा कौन है.
Ans. रतन टाटा टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष तथा भारतीय व्यवसायी है. रतन टाटा सभी प्रमुख कंपनियां जैसे टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाटा पावर, टाटा कंसलटेंसी सर्विस, टाटा केमिकल्स, इंडियन हॉस्टल और टाटा टेलीसर्विस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. लेकिन वे अभी भी टाटा समूह के चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं.
Ans. रतन टाटा जी अविवाहित हैं उन्होंने कभी शादी नहीं की. वह लॉस एंजेलिस कैलिफोर्निया मैं एक लड़की से प्यार करती थी लेकिन उनकी शादी नहीं हो पाई.
Ans. रतन टाटा जी अविवाहित हैं उन्होंने कभी शादी नहीं की.
Ans. टाटा का पुराना नाम टेल्को “टाटा इंजीनियरिंग एंड लोकोमोटिव कंपनी लिमिटेड ” था
Ans. टाटा समूह की कुल 96 कंपनियां है सात अलग-अलग व्यवसाई क्षेत्रों में सक्रिय हैं इन 96 में से केवल 28 पब्लिक लिस्टेड कंपनी है टाटा ग्रुप छह महाद्वीपों के 40 से भी अधिक देशों में सक्रिय टाटा समूह दुनिया के ऐसे 40 से भी अधिक देशों के उत्पाद करता है.
Ans. पिता का नाम- नवल टाटा माता का नाम – सोनू टाटा पत्नी का नाम – अविवाहित
Ans. रतन टाटा की उम्र 2023 में, 85 वर्ष है
इन्हें भी देखें.
रोमन रेंस जीवन परिचय (अमेरिकी पहलवान) – ” Click here “
मिक शूमाकर जीवन परिचय (जर्मन मोटरस्पोर्ट्स रेसिंग ड्राइवर) – ” Click here “
अंतिम पंघल जीवन परिचय (U-20 Gold Medalist 2022) – ” Click here “
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आज इस आर्टिकल में हम आपको रतन टाटा की जीवनी – Ratan Tata Biography Hindi के बारे में बताएगे।
रतन टाटा सुप्रसिद्ध उद्योगपति है तथा वे टाटा समुह के वर्तमान अध्यक्ष, जो भारत की सबसे बड़ी व्यापारिक समूह है, जिसकी स्थापना जमशेदजी टाटा ने की और उनके परिवार की पीढियों ने इसका विस्तार किया और इसे दृढ़ बनाया।दुनिया की सबसे छोटी कार बनाने से पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हुए1991 से 2012 तक और फिर 2016 -17 में वह देश के प्रतिष्ठित टाटा ग्रुप के चेयरमैन रहे।
टाटा समूह के बिजनेस का दूसरे देशों में विस्तार किया।
2008 में उन्हे पद्मविभूषण और 2000 में उन्हे पद्मभूषण से सम्मानित किया गया।
अब अपने चैरिटी से जुड़े कार्यों में व्यस्त रहते हैं।
रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को मुंबई, महाराष्ट्र, भारत में हुआ था।
उनके पिता का नाम नवल टाटा तथा उनकी माता का नाम सोनू टाटा है।
उनके दादा का नाम श्री जमशेदजी टाटा था रतन टाटा की एक सौतेली माँ भी है ।
जिसका नाम सिमोन टाटा हैं।
सिमोन का एक पुत्र हैं जिसका नाम नोएल टाटा हैं। नवल और सोनू ने रतन टाटा को गोद लिया था।
जब वे मात्र 10 साल की उम्र में उनके माता -पिता उनसे अलग हो गये थे तब नवल और सोनू ने उनका पालन-पोषण किया था.
रतन टाटा ने कैपियन स्कूल से शुरूआती पढ़ाई करने के बाद उन्होने कार्निल यूनिवर्सिटी लंदन से आर्किटेक्चर एंड स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग की स्नातक की डिग्री प्राप्त की और फिर हार्वड विश्वविघालय से एडवांस मैनेजमेंट प्रोग्राम कोर्स किया। उन्हें प्रतिष्टित कंपनी आईबीएम से नौकरी का बढ़िया प्रस्ताव मिला, लेकिन रतन ने उस प्रस्ताव को ठुकराकर अपने पुश्तैनी बिजनेस को ही आगे बढ़ाने की ठानी।
रतन जी ने अपने करियर की शुरुआत 1961 में की, शुरू में उन्होंने शॉप फ्लोर आदि पर वर्क किया।
इसके बाद में रतन जी टाटा समूह और ग्रुप के साथ जुड़े थे।
1971 में रतन जी नेल्को कंपनी (रेडियो और इलेक्ट्रॉनिक) में डायरेक्टर पद पर नियुक्त हुए।
1981 में जमशेदजी टाटा ने रतन को टाटा समूह का नया अध्यक्ष बनाया।
रतन टाटा के समय टाटा इंड्रस्ट्री ने कई मंजिले पाई, 1998 में पहली बार रतन टाटा के निर्देशन में टाटा मोटर्स ने एक भारतीय कार ” टाटा इंडिका ” को बाजार में उतारा था।
इससे टाटा समूह की पहचान धीरे-धीरे बढ़ती चली गयी।
इसके बाद रतन टाटा ने एक छोटी कार टाटा नैनो जो भारत में बनी है मार्केट में उतारी, जो भारत के इतिहास में सबसे सस्ती कार थीं। उसके बाद रतन टाटा ने 2012 में टाटा के सभी प्रमुख पदों से सेवा मुक्त होने की घोषणा की। टाटा अभी चेरीटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष का पद देखते हैं। रतन टाटा ने देश और विदेशों में भी कई संघटनो के साथ भी कार्य किया हैं और अपने बिजनेस को आगे लेकर गए है।
इसे भी पढ़े – कुशल पंजाबी की जीवनी – Kushal Punjabi Biography Hindi
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रतन टाटा उनकी दादी के पास बड़े हुए। जब उनके माता पिता अलग हो गए। उन्होंने टाटा स्टील की दुकान पर एक साथी कार्यकर्ता के रूप में कार्य शुरू किया और अपने परिवार के व्यवसाय के बारे में जानकारी हासिल कर ली। जे.आर.डी. के सेवानिवृत्ति के बाद , वह टाटा समूह के नए अध्यक्ष बने। उनके नेतृत्व में , संगठन ने नई ऊंचाई हासिल की और बड़ी मात्रा में विदेशी राजस्व उत्पन्न किया।
उन्होंने टेटली, जगुआर लैंड रोवर और कोरस के अधिग्रहण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई,जिसने टाटा को एक प्रमुख भारत-केंद्र कंपनी से वैश्विक ब्रांड नाम के रूप में बदल दिया। अपने बहुराष्ट्रीय विस्तार के अलावा, उन्होंने भारत और विदेशों में संगठनों में विभिन्न प्रकार से सेवा की।
Table of Content
रतन टाटा के एक भाई, जिमी और एक सौतेले भाई, नोएल टाटा हैं। जब वह दस वर्ष के थे, उनके माता-पिता अलग हो गए और उसके बाद, उन्हें और उनके भाई को उनकी दादी नवाज बाई टाटा ले आयीं।
1962 में , उन्होंने टाटा स्टील डिवीजन के साथ अपने करियर की शुरुआत की, जहां उन्होंने नीले कॉलर वाले कर्मचारियों के साथ भट्टियों में काम किया। यह एक कठिन काम था। अपने परिवार के व्यवसाय के लिए उन्हें बेहतर समझ और सम्मान हासिल करने में मदद मिली।
1977 में , उन्हें टाटा समूह के भीतर एक संघर्षरत कपड़ा मिल की एम्प्रेस मिल्स में ले जाया गया था। उन्होंने मिल के लिए एक योजना प्रस्तावित की लेकिन अन्य टाटा अधिकारी ने इसे खारिज कर दिया और मिल बंद हो गयी। बाद में , उन्हें टाटा इंडस्ट्रीज में स्थानांतरित कर दिया गया।
उन्होंने विभाजन के प्रबंधन और दृष्टि को बदल दिया , और काफी बड़ा लाभांश लाने में कामयाब रहे। वह व्यापार और उद्योग पर प्रधान मंत्री परिषद के सदस्य भी बने। उन्होंने एशिया प्रशांत नीति के लिए रैंड सेंटर के सलाहकार बोर्ड पर कार्य किया और भारत में एड्स पहल कार्यक्रम के भी सक्रिय भागीदारी है। वह मित्सुबिशी निगम , अमेरिकन इंटरनेशनल ग्रुप , जेपी मॉर्गन चेस और बूज एलन हैमिल्टन के अंतर्राष्ट्रीय सलाहकार बोर्ड के भी सदस्य हैं।
पुरस्कार और उपलब्धियां awards, व्यक्तिगत जीवन और विरासत personal life.
रतन टाटा एक स्नातक है। वह अपनी कम प्रोफ़ाइल जीवन शैली के लिए जाने जाते हैं। वह मुंबई में एक साधारण घर में रहते है और एक टाटा की सेडान कार ड्राइव करते है।
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रतन टाटा का जीवन परिचय | Ratan Tata Biography in Hindi. रतन टाटा (अंग्रेजी: Ratan Tata) दुनिया के महानतम बिजनेसमैन लोगों में से एक है। वे 1991 से लेकर 2012 तक तथा वर्ष ...
सर रतनजी टाटा (२० जनवरी १८७१ ई. - ५ सितंबर १९१८ ई.) भारत के सुविख्यात पारसी उद्योगपति और जनसेवी जमशेदजी नासरवान जी टाटा के पुत्र। उन्होने भारत में टाटा ...
In this article we will discuss about Ratan Tata Biography In Hindi & All Information Useful For Essay In Hindi, रतन टाटा की जीवनी
रतन टाटा का परिवार एवं शुरुआती जीवन (Ratan Tata family & early life) गुजरात के सूरत शहर में 28 दिसंबर 1937 को रतन टाटा का जन्म हुआ था। और उनके पिता का नाम नवल ...
वर्ष 1940 के दशक में, जब रतन टाटा के माता-पिता अलग हो गए थे, तब उनका पालन-पोषण उनकी दादी माँ नवाज़बाई टाटा ने किया था।. रतन टाटा कुत्तों के ...
रतन टाटा एक प्रसिद्ध भारतीय उद्योगपति और टाटा संस के सेवामुक्त चेयरमैन हैं। वे सन 1991 से लेकर 2012 तक टाटा ग्रुप के अध्यक्ष रहे।
Ratan Tata Biography in Hindi: रतन टाटा एक बहुत बड़े मशहूर उद्योगपति है, जो टाटा ग्रुप की कंपनीयों के मालिक है। उनके टाटा ग्रुप की मार्केट में वैल्यू 17 लाख करोड़ रूपये है ...
रतन टाटा का जीवन परिचय - Ratan Tata biography in Hindi. सर रतन टाटा बिज़नेस में दया और सहानुभूति को प्राथमिकता देते हैं. इनकी यह खूबी उनको सबसे अलग बनाती ...
Ratan Tata Biography in Hindi - भारत ने सबसे बड़े उद्योगपतियों में से एक रतन टाटा जी का पूरा जीवन अपने आप मे हर युवा के लिए एक प्रेरणा है। आज रतन टाटा का ...
Ratan Tata | Indian Industrialist, Philanthropist - रतन नवल टाटा. रतन टाटा जीवनी - Ratan Tata biography in hindi- "जिंदगी में उतार-चढ़ाव का होना बहुत जरूरी है क्योंकि ECG में भी सीधी ...
रतन टाटा ( 28 दिसंबर 1937, को मुम्बई, में जन्मे) टाटा समुह के पूर्व अध्यक्ष, जो भारत की सबसे बड़ी व्यापारिक समूह है, जिसकी स्थापना जमशेदजी टाटा ने की और उनके ...
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दोस्तों टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष और भारत के जाने माने उद्योगपति रतन टाटा के जीवन पर आधारित यह Ratan Tata Biography in Hindi एक प्रेरणादायक जीवनी है ...
Ratan Tata Biography in Hindi. रतन टाटा पूरी दुनिया में अमीरों की गिनती में आते हैं और वो चाहे तो सबसे उपर उनका ही नाम होता अगर वो अपनी आमदनी का आधे से भी ...
Ratan Tata Biography in Hindi : आज के लेख में रतन टाटा का जीवन परिचय बताएँगे भारत के सबसे सफल उद्योपति में एक भारत के एक महान हस्ती रतन टाटा पर ये बात
यह भी देखें- Biography of Gautam Adani in Hindi Jivani. रतन टाटा को टाटा समूह का चेयरमैन वर्ष 1981 में चुना गया था। परन्तु उस समय कंपनी का काम इतना अच्छा नहीं चल ...
Ratan Tata Biography in Hindi : रतन टाटा एक प्रमुख उद्योगपति, निवेशक और टाटा संस के पूर्व अध्यक्ष हैं। टाटा समूह, भारत का सबसे बड़ा कॉर्पोरेट समूह, जमशेदजी टाटा द्वारा ...
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आज हम आपको यहां पर रतन टाटा के बारे में बताने जा रहे हैं. Ratan Tata biography in hindi - रतन टाटा टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष तथा भारतीय व्यवसायी है. रतन टाटा
Ratan Naval Tata (born 28 December 1937) is an Indian industrialist, philanthropist and former chairman of Tata Sons. He was a chairman of the Tata Group from 1990 to 2012, and interim chairman from October 2016 through February 2017. He continues to head its charitable trusts. [ 2][ 3] In 2008, he received the Padma Vibhushan, the second ...
रतन टाटा की जीवनी - Ratan Tata Biography Hindi रतन टाटा सुप्रसिद्ध उद्योगपति है तथा वे टाटा समुह के वर्तमान अध्यक्ष, जो भारत की सबसे बड़ी व्यापारिक समूह है, जिसकी ...
रतन टाटा का जीवन परिचय Ratan Tata Biography in Hindi भारतीय उद्योगपतियों में से एक हैं, वे सबसे बड़े भारतीय संगठन टाटा ग्रुप ऑफ़ कम्पनीज के
Ratan Tata Biography in Hindi इस विषय के बारे मे हमने ये लेख लिखा है। रतन टाटा को तो आप लोग जानते ही होंगे। आखिर कैसे नहीं जानोगे? वो भारत के ही नहीं बल्कि,