रतन टाटा का जीवन परिचय | Ratan Tata Biography in Hindi

रतन टाटा (अंग्रेजी: Ratan Tata) दुनिया के महानतम बिजनेसमैन लोगों में से एक है। वे 1991 से लेकर 2012 तक तथा वर्ष 2016-17 में भी टाटा ग्रुप के चेयरमैन रहे। इसके अलावा वे टाटा सन्स (Tata Sons) के भी चेयरमैन रहे।

टाटा ग्रुप जमशेदजी टाटा के द्वारा स्थापित की गई थी। टाटा सन्स, टाटा ग्रुप की कंपनियों में अपनी शेरहोल्डिंग रखती है और निवेश करती है। 

Table of Contents

रतन टाटा का परिचय (Introduction to Ratan Tata)

नामरतन टाटा (Ratan Tata)
पूरा नामरतन नवल टाटा
जन्म28 दिसम्बर 1937, मुम्बई, महाराष्ट्र
मातासोनू
पितानवल टाटा
वैवाहिक स्थितिअविवाहित
पदटाटा ग्रुप के चैयरमेन (1991-2012, 2016-17)
धंधाबिजनेसमेन, निवेशक
पुरस्कारपदम विभूषण (2008), पदम भूषण (2000)
प्रसिद्धि का कारणबिजनेसमेन, निवेशक, समाजसेवी
उम्र (2021 में)83 वर्ष

रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को मुंबई, महाराष्ट्र में हुआ था। उनके पिता का नाम नवल टाटा था। टाटा ग्रुप के फाउंडर जमशेदजी टाटा के पुत्र रतनजी टाटा ने रतन को गोद लिया था। रतन टाटा की नानी तथा जमशेदजी टाटा की पत्नी हीराबाई दोनों बहने थी। 

जब रतन टाटा मात्र 10 वर्ष के थे तब उनके पिता नवल व माता सोनू एक दूसरे से अलग हो गए। जिसके बाद उनका पालन पोषण सर रतन जी टाटा की विधवा पत्नी नेवज बाई टाटा के द्वारा किया गया जिन्होंने रतन को गोद ले लिया था।

हालांकि रतन की प्राथमिक भाषा गुजराती है क्योंकि उनके पिता नवल टाटा गुजराती थे। 

विकिपीडिया के स्रोत के मुताबिक रतन टाटा ने 2011 में कहा था कि वह शादी कराने के चार बार नजदीक आ चुके थे और किसी कारणवश वे पीछे हटे। वे जब लॉस एंजेल्स में थे तब वहां पर उन्होंने एक लड़की से प्रेम किया। टाटा के परिवार में कोई सदस्य बीमार हो गया था तब उन्हें भारत आना था। परंतु, उस लड़की के माता-पिता ने उसे टाटा के साथ आने से मना कर दिया। 

इसके बाद रतन भारत आ गए और पीछे से उस लड़की की शादी हो गई। रतन ने उस लड़की को वचन दिया था कि वे केवल उसी से शादी करेंगे। उन्होंने उस वचन को निभाया और जिंदगी में कभी शादी नहीं की।

सम्बंधित – रतन टाटा के प्ररेणादायक अनमोल विचार

शिक्षा (Education)

रतन टाटा ने आठवीं कक्षा तक मुंबई के केंपियन स्कूल में पढ़ाई की। वर्ष 1955 में वह न्यूयार्क सिटी के रिवर डेल कंट्री स्कूल से प्रशिक्षित हुए। इसके अलावा उन्होंने कैथ्रेडल एंड जॉन कॉनन स्कूल, मुंबई तथा बिशप कॉटन स्कूल, शिमला में भी पढ़ाई की। 

वर्ष 1959 में कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से टाटा ने आर्किटेक्चर डिग्री प्राप्त की। 1975 में उन्होंने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के 7 सप्ताह के एडवांस मैनेजमेंट प्रोग्राम को अटेंड किया।

शुरूआती कैरियर (Initial career)

वर्ष 1970 के दौरान रतन टाटा को मैनेजमेंट में प्रमोट कर दिया गया और नेल्को कंपनी की शुरुआती सक्सेस प्राप्त की। नेल्को कंपनी रेडियो और इलेक्ट्रोनिक गैजेट्स से संबंधित थी।

वर्ष 1991 में रतनजी दादाभोय टाटा ने Tata Sons के चेयरमैन पद से सेवानिवृत्ति ले ली। जिनके बाद रतन टाटा को टाटा संस का चेयरमैन घोषित किया गया। 

जब रतन अपने नए रोल में फिट हुए तब उन्हें बहुत सारी कंपनियों के मुख्य अधिकारियों के द्वारा किये गये प्रतिरोध सहने पड़े। इस चीज को बदलने के लिए उन्होंने एक रिटायरमेंट एज रखी।

रतन टाटा: मेन ऑफ इन्टेग्रिटी (Ratan Tata: Man of Integrity)

जब वह चेयरमैन थे तब टाटा ग्रुप का रिवेन्यू 40 गुना बढ़ा तथा प्रॉफिट 50 गुना बढ़ा। उन्होंने टाटा टी कंपनी से टेटले कंपनी को, टाटा मोटर्स से जैगवार लैंड रोवर को तथा टाटा स्टील से कोर्स कंपनी को एक्वायर किया।

उन्होंने विदेशी कंपनियों को इसलिए खरीदा ताकि वे अपने धंधे को विदेश में भी बढ़ा सकें। टाटा मोटर कंपनी के द्वारा बनाई गई टाटा नैनो कार बहुत ज्यादा प्रसिद्ध हुई। 

यह कार पूरे विश्व भर में प्रसिद्ध हुई तथा रतन टाटा को इस इनोवेशन के लिए वाहवाही मिली। यह कार इतनी सस्ती थी कि लगभग हर एक भारतीय व्यक्ति की पहुंच में थी। 

वर्ष 2012 में रतन टाटा ने चेयरमैन के पद से त्यागपत्र दे दिया जिसके बाद साइरस मिस्त्री को चेयरमैन घोषित किया गया। परंतु अक्टूबर 2016 में उसे भी चेयरमैन के पद से हटा दिया गया तथा रतन टाटा को वापिस इंटरिम चेयरमैन बना दिया गया।

इस तरह के अचानक निर्णय से मीडिया में खबर बहुत तेजी से फैल गई जिसके कारण टाटा ग्रुप की सभी कंपनियों में क्राइसिस आ गया। 

जनवरी 2017 में नटराजन चंद्रशेखरन को टाटा संस का चेयरमैन घोषित किया गया और तब से लेकर आज दिसंबर 2021 तक चंद्रशेखरन ही चेयरमैन है।

रतन टाटा के लोकहित कार्य (Philanthropist works by Ratan Tata)

रतन टाटा एक बिजनेसमैन तथा निवेशक होने के साथ-साथ एक महान समाजसेवी भी रहे हैं। उनके द्वारा लोगों के हित में किए गए कार्य बहुत सराहनीय है।

  • कॉर्नेल यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले भारतीय अंडरग्रैजुएट स्टूडेंट्स  के लिए टाटा ग्रुप ने 28 मिलियन डॉलर स्कॉलरशिप फंड दिया।
  • वर्ष 2010 में टाटा ग्रुप ने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल में एग्जीक्यूटिव सेंटर के निर्माण के लिए $50 मिलियन का दान दिया। इस हॉल के निर्माण में लगभग $100 मिलियन से ज्यादा का खर्चा आया। 
  • टाटा कंसल्टेंसी कंपनी ने कार्नेजी मेल्लों यूनिवर्सिटी को रिसर्च की सुविधा के लिए 35 मिलियन डॉलर का दान दिया।
  • टाटा ट्रस्ट ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस को 750 मिलियन रुपए का दान दिया।

रतन टाटा तथा टाटा ग्रुप के द्वारा दिए गए दानों में से ये दान सबसे बड़े दान हैं।

टाटा ग्रुप की सभी कम्पनियाँ (Names of Tata Group All Companies)

रतन टाटा की कम्पनियों के नाम (Ratan Tata all company name) –

  • Tata Consultancy Services
  • Tata Motors
  • Titan Company
  • Tata Chemicals
  • Indian Hotels Company Limited (IHCL)
  • Tata Consumer Products
  • Tata Communications
  • Trent Limited
  • Tata Steel Long Products Limited
  • Tata Investment Corporations Limited
  • Tata Metaliks
  • Tata Coffee

यह भी पढ़ें – जमशेदजी टाटा के प्ररेणादायक अनमोल विचार

रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को मुंबई, महाराष्ट्र में हुआ था। उनके पिता का नाम नवल टाटा था। टाटा ग्रुप के फाउंडर जमशेदजी टाटा के पुत्र रतनजी टाटा ने रतन को गोद लिया था। रतन टाटा की नानी तथा जमशेदजी टाटा की पत्नी हीराबाई दोनों बहने थी।  जब रतन टाटा मात्र 10 वर्ष के थे तब उनके पिता नवल व माता सोनू एक दूसरे से अलग हो गए। जिसके बाद उनका पालन पोषण सर रतन जी टाटा की विधवा पत्नी नेवज बाई टाटा के द्वारा किया गया जिन्होंने रतन को गोद ले लिया था।

नहीं, रतन टाटा ने कभी शादी नहीं की। वे जब लॉस एंजेल्स में थे तब वहां पर उन्होंने एक लड़की से प्रेम किया। टाटा के परिवार में कोई सदस्य बीमार हो गया था तब उन्हें भारत आना था। परंतु, उस लड़की के माता-पिता ने उसे टाटा के साथ आने से मना कर दिया।  इसके बाद रतन टाटा भारत आ गए और पीछे से उस लड़की की शादी हो गई। रतन ने उस लड़की को वचन दिया था कि वे केवल उसी से शादी करेंगे। उन्होंने उस वचन को निभाया और जिंदगी में कभी शादी नहीं की।

28 दिसम्बर 1937 को, मुम्बई, महाराष्ट्र में।

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ratan ji tata biography in hindi

रतन टाटा का जीवन परिचय

रतन टाटा जी भारत के जाने – माने उद्योगपति , निवेशक और टाटा संस के रिटायर्ड अध्यक्ष हैं। रतन टाटा 1991 से 2012 तक मिश्र टाटा ग्रुप के अध्यक्ष रह चुके है। उन्होंने 28 दिसंबर 2012 को अपने टाटा ग्रुप के अध्यक्ष पद को छोड़ा, लेकिन रतन टाटा “टाटा ग्रुप” के चैरिटेबिल ट्र्स्ट के अध्यक्ष आज भी है।

वे दुनिया की सबसे छोटी कार बनाने के लिए पूरी दुनिया भर में प्रसिद्द हैं। उन्होंने अपनी बुद्दिमत्ता और योग्यता के बल पर टाटा ग्रुप को एक नई ऊंचाईयों तक पहुंचाया। रतन टाटा जी ने टाटा ग्रुप के अध्यक्ष के तौर पर भी टाटा ग्रुप का नाम देश – विदेशों में रोशन किया है।

रतन टाटा एक प्रसिद्द उद्योगपति होने के साथ-साथ एक नेक इंसान भी हैं, जो कि अपनी दरियादिली के लिए भी जाने जाते हैं। वे हमेशा ही बाढ़ असहाय, गरीबों, मजदूरों पीढ़ितों और जरुरतमंदों की मद्द करते रहते हैं।

साल 2020 में कोरोनावायरस ( COVID – 19) से संक्रमित लोगों की सहायता के लिए भी उन्होंने बड़ी राशि दान दी है। उनकी गिनती दुनिया के सबसे अमीर लोगों में होती है, तो आइए जानते हैं महान उद्योगपति रतन टाटा के जीवन और सफलता के बारे में महत्वपूर्ण बातें –

देश के महान उद्योगपति रतन टाटा का जीवन परिचय – Ratan Tata Biography in Hindi

Ratan Tata

एक नजर में –

रतन नवल टाटा
28 दिसंबर, 1937, सूरत,
नवल टाटा
सोनू टाटा, सिमोन टाटा (सौतेली मां)
बी एस डिग्री संरनात्मक इंजीनियरिंग के साथ वास्तुकला में उन्नत प्रबंधन कार्यक्रम
पदम भूषण, पदम विभूषण

जन्म, बचपन, प्रारंभिक जीवन एवं परिवार –

भारत के महान बिजनेसमैन रतन टाटा भारत के सूरत शहर में 28 दिसंबर, साल 1937 में एक व्यापारी घराने में जन्में थे। उनके पिता नवल टाटा और माता सोनू थी। उनके माता-पिता के बीच तलाक के बाद उनका पालन-पोषण उनकी दादी नवाजबाई टाटा ने किया था। रतन टाटा के पिता ने सिमोन टाटा से दूसरी शादी की थी।

रतन टाटा का नोएल टाटा नाम का सौतेला भाई भी हैं। रतन टाटा ने अपनी शुरुआती पढ़ाई मुंबई के ही कैंपियन स्कूल में रहकर पूरी की। इसके बाद उन्होंने मुंबई के ही कैथेड्रल और जॉन स्कूल में स्कूल में रहकर अपनी स्कूल की पढ़ाई पूरी की।

साल 1962 में रतन टाटा जी यूएसए चले गए जहां उन्होंने न्यूयॉर्क के इथाका के कॉर्निल यूनिवर्सिटी से स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग के साथ वास्तुकला में अपनी बीएस की डिग्री हासिल की और फिर वे अमेरिका के हार्वर्ड बिजनेस स्कूल में मैनेजमेंट प्रोग्राम्स की पढ़ाई के लिए चले गए।

शुरुआती करियर –

रतन टाटा ने अपनी पढ़ाई पूरी होने के बाद कुछ समय तक लॉस एंजिल्स, कैलिफोर्निया, में जोन्स और एमोंस में काम किया और फिर IMB में भी जॉब की। साल 1961 में वे अपने परिवारिक टाटा ग्रुप का हिस्सा बने और इस ग्रुप के साथ अपने करियर की शुरुआत की।

देश के इस सबसे बड़े ग्रुप से जुड़ने के बाद उन्होंने अपने शुरुआती दिनों में टाटा स्टील के शॉप फ्लोर पर काम किया , इसके साथ ही टाटा स्टील को बढ़ाने के लिए इस दौरान उन्हें जमशेदपुर भी जाना पड़ा था। बाद में उन्हें टाटा ग्रुप की कई अन्य कंपनियों के साथ जुड़ने का अवसर प्रदान हुआ।

संघर्ष और सफलता –

रतन टाटा को साल 1971 में राष्ट्रीय रेडियो और इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी (नेल्को) में प्रभारी निदेशक नियुक्त किया गया। उस समय इस कंपनी की आर्थिक हालत बेहद खराब थी। जिसके बाद रतन टाटा ने अपनी काबिलियत के दम पर NELCO कंपनी को न सिर्फ नुकसान से उभारा बल्कि 20 फीसदी तक हिस्सेदारी भी बढ़ा ली थी।

हालांकि, जब इंदिरा गांधी के सरकार ने देश में इमरजेंसी लागू कर दी उस समय आर्थिक मंदी की वजह से काफी परेशानी उठानी पडी। यही नहीं साल 1977 में टाटा को यूनियन की हड़ताल का सामना किया जिसके चलते बाद में नेल्को कंपनी बंद करनी पड़ी।

इसके कुछ महीने बाद रतन टाटा को एक कपड़ा मिल इम्प्रेस मिल्स (Empress Mills) की जिम्मेंदारी सौंपी गई। उस दौरान टाटा ग्रुप की यह कंपनी भी घाटा से गुजर रही थी। जिसके बाद रतन टाटा ने इसे काफी संभालने की कोशिश की और इसके आधुनिकीकरण के लिए निवेश करने का आग्रह किया , लेकिन निवेश पूरा नहीं हो सका और उस दौरान बाजार में भी मोटे और मध्यम सूती कपड़े की डिमांड नहीं होने की वजह से इसे भी नुकसान का सामना करना पड़ा।

फिर कुछ समय बाद इसे बंद कर दिया गया। लेकिन रतन टाटा ग्रुप के इस फैसले से संतुष्ट नहीं थे। इसके कुछ दिनों बाद जेआरडी टाटा ने, साल 1981 में रतन टाटा की काबिलियत को देखकर उन्हें टाटा इंडस्ट्रीज के उत्तराधिकारी बनाने की घोषणा की।

हालांकि, उस समय रतन टाटा को ज्यादा एक्सपीरियंस नहीं होने की वजह से इसका विरोध भी किया गया था। हालांकि बाद में, साल 1991 में रतन टाटा को, टाटा इंडस्ट्रीज व इसकी अन्य कंपनियों के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी गई। रतन टाटा की काबिलियत और योग्यता के बल पर टाटा ग्रुप में नई ऊंचाईयों को छुआ था। इससे पहले इतिहास में कभी टाटा ग्रुप इतनी ऊंचाईयों पर नही गया था।

उनकी अध्यक्षता में टाटा ग्रुप ने अपने कई अहम प्रोजेक्ट स्थापित किए और देश ही नही बल्कि विदेशो में भी उन्होंने टाटा ग्रुप को नई पहचान दिलवाई। रतन टाटा के कुशल नेतृत्व में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने पब्लिक इशू जारी किया और टाटा मोटर्स को न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध किया गया।

सन 1998 में टाटा मोटर्स ने पहली पूर्णतः भारतीय यात्री कार – टाटा इंडिका – को बाजार में पेश किया। इसके बाद टाटा टी ने टेटली, टाटा मोटर्स ने ‘जैगुआर लैंड रोवर’ और टाटा स्टील ने ‘कोरस ग्रुप’ का सफलतापूर्वक अधिग्रहण किया, जिससे टाटा समूह की साख भारतीय उद्योग जगत में बहुत बढ़ी। इसके साथ ही रतन टाटा भी व्यापारिक जगत में एक प्रतिष्ठित शख्सियत बन गए। रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा ग्रुप दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा इस्पात उत्पादक संस्थान बन गया।

पढ़े:  धीरुभाई अंबानी जीवन परिचय

दुनिया की सबसे सस्ती कार-नैनो कार की शुरुआत –

रतन टाटा, ने दुनिया की सबसे सस्ती कार बनाकर उन लोगों के बारे में भी सोचा, जिनके लिए कार खरीदना किसी बड़े सपने से कम नहीं था। रतन टाटा ने महज 1 लाख रुपए की लागत में दुनिया की सबसे सस्ती कार, नैनो कार बनाई। और साल 2008 में नई दिल्ली में आयोजित ऑटो एक्सपो में इस कार का उद्घाटन किया। शुरुआत में टाटा नैनो के तीन मॉडल्स को मार्केट में पेश किया गया।

आपको बता दें कि भारत में उनके सबसे प्रसिद्ध उत्पाद टाटा इंडिका और नैनो के नाम से जाने जाते है। इसके बाद 28 दिसंबर 2012 को रतन टाटा, टाटा ग्रुप के सभी कार्यकारी जिम्मेंदारी से रिटायर्ड हो गए। इसके बाद साइरस मिस्त्री को टाटा ग्रुप के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी गई। रतन टाटा अपने रिटायरमेंट के बाद भी काम कर रहे हैं।

अभी हाल ही में रतन टाटा ने भारत की सबसे बड़ी ई – कॉमर्स कंपनी में से एक स्नैपडील एवं अर्बन लैडर व नामी चाइनीज मोबाइल कंपनी जिओमी में भी निवेश किया है। वर्तमान में वे टाटा ग्रुप के चैरिटेबल संस्थानों के अध्यक्ष हैं। रतन टाटा / Ratan Tata एक दयालु, उदार एवं दरियादिल इंसान हैं, जिनके 65 फीसदी से ज्यादा शेयर चैरिटेबल संस्थाओ में निवेश किए गए है।

उनके जीवन का मुख्य उद्देश्य भारतीयों के जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाना है और साथ ही भारत में मानवता का विकास करना है। रतन टाटा का मानना है की परोपकारियों को अलग नजरिए से देखा जाना चाहिए। पहले परोपकारी अपनी संस्थाओ और अस्पतालों का विकास करते थे जबकि अब उन्हें देश का विकास करने की जरुरत है।

उपलब्धियां –

रतन टाटा भारतीय एड्स कार्यक्रम समिति के सक्रीय कार्यकर्ता हैं। भारत में इसे रोकने की हर संभव कोशिश वे करते रहे हैं। रतन टाटा प्रधानमंत्री व्यापार और उद्योग समिति के सदस्य होने के साथ ही एशिया के RAND सेंटर के सलाहकार समिति में भी शामिल है। देश ही नहीं बल्कि विदेशो में भी हमें रतन टाटा का काफी नाम दिखाई देता है।

रतन टाटा मित्सुबिशी को – ऑपरेशन की अंतर्राष्ट्रीय सलाहकार समिति के भी सदस्य है और इसी के साथ वे अमेरिकन अंतर्राष्ट्रीय ग्रुप जे . पी . मॉर्गन चेस एंड बुज़ एलन हमिल्टो में भी शामिल है। उनकी प्रसिद्धि को देखते हुए हम यह कह सकते है की रतन टाटा एक बहुप्रचलित शख्सियत हैं।

पुरस्कार –

रतन टाटा को उनकी महान उपलब्धियों के लिए कई पुरस्कार और उपाधियों से नवाजा गया , जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं –

  • रतन टाटा को येल की तरफ से नेतृत्व करने वाले सबसे प्रसिद्ध व्यक्ति का पुरस्कार।
  • सिंगापूर की नागरिकता का सम्मान।
  • टाटा परिवार के देश की प्रगति में योगदान हेतु परोपकार का कार्नेगी मैडल दिया गया।
  • साल 2000 में रतन टाटा जी को भरत सरकार की तरफ से पदम् भूषण सम्मान से नवाजा गया था।
  • सन् 2008 में, रतन टाटा को भारत सरकार ने भारत के नागरिकत्व का सबसे बड़ा पुरस्कार पद्म भूषण दिया गया।
  • इंडो-इसरायली चेम्बर ऑफ़ कॉमर्स द्वारा सन् 2010 में “बिजनेसमैन ऑफ़ दि डिकेड” का सम्मान।

रतन टाटा भारत के सबसे सफल और प्रसिद्ध बिजनेसमैन में गिने जाते है। रतन टाटा एक बेहद सिंपल और सादगी से भरीं शख्सियत हैं, जो कि दुनिया की झूठी चमक दमक में विश्वास नहीं करते। वे सालों से मुम्बई के कोलाबा जिले में एक किताबों से भरे हुए फ्लैट में अकेले रहते हैं। रतन टाटा उच्च आदर्शों वाले व्यक्ति है।

रतन टाटा मानते हैं कि व्यापार का अर्थ सिर्फ मुनाफा कमाना नहीं बल्कि समाज के प्रति अपनी जिम्मेंदारी को भी समझना है और व्यापार में सामाजिक मूल्यों का भी सामावेश होना चाहिए। रतन टाटा का हमेशा से ही यह मानना था की,

“जीवन में आगे बढ़ते रहने के लिए उतार-चढ़ाव का बड़ा ही महत्व है। यहां तक कि ई.सी.जी. (ECG) में भी सीधी लकीर का अर्थ- मृत माना जाता है।”

रतन टाटा ने हमेशा जीवन में आगे बढ़ना ही सीखा। कभी वे अपनी परिस्थितियों से नही घबराए और हर कदम पर उन्होंने अपने आप को सही साबित किया। उनके जीवन से हर किसी को प्रेरणा लेने की जरुरत है।

27 thoughts on “रतन टाटा का जीवन परिचय”

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Thank you for read such kind of famous personality…

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रतन टाटा का जीवन परिचय | Ratan Tata Biography in Hindi

रतन टाटा जीवनी, जीवन परिचय, शिक्षा, जन्‍म, पुरस्‍कार, माता, पिता, पत्‍नी, नागरिकता, जाति, करियर, कुल संपत्ति (Ratan Tata Biography in hindi, Education, Date of Birth, Family, Wife, Caste, Career, Networth)

रतन टाटा जो टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष हैं। भारतीय उद्योगपति दूरदर्शी होने के साथ-साथ एक परोपकारी व्यक्ति भी हैं यह साल 1990 से 2012 तक टाटा समूह के अध्यक्ष भी थे। रतन टाटा आज किसी पहचान के मोहताज नहीं है।

रतन टाटा को बच्चे से बूढ़े तक सब जानते हैं। रतन टाटा सभी प्रमुख कंपनियों जैसे टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाटा पावर, टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज, टाटा टी,टाटा केमिकल्स, इंडियन होटल्स और टाटा टेलीसर्विसेज के अध्यक्ष भी रहे । ये इतने दूरदर्शी से हैं कि इन्होंने घाटे में चल रही टाटा समूह की कंपनियों को कई सालों की मेहनत और अपनी दूरदर्शिता की मदद से और अपने दम से मुनाफे में पहुंचाया।

रतन टाटा बहुत ही शांत स्वभाव के व्यक्ति हैं यह थोड़े से शर्मीले स्वभाव के व्यक्ति हैं ये बहुत ही सामान्य जीवन जीने वाले व्यक्तियों में से हैं जो समाज की चमक-धमक से दूर रहते हैं।

ऐसे व्यक्ति हैं जो इतने धनवान होने के बाद भी कई सालों से मुंबई के कोलाबा जिले में एक किताबों एवं कुत्तों से भरे हुए बैचलर फ्लैट में रह रहे हैं। इससे पता चलता है इनके स्वभाव के बारे में कि इनका व्यक्तित्व कितना असामान्य और अतुल्य है। इनको अपनी जिंदगी में अपने परोपकारी कामों की वजह से अनगिनत पुरस्कार मिले हैं।

रतन टाटा का जीवन परिचय | Ratan Tata Biography in Hindi

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रतन टाटा का जीवन परिचय (Ratan Tata Biography)

नाम (Full Name)रतन टाटा
असली नाम (Real Name)रतन नवल टाटा
जन्म तारीख (Date of Birth)28 दिसंबर 1937
उम्र (Age)83 (2022 के अनुसार)
जन्म स्थान (Birth Place)सूरत, गुजरात
शिक्षा (Education)बी. एस. डिग्री संरचनात्मक इंजीनियरिंग एवं वास्तुकला में उन्नत प्रबंधन कार्यक्रम
राशि (Zodiac Sign)तुला
ग्रह नगर (Home Town)मुंबई
नागरिकता (Nationality)भारतीय
धर्म (Religion)पारसी
पेशा (Profession)टाटा समूह के रिटायर्ड अध्यक्ष
पुरस्कार (Awards)पदम भूषण, पदम विभूषण
वैवाहिक स्थिति (Marital Status)अवैवाहिक

रतन टाटा का परिवार एवं शुरुआती जीवन (Ratan Tata family & early life)

गुजरात के सूरत शहर में 28 दिसंबर 1937 को रतन टाटा का जन्म हुआ था। और उनके पिता का नाम नवल टाटा है। उनकी माता का नाम सूनू टाटा है जब रतन टाटा केवल 10 साल के थे तो इनके माता-पिता अलग हो गए थे। उसके बाद दोनों भाइयों का लालन-पालन उनकी दादी नवजबाई टाटा ने किया।

इनकी दादी बहुत दयालु थी, लेकिन अनुशासन के मामले में भी काफी सख्त थी इनका का एक सौतेला भाई भी है जिसका नाम नोएल टाटा है। बचपन में ये पियानो सीखते थे और क्रिकेट खेला करते थे।

रतन टाटा की शिक्षा (Ratan Tata Education)

रतन टाटा के शुरुआती शिक्षा मुंबई के कैंपियन स्कूल से हुई। जहां उन्होंने 8 वीं कक्षा तक शिक्षा प्राप्त की। और उसके बाद वह कैथेड्रल एंड जॉन कॉनन स्कूल में चले गए। स्कूली शिक्षा खत्म करने के बाद उन्होंने अपनी बी. एस वास्तुकला में स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग के साथ कर्नल विश्वविद्यालय से 1962 में पूरी की। इसको खत्म करने के बाद उन्होंने हावर्ड बिजनेस स्कूल में एडमिशन लिया जहां उन्होंने 1975 में एडवांस मैनेजमेंट का कोर्स कंप्लीट किया।

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रतन टाटा के करियर की शुरुआत

रतन टाटा ने भारत में वापसी करने से पहले लॉस एंजिल्स, कैलिफोर्निया में जोंस एंड येमोंस में थोड़े समय के लिए काम किया। लेकिन अपनी दादी की बिगड़ती तबीयत को देख अमेरिका में बसने का सपना छोड़कर उन्हें वापस इंडिया आना पड़ा।

भारत आने के बाद उन्होंने आईबीएम के साथ काम किया लेकिन जेआरडी टाटा को ये पसंद नहीं आया और उन्होंने रतन टाटा को टाटा ग्रुप के साथ काम करने का मौका दिया। इसके बाद से ही उनके करियर की असली नींव रखी गई।

1961 मैं उन्होंने टाटा के साथ काम करना शुरू किया। पहले कुछ शुरुआती दिनों में उन्होंने टाटा स्टील के शॉप फ्लोर पर काम किया। उसके बाद वो धीरे-धीरे टाटा ग्रुप की और कंपनियों के साथ जुड़ गए। एक समय आया जब उन्हें 1971 में राष्ट्रीय रेडियो और इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी (नेल्को) में डायरेक्टर इंचार्ज के लिए चुना गया।

रतन टाटा ने भारत के अलावा कई देशों के संगठनों में भी अपनी अहम भूमिका निभाई है। और प्रधानमंत्री की व्यापार उद्योग परिषद और राष्ट्रीय विनिर्माण प्रतिस्पर्धात्मकता परिषद के सदस्य भी हैं। इसके साथ ही वो कई कंपनियों के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर भी है।

जानिए कितने पढ़े-लिखे हैं रतन टाटा

रतन टाटा के इस पद को संभालने के बाद मानो टाटा ग्रुप की किस्मत ही बदल गई हो। ऐसा लग रहा था आसमान पर भी सिर्फ टाटा का ही नाम लिखा है। उनके कार्यकाल में टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज ने पब्लिक इशू जारी किया। जिसके बाद टाटा मोटर्स को न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टड किया गया।

1981 में उन्हें टाटा का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। उस समय कंपनी काफी घाटे में चल रही थी और बाजार में कंपनी की हिस्सेदारी सिर्फ 2% था और घटा 40% था। कुछ साल बाद रतन टाटा ने कंपनी को काफी मुनाफा पहुंचाया। इसके कुछ समय बाद उन्हें 1991 में टाटा ग्रुप का उत्तराधिकारी बनाया गया।

रतन टाटा सम्मान और पुरस्कार (Ratan Tata Awards)

  • भारत 50 में गणतंत्र दिवस समारोह 26 जनवरी 2000 पर रतन टाटा को तीसरे नागरिक अलंकरण पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
  • मई 2008 में टाटा को टाइम पत्रिका की 2008 की विश्व के सबसे प्रतिभाशाली लोगों की सूची में शामिल किया गया।
  • टाटा परिवार के देश की प्रगति में योगदान हेतु परोपकार का कार्नेगी मेडल दिया गया।
  • येल की तरफ से नेतृत्व करने वाली सबसे प्रसिद्ध व्यक्ति का पुरस्कार।
  • सिंगापुर की नागरिकता का सम्मान
  • 2009 में ब्रिटिश साम्राज्य के आदेश के मानद नाइट कमांडर
  • फ्रांस की सरकार की ओर 2016 में कमांडर ऑफ ऑनर
  • उन्हें 26 जनवरी 2008 के भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक अलंकरण पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।

रतन टाटा की कुल संपत्ति (Ratan Tata Net Worth)

अगर हम टाटा ग्रुप की सभी कंपनियों के मार्केट वैल्यू की बात करें तो एक अनुमान के हिसाब से जितनी उनकी कंपनियां हैं उनकी मार्केट वैल्यू 17 लाख करोड़ रुपए होगी। एक रिपोर्ट के मुताबिक, उनकी कुल संपत्ति 117 बिलीयन डॉलर यानी करीब 8.25 लाख करोड़ है। रतन टाटा इसमें से 65% पैसा लोगों की मदद करने के लिए दान देते हैं। यही कारण है कि वो दुनिया के अमीर व्यक्तियों में शामिल नहीं है। लेकिन लोग उन्हें दिल का बहुत अमीर मानते हैं।

रतन टाटा के बारे में कुछ रोचक जानकारियॉं

  • मैं सही निर्णय लेने में विश्वास नहीं करता। मैं निर्णय लेता हूं और फिर उन्हें सही साबित कर देता हूं।
  • अगर आप तेजी से चलना चाहते हैं तो अकेले चलिए। लेकिन अगर आप दूर तक चलना चाहते हैं तो साथ मिलकर चलिए।
  • सत्ता और धन मेरे दो प्रमुख सिद्धांत नहीं है।
  • ऐसी कई चीजें हैं, जो अगर मुझे दोबारा जीने का मौका मिले तो शायद मैं अलग ढंग से करुगा। लेकिन मैं पीछे मुड़कर यह नहीं देखना चाहूंगा कि मैं क्या नहीं कर पाया।
  • जिस दिन में उड़ान नहीं भर पाऊंगा वह मेरे लिए एक दुखद दिन होगा।

Q- रतन टाटा ने शादी क्यों नहीं की?

Ans – ऐसा कहा जाता है कि रतन टाटा को लॉस एंजिल्स से प्यार हुआ। लेकिन 1962 में भारत-चीन युद्ध के कारण बढ़े तनाव ने उन्हें शादी करने से रोक दिया।

Q- टाटा बिरला के पास कितना पैसा है?

Ans – इस समय करीबन 7,350 करोड रुपए।

Q- टाटा की स्थापना कब हुई?

Ans – 1868 में इसकी स्थापना की गई।

रतन टाटा का जन्‍म कहॉं हुआ था?

गुजरात के सूरत शहर में 28 दिसंबर 1937 को रतन टाटा का जन्म हुआ था।

रतन टाटा की उम्र कितनी हैं?

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Ratan Tata Biography in Hindi | रतन टाटा जीवन परिचय

रतन टाटा

पूरा नाम रतन नवल टाटा
उपनाम आर. एन. टी.
व्यवसाय भारतीय व्यवसायी
लम्बाई (लगभग)से० मी०-
मी०-
फीट इन्च-
वजन/भार (लगभग)
आँखों का रंग हल्का भूरा
बालों का रंग काला - सफ़ेद (धूसर)
जन्मतिथि 28 दिसंबर 1937
आयु (2017 के अनुसार)
जन्म स्थान सूरत, गुजरात, भारत
राशि मकर
राष्ट्रीयता भारतीय
गृहनगर मुंबई, भारत
स्कूल/विद्यालय • कैंपियन स्कूल, मुंबई, भारत
• कैथेड्रल और जॉन कॉनन स्कूल, मुंबई, भारत
कॉलेज/महाविद्यालय/विश्वविद्यालय• कॉर्नेल विश्वविद्यालय, इथाका, न्यूयॉर्क, सयुंक्त राज्य अमेरिका
• हार्वर्ड बिजनेस स्कूल, बोस्टन, मैसाचुसेट्स, सयुंक्त राज्य अमेरिका
शैक्षिक योग्यता • बी.एस. डिग्री संरचनात्मक इंजीनियरिंग के साथ वास्तुकला में
• उन्नत प्रबंधन कार्यक्रम
पुरस्कार/सम्मान • वर्ष 2000 में, उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
• वर्ष 2008 में, उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
• वर्ष 2016 में, उन्हें फ्रांसीसी सरकार द्वारा "Commander of the Legion of Honour" पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
: इसके अलावा उनके पास कई पुरस्कार, सम्मान और उपलब्धियां हैं।
परिवार - नवल टाटा (व्यवसायी)

- सूनी टाटा

सिमोन टाटा (सौतेली माँ)

- नोएल टाटा (सौतेला भाई)

- कोई नहीं
धर्म पारसी
शौंक/अभिरुचि चित्रकारी करना, पियानो बजाना, ड्राइविंग करना, जेट विमान उड़ाना, नौका विहार करना
विवाद • वर्ष 1997 में, इंडियन एक्सप्रेस की पत्रकार रितु सरीन के द्वारा उनका नाम एक टेप स्कैंडल में संलिप्त पाया गया।
• वर्ष 2010 में, उन्हें अपने नैनो कार के कारखाने के लिए सिंगूर, पश्चिम बंगाल में स्थानीय प्रतिरोध का सामना करना पड़ा।
पसंदीदा भोजन पारसी व्यंजन, इड़ा चटनी पेटिस, पटरानी मच्छी
पसंदीदा कार फ़रारी
पसंदीदा रंग लाल
पसंदीदा व्यवसायी जे. आर. डी. टाटा
वैवाहिक स्थिति अविवाहित
पत्नी कोई नहीं
बच्चे कोई नहीं
कार संग्रह फ़रारी कैलिफ़ोर्निया, होंडा सिविक, लैंड रोवर फ्रीलैंडर, मासेराटी क्वाट्रोपोर्ट, कैडिलैक एक्सएलआर, मर्सिडीज बेंज 500 एसएल, क्रिसलर सेब्रिंग, मर्सिडीज बेंज एस-क्लास, जगुआर एफ-टाइप, जगुआर एक्सएफ-आर
संपत्ति (लगभग)$1 बिलियन (₹6748 करोड़)

रतन टाटा

रतन टाटा से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियाँ

  • क्या रतन टाटा धूम्रपान करते हैं ?: नहीं
  • क्या रतन टाटा शराब पीते हैं ?: नहीं
  • रतन टाटा के पिता नवल टाटा को रतन जी टाटा की पत्नी नवाज़बाई टाटा ने गोद लिया था।
  • वर्ष 1940 के दशक में, जब रतन टाटा के माता-पिता अलग हो गए थे, तब उनका पालन-पोषण उनकी दादी माँ नवाज़बाई टाटा ने किया था।

रतन टाटा अपने कुत्तों के साथ

रतन टाटा अपने कुत्तों के साथ

  • वर्ष 1961 में, वह टाटा समूह में शामिल हुए और उनका सबसे पहला काम चूने के पत्थरों को तोड़ना और विस्फोटक भट्टी को संभालना था।
  • वर्ष 1991 में, वह टाटा समूह के अध्यक्ष बने, जब जे. आर. डी टाटा ने उन्हें उनके उत्तराधिकारी के रूप में नामित किया था।
  • उनकी अध्यक्षता में टाटा समूह को पुरस्कृत किया गया, जिसके चलते समूह के राजस्व में 40 गुना वृद्धि हुई और 50 प्रतिशत लाभ बढ़ा।
  • रतन टाटा के व्यवसायिक कौशल ने टाटा समूह को स्थानीय ब्रांड से एक वैश्विक समूह में बदल दिया।

रतन टाटा नैनो कार के साथ

रतन टाटा नैनो कार के साथ

  • 28 दिसंबर 2008 को, उन्होंने साइरस मिस्त्री को अपने उत्तराधिकारी के रूप में नियुक्त किया।
  • वह एक प्रशिक्षित पायलट भी हैं और 8 फरवरी 2007 को, उन्होंने एफ -16 की उड़ान भरी थी, ऐसा करने वाले वह पहले भारतीय हैं।

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जन्म: 28 दिसंबर 1937, सूरत

कैरियर/व्यवसाय/पद: टाटा संस के सेवामुक्त चेयरमैन

रतन टाटा एक प्रसिद्ध भारतीय उद्योगपति और टाटा संस के सेवामुक्त चेयरमैन हैं। वे सन 1991 से लेकर 2012 तक टाटा ग्रुप के अध्यक्ष रहे। 28 दिसंबर 2012 को उन्होंने टाटा ग्रुप के अध्यक्ष पद को छोड़ दिया परन्तु वे अभी भी टाटा समूह के चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष बने हुए हैं। वह टाटा ग्रुप के सभी प्रमुख कम्पनियों जैसे टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाटा पावर, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, टाटा टी, टाटा केमिकल्स, इंडियन होटल्स और टाटा टेलीसर्विसेज के भी अध्यक्ष थे। उनके नेतृत्व में टाटा ग्रुप ने नई  ऊंचाइयों छुआ और समूह का राजस्व भी कई गुना बढ़ा।

प्रारंभिक जीवन

रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर, 1937 को भारत के सूरत शहर में हुआ था। रतन टाटा नवल टाटा के बेटे हैं जिन्हे नवजबाई टाटा ने अपने पति रतनजी टाटा के मृत्यु के बाद गोद लिया था। जब रतन दस साल के थे और उनके छोटे भाई, जिमी, सात साल के तभी उनके माता-पिता (नवल और सोनू) मध्य 1940 के दशक में एक दुसरे से अलग हो गए। तत्पश्चात दोनों भाइयों का पालन-पोषण उनकी दादी नवजबाई टाटा द्वारा किया गया।  रतन टाटा का एक सौतेला भाई भी है जिसका नाम नोएल टाटा है।

रतन की प्रारंभिक शिक्षा मुंबई के कैंपियन स्कूल से हुई और माध्यमिक शिक्षा कैथेड्रल एंड जॉन कॉनन स्कूल से। इसके बाद उन्होंने अपना बी एस वास्तुकला में स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग के साथ कॉर्नेल विश्वविद्यालय से 1962 में पूरा किया। तत्पश्चात उन्होंने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से सन 1975 में एडवांस्ड मैनेजमेंट प्रोग्राम पूरा किया।

भारत लौटने से पहले रतन ने लॉस एंजिल्स, कैलिफोर्निया, में जोन्स और एमोंस में कुछ समय कार्य किया। उन्होंने टाटा ग्रुप के साथ अपने करियर की शुरुआत सन 1961 में की। शुरुआती दिनों में उन्होंने टाटा स्टील के शॉप फ्लोर पर कार्य किया। इसके बाद वे टाटा ग्रुप के और कंपनियों के साथ जुड़े। सन 1971 में उन्हें राष्ट्रीय रेडियो और इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी (नेल्को) में प्रभारी निदेशक नियुक्त किया गया। 1981 में उन्हें टाटा इंडस्ट्रीज का अध्यक्ष बनाया गया। सन 1991 में जेआरडी टाटा ने ग्रुप के अध्यक्ष पद को छोड़ दिया और रतन टाटा को अपना उत्तराधिकारी बनाया।

रतन के नेतृत्व में टाटा समूह ने नई ऊंचाइयों को छुआ। उनके नेतृत्व में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने पब्लिक इशू जारी किया और टाटा मोटर्स न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध किया गया। सन 1998 में टाटा मोटर्स ने पहली पूर्णतः भारतीय यात्री कार – टाटा इंडिका – को पेश किया। तत्पश्चात टाटा टी ने टेटली, टाटा मोटर्स ने ‘जैगुआर लैंड रोवर’ और टाटा स्टील ने ‘कोरस’ का अधिग्रहण किया जिससे टाटा समूह की साख भारतीय उद्योग जगत में बहुत बढ़ी। टाटा नैनो – दुनिया की सबसे सस्ती यात्री कार – भी रतन टाटा के ही सोच का ही परिणाम है।

28 दिसंबर 2012 को वे टाटा समूह के सभी कार्यकारी जिम्मेदारी से सेवानिवृत्त हुए। उनका स्थान 44 वर्षीय साइरस मिस्त्री ने लिया। हालाँकि टाटा अब सेवानिवृत्त हो गए हैं फिर भी वे काम-काज में लगे हुए हैं। अभी हाल में ही उन्होंने भारत के इ-कॉमर्स कंपनी स्नैपडील में अपना व्यक्तिगत निवेश किया है। इसके साथ-साथ उन्होंने एक और इ-कॉमर्स कंपनी अर्बन लैडर और चाइनीज़ मोबाइल कंपनी जिओमी में भी निवेश किया है।

वर्तमान में रतन, टाटा समूह के सेवानिवृत अध्यक्ष हैं। इसके साथ-साथ वह टाटा संस के 2 ट्रस्ट्स के अध्यक्ष भी बने हुए हैं।

रतन टाटा ने भारत के साथ-साथ दूसरे देशों के कई संगठनो में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। वह प्रधानमंत्री की व्यापार और उद्योग परिषद और राष्ट्रीय विनिर्माण प्रतिस्पर्धात्मकता परिषद के एक सदस्य हैं। रतन कई कम्पनियो के बोर्ड पर निदेशक भी हैं।

सम्मान और पुरस्कार

भारत सरकार ने रतन टाटा को पद्म भूषण (2000) और पद्म विभूषण (2008) द्वारा सम्मानित किया। ये सम्मान देश के तीसरे और दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान हैं। उनको मिले अन्य उल्लेखनीय पुरस्कार इस प्रकार हैं:

2015 मानद एचईसी पेरिस
2015 ऑटोमोटिव इंजीनियरिंग की मानद डॉक्टर क्लेमसन विश्वविद्यालय
2014 कानून की मानद डॉक्टर न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय, कनाडा
2014 ब्रिटिश साम्राज्य के आदेश के मानद नाइट ग्रैंड क्रॉस यूनाइटेड किंगडम
2014 सयाजी रत्न पुरस्कार बड़ौदा मैनेजमेंट एसोसिएशन
2014 व्यापार के मानद डॉक्टर सिंगापुर मैनेजमेंट यूनिवर्सिटी
2013 डॉक्टरेट की मानद उपाधि एम्स्टर्डम विश्वविद्यालय
2013 व्यापार व्यवहार के मानद डॉक्टर कार्नेगी मेलॉन विश्वविद्यालय
2013 अर्नस्ट और वर्ष का सर्वश्रेष्ठ युवा उद्यमी – लाइफटाइम अचीवमेंट अर्न्स्ट एंड यंग
2013 विदेश एसोसिएट नेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग
2012 व्यापार   डॉक्टर न्यू साउथ वेल्स विश्वविद्यालय
2012 मानद फैलो इंजीनियरिंग की रॉयल अकादमी
2010 इस साल के बिजनेस लीडर एशियाई पुरस्कार
2010 कानून की मानद डॉक्टर पेपरडाइन विश्वविद्यालय
2010 लीडरशिप अवार्ड में लीजेंड येल विश्वविद्यालय
2010 शांति पुरस्कार के लिए ओस्लो व्यापार शांति प्रतिष्ठान के लिए व्यापार
2010 हैड्रियन पुरस्कार विश्व स्मारक कोष
2010 लॉ की मानद डॉक्टर कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय
2009 इतालवी गणराज्य की मेरिट के आदेश के ‘ग्रैंड अधिकारी’ का पुरस्कार इटली की सरकार
2009 2008 के लिए इंजीनियरिंग में लाइफ टाइम योगदान पुरस्कार इंजीनियरिंग इंडियन नेशनल एकेडमी
2009 ब्रिटिश साम्राज्य के आदेश के मानद नाइट कमांडर यूनाइटेड किंगडम
2008 प्रेरित होकर लीडरशिप अवार्ड प्रदर्शन रंगमंच
2008 मानद फैलोशिप इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संस्थान
2008 मानद नागरिक पुरस्कार सिंगापुर सरकार
2008 साइंस की मानद डॉक्टर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी खड़गपुर
2008 साइंस की मानद डॉक्टर इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी मुंबई
2008 लॉ की मानद डॉक्टर कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय
2008 लीडरशिप अवार्ड लीडरशिप अवार्ड
2007 परोपकार की कार्नेगी पदक अंतर्राष्ट्रीय शांति के लिए कार्नेगी एंडोमेंट
2007 मानद फैलोशिप अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान के लंदन स्कूल
2006 जिम्मेदार पूंजीवाद पुरस्कार
2006 साइंस की मानद डॉक्टर इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी मद्रास
2005 साइंस की मानद डॉक्टर वारविक विश्वविद्यालय
2005 अंतर्राष्ट्रीय गणमान्य अचीवमेंट अवार्ड
2004 प्रौद्योगिकी के मानद डॉक्टर एशियन इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी
2004 उरुग्वे के ओरिएंटल गणराज्य की पदक उरुग्वे की सरकार
2001 बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन के मानद डॉक्टर ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी

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भारत के दानवीर उद्योगपति: रतन टाटा का जीवन परिचय | Ratan Tata Biography in Hindi

Ratan-Tata-Biography-in-Hindi

रतन टाटा का जीवन परिचय, जीवनी, परिवार (कुल संपत्ति, शिक्षा, जन्म, पुरस्कार, माता, पिता, पत्नी, नागरिकता, जाती, आयु, करियर)   Ratan Tata Biography in Hindi, Net worth, Education, age, Wife, Father, mother, awards, achievements

Ratan Tata Biography in Hindi : रतन टाटा एक बहुत बड़े मशहूर उद्योगपति है, जो टाटा ग्रुप की कंपनीयों के मालिक है। उनके टाटा ग्रुप की मार्केट में वैल्यू 17 लाख करोड़ रूपये है। रतन टाटा एक बहुत बड़े दानवीर है, जो अपनी सैलरी का 65% लोगों की मदद के लिए दान कर देते है। इसीलिए रतन टाटा बहुत सारे लोगों के लिए काफी चहेते है।

आपने रतन टाटा का नाम काफी बार सुना होगा, लेकिन आप शायद ही उनकी जीवनी के बारे में जानते होंगे। रतन टाटा का जीवन परिचय काफी अद्भुत है। अगर आप उनके जीवन के बारे में जानेंगे, तो आप हैरान हो जाएंगे। मैं आपको इस आर्टिकल में, रतन टाटा के जन्म, आयु, शिक्षा, परिवार, करियर, नेट वर्थ, और उनके उत्तराधिकारी के बारे में बताऊँगा।

विषय–सूची

रतन टाटा कौन है? (Who is Ratan Tata)

रतन टाटा भारत के सबसे प्रसिद्ध उद्योगपतियों में से एक है, जिन्हे टाटा ग्रुप के चेयरमैन के रूप में जाना जाता है। उन्होने पूरे टाटा ग्रुप को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। इन्होने 2012 में टाटा समूह के अध्यक्ष के पद को छोड़ दिया, और साथ ही सायरस मिस्त्री को टाटा समूह का उत्तराधिकारी नियुक्त किया।

रतन टाटा पिछले 50 वर्षों से टाटा समूह से जुड़े हैं, और इन्होने 21 वर्षों तक टाटा ग्रुप की अध्यक्षता संभाली। रतन टाटा पूरी दुनिया में एक नामचिन उद्योगपति है। इनको अनेक बड़ी-बड़ी उपलब्धियां भी मिली हैं, जैसे- पद्म विभूषण, भारत का तीसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार।

रतन टाटा को उनके मानवीय और परोपकारी गुणों के कारण पूरी दुनिया में पहचाना जाता है। उन्होने सामाजिक कार्यों में अपना काफी योगदान दिया है, जैसे शिक्षा में, स्वास्थ्य देखभाल में, और गरीबी उन्मूलन में आदि।

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रतन टाटा का जीवन परिचय (Gautam Adani Biography in Hindi)

रतन नवल टाटा
28 दिसंबर 1937
सूरत, गुजरात
बी.एस. डिग्री
पारसी पन्थ
पारसी
1962
रतन टाटा
पदम विभूषण, भारत का तीसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार

रतन टाटा का प्रारंभिक जीवन

रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 में गुजरात के सूरत शहर में हुआ था। इनके पिता का नाम नवल टाटा था, जिनको नवजबाई टाटा ने गोद लिया था। नवजबाई अपने पति के निधन के बाद अकेली हो गयी थी, इसलिए उन्होने रतन टाटा को गोद लिया था।

रतन टाटा और उनके छोटे भाई जिमी टाटा जब छोटे थे, तो उनके माता पिता 1940 में एक-दूसरे से अलग हो गए, इसलिए दोनों भाईयों को भी अलग होना पड़ा। हालांकि उनकी दादी नवजबाई ने दोनों पोतो का पालन-पोषण काफी अच्छे से किया।

इनके माता -पिता का निधन हो चुका है, इसलिए उन्हे अपने माता पिता का ज्यादा प्यार नही मिला। उनके दो भाई हैं, जिमी टाटा और नोएल टाटा, लेकिन नोएल टाटा उनके सौतेले भाई है। उन्हे बचपन से ही पियानों सीखने का और क्रिकेट खेलने का काफी शौक था।

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रतन टाटा का परिवार

रतन टाटा का जन्म एक निजी परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम नवल टाटा है, जो एक सफल व्यवसायी थे, और उनकी माता का नाम सूनी टाटा है, जो एक गृहिणी थीं। उनकी छोटी उम्र में उनेक माता-पिता का निधन हो गया था।

उनके दादा का नाम श्री जमशेदजी टाटा है, जिन्होने टाटा कंपनी की शुरुआत की थी। उनकी एक सौतेली मां भी थी, जिनका नाम सिमोन टाटा था। उनकी अधिकतर देखभाल उनकी दादी नवजबाई ने की थी।

उनका एक छोटा भाई है, जिनका नाम जिमी टाटा है। वे भी एक कुशल उद्यमी है, जिन्होने कई बिज़नेश शुरू किए, जैसे- टाटा डोकोमो, टाटा हाउसिंग डेवलपमेंट और टाटा टेलिसर्विसेज। इसके अलावा उनका एक सौतेला भाई भी है, जिनका नाम नोएल टाटा है। वे एक कला संग्रहकर्ता और परोपकारी है।

आपको यह जानकर बहुत ज्यादा हैरानी होगी कि रतन टाटा ने अभी तक शादी नही की है। अब क्यो नही की, इसका सही जवाब हमें अभी तक नही पता है। इसके अलावा रतन टाटा के परिवार के अन्य सदस्तों के बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नही है।

पिता का नामनवल टाटा
माता का नामसोनू टाटा
दादा का नामश्री जमशेदजी टाटा
भाई का नामजिमी टाटा और नोएल टाटा

रतन टाटा की शिक्षा (Education)

रतन टाटा ने अपनी शुरुआती पढ़ाई मुंबई के कैथेड्रल और जॉन केनन स्कूल से प्राप्त की। इसके बाद वे 1955 में स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन डिग्री के लिए लंदन के इंपीरियल कॉलेज में चले गए। इसके बाद उन्होने 1975 में हावर्ड विश्वविद्यालय से एमबीए की डिग्री प्राप्त की।

इस कोर्स को करने के बाद उन्हे एक फैमश आईबीएम कंपनी से जॉब का ऑफर मिला, लेकिन उन्होने मना कर दिया और टाटा समूह में शामिल हो गए, जहां उन्होने विभिन्न पदों पर काम किया, जैसे-टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज।

आज रतन टाटा भारत के एक बहुत बड़े और सफल बिज़नेसमैन है।

रतन टाटा के करियर की शुरुआत

रतन टाटा का करियर काफी प्रेरणादायक है, क्योंकि उन्होने एक छोटे से व्यवसाय से शुरुआत करके, टाटा समूह को विश्व प्रसिद्ध कंपनी बना दिया। उन्होने अपने करियर की शुरुआत 1962 में टाटा समूह में एक प्रबंधक के रूप में की। उन्होने विभिन्न पदों पर कार्य किया, जैसे- टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज।

इसके बाद 1991 में, रतन टाटा को टाटा समूह का अध्यक्ष बना दिया गया। उन्होने टाटा समूह को विश्व प्रसिद्ध कंपनी बना दी। उन्होने अपने करियर में अनेक तरह की उपलब्धियां और पुरस्कार प्राप्त किए, जिसमें पद्मभूषण भी शामिल है।

रतन टाटा पूरे टाटा ग्रुप के चेयरमैन भी बने, जिसमें अनेक कंपनीयां शामिल हैं- जैसे टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाटा पावर, टाटा कंसल्टेंसी सर्विस आदि। सभी जिम्मेदारियों को अच्छे से निभाने के बाद उन्होने 28 दिसंबर 2012 को टाटा समूह की अक्ष्यता से रिटायरमेंट ले लिया। हालांकि अभी भी वे टाटा समूह के कामकाज में लगे हुए हैं।

इन्हें भी पढ़ें-

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  • स्टारबक्स CEO लक्ष्मण नरसिम्हन का जीवन परिचय

रतन टाटा के अवार्ड्स (Ratan Tata Awards & Achievements)

रतन टाटा एक बिज़नेसमैन के साथ-साथ एक परोपकारी इंसान भी है। इस वजह से उन्हे अनेक तरह की उपलब्धियां और पुरस्कार मिले हैं। ये पुरस्कार निम्नलिखित हैं-

  • पद्म विभूषण (2000) – भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक के रूप में
  • पद्म भूषण (2000) – भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक के रूप में
  • असम बाइभव (2021) – असम का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार
  • ऑर्डर ऑफ ऑस्ट्रेलिया (2023) – ऑस्ट्रेलिया का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार
  • 2014 में ब्रिटेन का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार
  • टाइम ऑफ पत्रिका ने “दुनिया के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों” में से एक रतन टाटा को शामिल किया।
  • रतन टाटा फोर्ब्स पत्रिका में भी दुनिया के 50 सबसे शक्तिशाली लोगों में शामिल हुए।

इसके अलावा भी रतन टाटा को और बहुत सारी उपलब्धियां और पुरस्कार मिल हैं।

रतन टाटा की नेटवर्थ (Ratan Tata Net worth)

रतन टाटा की कुल संपत्ति लगभग 3800 करोड़ रूपये है। और उनकी अधिकांश संपत्ति टाटा संस के स्वामित्व से आती है। इसके अलावा उन्होने विभिन्न स्टार्टअप्स और प्रोद्योगिकी कंपनीयों में निवेश भी किया है। रतन टाटा काफी बड़े दानवीर है, जो अपनी कमाई का 65% हिस्सा दान करते हैं।

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रतन टाटा ने शादी क्यों नही की?

कुछ रिपोर्ट में बताया गया है कि रतन टाटा को लॉस एंजिल्स से प्यार हुआ था, लेकिन 1962 में भारत-चीन युद्ध के बढ़ते तनाव की वजह से वे शादी नही कर पाए।

टाटा कंपनी की स्थापना कब व किसने की?

टाटा कंपनी की शुरुआत 28 मई, 1868 में रतन टाटा के दादा जमशेदजी टाटा ने की थी।

रतन टाटा दुनिया के अमीर लोगों की लिस्ट में क्यो नही है?

रतन टाटा अमीर लोगों की लिस्ट में इसलिए नही है, क्योंकि वे अपनी कमाई का 65% हिस्सा लोगों की भलाई में लगा देते है।

रतन टाटा का जीवन परिचय काफी प्रेरणादायक है, जो केवल भारत में ही नही बल्कि पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। उन्होने अपने व्यवसाय को सामाजिक जिम्मेदारियों के साथ जोड़ा, और काफी लोगों की उन्होने मदद भी की। वे एक अच्छे बिज़नेसमैने के साथ-साथ एक परोपकारी इंसान भी है, जो सामाजिक कार्यों में अपना समर्थन देते हैं, जैसे- शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, और गरीबी उन्मूलन।

मुझे उम्मीद है कि इस आर्टिकल की मदद से आपको Ratan Tata Biography in Hindi में काफी कुछ जानने के लिए मिला होगा।

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रतन टाटा का जीवन परिचय – Ratan Tata biography in Hindi language

दिल के सबसे अमीर आदमी श्रीमान रतन टाटा को आप सभी जानते ही होंगे. रतन टाटा का जीवन परिचय – Ratan Tata biography in Hindi language में हम आपको रतन टाटा के बारें में सम्पूर्ण जानकारी देंगे.

रतन टाटा देश के सबसे सफल बिजनेसमैन में से एक हैं. इसीलिए सर रतन टाटा को भारतीय कॉरपोरेट जगत का बादशाह भी कहा जाता हैं.

रतन टाटा का जीवन परिचय – Ratan Tata biography in Hindi

रतन टाटा का जीवन परिचय - Ratan Tata biography in Hindi language

सर रतन टाटा बिज़नेस में दया और सहानुभूति को प्राथमिकता देते हैं. इनकी यह खूबी उनको सबसे अलग बनाती हैं.

रतन टाटा की इस बायोग्राफी में हम आपको रतन टाटा(about ratan tata in hindi) के पूरे जीवन का दर्शन करवाएंगे.

इसके साथ उनके महत्वपूर्ण किस्से भी बताएँगे और हम आपको यह भी बताएँगे कि रतन टाटा ने सादी क्यों नहीं की?

“आपको जानकर आश्चर्य होगा कि अगर रतन टाटा के ट्रस्ट की सम्पति को उनके नेट वर्थ के साथ जोड़ दिया जाये तो वे विश्व के सबसे अमीर इंसान होंगे.”

रतन टाटा का जन्म और परिवार

r atan tata life story in hindi : टाटा संस के सबसे सम्मानित और रीटायर उद्योगपति रतन टाटा का जन्म 28 दिसम्बर 1937 को मुंबई में हुआ. सर रतन टाटा का पूरा नाम श्रीमान रतन नवल टाटा हैं. रतन टाटा के पिताजी का नाम नवल टाटा और माता का नाम सोनू हैं.

सर रतन टाटा बहुत ज्यादा समय तक अपने माता पिता के साथ नहीं रहे. 1948 में माता सोनू और पिता नवल टाटा अलग हो चुके थे. इसके बाद नवल टाटा ने दूसरी सादी कर ली. कुछ समय बाद रतन टाटा का दूसरा भाई हुआ. रतन टाटा के भाई का नाम नोएल टाटा हैं.

माता पिता के अलग होने के बाद रतन टाटा अपनी दादी के साथ रहने लगे.  रतन टाटा कि परवरिश उनकी दादी नवाज बाई टाटा कि देखरेख में हुई.

सर रतन टाटा को उनकी दादी से बहुत लगाव था और वे उनको बहुत मानते थे. रतन टाटा अपनी दादी की सीख को अपना मूल्य मानते थे.

रतन टाटा की शिक्षा

ratan tata education qualification : सर रतन टाटा की शुरूआती शिक्षा मुंबई में ही हुई. आगे की पढाई के लिए वे अमेरिका चले गए. स्नातक के लिए कॉर्नेल विश्वविद्यालय में एडमिशन लिया. इसके बाद वे हॉवर्ड बिज़नस स्कूल गए.

रतन टाटा का करियर(success story of ratan tata in hindi)

Tata history in hindi: कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से पढाई पूरी करने के बाद रतन टाटा ने लोस एन्जोलिस में दो साल तक एक आर्किटेक्चर फर्म में काम करते रहे.

भारत आने के बाद 1962 में  टाटा स्टील डिवीज़न के साथ अपना करियर शुरू किया. 1971 में रतन टाटा को नेशनल रेडियो एंड इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी लिमिटेड के डायरेक्टर के पद के लिए चुने गए थे. 1991 में जे आर डी टाटा के रिटायर होने पर रतन टाटा को टाटा संस के चेयरमैन के रूप में नामित किया गया था.

इसके बाद सर रतन टाटा ने टाटा नैनो, टाटा इंडिका कारों को लांच किया. 28 दिसम्बर 2012 को रतन टाटा ने अपने 75 वें जन्मदिन पर अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया.

1991 में 5 बिलियन डॉलर कमाने वाली कंपनी ने  2016 में 103 बिलियन डॉलर कमायें. रतन टाटा के कार्यकाल में टाटा संस का मुनाफ़ा 50 फीसदी से अधिक बढ़ गया हैं.

टाटा संस के चेयरमैन के तौर पर रतन टाटा तीस कंपनियो के मालिक हैं. वर्तमान में टाटा संस के चेयरमैन नागराजन चन्द्र शेखरन हैं.

रतन टाटा की प्रेम कहानी

कुछ लोग यह नहीं जानते की रतन टाटा ने सादी क्यों नहीं की? कुछ लोगो का यह सवाल भी हो सकता है कि क्या रतन टाटा की कोई प्रेम कहानी हैं? हाँ! रतन टाटा कि एक प्रेम कहानी हैं. कुछ समय पहले तक यह एक इतिहास था, लेकिन एक इंटरव्यू में रतन टाटा ने अपने इतिहास (ratan tata history in hindi) के परदे को उजागर किया.

जब रतन टाटा ने अपनी स्नातक पूरी की तब उनको लोस एन्जोलिस में एक आर्किटेक्चर फर्म में एक नौकरी मिली. उनके पास खुद की कार थी. सब कुछ अच्छा चल रहा था. लेकिन रतन टाटा को अपनी बीमार दादी को देखने के लिए कुछ समय के लिए भारत जाना था.

रतन टाटा ने अपनी प्रेमिका से वादा कर कि वे केवल उनसे ही सादी करेंगे, भारत चले आये. तभी 1962 में भारत और चीन की जंग छिड़ गई.

भारत चीन की जंग से रतन टाटा जल्दी लोस एन्जोलिस नहीं लौट पाए. दूसरी तरफ रतन टाटा की प्रेमिका के माता पिता ने इस जंग को मुद्दा बनाते हुए इस रिश्ते को ठुकरा दिया और उसकी सादी किसी और के साथ करवा दी.

रतन टाटा अपने वचन पर अडिग रहे और आज तक सादी नहीं की. यही थी रतन टाटा की प्रेम कहानी और यही कारण था कि रतन टाटा ने आज तक सादी क्यों नहीं की.

रतन टाटा की कुल सम्पति

Ratan Tata net worth : टाटा चैरिटेबल ट्रस्ट भारत के इतिहास का सबसे बड़ा ट्रस्ट है. रतन टाटा अपनी कुल सम्पति का 65% हिस्सा यहाँ पर लगा देते है. इसलिए अमीरों की सूची में उनकी रैंक गिर जाती हैं.

अगर इस 65% को टाटा की मूल सम्पति में गिना जाए तो रतन टाटा वर्ल्ड के सबसे अमीर इन्सांन होंगे. 2016 में इसकी सुचना फ़ोर्ब्स पत्रिका में दी गयी थी.

टाटा स्टील, टीसीएस, टाटा पॉवर, इंडियन होटल्स सहित 30 कंपनियों के मालिक हैं. 2021 के आंकड़ों के अनुसार रतन टाटा की कुल सम्पति 1 बिलियन डॉलर हैं.

रतन टाटा ‘रतन टाटा हाउस’ मुंबई में रहते हैं. उन्होंने यह लक्ज़री हाउस 2015 में खरीदा था. रतन टाटा हाउस की कीमत लभग 150 करोड़ है. इसके अलावा रतन टाटा कई सम्पतियों के मालिक हैं.

रतन टाटा की औसत आय/निवेश:

रतन टाटा नेट वर्थ7416 करोड़ रुपये(1 बिलियन)
औसत वार्षिक आय820 करोड़ रुपये
व्यक्तिगत निवेश5248 करोड़ रुपये
लग्जरी कारें19 करोड़ रूपये
मासिक आय90 करोड़ रूपये
लास्ट अपडेटअगस्त 2021

रतन टाटा कार कलेक्शन

रतन टाटा के पास दुनिया की कुछ बेहतरीन कारें हैं. रतन टाटा अधिकतर अपने खुद के ब्रांड की ही कारे उपयोग में लाते हैं, लेकिन उनके पास कुछ दूसरी कारें भी हैं. रतन टाटा के पास लगभग 19 करोड़ की कारें हैं.

मर्सिडीजMercedes-Benz SL500, Mercedes Benz E-Class W124
फरारीFerrari California
हौंडाHonda Civic
लैंड रोवरLand Rover Freelander
टाटाTata Nano, Tata Nexon, Tata Indigo Marina
CadillacCadillac XLR
जेगुआरJaguar F-Type S
ब्यूक सुपर 8Buick Skylark

रतन टाटा के सम्मान और पुरस्कार

सर रतन टाटा को भारत सरकार ने 2000 पदम् भूषण और 2008 को पदम् विभूषण से सम्मानित किया हैं. इसके अलावा रतन टाटा को देश और विदेश के विभिन्न संघठनो द्वारा 40 से अधिक अवार्ड्स मिल चुके हैं.

रतन टाटा की महानता(एक परोपकारी के रूप में)

ratan tata story in hindi: शिक्षा, चिकित्सा और ग्रामीण विकास के लिए रतन टाटा एक प्रमुख परोपकारी व्यक्ति हैं. रतन टाटा अपनी नेट वर्थ का 65% से अधिक शेयर चैरिटेबल ट्रस्टों में निवेश करते हैं. वर्तमान में टाटा ग्रुप के नाम से अनेक ट्रस्ट चल रहे हैं. टाटा ट्रस्ट सबसे बड़ा और पुराना ट्रस्ट हैं.

भारत के अलावा रतन टाटा विदेशों में भी आर्थिक सहयोग करते हैं. 2010, अमेरिका की हार्वर्ड बिजनेस स्कूल में एक सेंटर के निर्माण के लिए 50 मिलियन डॉलर का आर्थिक दान दिया.

2014 में, टाटा ग्रुप ने आईआईटी, बॉम्बे को 95 करोड़ रूपये दिए. कोविड महामारी के दौरान रतन टाटा ने 1500 करोड़ का दान किया. इसके किस्से आपने सोशल मीडिया पर जरूर सुने होंगे.

रतन टाटा के जीवन से जुड़े प्रेरणात्मक किस्से (success story of ratan tata in hindi)

यहं पर रतन टाटा के जीवन से जुड़े कुछ प्रेरणात्मक किस्से हैं, जो रतन टाटा की महानता को तो साबित करते ही हैं, साथ में हमको एक उदारता, सदाचारी अच्छे लीडर बनने का सन्देश भी देते हैं.

  • रतन टाटा ने अपने करियर की शुरुआत ब्लू कॉलर कर्मचारी के रूप में की थी. नेशनल रेडियो एंड इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी लिमिटेड (NELCO) के चेयरमैन चुने जाने से पहले इस कंपनी का राजस्व काफी गिर चूका था. लेकिन रतन टाटा ने न केवल इस कंपनी का उद्वार किया बल्कि इसको वापिस मुनाफे में भी लेकर आये.
  • 1998 में टाटा इंडिका लांच हुई थी. शुरू शुरू में टाटा इंडिका के बेहतर प्रदर्शन नहीं होने पर रतन टाटा को सलाह मिली कि टाटा इंडिका को फोर्ड के हाथ बेच दे. 1999 में रतन टाटा अपनी टीम सहित इंडिका को बेचने के लिए फोर्ड(अमेरिका) के पास पहुंचे.
  • फोर्ड ने इस विषय को लेकर इंडिका कंपनी की बेइज्जती कर दी. रतन टाटा अपनी टीम सहित, किसी नतीजे पर पहुँचने से पहले वापस भारत लौट आये.
  • इसके बाद रतन टाटा ने उस कंपनी को बेचने का प्लान कैंसिल कर दिया और उसको सफल बनाया.
  • 2008 की आर्थिक मंदी में फोर्ड की सेल्स 50,000 यूनिट से नीचे पहुँच चुकी थी. और कंपनी दिवालियापन की स्थिति पर पहुँच गई थी.
  • 2008 में टाटा मोटर्स ने फोर्ड खरीद कर जेगुआर लैंड रोवर को उदारता दिखाई.
  • एक बार नेल्को के सीनियर ऑफिसर्स की टीम मुंबई से नासिक कि तरफ जा रही थी. आधे रास्ते में उनकी कार का एक टायर सपाट हो गया था.
  • गाड़ी में सवाल सभी ऑफिसर्स नीचे उतर गए और ब्रेक का आनंद लेने के लिए एक तरफ चले गए और सिगरेट जलाकर टाइम पास करने लगे.
  • कुछ देर बाद उन्होंने महसूस किया कि रतन टाटा उनके साथ नहीं है. उनको लगा शायद कहीं चाय पिने या किसी से बात करने के लिए कही रुक गए होंगे.
  • लेकिन जब उन्होंने देखा कि रतन टाटा ने अपने दोनों हाथों कि बाहे ऊपर कर रखी हैं, और टाई को गले से कंधे पर डाल रखी हैं. माथे से पसीने की बूंदे टपक रही है, और हलकी मुस्कान के साथ जैक से स्पैनर को घुमा रहे हैं.ये घटना उन सभी मित्रो के लिए प्रेरणा की मास्टर क्लास थी, जो उस वक्त रतन टाटा के साथ यात्रा कर रहे थे.
  • टाटा सूमो कार का नाम तो आपने जरूर सुना होगा. मार्किट में इसकी बिक्री भी जमकर हुई थी. क्या आपको पता हैं सुमा का अर्थ क्या हैं? सूमो उनके पूर्व एमडी का शोर्ट नाम हैं. पूर्व एमडी सुमंत मुलगावकर के नाम पर ‘सूमो’ एक कार का नाम रख दिया. यह कार मार्किट में खूब जमकर चली और टाटा के लिए लकी रही.
  • एक बार टाटा अपने किसी फेक्ट्री में काम करने वाले मजदूर के घर चले गए जो कि पिछले दो वर्षों से बीमार चल रहा था. रतन टाटा ने न केवल उसके इलाज के लिए पैसे दिए बल्कि उसके सम्पूर्ण परिवार की जिम्मेदारी उठाई.
  • 26/11 मुंबई के हमले में टाटा ग्रुप के कर्मचारियों को काफी नुकसान खेलना पड़ा था. रतन टाटा ने अपने कर्मचारियों के घर घर जाकर उनको हर संभव सहायता की. मात्र 20 दिनों के अन्दर मुआवजा राशि प्रदान करवाई. इतना ही नहीं जो लोग उनकी कंपनी में काम नहीं करते थे, उन लोगो कि भी रतन टाटा ने आर्थिक सहायता की. जिन लोगो की हाथ गाड़ियाँ चली गयी उनको वापस नए ठेले प्रदान किये. और आतंक से पीड़ित 46 बच्चों की शिक्षा का जिम्मा उठाया.
  • इसके अलावा पुलिस, रेलवे कर्मचारी, यात्री जिनका टाटा से कोई लेना देना नहीं, उन लोगों को भी टाटा ने छ महीने के लिए 10 10 हज़ार देने का वादा किया.
  • 26/11के हमले में ही अपनी ताजमहल होटल के पास के एक वेंडर की पोती को चार गोली लग गई थी. रतन टाटा ने उस लड़की को मुंबई के बड़े हॉस्पिटल में भर्ती करवाया और लाखो रूपये खर्च कर उस लड़की को ठीक करवाया.

One comment

आपने जो भी अपने इस ब्लॉग में रतन टाटा जी के बारे में बताया है। वह मुझे बहुत अच्छा लगा है। रतन टाटा हमारे देश के अनमोल रतन है। मैं आपके माध्यम से रतन टाटा जी के बारे में और भी बहुत कुछ जानना चाहता हूं। आप अगर अपने इस ब्लॉग के माध्यम से मुझे और भी रतन टाटा जी के बारे में जानकारी दें। तो मैं बहुत आपका आभारी रहूंगा

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रतन टाटा का जीवन परिचय | Ratan Tata Biography in Hindi

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Ratan Tata Biography in Hindi – भारत ने सबसे बड़े उद्योगपतियों में से एक रतन टाटा जी का पूरा जीवन अपने आप मे हर युवा के लिए एक प्रेरणा है। आज रतन टाटा का जीवन परिचय ( Ratan Tata Biography in Hindi) में हम आपको इनकी जीवन गाथा बताने वाले हैं हम जानेंगे कि कैसे एक बच्चा जिसे बचपन मे ही अपने माता पिता के प्यार से महरूम रहना पड़ा, वह देश का इतना बड़ा उद्योगपति बना। तो चलिए शुरू करते हैं।

Ratan Tata Biography in Hindi

रतन टाटा का जीवन परिचय (Ratan Tata Biography in Hindi)

नाम (Name) रतन टाटा (Ratan Tata)
पूरा नाम (Full Name) रतन नवल टाटा
जन्म तारीख (Date Of Birth) 28 दिसंबर 1937
जन्मदिन (Ratan Tata Birthday) 28 दिसंबर
उम्र (Ratan Tata Age) 84 वर्ष (2023)
जन्म स्थान (Place) सूरत, गुजरात
शिक्षा (Education ) बी.एस. डिग्री संरनात्मक इंजीनियरिंग एवं वास्तुकला में उन्नत प्रबंधन कार्यक्रम
स्कूल (School) कैंपियन स्कूल और कैथेड्रल और जॉन कॉनन स्कूल, मुंबई
कॉलेज (Collage) कॉर्नेल विश्वविधालय,
हार्वर्ड विश्वविधालय
होम टाउन (Hometown) मुंबई
व्यवसाय  (Business) टाटा समूह के रिटायर्ड अध्यक्ष
अवार्ड (Award) पद्म भूषण, पद्म विभूषण
नागरिकता (Nationality) भारतीय
राशि (Zodiac Sign) तुला राशि
धर्म (Religion) पारसी
वैवाहिक स्थिति (Marital Status) अवैवाहिक
कुल संपत्ति (Ratan Tata Net Worth) 3800 करोड़

Table of Contents

प्रारंभिक जीवन और परिवार (Ratan Tata Birth, Age, Family, and Education)

टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष रतन टाटा है। 28 दिसंबर 1937 को रतन टाटा का जन्म सूरत गुजरात में हुआ था। रतन टाटा के फादर का नाम नवल टाटा है तथा इनकी मदर का नाम सोनू टाटा है। इसके साथ ही आपको बता दूं इनके दादा जी का नाम श्री जमशेदजी टाटा है।

इन सब के अलावा इनके परिवार में इनकी एक सौतेली मां भी थी। कहने का तात्पर्य यह है कि रतन टाटा के पिता नवल टाटा ने दूसरी शादी सिमोन टाटा से किया था और सिमोन टाटा का एक बेटा भी है जिसका नाम नोएल टाटा है। लेकिन खुश हाल जीवन में एक मोड़ ऐसा आया जब रतन के माता पिता दोनो डिवोर्स लेकर अलग अलग रहने लगे।

उस समय रतन टाटा की आयु महज 10 वर्ष ही थीं। उस उम्र में उन्हें माता पिता की सख्त जरूरत थी और इस जरूरत को रतन टाटा की दादी जिनका नाम नवजबाई टाटा है इन्होंने ही दोनों भाइयों का लालन पालन काफी अच्छी तरह से किया। बताया जाता है कि नवजबाई टाटा काफी दयालु किस्म की इंसान थी। लेकिन जब अनुशासन की बात आती तो ये काफी कठोर बन जाती है।

रतन टाटा की शिक्षा (Ratan Tata Education)

यदि हम रतन टाटा की शिक्षा की बात करें तो इन्होंने कैपियन नाम के स्कूल से अपनी पढ़ाई की शुरुआत किया और इसके साथ ही उन्होने कार्निल यूनिवर्सिटी जो की लंदन में है वहां से आर्किटेक्चर एंड स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग की ग्रेजुएट की डिग्री भी हासिल किया है  और उसके बाद फिर उन्होंने हार्वड हाई स्कूल से एडवांस मैनेजमेंट प्रोग्राम कोर्स को भी पूरा किया।

यही नहीं रतन टाटा को प्रतिष्टित कंपनी IBM से जॉब  का अच्छा खासा ऑफर भी प्राप्त हुआ था, लेकिन रतन टाटा ने उस ऑफर को एक्सेप्ट नहीं किया और अपने पुश्तैनी व्यवसाय को ही आगे बढ़ाने का निर्णय लिया। वैसे देखा जाए तो उनका यह निर्णय काफी हद तक बेहतर भी साबित हुआ।

रतन टाटा के पसंदीदा चीजें (Ratan Tata favorite) 

तो चलिए अब जानते हैं की आखिर रतन टाटा के पसंदीदा चीजें कौन कौन सी थी :-

पसंदीदा खाना इड़ा चटनी पेटिस, पारसी व्यंजन, पटरानी मच्छी
पसंदीदा व्यवसायी J.R.D TATA
पसंदीदा कलर Red
पसंदीदा कार फरारी

रतन टाटा की शादी और पत्नी ( Ratan Tata Wife )

वैवाहिक स्थिति कैसी थी इनकी शादी नही हुई थी।
रतन टाटा की शादी यानी की विवाह हुआ था या नहीं रतन टाटा की पत्नी नहीं थी।
इनका कोई बच्चा था (Ratan Tata Son) इनका कोई बच्चा नहीं था।

रतन टाटा का करियर (Ratan Tata Career )

जानकारी के मुताबिक साल 1955 से लेकर साल 1962 तक रतन टाटा अमेरिका में रहते थे यही कारण है कि वे अमेरिका से काफी ज्यादा प्रभावित भी हुए थे।  रतन टाटा जब अमेरिका रहते थे तो उन्हें कैलिफोर्निया और वेस्ट कोस्ट के रहन सहन इतना पसंद आ जाते हैं की उन्होंने लॉस एंजिल्स में ही रहने का अपना पूरा निर्णय ले लिया था।

लेकिन किस्मत को ये मंज़ूर नहीं था और कुछ वक्त के पश्चात ही उनकी दादी जिनका नाम नवाजबाई था उनकी तबियत अचानक से काफी ज्यादा खराब होने लगी जिसकी वजह से ही उन्हें अमरीका में रहने का निर्णय को बदलना पड़ा और वे भारत आ गए। जब रतन टाटा इंडिया वापस आए तब उनके पास केवल IBM की नौकरी थी। परंतु देखा जाए तो JRD टाटा को इनकी वापसी की थोड़ी भी खुशी नहीं थी।

JRD टाटा ने वर्ष 1962 में रतन टाटा को Tata Group की कंपनी में कार्य करने की ऑफर किया है और इस प्रकार देखा जाए तो रतन टाटा का टाटा ग्रुप से जुड़े। एक रिपोर्ट के अनुसार देश के सबसे बड़े टाटा ग्रुप में शामिल होने के पश्चात उन्होंने स्टार्टिंग के दिन में रतन टाटा ने टाटा स्टील के शॉप फ्लोर पर कार्य किया है।

रतन टाटा  सम्मान और पुरस्कार (Ratan Tata Awards  Achievements )

दोस्तों जैसा कि मैंने आपको पहले भी जानकारी दिया है रतन टाटा को सन 2000 में पद्म भूषण और साल 2008 में इन्हें पद्म विभूषण जैसे बड़े बड़े अवार्ड्स भारत सरकार के माध्यम से प्रदान किया गया।

2000 पद्म भूषण भारत सरकार द्वारा
2008 पद्म विभूषण भारत सरकार द्वारा
2001 बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन के मानद डॉक्टर ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी
2004 उरुग्वे के ओरिएंटल गणराज्य की पदक उरुग्वे सरकार
2004 प्रौद्योगिकी के मानद डॉक्टर एशियन इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी
2005 साइंस की मानद डॉक्टर वारविक विश्वविद्यालय
2006 साइंस की मानद डॉक्टर इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी मद्रास
2007 मानद फैलोशिप अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान के लंदन स्कूल
2007 परोपकार की कार्नेगी पदक अंतर्राष्ट्रीय शांति के लिए कार्नेगी एंडोमेंट
2008 लॉ की मानद डॉक्टर कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय
2008 साइंस की मानद डॉक्टर इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी मुंबई
2008 साइंस की मानद डॉक्टर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी खड़गपुर
2008 मानद फैलोशिप इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संस्थान
2009 ब्रिटिश साम्राज्य के आदेश के मानद नाइट कमांडर यूनाइटेड किंगडम
2009 इतालवी गणराज्य की मेरिट के आदेश के ‘ग्रैंड अधिकारी’ का पुरस्कार इटली सरकार
2010 लॉ की मानद डॉक्टर कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय
2010 लॉ के मानद डॉक्टर पेप्परडाइन यूनिवर्सिटी
2012 बिजनेस के मानद डॉक्टर न्यू साउथ वेल्स यूनिवर्सिटी
2013 बिजनेस प्रैक्टिस के मानद डॉक्टर कार्नेगी मेलन यूनिवर्सिटी
2014 सयाजी रत्न पुरस्कार बड़ौदा प्रबंधन संघ
2014 लॉ की मानद डॉक्टर यॉर्क यूनिवर्सिटी, कनाडा
2021 असम बैभव असम सरकार द्वारा

रतन टाटा की प्रेम कथा (Ratan Tata Love Life)

मैंने आपको पहले ये बताया है कि रतन टाटा ने शादी नहीं किया था लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर शादी न करने की वजह क्या है। कहने का तात्पर्य यह है कि रतन टाटा ने शादी क्यों नहीं की इसका मुख्य कारण क्या था। तो चलिए अब हम आपको इसके मुख्य वजह के बारे में जानकारी देंगे जिसे जानकारी आप काफी चौक जायेंगे।

जानकारी के मुताबिक शादी न करने की मुख्य वजह थी प्रेम। हालांकि, कई लोगों को यह शक था लेकिन प्रेम कहानी की ऑफिशियल तौर पर कोई पुष्टि नहीं कही किया गया था परंतु हाल ही में इस बात का खुलासा खुद रतन टाटा ने ही कर दिया।

रतन टाटा ने जब अपनी ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त कर ली तब लॉस एंजेलिस की एक कंपनी में रतन टाटा की एक आर्किटेक्चर फर्म में जॉब लग गई। उस दौर में रतन टाटा के पास उनकी खुद की कार मौजूद थी। उनके जीवन में उस समय सब कुछ बेहतर चल रहा था। मगर मैने आपको ऊपर भी बताया है की उनकी दादी की बीमारी की वजह से उन्हें वहां की नौकरी छोड़नी पड़ी और भारत वापस आना पड़ा।

रतन टाटा ने अपनी जीवनी कथा में यह भी बताया की जब उन्हें भारत आना था तब वे एक लड़की से प्रेम करते थे और वे भारत आने से पहले उस प्रेमिका को यह प्रोमिस किया की वे केवल उनसे ही प्रेम करते है और शादी भी उन्ही से करेंगे। ये कह कर रतन टाटा भारत आए थे। उसके कुछ वक्त बाद साल 1962 में भारत और चीन में युद्ध छिड़ गई।

भारत और चीन में युद्ध छिड़ जाने के वजह से रतन टाटा समय रहते लॉस एंजेलिस नहीं पहुंच पाए। जिसकी वजह से जिस प्रेमिका से वे शादी करना चाहते थे उसके माता पिता ने इस युद्ध का कारण देते हुए इनके रिश्ते को नहीं माना और प्रेमिका का विवाह किसी और के साथ कर दिया गया।

यही वजह है कि आज भी रतन टाटा अपने वादे को पूरी ईमानदारी के साथ निभा रहे हैं और आज तक शादी नहीं किया। रतन टाटा ने शादी क्यों नहीं किया इसके पीछे का कारण बस यही था। वैसे रतन टाटा की काफी दिलचस्प प्रेम कथा थी।

रतन टाटा का सपना टाटा नैनो (Ratan Tata Dream Nano Car)

भारत में सबसे सस्ती और किफायती कार को लॉन्च करना ही रतन टाटा का सपना था। विस्तार से जाने तो रतन टाटा भारत के नागरिकों के लिए सबसे सस्ती, बेहतरीन और किफायती गाड़ी को बाजार में पेश करना चाहते थे और उन्होंने अपने इस सपने को जल्द ही साकार करके दुनिया को अपनी काबलियत को साबित भी किया।

टाटा मोटर्स के द्वारा साल 2008 में सबसे किफायती कार नैनों कार को भारत के बाजारों में लॉन्च किया गया। यदि हम इस कार की कीमत की चर्चा करें, तो इस कार की कीमत केवल 1 लाख रूपए है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में सबसे पहली और सबसे सस्ती कार नैनों कार है।

रतन टाटा के अनमोल विचार  (Ratan Tata Best quotes in Hindi )

  • काम हमेशा वही करें जिसमें आपको मजा आए ~  रतन टाटा
  • अगर आप तेजी से चलना चाहते हैं तो अकेले चलिए। लेकिन अगर आप दूर तक चलना चाहते हैं तो साथ मिलकर चलिए ~ रतन टाटा
  • दुनिया में हर इंसान मेहनत करता है , फिर भी सफलता सबको नहीं मिलती . मेहनत ऐसी कीजिए , जैसे सफल लोग करते हैं ~  रतन टाटा
  • मैं सही निर्णय लेने में विश्वास नहीं करता। मैं निर्णय लेता हूँ और फिर उन्हें सही साबित कर देता हूँ ~  रतन टाटा
  • अपने जीवन की परिस्थितियों और अपनी प्रतिभाओं के अनुसार अपने लिए अवसर एवं चुनौतियों को चिन्हित करना चाहिए ~  रतन टाटा
  • दूसरों की नकल करने वाले व्यक्ति थोड़े समय के लिए सफलता तो प्राप्त कर सकते हैं परंतु जीवन में बहुत आगे नहीं बढ़ सकते हैं ~  रतन टाटा

निष्कर्ष (Conclusion)

दोस्तों, उम्मीद है कि आपको रतन टाटा का जीवन परिचय ( Ratan Tata Biography in Hindi)  सुनकर प्रेरणा मिली होगी। आज के लेख में मैंने रतन टाटा की जीवनी कथा से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी को आपके साथ शेयर किया है। यदि आपको रतन टाटा जी की कहानी पसंद आए तो इसे अपने मित्रों के साथ शेयर करना ना भूले।

Q : रतन टाटा के माता पिता कौन थे? Ans : नवल टाटा ( पिता) और सूनी टाटा ( माता)

Q : टाटा कंपनी के संस्थापक कौन है? Ans : जमशेदजी टाटा

Q : रतन टाटा के पास कितने रुपए हैं? Ans : 150 से भी ज्यादा देशों में 100 से भी ज्यादा कंपनियों के मालिक है,  उनकी पुरी कमाई 7,350 करोड़ रुपये है.

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रतन टाटा जीवनी - Ratan Tata biography in hindi

Ratan Tata | Indian Industrialist, Philanthropist – रतन नवल टाटा

रतन टाटा जीवनी – Ratan Tata biography in hindi- “जिंदगी में उतार-चढ़ाव का होना बहुत जरूरी है क्योंकि ECG में भी सीधी लाइन का मतलब डेथ होता है। “

  • सन् 2000 में कनाडा की टी बनाएं जाने वाली पहली कंपनी ” TETLEY”
  • सन् 2004 में साउथ कोरिया की “DAEWOO”
  • सन् 2007 में लंदन के” CORUS GROUP” खरीदा
  • सन् 2000 में रतन टाटा ने स्कूटर पर घूमने वालों के लिए, कार का सपना पूरा करने के लिए 1 लाख कीमत की “नैनो “कार बनाई ।

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रतन टाटा की प्रेरणादायक जीवनी | Ratan Tata Biography in Hindi

Ratan Tata / रतन टाटा जिनका पूरा नाम रतन नवल (Ratan Naval Tata) टाटा हैं एक प्रसिद्ध भारतीय उद्योगपति, निवेशक, परोपकारी और टाटा सन्स के सेवामुक्त चेयरमैन हैं। टाटा समूह भारत की सबसे बड़ी व्यापारिक समूह है, जिसकी स्थापना जमशेदजी टाटा ने की और उनके परिवार की पीढियों ने इसका विस्तार किया और इसे दृढ़ बनाया। रतन टाटा सन 1991 से लेकर 2012 तक टाटा ग्रुप के अध्यक्ष रहे। 28 दिसंबर 2012 को उन्होंने टाटा ग्रुप के अध्यक्ष पद को छोड़ दिया परन्तु वे अभी भी टाटा समूह के चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष बने हुए हैं। हालाँकि उन्होंने अंतरिम अध्यक्ष के रूप में, अक्टूबर 2016 से फरवरी 2017 तक काम किया। रतन टाटा, एक ऐसी शख्सियत हैं, जिसने यह सिद्ध कर दिया कि अगर आपमें प्रतिभा है, तो आप देश में रहकर भी ऐसे शिखर पर पहुँच सकते हैं, जहाँ हर भारतीय आप पर नाज़ करे।

रतन टाटा का परिचय – Ratan Tata Ka Parichay

नाम रतन टाटा
जन्म 28 दिसंबर 1937, सूरत (गुजरात)
माता-पिता का नाम नवल टाटा (पिता) और सोनू टाटा (माता)
शिक्षा कहां से की प्राप्त कॉर्नेल विश्वविधालय, हार्वर्ड विश्वविधालय
शैक्षिक योग्यता • बी.एस. डिग्री संरचनात्मक इंजीनियरिंग के साथ वास्तुकला में
• उन्नत प्रबंधन कार्यक्रम
वैवाहिक स्थिति अविवाहित
व्यवसाय टाटा समूह के निवर्तामान अध्यक्ष
व्यवसाय की शुरूआत 1962
पुरस्कार पद्मा विभूषण (2008) और ओबीई (2009)
शिक्षा बी.एस. डिग्री संरनात्मक इंजीनियरिंग एवं वास्तुकला में उन्नत प्रबंधन कार्यक्रम
नागरिकता भारतीय
धर्म

रतन टाटा सभी टाटा ग्रुप के प्रमुख कम्पनियों जैसे टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाटा पावर, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, टाटा टी, टाटा केमिकल्स, इंडियन होटल्स और टाटा टेलीसर्विसेज के भी अध्यक्ष थे। उनके नेतृत्व में टाटा ग्रुप ने नई ऊंचाइयों छुआ और समूह का राजस्व भी कई गुना बढ़ा। रतन टाटा एक परोपकारी व्यक्ति है, जिनके 65% से ज्यादा शेयर चैरिटेबल संस्थाओ में निवेश किये गए है। उनके जीवन का मुख्य उद्देश् भारतीयो के जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाना है और साथ ही भारत में मानवता का विकास करना है। रतन टाटा का ऐसा मानना है की परोपकारियों को अलग नजरिये से देखा जाना चाहिए, पहले परोपकारी अपनी संस्थाओ और अस्पतालों का विकास करते थे जबकि अब उन्हें देश का विकास करने की जरुरत है। 2007 में फॉर्च्यून पत्रिका ने उन्हें व्यापर क्षेत्र के 25 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में शामिल किया। भारत सरकार ने रतन टाटा को पद्म भूषण (2000) और पद्म विभूषण (2008) द्वारा सम्मानित किया।

जन्म और शिक्षा – Ratan Tata Education

रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को मुंबई में हुआ था। उनके पिता नवल टाटा और माँ सोनू कमिसरियात हैं। उन्हें एक छोटा भाई जिमी टाटा भी है। जब रतन दस साल के थे और उनके छोटे भाई, जिमी, सात साल के तभी उनके माता-पिता (नवल और सोनू) मध्य 1940 के दशक में एक दुसरे से अलग हो गए। तत्पश्चात दोनों भाइयों का पालन-पोषण उनकी दादी नवजबाई टाटा द्वारा किया गया। रतन टाटा का एक सौतेला भाई भी है जिसका नाम नोएल टाटा है। रतन टाटा, टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा के दत्तक पोते हैं।

बचपन से ही रतन एन. टाटा का पालनपोषण उद्योगियो के परिवार में हुआ था। वे एक पारसी पादरी परिवार से जुड़े हुए थे। उनका परिवार ब्रिटिश कालीन भारत से ही एक सफल उद्यमी परिवार था इस वजह से रतन टाटा को अपने जीवन में कभी भी आर्थिक परेशानियो का सामना नही करना पड़ा था।

मुंबई के कैपियन स्कूल से शुरूआती पढ़ाई करने के बाद रतन टाटा ने कार्निल यूनिवर्सिटी, लंदन से आर्किटेक्चर एंड स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग की डिग्री ली और फिर हार्वड विश्वविघालय से एडवांस मैनेजमेंट प्रोग्राम कोर्स किया। उन्हें प्रतिष्टित कंपनी आईबीएम से नौकरी का बढ़िया प्रस्ताव मिला, लेकिन रतन ने उस प्रस्ताव को ठुकराकर अपने पुश्तैनी बिजनेस को ही आगे बढ़ाने की ठानी।

रतन टाटा के करियर – Ratan Tata Biography in Hindi

पढाई पूरी करने के बाद भारत लौटने से पहले रतन ने लॉस एंजिल्स, कैलिफोर्निया, में जोन्स और एमोंस में कुछ समय कार्य किया। लेकिन अपनी दादी की बिगड़ती तबीयत को देख अमेरिका में बसने का सपना छोड़कर उन्हें वापस इंडिया आना पड़ा। भारत आने के बाद उन्होंने आईबीएम के साथ काम किया लेकिन, उनके दादा जेआरडी टाटा को ये पसंद नहीं आया। उन्होंने (रतन टाटा) टाटा ग्रुप के साथ अपने करियर की शुरुआत सन 1961 में की। टाटा समूह से जुड़ने के बाद उन्हें काम के सिलसिले में टाटा स्टील को आगे बढाने के लिये जमशेदपुर भी जाना पडा।

शुरुआती दिनों में उन्होंने टाटा स्टील के शॉप फ्लोर पर कार्य किया। इसके बाद वे टाटा ग्रुप के और कंपनियों के साथ जुड़े। सन 1971 में उन्हें राष्ट्रीय रेडियो और इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी (नेल्को) में प्रभारी निदेशक नियुक्त किया गया। जिसकी उस समय बहुत बुरी हालत थी और उन्हें 40% का नुकसान और 2% ग्राहकों के मार्केट शेयर खोने पड़े। लेकिन जैसे ही रतन एन. टाटा उस कंपनी में शामिल हुए उन्होंने कंपनी का ज्यादा मुनाफा करवाया और साथ ही ग्राहक मार्केट शेयर को भी 2% से बढाकर 25% तक ले गए। उस समय मजदूरो की कमी और NELCO की गिरावट को देखते हुए राष्ट्रीय आपातकाल घोषित किया गया था।

जे.आर.डी टाटा ने जल्द ही 1981 में रतन टाटा को अपने उद्योगों का उत्तराधिकारी घोषित किया। लेकिन उस समय ज्यादा अनुभवी न होने के कारण कई लोगो ने उत्तराधिकारी बनने पर उनका विरोध किया। लोगो का ऐसा मानना था की वे ज्यादा अनुभवी नही है और ना ही वे इतने विशाल उद्योग जगत को सँभालने के काबिल है। लेकिन टाटा ग्रुप में शामिल होने के 10 साल बाद, सन 1991 में जेआरडी टाटा ने ग्रुप के अध्यक्ष पद को छोड़ दिया और रतन टाटा को अपना उत्तराधिकारी बनाया।

रतन के नेतृत्व में टाटा समूह ने नई ऊंचाइयों को छुआ। और देश ही नही बल्कि विदेशो में भी उहोने टाटा ग्रुप को नई पहचान दिलवाई। उनके नेतृत्व में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने पब्लिक इशू जारी किया और टाटा मोटर्स न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध किया गया। सन 1998 में टाटा मोटर्स ने पहली पूर्णतः भारतीय यात्री कार – टाटा इंडिका – को पेश किया। देश की पहली कार जिसकी डिजाइन से लेकर निर्माण तक का कार्य भारत की कंपनी ने किया हो, उस टाटा इंडिका प्रोजेक्ट का श्रेय भी रतन टाटा के खाते में ही जाता है। तत्पश्चात टाटा टी ने टेटली, टाटा मोटर्स ने ‘जैगुआर लैंड रोवर’ और टाटा स्टील ने ‘कोरस’ का अधिग्रहण किया जिससे टाटा समूह की साख भारतीय उद्योग जगत में बहुत बढ़ी। टाटा नैनो – दुनिया की सबसे सस्ती यात्री कार – भी रतन टाटा के ही सोच का ही परिणाम है।

टाटा ग्रुप की टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) आज भारत की सबसे बडी सूचना तकनीकी कंपनी है। वह फ़ोर्ड फ़ाउंडेशन के बोर्ड आंफ़ ट्रस्टीज के भी सदस्य हैं। आज टाटा ग्रुप का 65% मुनाफा विदेशो से आता है. 1990 में उदारीकरण के बाद टाटा ग्रुप ने विशाल सफलता हासिल की, और फिर से इसका श्रेय भी रतन एन. टाटा को ही दिया गया।

28 दिसंबर 2012 को वे टाटा समूह के सभी कार्यकारी जिम्मेदारी से सेवानिवृत्त हुए। उनका स्थान 44 वर्षीय साइरस मिस्त्री ने लिया था लेकिन 4 साल बाद साइरस मिस्त्री को भी इस पद से हटा दिया गया और फिर 4 महीने के लिए टाटा समूह का भार रतन टाटा ने अपने कंधो पर लिया। अभी टाटा ग्रुप के चेयरमैन नटराजन चंद्रशेखरन हैं। हालाँकि टाटा अब सेवानिवृत्त हो गए हैं फिर भी वे काम-काज में लगे हुए हैं। अभी हाल में ही उन्होंने भारत के इ-कॉमर्स कंपनी स्नैपडील में अपना व्यक्तिगत निवेश किया है। इसके साथ-साथ उन्होंने एक और इ-कॉमर्स कंपनी अर्बन लैडर और चाइनीज़ मोबाइल कंपनी जिओमी में भी निवेश किया है।

वर्तमान में रतन, टाटा समूह के सेवानिवृत अध्यक्ष हैं। इसके साथ-साथ वह टाटा संस के 2 ट्रस्ट्स के अध्यक्ष भी बने हुए हैं। रतन टाटा ने भारत के साथ-साथ दूसरे देशों के कई संगठनो में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। वह प्रधानमंत्री की व्यापार और उद्योग परिषद और राष्ट्रीय विनिर्माण प्रतिस्पर्धात्मकता परिषद के एक सदस्य हैं। रतन कई कम्पनियो के बोर्ड पर निदेशक भी हैं। रतन टाटा भारतीय एड्स कार्यक्रम समिति के सक्रीय कार्यकर्ता भी है। भारत में इसे रोकने की हर संभव कोशिश वे करते रहे है। देश ही नहीं बल्कि विदेशो में भी रतन टाटा का काफी नाम दिखाई देता है। वे मित्सुबिशी को-ऑपरेशन की अंतर्राष्ट्रीय सलाहकार समिति के भी सदस्य है और इसीके साथ वे अमेरिकन अंतर्राष्ट्रीय ग्रुप जे.पी. मॉर्गन चेस एंड बुज़ एलन हमिल्टो में भी शामिल है।

Ratan Tata and Ambani

सम्मान और पुरस्कार – Ratan Tata Awards in Hindi

  • भारत के 50वें गणतंत्र दिवस समारोह 26 जनवरी 2000 पर रतन टाटा को तीसरे नागरिक अलंकरण पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।
  • उन्हें 26 जनवरी 2008 भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक अलंकरण पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
  • वे नैसकॉम ग्लोबल लीडरशिप (NASSCOM Global Leadership) पुरस्कार 2008 प्राप्त करने वालों में से एक थे। ये पुरस्कार उन्हें 14 फ़रवरी 2008 को मुम्बई में एक समारोह में दिया गया।
  • मार्च 2006 में टाटा को कॉर्नेल विश्वविद्यालय द्वारा 26वें रॉबर्ट एस सम्मान से सम्मानित किया गया। आर्थिक शिक्षा में हैटफील्ड रत्न सदस्य, वह सर्वोच्च सम्मान जो विश्वविद्यालय कंपनी क्षेत्र में प्रतिष्ठित व्यक्तियों को प्रदान करती है।
  • फरवरी 2004 में, रतन टाटा को चीन के झोज्यांग प्रान्त में हांग्जो (Hangzhou) शहर में मानद आर्थिक सलाहकार की उपाधि से सम्मानित किया गया।
  • उन्हें लन्दन स्कूल ऑफ़ इकॉनॉमिक्स (London School of Economics) से मानद डॉक्टरेट की उपाधि हासिल हुई, और नवम्बर 2007 में फॉर्च्यून पत्रिका ने उन्हें व्यापर क्षेत्र के 25 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में शामिल किया।
  • मई 2008 में टाटा को टाइम पत्रिका की 2008 की विश्व के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में शामिल किया गया।
  • इंडो- इसरायली चेम्बर ऑफ़ कॉमर्स द्वारा सन् 2010 में “बिजनेसमैन ऑफ़ दि डिकेड” का सम्मान।
  • टाटा परिवार के देश की प्रगति में योगदान हेतु परोपकार का कार्नेगी मैडल दिया गया।
  • येल की तरफ से नेतृत्व करने वाले सबसे प्रसिद्ध व्यक्ति का पुरस्कार।
  • सिंगापूर की नागरिकता का सम्मान।
  • 2009 में ब्रिटिश साम्राज्य के आदेश के मानद नाइट कमांडर।
  • एम्स्टर्डम विश्वविद्यालय द्वारा 2013 में डॉक्टरेट की मानद उपाधि।
  • फ्रांस की सरकार की ओर 2016 में कमांडर ऑफ ऑनर

रतन टाटा आज भी अविवाहित पुरुष है। रतन टाटा व्यक्तिगत तौर पे बहुत ही शर्मीले हैं। और वे दुनिया की झूठी चमक दमक में विश्वास नहीं करते। वे सालों से मुम्बई के कोलाबा जिले में एक किताबों से भरे हुए फ्लैट में अकेले रहते है। रतन टाटा उच्च आदर्शों वाले व्यक्ति है। वे मानते हैं कि व्यापार का अर्थ सिर्फ मुनाफा कामाना नहीं बल्कि समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को भी समझना है और व्यापार में सामाजिक मूल्यों का भी सामावेश होना चाहिए। वे हमेशा कहते हैं “आगे बढ़ने के लिए जीवन में उतर-चढ़ाव बहुत ज़रूरी हैं, क्योंकि ईसीजी में भी एक सीधी लाइन का मतलब होता है कि हम जिंदा नहीं हैं।”

रतन टाटा के रोचक तथ्य – Facts About Ratan Tata in Hindi

  • रतन टाटा के पिता नवल टाटा रतनजी टाटा और नवजबाई टाटा के गोद लिए हुए बेटे थे। इससे पहले नवल टाटा जे.एन. पेटिट पारसी अनाथालय में रहते थे। रतन टाटा को अपनी दादी नवजबाई टाटा से बहुत लगाव था। जब रतन टाटा सिर्फ 10 साल के थे तो 1940 में उनके माता-पिता अलग हो गए और उनकी परवरिश उनकी दादी ने की।
  • आपको बता दें कि, रतन टाटा को पालतू जानवर रखना काफी पसंद हैं। इसलिए उन्होंने अपना मुंबई वाला बंगाला जिसकी कीमत 400 करोड़ है वो पालतू कुत्तों की देखभाल के लिए दिया हुआ है।
  • वर्ष 1961 में, वह टाटा समूह में शामिल हुए और उनका सबसे पहला काम चूने के पत्थरों को तोड़ना और विस्फोटक भट्टी को संभालना था।
  • रतन टाटा ने अपने ग्रुप को 21 साल दिए और आपको बता दें कि, इन्हीं 21 सालों में उन्होंने अपनी कंपनी को शिखर तक पहुंचा दिया। उनकी अध्यक्षता में टाटा समूह को पुरस्कृत किया गया, जिसके चलते समूह के राजस्व में 40 गुना वृद्धि हुई और 50 प्रतिशत लाभ बढ़ा।
  • रतन टाटा ने अपनी कंपनी के लिए कुछ ऐतिहासिक विलय भी किए, जिसमें टाटा मोटर्स के साथ लैंड रोवर जगुआर, टाटा टी के साथ टेटली और टाटा स्टील के साथ कोरस शामिल थे। इन सभी विलय ने टाटा समूह की वृद्धि में अहम भूमिका निभाई थी।
  • रतन नवल टाटा को कारों का बहुत शौक है। उनके पास फेरारी कैलिफ़ोर्निया, कैडिलैक एक्सएलआर, लैंड रोवर फ्रीलैंडर, क्रिसलर सेब्रिंग, होंडा सिविक, मर्सिडीज बेंज एस-क्लास, मासेराती क्वाट्रोपोर्टे, मर्सिडीज 500 एसएल, जगुआर एफ-टाइप, जगुआर एक्सएफ-आर समेत बेहतरीन कार का कलेक्शन है।

Ans- ऐसा कहा जाता है कि, रतन टाटा को लॉस एंजिल्स से प्यार हुआ। लेकिन 1962 में भारत-चीन युद्ध के कारण बढ़े तनाव ने उन्हें शादी करने से रोक दिया।

Q : रतन टाटा को किस लिए जाना जाता है?

Ans – रतन टाटा एक भारतीय व्यवसायी और मुंबई स्थित समूह टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष हैं।

Ans- इस समय करीबन 7,350 करोड़ रुपये।

Ans- 1868 में इसकी स्थापना की गई।

Ans- ऐसा इसलिए क्योंकि रतन टाटा अपना आधा पैसा लोगों की मदद के लिए लगा देते हैं।

Ans- पद्म भूषण और पद्म विभूषण से किया गया था सम्मानित।

Q : रतन टाटा के परिवार में कौन कौन हैं?

Ans –

  • सिमोन  टाटा
  • नेविल  टाटा

और अधिक लेख –

  • धीरूभाई अंबानी की प्रेरणादायी जीवनी
  • मुकेश अंबानी की जीवनी
  • नवीन जिन्दल की जीवनी

Please Note :   – Ratan Tata Biography & Life History In Hindi मे दी गयी Information अच्छी लगी हो तो कृपया हमारा  फ़ेसबुक  (Facebook)   पेज लाइक करे या कोई टिप्पणी (Comments) हो तो नीचे  Comment Box मे करे।

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1 thought on “रतन टाटा की प्रेरणादायक जीवनी | ratan tata biography in hindi”.

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“जीवन में आगे बढ़ने के लिए उतार-चढ़ाव भी जरूरी है। क्योंकि ईसीजी मशीन में भी एक सीधी लाइन आ जाने पर व्यक्ति को मृत घोषित कर दिया जाता है।“ ~ Ratan Tata

दोस्तों टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष और भारत के जाने माने उद्योगपति रतन टाटा के जीवन पर आधारित यह Ratan Tata Biography in Hindi  एक प्रेरणादायक जीवनी  है, जो आपके जीवन व सोचने के नजरिये को बदल सकती है। आप चाहे महिला है या पुरुष, यह Hindi Biography आपके लिए एक  जीवन बदलने वाली बायोग्राफी  साबित हो सकती है।

आपको इस बायोग्राफी से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा और आपको अपनी जिन्दगी के प्रति बहुत सारी मोटिवेशन और इंस्पिरेशन मिलेगी।

Table of Contents

भारत के जाने माने उद्योगपति रतन टाटा की जीवनी।

Sir Ratan Tata Biography in Hindi

Ratan Tata कौन है | Who is Ratan Tata?

भारत के एक बहुत ही प्रसिद्ध और धनाढ्य परिवार में जन्मे रतन टाटा, जिनका पूरा नाम रतन नवल टाटा है, एक भारतीय अरबपति बिजनेसमैन, निवेशक और एक जाने माने लोक परोपकारी व्यक्ति हैं। टाटा परिवार भारत के सबसे धनी और प्रसिद्ध परिवारों में से एक है। Ratan Tata , टाटा ग्रुप के रिटायर्ड अध्यक्ष हैं, जिन्होंने टाटा ग्रुप के अध्यक्ष के रूप में 1991 से 2012 तक कार्य किया है। इसके अलावा उन्होंने अक्टूबर 2016 से फरवरी 2017 तक टाटा ग्रुप के अंतरिम अध्यक्ष के रूप में भी काम किया है। वर्तमान में Ratan Tata , टाटा ग्रुप में Tata Charitable Trust के अध्यक्ष के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

Ratan Tata के बारे में जानकारी | Information about Ratan Tata

Ratan Naval Tata
Ratan Tata Age – 85 years ( as on December 28, 2023 )
Ratan Tata Net worth In Rupees – 3800 Crore Rupees (according to Forbes data as of 31/10/2023)
Ratan Tata Wife – रतन टाटा अविवाहित हैं।
Ratan Tata Son – रतन टाटा अविवाहित हैं।
Ratan Tata Birthday – December 28
Ratan Tata Education – MSc. degree in Architecture from Cornell University, New York
Ratan Tata Family – के पिता नवल टाटा एक भारतीय बिजनेसमैन थे और उनकी माता सोनू टाटा एक ग्रहणी थी। का एक छोटा भाई भी है।
Ratan Tata House –Ratan Tata’s House in Colaba, Mumbai.
Ratan Tata Father and Mother Name – Ratan Tata’s father’s name – Naval Tata and Ratan Tata’s mother’s name – Sonu Tata.
Ratan Tata Religion – Hindu
Ratan Tata Brother Name – Jimmy Tata

Ratan Tata का जन्म और बचपन | Birth and Childhood of Ratan Tata

रतन नवल टाटा का जन्म एक बहुत बड़े उद्योगपति घराने और एक पारसी परिवार में 28 दिसंबर 1937 को गुजरात के सूरत शहर में हुआ था। Ratan Tata के पिता नवल टाटा एक भारतीय बिजनेसमैन थे और उनकी माता सोनू टाटा एक ग्रहणी थी। Ratan Tata का एक छोटा भाई Jimmy Tata भी है। जब Ratan Tata 10 साल के थे और इनके छोटे भाई जिम्मी टाटा केवल 7 साल के थे तो इनके माता-पिता के बीच में किसी झगड़े को लेकर तनाव पैदा हो गया और बात तलाक तक पहुंच गई।

तलाक के बाद Ratan Tata व उनके छोटे भाई Jimmy Tata का पालन पोषण उनकी दादी नवाजबाई टाटा के द्वारा किया गया। तलाक के कुछ समय बाद ही Ratan Tata के पिता नवल टाटा ने Simon Dunoyer Tata से दूसरी शादी कर ली उनकी दूसरी पत्नी सिमोन टाटा से उनका एक बेटा Noel Tata है।

Ratan Tata की एजुकेशन | Ratan Tata’s Education

रतन टाटा ने अपनी आठवीं तक की पढ़ाई मुंबई के Capmpion School से पूरी की तथा इसके बाद की पढ़ाई मुंबई के ही Cathedral and John Connon School और Bishop Cotton School से पूरी की। इसके बाद अपनी उच्च शिक्षा के लिए वे अमेरिका चले गए जहां उन्होंने 1955 में न्यूयॉर्क के Riverdale Country School से बीएससी की डिग्री हासिल की और 1959 में न्यूयॉर्क की ही Cornell University से आर्किटेक्ट में एमएससी की डिग्री हासिल की। 1975 में Ratan Tata ने अमेरिका के Harverd Business School से 7 सप्ताह की Advanced Management Program की पढ़ाई भी की।

Ratan Tata का शुरुआती बिजनेस | Ratan Tata’s early business

अपनी उच्च शिक्षा पूरी करने के बाद शुरुआती कुछ सालों तक Ratan Tata ने अमेरिका के कैलिफोर्निया में रहकर ही वहां की कुछ कंपनियों में नौकरी की जैसे कि John Amos और IBM । 1962 में जब वे IBM में काम कर रहे थे तो उनके अंकल JRD Tata की सलाह पर वे नौकरी छोड़कर भारत लौट आए और Tata Group में शामिल हो गए। इस तरह उन्होंने Tata Group के साथ अपने कैरियर की शुरुआत की।

Tata Group में अपने कैरियर के शुरुआती दिनों में उन्होंने जमशेदपुर में Tata Steel कंपनी में काम किया। इसी तरह धीरे-धीरे इनका अनुभव बढ़ता गया और उन्हें Tata Group की विभिन्न कंपनियों में काम करने का मौका मिलता रहा। आखिरकार 1971 में उन्हें National Radio & Electronics Company (NELCO) का निदेशक बना दिया गया। जब Ratan Tata ने इस कंपनी की बागडोर संभाली थी उस समय कंपनी के आर्थिक हालात काफी खराब थे।

लेकिन Ratan Tata के द्वारा NELCO  कंपनी की जिम्मेवारी संभालते ही सबसे पहले उन्होंने कंपनी के हर पहलू जैसे कंपनी का लेखा जोखा, कर्मचारीयों संबंधी मुद्दे, माल वितरण और प्रबंधन संबंधी मुद्दों आदि का गहन विश्लेषण किया। जहां जहां सुधार की गुंजाइश थी, वहां नए सिरे से विभिन्न सुधार किए गए। कंपनी के समुचित प्रबंधन, वितरण और अन्य मुद्दों पर नई रणनीति बनाई गई। इन सब सुधारों और Ratan Tata के अथक प्रयासों की बदौलत कंपनी ने धीरे-धीरे अच्छे परिणाम देना शुरू कर दिया और धीरे-धीरे NELCO एक घाटे की कंपनी से मुनाफे की कंपनी बन गई। 

लेकिन बाद में इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री कार्यकाल में जब देश में आर्थिक मंदी के हालात पैदा हो गए तो कंपनी को वित्तीय हानि उठानी पड़ी। रही सही कसर 1977 की कंपनी की यूनियन हड़ताल ने पूरी कर दी, जिसकी वजह से कंपनी इतने ज्यादा आर्थिक घाटे में चली गई कि कंपनी को बंद करना पड़ा और रतन टाटा जी के सारे प्रयास व्यर्थ चले गए।

इस घटना के कुछ समय बाद ही Ratan Tata को एक दूसरी कंपनी ( Empress Mil l ), जो कि एक कपड़ा मिल कंपनी थी, का कार्यभार सौंप दिया गया। लेकिन कंपनी की आंतरिक गड़बड़ियों की वजह से बाद में इस कंपनी को भी बंद करना पड़ा। हालांकि Ratan Tata इस कंपनी को बंद करने के फैसले के विरोध में थे। लेकिन टाटा समूह के बोर्ड मेंबर्स के फैसले के आगे वह क्या कर सकते थे।

Chairman के रूप में कार्य | Ratan Tata’s Work as Chairman of Tata Group

टाटा समूह की विभिन्न कंपनियों में विभिन्न पदों पर कार्य करते हुए Ratan Tata को बहुत सारा अनुभव हासिल हो चुका था। उनके इसी अनुभव और कड़ी मेहनत की बदौलत और उनकी काबिलियत को देखते हुए 1981 में JRD Tata व अन्य बोर्ड मेंबर्स की मीटिंग में उन्हें को टाटा ग्रुप का उत्तराधिकारी बनाने की अटकलें लगाई जा रही थी। सबसे ज़्यादा JRD Tata यह चाहते थे की रतन टाटा टाटा समूह के नए अध्यक्ष बने।

लेकिन टाटा समूह के अंतर्गत कार्य कर रही अन्य कंपनियों के प्रमुखों ने इस फैसले का यह कहकर विरोध किया कि Ratan Tata अभी कम अनुभवी हैं और टाटा ग्रुप को संभालने के काबिल नहीं है। इस कारण उनके उत्तराधिकारी बनने के फैसले को उस समय टाल दिया गया। लेकिन 1991 में JRD Tata ने दोबारा से एक साहस भरा फ़ैसला लिया और उन्होंने टाटा संस के चेयरमैन के रूप में अपने पद को छोड़ दिया और अपने उत्तराधिकारी के रूप में Ratan Tata को नामित किया।

जेआरडी टाटा ने उन्हें टाटा ग्रुप में Tata Sons व कुछ अन्य कंपनियों के अध्यक्ष पद की बागडोर दे दी। आमतौर पर टाटा संस के अध्यक्ष पद पर कार्यरत व्यक्ति ही टाटा समूह का भी अध्यक्ष होता है। टाटा ग्रुप में अध्यक्ष के रूप में कार्य करते हुए उन्होंने काफी सुधार किए। उनके कार्यकाल में टाटा समूह ने नई ऊंचाइयों को छुआ, नए मुकाम हासिल किए। टाटा समूह में अध्यक्ष पद पर कार्य करते हुए उन्होंने टाटा समूह को ना केवल भारत में ही बल्कि विदेशों में भी पहचान दिलवाई। 

टाटा समूह में अपनी नई भूमिका में कार्य करते हुए उन्हें टाटा समूह के अंतर्गत कार्य कर रही अन्य कंपनियों के प्रमुखों के कड़े प्रतिरोध का भी सामना करना पड़ा। इनमें से कुछ कंपनी प्रमुख तो दशकों से जेआरडी टाटा की देखरेख में स्वतंत्र कार्य करते हुए बहुत ज्यादा शक्तिशाली और प्रभावशाली बन चुके थे। सबसे पहले Ratan Tata ने सबके लिए सेवानिवृत्ति की उम्र निर्धारित की, नए विचारों को प्रोत्साहित किया गया और युवा प्रतिभाओं को प्राथमिकता दी गई, इन नए सुधारों के परिणामस्वरूप कई कंपनी प्रमुखों को प्रतिस्थापित होना पड़ा और उनकी जगह नए युवा प्रतिभाओं को मिली।

इनके अलावा उन्होंने टाटा समूह के अंतर्गत कार्य कर रही सभी व्यक्तिगत कंपनियों को समूह कार्यालय में कंपनी के परिचालन संबंधी वार्षिक रिपोर्ट जमा करना और टाटा समूह के ब्रांड नेम के उपयोग और निर्माण करने के एवज में समूह में कुछ वित्तीय योगदान करना आदि अन्य सुधार भी किये और यह भी नियम बनाए गए की समूह के अंतर्गत कार्य कर रही सभी कंपनियों के ओवरलैपिंग ऑपरेशनओं को भी सुव्यवस्थित किया जाए।

टाटा समूह में उनके द्वारा अध्यक्ष पद पर कार्य करते हुए Tata Tea ने टेटली ( Tetley ) कंपनी, टाटा मोटर्स ( Tata Motors ) ने फोर्ड मोटर्स ( Ford Motors ) की जगुआर लैंड रोवर ( Jaguar Land Rover ) और टाटा स्टील ( Tata Steel ) ने कोरस ( Corus ) का अधिग्रहण किया। इनके अधिग्रहण के बाद टाटा समूह एक भारत केंद्रित समूह में रहकर एक वैश्विक समूह बन गया। वर्तमान में टाटा समूह 100 से अधिक देशों में कार्य कर रहा है। 

भारत की सबसे सस्ती कार टाटा नैनो ( Tata Nano ) का निर्माण भी Ratan Tata की ही अवधारणा पर आधारित है। 2015 में हार्वर्ड बिजनेस स्कूल ( Harvard Business School ) में दिए गए एक इंटरव्यू में जब उनसे टाटा नैनो के निर्माण उद्देश्य के बारे में पूछा गया तो जवाब में उन्होंने कहा कि टाटा नैनो एक ऐसी कार है जिसका मूल्य एक औसत भारतीय उपभोक्ता की पहुंच के भीतर है। इसका निर्माण महत्वपूर्ण था इसकी वजह से दूसरी कार निर्माण कंपनियां भी ऐसी कम कीमत की कारों का निर्माण करेगी, जिनकी कीमत औसत भारतीय उपभोक्ताओं की पहुंच के भीतर होगी।

टाटा नैनो एक कॉम्पैक्ट सिटी कार है, जिसका निर्माण 2008 में टाटा मोटर्स के द्वारा भारतीय उपभोक्ताओं को ध्यान में रखकर किया गया था। 10 जनवरी 2008 में जब यह कार भारतीय बाजार में लांच की गई थी तो इसकी मार्केट कीमत लगभग एक लाख रुपए (2500$) थी।

Tata Group के अध्यक्ष पद से रिटायरमेंट | Retirement from the post of Chairman of Tata Group

टाटा समूह में 21 साल तक लगातार अपनी सेवाएं देने के बाद 28 दिसंबर 2012 में 75 वर्ष की उम्र में Ratan Tata ने अपनी सभी कार्यकारी शक्तियों से इस्तीफा दे दिया ( Tata Charitable Trust के अध्यक्ष पद को छोड़कर)। Ratan Tata के उत्तराधिकारी के रूप में Cyrus Mistry ( Shapoorji Pallonji Group के मालिक Pallonji Mistry के बेटे ) ने टाटा समूह का कार्यभार संभाला। पालोनजी मिस्त्री टाटा समूह के सबसे बड़े व्यक्तिगत शेयरधारक भी है। लेकिन कुछ आंतरिक गड़बड़ियों के कारण 24 अक्टूबर 2016 को साइरस मिस्त्री को टाटा संस के चेयरमैन पद से हटा दिया गया। इसके बाद एक बार फिर Ratan Tata को टाटा संस के अंतरिम अध्यक्ष पद को संभालने का मौका मिला। 

टाटा सन्स के नए अध्यक्ष पद के चयन के लिए एक चयन समिति का निर्माण किया गया। चयन समिति में सर Ratan Tata के अलावा टीवीएस ग्रुप ( TVS Group ) के मुख्य वेनू श्रीनिवासन, बैन कैपिटल ( Bain Capital ) के अमित चंद्रा, पूर्व राजनयिक रोनेन सेन और लॉर्ड कुमार भट्टाचार्य भी शामिल थे। मिस्टर भट्टाचार्य के अलावा चयन समिति के बाकी सभी सदस्य टाटा संस के बोर्ड मेंबर भी थे।

चयन समिति के गहन विश्लेषण के बाद 12 जनवरी 2017 को नटराजन चंद्रशेखरन (  Natarajan Chandrasekaran ) को टाटा संस के नए चेयरमैन के रूप में चुना गया और फरवरी 2017 से उन्होंने टाटा संस के नए चेयरमैन के रूप में अपनी जिम्मेदारी संभाली। इस तरह से Ratan Tata जी ने अक्टूबर 2016 से फरवरी 2017 तक टाटा संस के अंतरिम अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया।

Tata Group के अन्य Investment और अधिग्रहण | Investments and Acquisitions of Tata Group

  • भारत की प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनी स्नैपडील ( Snapdeal ) में आंशिक हिस्सेदारी ख़रीदी।
  • एक ऑनलाइन प्रीमियम भारतीय चाय विक्रेता कंपनी टी बॉक्स ( Teabox ) में आंशिक हिस्सेदारी खरीदी।
  • एक डिस्काउंट कूपन और कैशबैक वेबसाइट cashkro.com में आंशिक हिस्सेदारी।
  • वाहन सेवा प्रदाता कंपनी ओला कैब्स ( Ola Cabs ) में निवेश हिस्सेदारी।
  • अप्रैल 2015 में टाटा ने घोषणा की थी कि वह चाइनीस स्मार्टफोन कंपनी शियाओमी ( Xiaomi ) में हिस्सेदारी खरीद रही है।
  • अक्टूबर 2015 में अमेरिकन एक्सप्रेस ( American Express ) में हिस्सेदारी खरीदी।
  • 2015 में ही बिटकॉइन वेंचर आबरा ( Abra ) में निवेश किया।
  • 2016 में टाटा ने बैचलर्स के लिए फुली फर्निश्ड फ्लैट उपलब्ध कराने वाली एक ऑनलाइन कंपनी नेस्टअवे ( Nestaway ) में निवेश किया, जिसका बाद में जेनिफ़ी (   Zenify ) ने अधिग्रहण कर लिया।
  • टाटा मोटर्स का गुजरात के साणंद में टाइगर इलेक्ट्रिकल्स (   Tigor Electric Vehicles ) नामक एक इलेक्ट्रिक प्लांट में भी निवेश किया है। इस इलेक्ट्रिक प्लांट के उद्देश्य के बारे में बताते हुए Ratan Tata ने कहा था कि टाइगर इलेक्ट्रिकल्स भारत के इलेक्ट्रिक वाहनों के सपने को तेजी से पूरा करेगी। भारत सरकार ने एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य के रूप में 2030 तक भारत में पूरी तरह से इलेक्ट्रिक वाहनों का लक्ष्य रखा है।

Ratan Tata के पब्लिक चैरिटी कार्य | Ratan Tata’s Public Charity Work

रतन टाटा भारत के सबसे प्रमुख लोक परोपकारी व्यक्तियों में से एक हैं। वे ना केवल भारत में ही बल्कि दुनिया भर में चल रही विभिन्न लोक परोपकारी योजनाओं में वित्त पोषण कर रहे हैं। 2020 में भारत में फैले कोविड-19 ( Covid- 19 ) के दौरान भी उन्होंने आर्थिक सहायता के रूप में एक बड़ी राशि प्रधानमंत्री राहत कोष फंड ( PM Cares Fund ) में दान की।

टाटा भारत समेत दुनिया के कई देशों में शिक्षा, चिकित्सा और मूलभूत ग्रामीण विकास संबंधी विभिन्न योजनाओं को वित्तीय सहायता प्रदान कर रहे हैं। टाटा ग्रामीण इलाकों में मूलभूत शिक्षा और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने के समर्थक हैं।

रतन टाटा मानते हैं कि वर्तमान में चैरिटी के नजरिए बदल चुके हैं अब स्कूल और अस्पताल खुलवाना ही काफी नहीं है, बल्कि आपको संपूर्ण राष्ट्र विकास के बारे में सोचना होगा। उनका मानना है कि बिजनेस का मतलब सिर्फ मुनाफा कमाना नहीं बल्कि समाज और राष्ट्र के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को निभाना भी है।

Ratan Tata की पर्सनल लाइफ | Ratan Tata Personal Life

Sir Ratan Tata Biography in Hindi

रतन टाटा अभी तक बैचलर ही है। एक इंटरव्यू में उन्होंने यह खुलासा किया कि वे चार बार प्यार में पड़ चुके हैं लेकिन कुछ निजी कारणों से शादी नहीं कर पाए। Ratan Tata बिल्कुल शांत, शर्मीले और सीधे स्वभाव के व्यक्ति हैं। वे ज्यादा चमक दमक और दिखावे में विश्वास नहीं करते। इनके दादा जी श्री जमशेदजी टाटा ( Jamsetji Tata ), टाटा ग्रुप के संस्थापक हैं। टाटा समूह की स्थापना 1868 में श्री जमशेदजी टाटा ( Jamshedji Tata ) के द्वारा मुंबई, महाराष्ट्र में की गई थी।

कई जगह रतन टाटा जी के पिता नवल टाटा को दत्तक पुत्र बताया गया है जिन्हे सर रतन टाटा जी ने गोद लिया था। लेकिन रतन टाटा जी की नानी टाटा समूह के संस्थापक श्री जमशेदजी टाटा की पत्नी हीराबाई टाटा की बहन थी और इनके दादा श्री हार्मोस जी टाटा टाटा परिवार का हिस्सा थे। इस तरह Ratan Tata जन्म से ही टाटा थे। 

1948 में जब Ratan Tata के माता-पिता का तलाक हुआ, उस समय Ratan Tata केवल 10 साल के थे और उनके छोटे भाई जिमी टाटा केवल 7 साल के थे। इनके माता-पिता के तलाक के बाद दोनों भाइयों की परवरिश इनकी विधवा दादी नवाजबाई टाटा ने की थी। इनकी दादी नवाजबाई टाटा ने इन्हें औपचारिक रूप से JN Petit पारसी अनाथालय के माध्यम से गोद लिया था। Ratan Tata मुख्य रूप से गुजराती और इसके अलावा हिंदी और अंग्रेजी भी अच्छी तरह से बोलते हैं।

2011 में एक इंटरव्यू में शादी के बारे में पूछे एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि शादी के बारे में चार बार गंभीरता से आया और हर बार किसी डर या अन्य कारण से शादी को ना करना पड़ा। इसके अलावा Ratan Tata को पियानो बजाना, महँगी गाड़ियाँ चलाना और हवाई जहाज़ उड़ाना भी बहुत पसंद है।

Ratan Tata को मिले सम्मान और पुरस्कार | Ratan Tata received honors and awards

रतन टाटा को उनके व्यापार और वाणिज्य क्षेत्र में किए गए महत्वपूर्ण योगदान के लिए सन 2000 में भारत सरकार द्वारा भारत के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण ( Padma Vibhushan ) से तथा 2008 में भारत के तीसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म भूषण ( Padma Bhushan ) से सम्मानित किया था। इनके अलावा भी उन्हें भारत सरकार और अन्य देशों की सरकारों द्वारा बहुत सारे सम्मान और पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।

  • सन 2004 में उरुग्वे सरकार द्वारा Medal of the Oriental Republic of Uruguay से सम्मानित किया।
  • सन 2008 में Government of Singapore द्वारा Honorary Citizen Award से सम्मानित किया।
  • सन 2009 में United Kingdom द्वारा Honorary Knight Commander of the Order of the British Empire (KBE) से सम्मानित किया।
  • सन 2009 में Government of Italy द्वारा Grand Officer of the Order of Merit of the Italian Republic से सम्मानित किया।
  • सन 2010 में Business for Peace Foundation द्वारा Oslo Business for Peace award से सम्मानित किया।
  • सन 2010 में The Asian Awards द्वारा Business Leader of the Year से सम्मानित किया।
  • सन 2012 में Government of Japan द्वारा Grand Cordon of the Order of the Rising Sun से सम्मानित किया।
  • सन 2013 में India Leadership Conclave द्वारा Transformational Leader of the Decade Indian Affairs से सम्मानित किया।
  • सन 2013 में Ernst & Young द्वारा Ernst and Young Entrepreneur of the Year– Lifetime Achievement से सम्मानित किया।
  • सन 2014 में Baroda Management Association द्वारा Sayaji Ratna Award से सम्मानित किया।
  • सन 2015 में Baroda Management Association, Honoris Causa, HEC Paris द्वारा Sayaji Ratna Award से सम्मानित किया।
  • सन 2016 में Government of France द्वारा Commander of the Legion of Honour से सम्मानित किया।

Note – इसके अलावा भी रतन टाटा जी ने बहुत से अवॉर्ड्स और अचीवमेंट्स हासिल की है।

Ratan tata की फैमिली व घर | ratan tata’s family and home.

रतन टाटा अभी तक अविवाहित ही है। रतन टाटा की फैमिली में उनके अलावा उनके छोटे भाई जिम्मी टाटा और उनके सौतेले भाई नोएल टाटा भी है। 2012 के दिसंबर में टाटा समूह से अपनी रिटायरमेन्ट के बाद रतन टाटा अपना ज्यादातर वक्त कोलाबा स्थित अपने बंगले में बिताते हैं। रतन टाटा जी को सफ़ेद रंग जो की शांति का प्रतीक है बहुत पसंद है, इसिलए उन्होंने अपने इस बंगले को पूरी तरह से सफ़ेद पेंट कराया है, यहां तक की उनके इस बंगले के दरवाज़े व खिड़कियां को भी सफ़ेद रंग से पेंट कराया है।

टाटा ग्रुप से अपनी रिटायरमेंट के बाद उन्होंने इस बँगले को अपने हिसाब से डिज़ाइन कराया है। उनके इस बंगले में आधुनिक घरों में पाई जाने वाली सभी सुविधाएँ मौजूद है जैसे की कार पार्किंग, स्विमिंग पूल अदि। अपने इस घर में उन्होंने अपने पढ़ने के लिए एक स्टडी रूम भी बनवाया है।

Tata Group के बारे में | About Tata Group

टाटा ग्रुप एक भारतीय बहुराष्ट्रीय समूह है, जिसका मुख्यालय भारत के मुंबई में स्थित है। टाटा समूह की स्थापना श्री जमशेदजी टाटा के द्वारा 1968 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी शासित मुंबई प्रेसिडेंसी में की गई थी। वर्तमान में टाटा भारत समेत दुनिया के 100 से अधिक देशों में अपना व्यवसाय कर रही है। नटराजन चंद्रशेखरन वर्तमान में टाटा समूह के चेयरमैन है। टाटा समूह भारत के सबसे बड़े व्यावसायिक समूहों में से एक है। आमतौर पर टाटा संस के अध्यक्ष पद पर कार्यरत व्यक्ति ही टाटा समूह का भी अध्यक्ष होता है। टाटा समूह के अब तक सात अध्यक्ष रह चुके हैं।

  • जमशेदजी टाटा (1868 – 1904)
  • सर दौराब टाटा (1904 – 1932)
  • नौरोजी सकलात वाला (1932 – 1938)
  • जेआरडी टाटा (1938 – 1991)
  • रतन नवल टाटा (1991 – 2012)
  • साइरस मिस्त्री (2012 – 2016)
  • रतन नवल टाटा (2016 – 2017) अंतरिम कार्यभार
  • नटराजन चंद्रशेखरन (2017 – वर्तमान तक)

Conclusion: Ratan Tata’s Biography In Hindi

रतन टाटा एक सीधे साधे, सादगी पसंद, उच्च विचारों वाले, आदर्श व्यक्ति हैं। उनका मानना है कि व्यक्ति अपनी मेहनत और लगन से दुनिया में जो चाहे हासिल कर सकता है। बस उसे अपने काम के प्रति पूरी इमानदारी से जुटे रहना होगा। कठिन परिस्थितियों से कभी न घबराए। उनका मानना है कि जीवन में छोटे-मोटे उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। आपको इनसे डरना नहीं है। क्योंकि उनके अनुसार

“जीवन में आगे बढ़ने के लिए यह उतार-चढ़ाव भी जरूरी है। क्योंकि ईसीजी मशीन में भी एक सीधी लाइन आ जाने पर व्यक्ति को मृत घोषित कर दिया जाता है।” Ratan Tata Quotes in Hindi

Some frequently asked questions about Ratan Tata ( FAQ )

प्रश्न – Ratan Tata ने Coronavirus के दौरान कितनी Donations की?

उत्तर – Tata Trust के चेयरमैन Ratan Tata ने Covid – 19 के ख़िलाफ़ जंग में टाटा ट्रस्ट की तरफ़ से 500 करोड़ रूपए की आर्थिक सहायता देने का वादा किया है। सभी प्रभावित समुदायों की रक्षा करने और उन्हें सशक्त बनाने के लिए Ratan Tata द्वारा Donations के रूप Coronavirus से लड़ने की लिए दी जा रही यह सहायता निम्न रूप में दी जाएगी।

  • अग्रिम पंक्ति चिकित्सा कर्मियों के लिए पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट्स।
  •  बढ़ते मामलों के इलाज के लिए रेस्पिरेटरी सिस्टम्स।
  •  प्रति व्यक्ति परीक्षण बढ़ाने के लिए टेस्टिंग किट।
  •  संक्रमित रोगियों के लिए मॉड्यूलर उपचार सुविधाएं स्थापित करना।
  •  स्वास्थ्य कर्मचारियों और आम जनता का ज्ञान प्रबंधन और प्रशिक्षण।

प्रश्न – JRD Tata और Ratan Tata का Relation क्या है?

उत्तर – Ratan Tata ने अपने एक इंटरव्यू में JRD Tata के साथ अपनी Relationship के बारे में बात करते हुए कहा की वह मेरे लिए ‘एक पिता और एक भाई की तरह’ थे। लेकिन ऊपर दिए Tata family Chart में आप स्पष्ट रूप से देख सकते है की JRD Tata, Ratan Tata के पिता के दूर के रिश्ते में भाई लगते थे। इसलिए रतन टाटा जी JRD Tata को अंकल कह कर सम्बोधित करते थे।

प्रश्न – क्या Ratan Tata जी पायलट है?

Ratan Tata जी एक प्रशिक्षित पायलट है। Ratan Tata जी, 2007 में बैंगलोर में एयरो इंडिया शो के दौरान F-16 Falcon ( फाइटिंग फाल्कन ) उड़ाने वाले पहले भारतीय नागरिक थे। एक बार उन्होंने अमेरिकी वायु सेना के ब्लाक 50 से संबंधित लड़ाकू विमान का लगभग 40 मिनट के लिए सह-संचालन भी किया था।

प्रश्न – Ratan Tata जी के पास कितनी कार हैं?

रतन टाटा जी को कार चलाने का बड़ा शौक है। Ratan Tata जी कारों के बहुत बड़े शौकीन है। इसलिए Ratan Tata जी के पास एक बहुत बड़ा Car Collection है। उन्होंने अपने कोलाबा स्थित बँगले में अपनी कारों को खड़ा करने के लिए एक स्पेशल पार्किंग एरिया बनवाया है। रतन टाटा जी के पास लक्जरी फेरारी से लेकर टाटा नेक्सन तक जो कारें है उनकी एक लम्बी लिस्ट है जिनमें से कुछ निचे दी गई है।

  • फेरारी कैलिफोर्निया।
  • मर्सिडीज-बेंज 500 SL।
  • कैडिलैक XLR।
  • मर्सिडीज-बेंज W124।
  • मर्सिडीज-बेंज एस-क्लास।
  • क्रिसलर सेब्रिंग।
  • लैंड रोवर फ्रीलैंडर।
  • टाटा इंडिगो मरीना।

इनके बारे में भी पढ़े -:

  • माइकल जॉर्डन की जीवनी | Biography Of Michael Jordan in Hindi
  • नीता अंबानी की जीवनी | Nita Ambani Biography In Hindi
  • गौतम अदानी की जीवनी | Biography Of Gautam Adani In Hindi

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One response to “सर रतन टाटा की जीवनी | Sir Ratan Tata Biography in Hindi”

Anshuman Joshi Avatar

Very Nice Information…. Please also read ratan tata biography .

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कर्मजीत सिंह SuccessMatters4me के संस्थापक हैं। कर्मजीत पिछले 10 वर्षों से स्व-विकास ( Self Development ), व्यक्तिगत वित्त ( Personal Finance ) और निवेश ( Investment ) का अध्ययन कर रहे हैं और SuccessMatters4me चला रहे हैं। कर्मजीत का मिशन सरल है, दूसरों को अपने सपनों को जीने के लिए प्रेरित करना और वह व्यक्ति बनना जिसे देखकर दूसरे कह सके की “तुम्हारी वजह से, मैंने कभी हार नहीं मानी।”

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रतन टाटा जीवनी, परिवार, विचार और कुल संपत्ति

Ratan tata history in hindi.

रतन टाटा का जन्म 14 दिसम्बर 1937
रतन टाटा की जन्मभूमि सूरत, बंबई प्रेसीडेंसी, ब्रिटिश भारत
रतन टाटा का घर कुलाबा, मुंबई, भारत
राष्ट्रीयता भारतीय (भारत में जन्मे)
रतन टाटा की शिक्षा प्राप्ति कॉर्नेल विश्वविद्यालय, हार्वर्ड विश्वविद्यालय
काम-काज टाटा कंपनी के मालिक
सक्रिय वर्ष 1962-2012
धर्म पारसी धर्म
जीवनसाथी अविवाहित
माता श्रीमती सोनू टाटा
पिता श्री नवल टाटा
अन्य संबंधी जे० आर० डी० टाटा (चाचा), सिमोन टाटा (सौतेली माँ) और नोएल टाटा (सौतेला भाई)
पुरस्कार पद्म विभूषण (2008), CNN-IBN Indian of the Year in Business (2006) और OBE (2009)

रतन टाटा की कुल संपत्ति कितनी है? $291B

Ratan Tata Net Worth in 2020 1 Billion Dollar

Ratan Tata Biography in Hindi

Ratan Tata Family Photo

रतन टाटा पूरी दुनिया में अमीरों की गिनती में आते हैं और वो चाहे तो सबसे उपर उनका ही नाम होता अगर वो अपनी आमदनी का आधे से भी ज्यादा हिस्सा दान ना करते तो। रतन टाटा का नाम ही काफी है, बहुत ही गर्व महसूस होता है ऐसे महान व्यक्ति रतन टाटा की जीवनी लिखने में।

रतन टाटा एक बेहद बड़े मशहूर व्यवसायी है, उनका इतना बड़ा सफर उन्होंने बड़ी ही मेहनत और लगन से किया है। रतन टाटा की शादी नहीं हुई है वे अपने दरियादिली के लिए भी जाने जाते हैं। रतन टाटा कई तरह के सामान का विक्रय करते है जैसे Tata Tea, Tata Motors, Jaguar, Tata Steel, Tata Consultancy Services,  etc.

Ratan Tata Life Story in Hindi

रतन टाटा एक माने जाने भारतीय उद्योगपति है जिन्हें दुनिया का हर कोने में रहने वाला व्यावसायी जानता है। रतन टाटा, टाटा समूह के वर्तमान अध्यक्ष है और टाटा समूह भारत की सबसे बड़ी व्यापारिक समूह है।

टाटा समूह की स्थापना जमशेदजी टाटा जी ने की थी और उनके परिवार की पीढ़ियों ने टाटा समूह को विकसित किया और इसे कायम रखा है।

Success Story Of Ratan TATA in Hindi

Success Story Of Ratan TATA in Hindi

रतन टाटा की कहानी:  सन् 1971 में रतन टाटा को एक Radio and Electronics Company Limited ( Nelco ) का Director in Charge नियुक्त किया गया, एक कंपनी जो कि सख्त वित्तीय कठिनाई की स्थिति में थी। रतन ने सुझाव दिया कि कम्पनी को उपभोक्ता Electronics के बजाय High Technology के उत्पादों के विकास में निवेश करना चाहिए।

JRD NELCO के ऐतिहासिक वित्तीय प्रदर्शन की वजह से अनिच्छुक थे, क्योंकि इसने पहले कभी नियमित रूप से  लाभांश का भुगतान नहीं किया था इसके साथ, रतन ने कार्यभार देखा की उपभोक्ता इलेक्ट्रिकल्स नेल्को की बाजार में 2% हिस्सा था और घाटा बिक्री का 40% था। फिर भी JRD ने रतन के सुझाव का अनुसरण किया।

सन् 1972 से 1975 तक NELCO ने अपनी बाजार में हिस्सेदारी 20% तक बढ़ा ली और अपना नुक्सान भी पूरा कर लिया लेकिन सन् 1975 में, भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपात स्थिति की घोषणा कर दी, और उसी कारण आर्थिक मंदी आ गई।

सन् 1977  में यूनियन की समस्याएं हुई, इसलिए मांग के बढ़ने पर भी उत्पादन में बदलाव नहीं हो पाया। फिर टाटा ने यूनियन की हड़ताल का सामना किया, सात महीने के लिए तालाबंदी (lockout) कर दी गई।

Grammarly Writing Support

र तन ने हमेशा नेल्को की मौलिक दृढ़ता में विश्वास रखा, लेकिन उद्यम आगे और न रह सका।

टाटा को सन् 1977 में Empress Mills सौंपा गया, यह टाटा द्वारा नियंत्रित कपड़ा मिल थी। यह टाटा समूह की बीमार / कमजोर इकाइयों में से एक थी। रतन ने इसे संभाला और यहाँ तक की एक लाभांश की घोषणा कर दी। श्रमिक संख्या बहुत ज्यादा थी और जिन्होंने आधुनिकीकरण पर बहुत कम खर्च किया था रतन के आग्रह पर, कुछ निवेश किया गया, लेकिन वो पूरा नहीं पड़ा क्योंकि मोटे और मध्यम सूती कपड़े के लिए बाजार प्रतिकूल था (जो कि एम्प्रेस का कुल उत्पादन था) , एम्प्रेस को भारी नुकसान होने लगा।

BOMBAY HOUSE टाटा मुख्यालय, अन्य ग्रुप कंपनियों से फंड को हटाकर ऐसे उपक्रम में लगाने का इच्छुक नहीं था, जिसे लंबे समय तक देखभाल की आवश्यकता हो। इसलिए, कुछ टाटा निर्देशकों, नानी पालखीवाला (Nani Palkhivala) ने ये फैसला लिया कि टाटा को मिल बंद कर देनी चाहिए। उस मिल को 1986 के अंत में बंद कर दिया गया। रतन इस फैसले से बेहद निराश थे और बाद में  हिंदुस्तान टाइम्स के साथ एक साक्षात्कार में उन्होंने दावा किया कि एम्प्रेस को मिल जारी रखने के लिए सिर्फ़ 50 लाख रुपये की जरुरत थी।

सन् 1981 में, रतन टाटा इंडस्ट्रीज और समूह की अन्य होल्डिंग कंपनियों के अध्यक्ष बनाए गए, जहाँ वे समूह के कार्यनीतिक विचार समूह को रूपांतरित करने के लिए उत्तरदायी तथा उच्च प्रौद्योगिकी व्यापारों में नए उद्योग के प्रवर्तक थे।

बाद में टाटा कंसलटेंसी सर्विसेस सार्वजनिक निगम बनी और टाटा मोटर्स New York Stock Exchange  में सूचीबद्ध हुई| 1998  में TATA MOTORS ने उनके संकल्पित TATA INDICA को बाजार में उतारा.

31 जनवरी 2007 को, रतन टाटा की अध्यक्षता में, टाटा संस ने कोरस समूह (CORUS GROUP) को सफलतापूर्वक अधिग्रहित किया, जो एक एंग्लो-डच एल्यूमीनियम और इस्पात निर्माता है.

इस अधिग्रहण के साथ रतन टाटा भारतीय व्यापार जगत में एक प्रतिष्ठित व्यक्ति बन गये| इस विलय के फलस्वरुप दुनिया को पांचवां सबसे बड़ा इस्पात उत्पादक संस्थान मिला.

टाटा नैनो कार की शुरुआत

रतन टाटा अपने दरिया दिल की वजह से लोगों के दिलों पे राज करते हैं। रतन टाटा सब का सोच कर चलते है। रतन टाटा का सपना था कि किसी भी तरह 1 लाख रुपए की लागत में कार बनाई जाए। नई दिल्ली में ऑटो एक्सपो में 10 जनवरी 2008 को इस कार का उदघाटन कर दिया गया। शुरू में टाटा नैनो के तीन मोडल को बाजार में लाया गया।

रतन टाटा ने लोगों के सपनों को पूरा किया और 1 लाख की कार बाजार में लाकर कहा “वादा एक वादा है,”

रतन टाटा का अपमान: Biography of Ratan TaTa in Hindi

Biography of Ratan TaTa in Hindi

दस साल पहले जब रतन टाटा अपनी डूबती हुई टाटा मोटर्स को बेचने के लिए फोर्ड कंपनी के पास गए थे और जिस पर फोर्ड कंपनी ने उनका अपमान करते हुए कहा की “आपकी टाटा मोटर्स खरीद कर हम आप पर एहसान कर रहे हैं” .

उस अपमान के चलते रतन टाटा ने अपनी कंपनी नहीं बेची और वहां से चल दिए और करीब दस साल के बाद 26 मार्च 2008 को रतन टाटा ने अपने अपमान का बदला लिया।

फोर्ड कंपनी की जैगुआर और लैंड रोवर को खरीद कर। ब्रिटिश की मशहूर जैगुआर और लैंड रोवर 1.15 अरब पाउंड ($2.3 अरब), में खरीदी गई।

रतन टाटा जीवनी: History of Ratan Tata in Hindi

रतन टाटा एक शर्मीले व्यक्ति हैं, समाज की झूठी चमक दमक में विश्वास नहीं करते हैं, सालों से मुंबई के कोलाबा जिले में एक किताबों एवं कुत्तों से भरे हुए बैचलर फ्लैट में रह रहे हैं। रतन टाटा ने अपना नया उत्तराधिकारी चुन लिया है। साइरस मिस्त्री रतन टाटा का स्थान लेंगे लेकिन पूरी तरह उनकी जगह लेने से पहले वो एक साल तक उनके साथ काम करेंगे।

दिसंबर 2012 में वो पूरी तरह समूह की जिम्मेदारी संभाल लेंगे। पलोनजी मिस्त्री के छोटे बेटे और शपूरजी-पलोनजी के प्रबंध निदेशक साइरस मिस्त्री ने लंदन के इंपीरियल कॉलेज से सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक एवं लंदन बिजनेस स्कूल से प्रबंधन में डिग्री ली है।

फिलहाल वो टाटा संस की सबसे बड़ी शेयरधारक कंपनी शापूरजी पैलनजी के प्रबंध निदेशक हैं। सायरस 2006 से ही टाटा समूह से जुड़े हैं, मिस्त्री साल 2006 से ही टाटा संस के निदेशक समूह से जुड़े हैं।

रतन टाटा का जीवन परिचय और रतन टाटा की शिक्षा

रतन टाटा ने अपनी प्रारम्भिक पढाई मुंबई के Campion School में की थी और सेकेंडरी शिक्षा John Cannon School से ली। इसके बाद 1962 में Cornell University से वास्तुकला और Structural Engineering में स्नातक की उपाधि प्राप्त की थी। उनके बाद उन्होंने Harvard business school से सन् 1975 में Advanced Management प्रोग्राम पूरा किया।

रतन टाटा का परिवार: Information About Ratan TaTa in Hindi

रतन टाटा के माता-पिता श्री नवल टाटा (पिता) और श्रीमती सोनू टाटा (माँ) है, रतन टाटा के चाचा जे०आर०डी० टाटा है।

रतन टाटा की सौतेली माँ भी हैं श्रीमती सिमोन टाटा , और सौतेला भाई भी है “नोएल टाटा” रतन टाटा की पत्नी नहीं है उन्होंने शादी नहीं की।

रतन टाटा को सम्मान और पुरस्कार

रतन टाटा को भारत सरकार की तरफ से पद्म भूषण (2000) और पद्म विभूषण (2008) द्वारा सम्मानित किया जा चूका है। यह सम्मान देश के तीसरे और दुसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, उनको मिले और अन्य सम्मान और पुरस्कार निम्नलिखित है।

2015 मानद एचईसी पेरिस
2015 ऑटोमोटिव इंजीनियरिंग की मानद डॉक्टर क्लेमसन विश्वविद्यालय
2014 कानून की मानद डॉक्टर न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय, कनाडा
2014 ब्रिटिश साम्राज्य के आदेश के मानद नाइट ग्रैंड क्रॉस यूनाइटेड किंगडम
2014 सयाजी रत्न पुरस्कार बड़ौदा मैनेजमेंट एसोसिएशन
2014 व्यापार के मानद डॉक्टर सिंगापुर मैनेजमेंट यूनिवर्सिटी
2013 डॉक्टरेट की मानद उपाधि एम्स्टर्डम विश्वविद्यालय
2013 व्यापार व्यवहार के मानद डॉक्टर कार्नेगी मेलॉन विश्वविद्यालय
2013 अर्नस्ट और वर्ष का सर्वश्रेष्ठ युवा उद्यमी – लाइफटाइम अचीवमेंट अर्न्स्ट एंड यंग
2013 विदेश एसोसिएट नेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग
2012 व्यापार मानद डॉक्टर न्यू साउथ वेल्स विश्वविद्यालय
2012 मानद फैलो इंजीनियरिंग की रॉयल अकादमी
2010 इस साल के बिजनेस लीडर एशियाई पुरस्कार
2010 कानून की मानद डॉक्टर पेपरडाइन विश्वविद्यालय
2010 लीडरशिप अवार्ड में लीजेंड येल विश्वविद्यालय
2010 शांति पुरस्कार के लिए ओस्लो व्यापार शांति प्रतिष्ठान के लिए व्यापार
2010 हैड्रियन पुरस्कार विश्व स्मारक कोष
2010 लॉ की मानद डॉक्टर कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय
2009 इतालवी गणराज्य की मेरिट के आदेश के ‘ग्रैंड अधिकारी’ का पुरस्कार इटली की सरकार
2009 2008 के लिए इंजीनियरिंग में लाइफ टाइम योगदान पुरस्कार इंजीनियरिंग इंडियन नेशनल एकेडमी
2009 ब्रिटिश साम्राज्य के आदेश के मानद नाइट कमांडर :
2008 प्रेरित होकर लीडरशिप अवार्ड प्रदर्शन रंगमंच
2008 मानद फैलोशिप इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संस्थान
2008 मानद नागरिक पुरस्कार सिंगापुर सरकार
2008 साइंस की मानद डॉक्टर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी खड़गपुर
2008 साइंस की मानद डॉक्टर इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी मुंबई
2008 लॉ की मानद डॉक्टर कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय
2008 लीडरशिप अवार्ड लीडरशिप अवार्ड
2007 परोपकार की कार्नेगी पदक अंतर्राष्ट्रीय शांति के लिए कार्नेगी एंडोमेंट
2007 मानद फैलोशिप अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान के लंदन स्कूल
2006 साइंस की मानद डॉक्टर इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी मद्रास
2005 साइंस की मानद डॉक्टर वारविक विश्वविद्यालय
2004 प्रौद्योगिकी के मानद डॉक्टर एशियन इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी
2004 उरुग्वे के ओरिएंटल गणराज्य की पदक उरुग्वे की सरकार
2001 बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन के मानद डॉक्टर ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी

रतन टाटा दिल के बहुत बड़े आदमी है और बहुत बड़े दानी भी है। रतन टाटा की आमदनी इतनी है कि दुनिया में उनसे ज्यादा कोई नहीं कमाता होगा, पर वो अपनी कमाई का एक बड़ा हिस्सा हर साल दान कर देते हैं और फिर कुछ समय के बाद फिर अपनी स्थिति में आ जाते हैं।

रतन टाटा के विचार

Quotes 02:  मैं यह कहूँगा कि एक चीज जो मैं अलग तरीके से कर सकता था वह यह कि मैं और भी अधिक सेवामुक्त होता।

Ratan TaTa Quotes in Hindi For Students

Ratan TATA and TATA sons donated amount in PM relief fund for corona virus victims

Ratan Tata Coronavirus : भारत के मुश्किल वक्त में सबसे ज्यादा दान करने वाली टाटा फैमिली है। ऐसे में रतन टाटा और टाटा संस  ने भारत की मदद की है। भारत को कोरोना वायरस से बचाने में बहुत बड़ा योगदान दिया है।

भारत अपने बुरे समय में अर्थात कोरोना वायरस से जूझ रहा था तभी भारत के प्रधानमंत्री जी श्री नरेंद्र मोदी ने PM Cares Fund की घोषणा की, इस घोषणा में बताया गया की भारत को आर्थिक मदद की जरूरत है जिससे की वो कोरोना वायरस से लड़ सके और कोरोना वायरस से लड़ने के लिए दुनिया भर के लोगों ने अपना अपना योगदान दिया जिसमें मुकेश अंबानी जी ने 500 करोड़ रुपए का दान दिया है।

रतन टाटा जी ने स्वयं 500 करोड़ दान किए है साथ में उनकी टाटा संस ने 1000 करोड़ का दान दिया है। भारत कभी इनके इस उपकार को नहीं भूलेगा। रतन टाटा हमेशा से ही कहते रहे है कि भारत के सुख दुख में वो भारत के साथ है।

रतन टाटा बहुत बड़े व्यवसायी है उन्होंने भारत को बहुत कुछ दिया है। रतन टाटा ने शुरू से ही भारत के भले के लिए सोचा है उन्होंने लोगों के कार के सपने को पूरा करने के लिए सबसे कम कीमत वाली कार टाटा नैनो निकाली थी जिसका बाजार में अच्छा दबदबा रहा है।

रतन टाटा एक आम व्यक्ति के लिए प्रेरणा स्रोत है। बहुत से लोग उनके दिखाए हुए रास्ते पर चलते हैं। रतन टाटा ने भारत के भविष्य के लिए प्रत्येक वर्ष भारत के नौजवानों को उनके व्यापार उपाय के चलते उनका साथ दिया है यदि किसी व्यक्ति के पास अच्छा उपाय है और उस उपाय से भारत का भला हो सकता है तो रतन टाटा पीछे नहीं होते है।

उम्मीद है कि आपको रतन टाटा की जीवनी पढ़ कर अच्छा लगा होगा। रतन टाटा के बारे में जानकर उनसे कुछ सीखने को मिला होगा तो इस लेख को अवश्य साझा करें अपने मित्रों आदि के साथ और टिप्पणी करके अपने विचार हमारे साथ व्यक्त करें।

अन्य  उद्योगपति⇓

  • विवेक बिंद्रा मोटिवेशनल स्पीकर
  • संदीप माहेश्वरी मोटिवेशनल स्पीकर
  • सोनू शर्मा मोटिवेशनल स्पीकर

– Ratan Tata Biography in Hindi

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रतन टाटा का जीवन परिचय | Ratan Tata Biography in Hindi

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Ratan Tata Biography in Hindi : आज के लेख में रतन टाटा का जीवन परिचय बताएँगे भारत के सबसे सफल उद्योपति में एक भारत के एक महान हस्ती रतन टाटा पर ये बात लागू होती है आज हम आपको एक ऐसी कहानी बता रहे है।

जो रतन टाटा की महत्ता को व्यान करती है रतन टाटा एक प्रसिद्ध भारतीय उद्योगपति ओर टाटा संग मुख्य के प्रमुख चेयर मैन हैै वे साल 1991 से लेकर 2012 तक टाटा ग्रुप के अध्यक्ष रहे 28 दिसम्बर 2012 को उन्होंने टाटा ग्रुप के अध्यक्ष पद को छोड़ दिया लेकिन वो अभी भी टाटा ग्रुप के चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष बने हुए है।

वे टाटा ग्रुप के सभी प्रमुख कंपिनयों जैसे – टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाटा पावर, टाटा टी, टाटा कैमिकल्स, इंडियन होटल्स ओर टाटा टेली सर्विसेज के भी अध्यक्ष थे उनके नीतित्व टाटा ग्रुप ने नई ऊंचाइयों को छुआ और कंपनी का राजस्व भी कई गुना बढ़ गया था यहाँ हम आपको Ratan Tata Biography विस्तार प्रूवक बताएँगे।

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Ratan Tata Biography in Hindi

रतन नवल टाटा
28 दिसंबर, 1937
सूरत, गुजरात, भारत
नवल टाटा
सोनू टाटा, सिमोन टाटा (सौतेली मां)
बी.एस. डिग्री संरनात्मक इंजीनियरिंग के साथ
वास्तुकला में उन्नत प्रबंधन कार्यक्रम
पदम भूषण, पदम विभूषण
टाटा समूह के निवर्तामान अध्यक्ष

रतन टाटा का प्रारंभिक जीवन

रतन टाटा का जन्म 28 दिसम्बर 1937 को गुजरात के सूरत शहर में हुआ रतन टाटा नवल टाटा के बेटे है उनकी माँ का नाम सोनू टाटा है जब रतन टाटा 10 साल के थे और उनके छोटे भाई जिमि 7 साल के तब ही उनके माता पिता 1940 के दसक में एक दूसरे से अलग हो गए थे इसके बाद दोनों भाइयों का पालन पोषण उनकी दादी नवाजबाई टाटा द्वारा किया गया।

रतन टाटा का एक सौतेला भी भी है उसका नाम नोएल टाटा है रतन टाटा की प्रारंभिक स्कूली शिक्षा मुम्बई के कैम्पियन स्कूल से हुई और इसके बाद उन्होंने अपने आगे की पढ़ाई आर्किटेक्चर एसट्रक्चलर इंजीनियरिंग के साथ कार्नर विश्वविद्यालय से 1962 में पूरी की इसके अलावा उन्होंने हवाद बिजनेस स्कूल से सन 1975 में एडवांस मैनेजमेंट प्रोग्राम भी पूरा किया।

भारत लौटने से पहले रतन ने लॉसऐंजली केनोफोर्निया में जोन्सअनमोन्स कंपनी में कार्य किया था उन्होंने टाटा ग्रुप के साथ अपने कैरियर कैरियर की शुरुआत 1961 में की थी शुरुआती दिनो मे उन्होंने टाटा स्टील के सौंफ फ्लोर पर कार्य किया था कुछ दिन बाद वे टाटा ग्रुप के अन्य कंपनियों के साथ भी जुड़ गए।

साल 1971 में उनको राष्ट्रीय रेडियो और इलेक्ट्रॉनिक कंपनी नेल्को में प्रभारी निर्देसक नियुक्त किया गया था 1981 में उन्होने टाटा इंड्रस्टीज का अध्यक्ष बनाया गया था साल 1991 में JRD टाटा ने ग्रुप के अध्यक्ष पद हो छोड़ दिया और रतन टाटा को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया।

रतन टाटा के सफलता की कहानी

बात तब की है जब टाटा ग्रुप ने 1998 में टाटा ऐंडिका कार को बाजार में लंच किया था टाटा ऐडिका को बाजार में अच्छा रिस्पॉस नही मिला तब कुछ करीबी लोगों और सजादारो ने रतन डेटा को अपने कार व्यापार का नुकसान की पूर्ति के लिए अपनी कार कंपनी किसी ओर कंपनी को बेचने का सुझाव दिया क्योंकि कार लंच करने की योजना रतन टाटा की स्वयं की थी।

और उससे नुकसान हुआ था और इसका जिमेदार वो खुद थे इसी लिए रतन टाटा ने इस सुझाव को ठीक समझा इसके बाद वे अपने सजेदारो के साथ मिलकर कर कंपनी बेचने का प्रस्ताव फोड़ कंपनी के पास गए फोड़ कंपनी अमेरिका में बनने वाली कारो का एक मुख्य केंद्र थी।

फोर्ड कंपनी के साथ रतन टाटा ओर उनके सजेदारो के बीच मीटिंग करीब 3 घंटो तक चली फोर्ड कंपनी के मालिक बिल्क फोर्ड ने रतन टाटा के साथ कुछ रूखा बेवहार किया था और बातों ही बातों में यह कह दिया कि जब तुमको इस बेवपार के बारे पता नही थी तो तुमने उस कार को लंच करने में इतना पैसा क्यो लगाया।

हम तुम्हारी कंपनी को खरीद कर तुम्हारी बहुत बड़ी मदद करे जा रहे है कोई बार इंसान अपनी सफलता के घमंड में कुछ ऐसी बाते कह जाता है जो उसे नही कहना चलिए मीटिंग के बाद रतन टाटा ने तुरंत वापस लौटने का फैसला किया पूरे रास्ते मे उस मीटिंग में हुए

बात के बारे में सोचकर अपमानित महसूस कर रहे थे और वही बात उनकी मन मे बार-बार आ रही थी कुछ ही साल में शुरुआती झटके खाने के बाद रतन टाटा की कार की बिजनेस अच्छा चलने लगा और एक मुनाफे का बेवसाय साबित हुआ।

वही दूसरी ओर फोर्ड कंपनी का बाजार गिर गया था फोर्ड कंपनी 2008 तक उनकी दिवाला निकलने की कगार पर थी तभी रतन टाटा ने फोर्ड कंपनी के सामने उनकी लग्जरी कार ब्रांड जैगुआर और लैंडरोवर को खरीदने की प्रस्ताव रखा।

इसके बदले फोर्ड कंपनी को अच्छा खासा दाम देने का प्रताव दिया क्योकी बिल फोर्ड पहले से ही जैगुआर और लैंडरोवर की वजह से काफी घाटा झेल चुके थे तो उन्होंने ये प्रस्ताव खुशी-खुशी स्वीकार कर लिया।

बिल फोर्ड बिल्कुल उसी तरह अपने सजेदारो के साथ बॉम्बे हाउस यानी टाटा समूह के मुख्यालय में पहुचे जिस प्रकार रतन टाटा बिल्फोर्ड से मिलने उनके मुख्यालय गए थे मीटिंग में ये तय हुआ की जैगुआर और लैंड रोवर ब्रांड 9 हजार 300 करोड़ रुपये में टाटा समूह के अधीन होगा और वैसा ही हुआ।

इस बार भी बिल फोर्ड  ने वही बात दोहराई जो उन्होंने पिछली मीटिंग में रतन टाटा से कही थी लेकिन बात इस बार थोड़ी उल्टा थी उन्होंने कहा आप हमारे कंपनी को खरीदकर बहुत बड़ा एहसान कर रहे है आज जैगुआर और लैंड रोवर टाटा समूह का एक हिस्सा है और बाजार में बेहद मुनाफे के साथ आगे बढ़ रहा है

रतन टाटा के पास कितना पैसा है

रतन टाटा  एक बेगिनार ने कहा हैं कि मेरे पास जितनी भी सम्पति है वह कोई मायने नही रखती उनको साल 2012 में बहुत से नेताओ ने राजनीतिक में लाने की कोसिस की पर वो साफ इंकार लर दिया वे चाहते है कि लोग उन्हें एक अच्छे उद्योगपति के रूप में जाने अब चलिए बात कर लेते है कि रतन टाटा के पास कितना पैसा है।

तो सूत्रों के अनुसार रतन टाटा के पास कुल संपत्ति लगभग 72000 अरब डॉलर की है टाटा समूह के चेयरमैन रतन टाटा ने कहा था।

रतन टाटा को मिला पुरस्कार

साल 2001 से 2016 तक रतन टाटा को कौन कौन से पुरस्कार मिले है उसके बारे में निचे लिस्ट दिया गया है।

2001बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन के मानद डॉक्टरओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी
2004उरुग्वे के ओरिएंटल गणराज्य की पदकउरुग्वे की सरकार
2004प्रौद्योगिकी के मानद डॉक्टरएशियन इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी
2005साइंस की मानद डॉक्टरवारविक विश्वविद्यालय
2006साइंस की मानद डॉक्टरइंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी मद्रास
2007मानद फैलोशिपअर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान के लंदन स्कूल
2007परोपकार की कार्नेगी पदकअंतर्राष्ट्रीय शांति के लिए कार्नेगी एंडोमेंट
2008लीडरशिप अवार्डलीडरशिप अवार्ड
2008लॉ की मानद डॉक्टरकैम्ब्रिज विश्वविद्यालय
2008साइंस की मानद डॉक्टरइंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी मुंबई
2008मानद नागरिक पुरस्कारसिंगापुर सरकार
2008मानद फैलोशिपइंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संस्थान
2009ब्रिटिश साम्राज्य के आदेश के मानद नाइट कमांडर   यूनाइटेड किंगडम
20092008 के लिए इंजीनियरिंग में लाइफ टाइम योगदान पुरस्कारइंजीनियरिंग इंडियन नेशनल एकेडमी
2009इतालवी गणराज्य की मेरिट के आदेश के ‘ग्रैंड अधिकारी’ का पुरस्कारइटली की सरकार
2010लॉ की मानद डॉक्टरकैम्ब्रिज विश्वविद्यालय
2010हैड्रियन पुरस्कारविश्व स्मारक कोष
2010शांति पुरस्कार के लिए ओस्लो व्यापारशांति प्रतिष्ठान के लिए व्यापार
2010लीडरशिप अवार्ड में लीजेंडयेल विश्वविद्यालय
2010कानून की मानद डॉक्टरपेपरडाइन विश्वविद्यालय
2010इस साल के बिजनेस लीडरएशियाई पुरस्कार
2012मानद फैलोइंजीनियरिंग की रॉयल अकादमी
2012व्यापार मानद डॉक्टरन्यू साउथ वेल्स विश्वविद्यालय
2013विदेश एसोसिएटनेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग
2013अर्नस्ट और वर्ष का सर्वश्रेष्ठ युवा उद्यमी – लाइफटाइम अचीवमेंटअर्न्स्ट एंड यंग
2013व्यापार व्यवहार के मानद डॉक्टरकार्नेगी मेलॉन विश्वविद्यालय
2013डॉक्टरेट की मानद उपाधिएम्स्टर्डम विश्वविद्यालय
2014व्यापार के मानद डॉक्टरसिंगापुर मैनेजमेंट यूनिवर्सिटी
2014सयाजी रत्न पुरस्कारबड़ौदा मैनेजमेंट एसोसिएशन
2014ब्रिटिश साम्राज्य के आदेश के मानद नाइट ग्रैंड क्रॉसयूनाइटेड किंगडम
2014कानून की मानद डॉक्टरन्यूयॉर्क विश्वविद्यालय, कनाडा
2015ऑटोमोटिव इंजीनियरिंग की मानद डॉक्टरक्लेमसन विश्वविद्यालय
2015मानदएचईसी पेरिस
2016कमांडर ऑफ ऑनर फ्रांस की सरकार

Q : रतन टाटा की कुल संपत्ति कितनी है?

Ans : हुरून की रिच लिस्ट के मुताबिक समृद्ध और प्रभावशाली उद्योगपतियों में से एक रतन टाटा की कुल 6,000 करोड़ रुपये की संपति  है।

Q : रतन टाटा के पास कितनी कंपनी है?

Ans : टाटा ग्रुप देश और दुनिया में 10 क्लस्टर में 30 कंपनियों के साथ परिचालन कर रहा है।

Q : रतन टाटा कहां के रहने वाले हैं?

Ans : रतन नवल टाटा का जन्म 28 दिसम्बर 1937 को गुजरात के सूरत शहर में हुआ था।

Q : रतन टाटा की उम्र कितनी है?

Ans : रतन टाटा का जन्म 28 दिसम्बर 1937 को हुआ था साल 2022 के हिसाब से इनका उम्र 85 साल होंगे।

Q : रतन टाटा ने शादी क्यों हीं की?

Ans : कहा जाता है की रतन टाटा को एक लड़की से प्यार था, जब उनका प्यार सफल नहीं रहा तो उन्होंने जिंदगी अकेले ही गुजार दी।

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मै निशांत सिंह राजपूत इस ब्लॉग का लेखक और संस्थापक हूँ, अगर मै अपनी योग्यता की बात करू तो मै MCA का छात्र हूँ.

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रतन टाटा जीवनी – Biography of Ratan Tata in Hindi Jivani

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Reported by Saloni Uniyal

Published on 13 August 2024

आज हम इस आर्टिकल में भारतीय उद्योगपति एवं टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष रतन टाटा की जीवनी के बारे में बता रहें है। आपको बता दे यह भारत के प्रसिद्ध बिजनेसमैन है एवं अपनी कमाई का करीबन 65% हिस्सा सामाजिक कार्य के लिए दान कर देते हैं। टाटा समूह की स्थापना जमशेदजी टाटा ने की थी और यह कंपनी वर्तमान समय में भारत की सबसे बड़ी व्यापारिक कंपनी है, इसका विकास पीढ़ी दर पीढ़ी किया जा रहा है, Ratan Tata ने टाटा में शामिल होने के बाद कड़ी मेहनत की और इस कंपनी को नया मुकाम हासिल कराया। आप इनके उद्योगपति जीवन को तो भली भांति जानते है, परन्तु क्या आप इनके निजी जीवन के विषय में भी जानते है अगर नहीं जानते तो कोई बात नहीं, यहां हम आपको रतन टाटा जीवनी (Biography of Ratan Tata in Hindi Jivani ) से जुड़ी जानकारी बताने जा रहे है, इसलिए आप सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए इस आर्टिकल के लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें।

रतन टाटा जीवनी - Biography of Ratan Tata in Hindi Jivani

रतन टाटा जीवनी

रतन टाटा का जन्म गुजरात राज्य के सूरत शहर में 28 दिसंबर 1937 को हुआ था। इनके पिता का नाम नवल टाटा जो कि एक बिजनेसमैन थे एवं इनकी माता का नाम सोनू टाटा था और यह इन दोनों की सबसे बड़े बेटे थे। बचपन में इन्हें नवजबाई टाटा ने गोद ले लिया था, क्योंकि उस समय इनके पति की मृत्यु हो गई थी और इनके साथ कोई नहीं था इसलिए इन्हें गोद ले लिया गया। वर्ष 1940 में इनके अपने माता-पिता एक दूसरे से अलग हो गए थे उस समय रतन 10 वर्ष के थे तथा इनका एक छोटा भाई था जिसका नाम जिम्मी था वह उस समय 7 वर्ष का था। माता-पिता तो अलग हुए ही साथ में दोनों भाई को भी अलग कर दिया गया।

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Biogr a phy of Ratan Tata in Hindi Jivani

नाम
जन्म28 दिसंबर 1937
जन्म स्थानसूरत, गुजरात
आयु85 वर्ष (2023 के अनुसार)
पेशाबिजनेसमैन (टाटा ग्रुप के अध्यक्ष)
राष्ट्रीयताभारतीय
राशिमकर
स्कूलकैम्पियन स्कूल, मुंबई
कॉलेजकॉर्नेल यूनिवर्सिटी (अमेरिका), हार्वर्ड बिजनेस स्कूल,सयुंक्त राज्य अमेरिका
गृहनगरमुंबई, भारत
पिता का नामनवल टाटा
माता का नामसूनी टाटा, सिमोन टाटा (सौतेली माँ)
भाईजिम्मी टाटा
बहनकोई नहीं
वैवाहिक स्थितिअविवाहित
धर्मपारसी
वजन85 kg
लम्बाई5 फीट 10 इंच
आँखों का रंगहल्का भूरा
बालों का रंगकाला
नागरिकताभारतीय

इन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा मुंबई के कैम्पियन स्कूल में 8वीं क्लास तक प्राप्त की थी इसके बाद की पढ़ाई को कैथेड्रल एंड जॉन कॉनन स्कूल से पूरा किया था। प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त होने के बाद इन्होंने कॉर्नेल यूनिवर्सिटी में अपना दाखिला कराया और स्ट्रक्चर इंजीनियरिंग की शिक्षा प्राप्त करके डिग्री हासिल की। वर्ष 1962 में इन्होंने अपनी स्नातक की डिग्री प्राप्त कर थी। अब वर्ष 1975 में हार्वर्ड बिजनेस स्कूल में दाखिला लिया और एडवांस मैनेजमेंट का कोर्स पूरा किया।

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करियर की शुरुआत

पढ़ाई पूरी होने के पश्चात रतन अमेरिका में ही सैटल होना चाहते थे और लॉस एंजिल्स कलिफ़ोर्निया में जोन्स एंड एमोंस में कार्य करने लग गए परन्तु आचनक इन्हें भारत वापस लौटना पड़ा क्योंकि इनकी दादी का स्वास्थ्य ठीक ना था और उनकी तबीयत बिगड़ती ही जा रही थी।

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भारत आने के पश्चात ये आईबीएम में काम करने के लिए शामिल हो गए परन्तु जेआरडी नहीं चाहते थे कि ये यहां काम करें। यही शुरुआत थी टाटा ग्रुप में शामिल होने की और वर्ष 1961 में ये टाटा समूह में जुड़ गए और कार्य करना शुरू कर दिया। रतन टाटा सबसे पहले स्टील के शॉप फ्लोर पर काम करते थे इसके पश्चात ये लगन से कार्य करने लगे और वर्ष 1971 में इन्हें इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी में डायरेक्टर एवं राष्ट्रीय रेडियो के लिए इंचार्ज के लिए (Appointed) किया गया था।

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रतन टाटा को टाटा समूह का चेयरमैन वर्ष 1981 में चुना गया था। परन्तु उस समय कंपनी का काम इतना अच्छा नहीं चल रहा था किन्तु रतन ने कड़ी मेहनत की और कंपनी को ऊंचाई हासिल कराई और वर्ष 1991 में इनको कंपनी का उत्तराधिकारी घोषित किया गया।

उत्तराधिकारी नियुक्त होने के बाद टाटा कंपनी बहुत प्रसिद्ध हो गई। उस समय मार्केट में इसी कंपनी का नाम अधिक था। टाटा समूह ने भारत में प्रथम इंडिका नामक कार का निर्माण वर्ष 1998 में कर डाला और इसके पश्चात कोरस, टेटली तथा जैगुआर लैंड रोवर जैसे कई नामों की कारों का निर्माण किया तथा भारतीय बिजनेस लिस्ट में इस कंपनी का नाम भी शामिल हो गया और यह एक प्रसिद्ध कंपनी बन गई। इसके पश्चात टाटा ग्रुप तरक्की ही करता रहा और वर्ष 2008 में नैनो कार का उद्घाटन समारोह दिल्ली में किया गया। इस कार का मूल्य केवल 1 लाख रुपए था जिसे लोगों ने खरीद कर अपना कार लेना का सपना पूरा किया और उस समय इस कार का खूब प्रचलन हुआ।

इतने साल तक इस कंपनी का कार्यभार सँभालते हुए रतन टाटा ने 28 सितम्बर 2012 को कंपनी से रिटायरमेंट ले लिया है और कंपनी का उत्तराधिकारी अपने सौतेले भाई के साले साइरस मिस्त्री को नियुक्त कर दिया था, क्योंकि रतन टाटा की कोई संतान नहीं है। साइरस मिस्त्री ने लन्दन के इंपीरियल कॉलेज से सिविल इंजीनियरिंग में डिग्री को प्राप्त किया था। एवं कंपनी का कार्य भार इन्हें वर्ष 2006 में दिया गया था और वर्ष 2022 तक इन्होंने कंपनी का कार्य संभाला, दुर्भाग्यवश 4 सितम्बर 2022 को इनकी सड़क हादसे में मौत हो गई। अब वर्ष 2022 में एन चंद्रशेखरन को टाटा संस का अध्यक्ष नियुक्त किया गया।

हालाँकि रतन टाटा ने टाटा समूह से रिटायरमेंट तो ले लिया है परन्तु वे अभी भी संस के दो ट्रस्टों के अध्यक्ष है और कंपनी का कार्य देखते रहते है।

पुरस्कार एवं सम्मान

2016फ़्रांस की सरकार द्वाराकमांडर ऑफ़ ऑनर
2015एचइसी पेरिस द्वारामानद
2015क्लेमसन यूनिवर्सिटीऑटोमोटिव इंजीनियरिंग की मानद
2014न्यूयोर्क यूनिवर्सिटी, कनाडाकानून की मानद डॉक्टर
2014यूनाइटेड किंगडमब्रिटिश साम्राज्य के आदेश के मानद नाइट ग्रैंड क्रॉस
2014बड़ौदा मैनेजमेंट एसोसिएशनसजायी रत्न पुरस्कार
2014सिंगापुर मैनेजमेंट विश्वविद्यालयव्यापर के मानद डॉक्टर
2013एम्सटडर्म यूनिवर्सिटीडॉक्टरेट की मानद उपाधि
2013अर्नस्ट और यंगअर्नस्ट और वर्ष का सर्वश्रेष्ठ युवा उद्यमी (लाइफटाइम अचीवमेंट)
2013कार्नेगी मेलॉन यूनिवर्सिटीव्यापार व्यवहार के मानद डॉक्टर
2013नेशनल अकेडमी ऑफ़ इंजीनियरिंगविदेश एसोसिएट
2012न्यू साऊथ वेल्स यूनिवर्सिटीव्यापार मानद डॉक्टर
2012इंजीनियरिंग की रॉयल अकादमीमानद फैलो
2010एशियन आवर्डवर्ष का बिजनेस लीडर
2010पेपरडाइन यूनिवर्सिटीकानून की मानद डॉक्टर
2010येल यूनिवर्सिटीलीडरशिप अवॉर्ड में लीजेंड
2010शांति प्रतिष्ठान व्यापारशांति पुरस्कार के लिए ओस्लो व्यापार
2010विश्व स्मारक कोषहैड्रियन अवॉर्ड
2010कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटीलॉ की मानद डॉक्टर
2009इटली सरकार द्वाराइतालवी गणराज्य की मेरिट के आदेश के ग्रैंड अधिकारी का अवॉर्ड
2009इंजीनियरिंग इंडियन नेशनल एकेडमी2008 के लिए इंजीनियरिंग में हमेशा के लिए योगदान अवॉर्ड
2009यूनाइटेड किंगडमब्रिटिश साम्राज्य के आदेश के मानद नाइट कमांडर
2008सिंगापुर सरकार द्वारामानद नागरिक अवॉर्ड
2008इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी मुंबईसाइंस की मानद डॉक्टर
2008कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटीलॉ की मानद डॉक्टर
2008लीडरशिप पुरस्कारलीडरशिप पुरस्कार
2008भारत सरकार द्वारापद्म विभूषण
2007इंटरनेशनल शांति के लिए कार्नेगी एंडोमेंटपरोपकार की कार्नेगी पदक
2007अर्थशास्त्र और राजनीती विज्ञानं के लन्दन स्कूल द्वारामानद फैलोशिप
2006इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी मद्राससाइंस की मानद डॉक्टर
2005वारविक यूनिवर्सिटीसाइंस की मानद डॉक्टर
2004एशियन इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजीप्रौद्योगिकी के मानद डॉक्टर
2004उरग्वे की सरकार द्वाराउरग्वे के ओरिएंटल गणराज्य का पदक
2001ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटीबिजनेसमैन एडमिनिस्ट्रेशन के मानद डॉक्टर
2001भारत सरकार द्वारापद्म भूषण

Ratan Tata की कुल सम्पति

Ratan Tata की कुल सम्पति की बात करें 117 बिलियन डॉलर अर्थात 8.25 लाख करोड़ रूपए है। इसमें से ये समाजिक कार्यों एवं लोगों की सहायता करने के लिए 65 प्रतिशत सम्पति को दान कर देते हैं। एक उद्योगपति होने के बावजूद ये दिल के बहुत अमीर और दयालु है।

रतन टाटा जीवनी से सम्बंधित सवाल/जवाब

Ratan Tata का जन्म कब हुआ था?

तानसेन जीवनी - Biography of Tansen in Hindi Jivani

तानसेन जीवनी - Biography of Tansen in Hindi Jivani

इनका जन्म 28 दिसंबर 1937 में गुजरात राज्य के सूरत शहर में हुआ था।

Ratan Tata के पिता का नाम क्या था?

इनके पिता का नाम नवल टाटा था।

क्या Ratan Tata की शादी हुई है?

नहीं, रतन टाटा ने शादी नहीं की, वे अविवाहित है।

Ratan Tata के भाई का नाम क्या है?

इनके भाई का नाम जिम्मी टाटा है, जो इनसे दो साल छोटे हैं।

रतन टाटा के पिता का क्या नाम था?

रतन टाटा को भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण पुरस्कार किस वर्ष प्रदान किया गया था?

रतन टाटा को भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण पुरस्कार वर्ष 2008 में प्रदान किया गया था।

Biography of Ratan Tata in Hindi Jivani से सम्बंधित प्रत्येक जानकारी को हमनें इस लेख के माध्यम से प्रदान कर दिया है, यदि आप इस लेख से जुड़ी और जानकारी या प्रश्न पूछना चाहते है तो इसके लिए आपको नीचे दिए हुए कमेंट सेक्शन में अपना प्रश्न लिख लेना है, हम कोशिश करेंगे कि आपके प्रश्रों का जल्द उत्तर दे पाएं। इसी तरह की अन्य जानकारी के लिए हमारी साइट से ऐसे ही जुड़े रहें। आशा करते है कि आपको हमारा यह लेख पसंद आया हो धन्यवाद।

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रतन टाटा की जीवनी, प्रारंभिक जीवन, शिक्षा, करियर, संपत्ति और अन्य जानकारी | Ratan Tata Biography in Hindi

Ratan Tata Biography in Hindi : रतन टाटा एक प्रमुख उद्योगपति, निवेशक और टाटा संस के पूर्व अध्यक्ष हैं। टाटा समूह, भारत का सबसे बड़ा कॉर्पोरेट समूह, जमशेदजी टाटा द्वारा स्थापित किया गया था और उनके परिवार की पीढ़ियों द्वारा इसका विस्तार किया गया, जिससे यह और भी मजबूत हो गया।

रतन टाटा ने टाटा ग्रुप में शामिल होने के बाद अपनी मेहनत, लगन और अपनी काबिलियत के दम पर टाटा ग्रुप को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया है। हालांकि आज हर कोई उन्हें एक उद्योगपति के तौर पर जानता है, लेकिन उनकी निजी जिंदगी के बारे में कम ही लोग जानते हैं।

रतन टाटा का निजी जीवन बहुत ही प्रेरणादायक है। इसीलिए आज के लेख में हम आपको रतन टाटा के जीवन का परिचय प्रदान करेंगे, जिससे आपको उनके व्यक्तिगत जीवन को समझने में मदद मिलेगी।

ratan ji tata biography in hindi

Table of Contents

रतन टाटा की जीवनी

रतन टाटा
28 दिसंबर 1937, सूरत (गुजरात)
सोनू टाटा (माता) और नवल टाटा (पिता)
कॉर्नेल विश्वविद्यालय इथाका, न्यूयॉर्क, यूएसए
हार्वर्ड बिजनेस स्कूल बोस्टन, मैसाचुसेट्स, यूएसए
अविवाहित
टाटा समूह के निवर्तमान अध्यक्ष
1962 में
पद्मा विभूषण (2008) और ओबीई (2009)
बी.एस. में संरचनात्मक इंजीनियरिंग और वास्तुकला में एक उन्नत प्रबंधन कार्यक्रम
भारतीय

रतन टाटा का प्रारंभिक जीवन

देश के मशहूर उद्योगपति रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को सूरत शहर में हुआ था। रतन टाटा नवल टाटा के बेटे हैं। जिन्हें नवजबाई टाटा ने गोद लिया था। ऐसा इसलिए क्योंकि नवजबाई टाटा के पति का देहांत हो गया था, जिसके बाद वह अकेली पड़ गईं। इसलिए उन्होंने उसे गोद ले लिया। उनके माता-पिता 1940 में अलग हो गए जब रतन टाटा 10 साल के थे और उनके छोटे भाई जिमी टाटा 7 साल के थे। इस वजह से दोनों भाइयों को अलग होना पड़ा। लेकिन उनकी दादी नवजबाई ने दोनों पोते को पालने में कोई कसर नहीं छोड़ी। वह अनुशासन के मामले में जितनी सख्त थीं, उतनी ही नरम भी थीं। आपको बता दें कि रतन टाटा का एक सौतेला भाई भी है जिसका नाम नोएल टाटा है। बचपन से ही उन्हें पियानो सीखने और क्रिकेट खेलने का बहुत शौक था।

रतन टाटा की शिक्षा

रतन टाटा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मुंबई के कैंपियन स्कूल में प्राप्त की। जहां उन्होंने 8वीं तक की शिक्षा प्राप्त की। उसके बाद उन्होंने कैथेड्रल और जॉन कॉनन स्कूल में पढ़ाई की। अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद, उन्होंने 1962 में कॉर्नेल विश्वविद्यालय से स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त की। 1962 में अपनी स्नातक की डिग्री पूरी करने के बाद, उन्होंने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल में प्रवेश लिया और 1975 में एडवांस्ड मैनेजमेंट कोर्स पूरा किया।

रतन टाटा का करियर

भारत लौटने से पहले रतन ने लॉस एंजिल्स, कैलिफोर्निया में जोन्स एंड एमोंस में कुछ समय के लिए काम किया। उन्होंने 1961 में टाटा ग्रुप के साथ अपने करियर की शुरुआत की। शुरुआती दिनों में उन्होंने टाटा स्टील के स्टोर फ्लोर पर काम किया। इसके बाद वह टाटा समूह की और कंपनियों से जुड़ गए। 1971 में, उन्हें नेशनल रेडियो एंड इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी (NELCO) का प्रबंध निदेशक नियुक्त किया गया। 1981 में, उन्हें टाटा इंडस्ट्रीज का अध्यक्ष नियुक्त किया गया।

रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा समूह नई ऊंचाइयों पर पहुंचा। 1998 में, टाटा मोटर्स ने पहली अखिल भारतीय यात्री कार – टाटा इंडिका पेश की। उसके बाद, टाटा टी ने टेटली का अधिग्रहण किया, टाटा मोटर्स ने जगुआर लैंड रोवर का अधिग्रहण किया और टाटा स्टील ने कोरस का अधिग्रहण किया, जिसके परिणामस्वरूप भारतीय उद्योग में टाटा समूह की प्रतिष्ठा बहुत बढ़ गई । टाटा नैनो – दुनिया की सबसे सस्ती यात्री कार – भी रतन टाटा का आविष्कार थी।

28 दिसंबर 2012 को, वह टाटा समूह की सभी कार्यकारी जिम्मेदारियों से सेवानिवृत्त हुए। उनकी जगह 44 साल के साइरस मिस्त्री ने ली थी। हालाँकि टाटा अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं, फिर भी वे काम में लगे हुए हैं। हाल ही में उन्होंने भारत की ई-कॉमर्स कंपनी स्नैपडील और एक अन्य ई-कॉमर्स कंपनी अर्बन लैडर और चाइनीज मोबाइल कंपनी शाओमी में निजी निवेश किया है।

रतन वर्तमान में टाटा समूह के सेवानिवृत अध्यक्ष हैं। इसके साथ ही वह टाटा संस के 2 ट्रस्ट के चेयरमैन भी बने हुए हैं। रतन टाटा ने भारत और अन्य देशों में कई संगठनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वह प्रधान मंत्री की व्यापार और उद्योग परिषद और राष्ट्रीय विनिर्माण प्रतिस्पर्धात्मकता परिषद के सदस्य हैं। रतन कई कंपनियों के बोर्ड मेंबर भी हैं।

रतन टाटा की कुल संपत्ति

अगर टाटा ग्रुप की सभी कंपनियों की मार्केट वैल्यू की बात करें तो एक अनुमान के मुताबिक उनकी सभी कंपनियों की मार्केट वैल्यू करीब 17 लाख करोड़ रुपए होगी। एक रिपोर्ट के मुताबिक रतन टाटा की कुल संपत्ति करीब 117 बिलियन डॉलर यानी करीब 8.25 लाख करोड़ रुपये है। रतन टाटा इस पैसे का 65% लोगों की मदद के लिए दान करते हैं। यही वजह है कि वह दुनिया के अमीर लोगों में शामिल नहीं हैं। लेकिन लोग उन्हें दिल का बहुत अमीर मानते हैं।

रतन टाटा की प्रेम कहानी

हालांकि रतन टाटा ने अभी तक शादी नहीं की है, लेकिन इसके पीछे की असली वजह कम ही लोग जानते हैं। दरअसल रतन टाटा की लाइफ में एक गर्लफ्रेंड थी, जिनसे उनकी मुलाकात अमेरिका में ही हुई थी। हालांकि यह उनके जीवन का एक इतिहास था, लेकिन उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में इस इतिहास के बारे में खुलासा भी किया था।

उन्होंने बताया था कि कॉलेज से स्नातक होने के बाद, वह लॉस एंजिल्स में एक आर्किटेक्चर फर्म में काम कर रहा थे। उस समय उनके पास अपनी कार भी थी और सब कुछ ठीक चल रहा था। लेकिन अचानक उनकी दादी की बीमारी की खबर आई और उन्हें देखने के लिए उन्हें भारत जाना पड़ा।

भारत जाने से पहले, वह अपनी प्रेमिका से मिले और उससे वादा किया कि वह भारत से लौटने के बाद ही उससे शादी कर लेंगे, उसके बाद वह भारत चले गए। हालांकि, 1962 में भारत और चीन के बीच युद्ध शुरू हो गया था, इसलिए वे वापस लॉस एंजेलिस नहीं जा सके और उस समय वे अपनी प्रेमिका से नहीं मिल सके।

उसके बाद उनकी प्रेमिका के घरवालों ने भी इस युद्ध को मुद्दा बनाकर इस रिश्ते को ठुकरा दिया और उसकी शादी किसी और से करवा दी। लेकिन रतन टाटा ने अपनी गर्लफ्रेंड से जो वादा किया था वह अपने वादे पर कायम रहे और यही वजह है कि रतन टाटा ने अभी तक शादी नहीं की।

रतन टाटा के अवार्ड्स

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रतन टाटा को भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण (2000) और पद्म विभूषण (2008) से सम्मानित किया जा चुका है। यह सम्मान देश का तीसरा और दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। इसके अलावा उन्होंने और भी कई अवॉर्ड जीते हैं।

अन्य पढ़ें –

  • एलन मस्क की बायोग्राफी, प्रारंभिक जीवन, शिक्षा, परिवार, नेट-वर्थ, कम्पनियाँ
  • Narender Modi Biography in Hindi
  • Gautam Adani Biography

प्रश्न : Ratan Tata के माता पिता का क्या नाम है?

उत्तर : सूनी टाटा ( माता) और नवल टाटा ( पिता)

प्रश्न : Tata कंपनी के संस्थापक कौन है?

उत्तर : जमशेदजी टाटा

प्रश्न : रतन टाटा किस लिए जाने जाते हैं?

उत्तर : रतन टाटा एक भारतीय व्यवसायी और मुंबई स्थित टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष हैं।

प्रश्न : टाटा की स्थापना कब हुई?

उत्तर : इसकी स्थापना 1868 में हुई थी।

प्रश्न : रतन टाटा के पास कितनी संपत्ति हैं?

उत्तर : वह 150 से अधिक देशों में 100 से अधिक कंपनियों के मालिक हैं और उनकी कुल संपत्ति 7,350 करोड़ रुपये है।

प्रश्न : रतन टाटा को भारत सरकार द्वारा किन पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था?

उत्तर : रतन टाटा को पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था ।

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रतन टाटा जीवन परिचय Ratan Tata biography in hindi (टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष तथा भारतीय व्यवसायी)Age, Wife, Net worth

  • Post author: Anamika raghuwanshi
  • Post published: April 29, 2023
  • Post category: Popular person (लोकप्रिय व्यक्ति)
  • Post comments: 0 Comments

रतन टाटा का जीवन परिचय- Ratan tata introduction

आज हम आपको यहां पर रतन टाटा के बारे में बताने जा रहे हैं. Ratan Tata biography in hindi – रतन टाटा टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष तथा भारतीय व्यवसायी है. रतन टाटा सभी प्रमुख कंपनियां जैसे टाटा स्टील , टाटा मोटर्स, टाटा पावर , टाटा कंसलटेंसी सर्विस, टाटा केमिकल्स, इंडियन हॉस्टल और टाटा टेलीसर्विस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. लेकिन वे अभी भी टाटा समूह के चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं. रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 में सूरत (गुजरात) में हुआ था,रतन टाटा नवल टाटा के बेटे हैं जिनको नवजबाई ने गोद लिया था.रतन टाटा का पूरा नाम रतन नवल टाटा है. रतन टाटा की उम्र 2023 में, 85 वर्ष है. आइए हम आपको रतन टाटा के जीवन से परिचित कराते हैं –

Ratan Tata biography in english- Click here

Table of contents.

रतन टाटा जीवन परिचय Ratan Tata biography in hindi (टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष तथा भारतीय व्यवसायी)Age, Wife, Net worth

रतन टाटा
रतन नवल टाटा
28 दिसंबर 1937
सूरत (गुजरात)
भारतीय
हिंदू
पारसी
2023 में,
टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष तथा भारतीय व्यवसायी
भारतीय व्यवसायी
पिता नवल टाटा ,माँ – सोनू टाटा
118 बिलियन$, 8.25 लाख करोड़ लगभग
– अविवाहित
मुंबई, महाराष्ट्र (भारत)

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रतन टाटा का जन्म एवं प्रारंभिक जीवन – ratan tata birth and early life.

रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 में सूरत (गुजरात) में हुआ था,रतन टाटा नवल टाटा के बेटे हैं जिनको नवजबाई ने गोद लिया था,नवजबाई उनकी दादी थी. जब रतन टाटा 10 साल के थे और उनके छोटे भाई जिमी टाटा 7 साल के थे. तब उनके माता-पिता दोनों एक दूसरे से अलग हो गए थे. जिसके कारण दोनों भाइयों को भी अलग होना पड़ा लेकिन उनकी दादी भाई ने दोनों का पालन पोषण किया.

रतन टाटा जीवन परिचय Ratan Tata biography in hindi (टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष तथा भारतीय व्यवसायी)Age, Wife, Net worth

रतन टाटा की शिक्षा – Ratan Tata education

रतन टाटा पढ़ने में काफी अच्छे थे उनकी शुरुआती पढ़ाई कैंपियन स्कूल से हुई. उसके बाद वह कैथ्रेडल एंड जॉन कॉनन स्कूल में चले गए. स्कूली पढ़ाई खत्म करने के बाद उन्होंने बी एस वास्तु कला स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग के साथ कॉर्नल विश्वविद्यालय में साल 1962 में पढ़ाई पूरी की इस को खत्म करने के बाद उन्होंने हावर्ड बिजनेस स्कूल में एडमिशन लिया उन्होंने साल 1975 में एडवांस्ड मैनेजमेंट का कोर्स किया,

रतन टाटा का परिवार – Ratan Tata family

रतन टाटा एक अमीर परिवार से ताल्लुक रखते हैं उनके पिता नवल टाटा जोकि टाटा ग्रुप से जुड़े हुए थे. रतन टाटा की मां का नाम सोनू टाटा है. रतन टाटा नवल टाटा के बेटे हैं जिन्हें नवजबाई टाटा ने अपने पति रतन जी टाटा के मौत के के बाद गोद लिया था. साल 1940 में रतन टाटा के माता-पिता एक दूसरे से अलग हो चुके थे उनका पालन पोषण उनकी दादी नवजबाई टाटा ने किया था. रतन टाटा के परिवार में उनका भाई है और उनके एक सौतेले भाई भी है. रतन टाटा जी अविवाहित हैं उन्होंने कभी शादी नहीं की. टाटा रत्न के परिवार में कौन-कौन हैं ?

रतन टाटा जीवन परिचय Ratan Tata biography in hindi (टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष तथा भारतीय व्यवसायी)Age, Wife, Net worth

  • पिता का नाम- नवल टाटा
  • माता का नाम – सोनू टाटा
  • पत्नी का नाम – अविवाहित
  • भाई का नाम- जिमी नवल टाटा (भारतीय व्यवसायी)
  • सौतेले भाई का नाम- नोएल नवल टाटा(भारतीय व्यवसायी)
  • सौतेली मां का नाम- सिमोन टाटा रतन टाटा फैमिली फोटो

रतन टाटा का करियर – Ratan Tata career

रतन टाटा के करियर की शुरुआत भारत वापस आने के बाद शुरू हुई है, पहले लॉस एंजेलिस कैलिफोर्निया में जॉन्स एंड एमोंस में थोड़े समय के लिए काम किया. इनोवा दादी की तबीयत खराब हो गई इसलिए अमेरिका छोड़कर वापस आए. आने के बाद उन्होंने आईबीएम में काम किया लेकिन जेआरडी टाटा कोई पसंद नहीं आया. साल 1964 में टाटा ग्रुप में काम करने का मौका दिया पहले कुछ शुरुआती दिनों में उन्होंने टाटा स्टील के शॉप फ्लोर पर काम किया क्या धीरे-धीरे टाटा ग्रुप की और कंपनियों के साथ जुड़ गए. एक समय आया जब उन्हें 1971 में राष्ट्रीय रेडियो और एक्टरनी कंपनी नेल्को में डायरेक्टर इंचार्ज के लिए चुना गया. साल 1981 में उन्हें टाटा का अध्यक्ष चुना गया उस समय कंपनी घाटे में चल रही थी बाजार में कंपनी की हिस्सेदारी 2% की और घाटा 40 पर था.लेकिन कुछ समय बाद साल1991 में टाटा का उत्तराधिकारी बनाया गया. रतन टाटा इस पद को संभालने के बाद मानव टाटा ग्रुप की किस्मत ही बदल गई ऐसा लग रहा था आसमान पर टाटा का ही नाम है. साल 1998 में टाटा ने अपनी पहली भारतीय कार तैयार की जिसका नाम टाटा इंडिका था इसके बाद टाटा ने टाटा मोटर्स में जैगवार लैंड रोवर और टाटा स्टील ने कोरस को तैयार किया इसके बाद भारतीय उद्योग की लिस्ट में टाटा का नाम दर्ज हो गया दुनिया की सबसे सस्ती कार यानी टाटा नैनो टाटा की सोचता है जिसको लोगों ने काफी पसंद किया. रतन टाटा ने 28 दिसंबर साल 2012 को टाटा समूह की सभी कार्यकारी जिम्मेदारियां से रिटायर ले लिया. इसके बाद उनकी यह जगह 44 वर्षीय साइरस मिस्त्री को दी गई लेकिन रतन टाटा ने चकोको देने से पहले उनके सामने अपनी बात रखी. जिसके मुताबिक उन्हें 1 साल तक टाटा रतन के साथ काम करने को कहा कि उन्होंने स्वीकार कर लिया. रतन टाटा ने भारत के अलावा कई देशों के संगठनों में भी अहम भूमिका निभाई है. प्रधानमंत्री की व्यापार उद्योग परिषद और राष्ट्रीय विनिर्माण प्रतिस्पर्धात्मक परिषद के सदस्य हैं इसके साथ ही कंपनियों के डायरेक्टर भी है. रतन टाटा सभी प्रमुख कंपनियां जैसे टाटा स्टील , टाटा मोटर्स, टाटा पावर , टाटा कंसलटेंसी सर्विस, टाटा केमिकल्स, इंडियन हॉस्टल और टाटा टेलीसर्विस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. लेकिन वे अभी भी टाटा समूह के चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं. टाटा समूह की कुल 96 कंपनियां है सात अलग-अलग व्यवसाई क्षेत्रों में सक्रिय हैं इन 96 में से केवल 28 पब्लिक लिस्टेड कंपनी है टाटा ग्रुप छह महाद्वीपों के 40 से भी अधिक देशों में सक्रिय टाटा समूह दुनिया के ऐसे 40 से भी अधिक देशों के उत्पाद करता है.

रतन टाटा शारीरिक बनावट

  • उम्र – 85 वर्ष, 2023 में
  • हाइट – 5.7 इंच के लगभग
  • वजन – 65 किलो के लगभग
  • त्वचा का रंग – गोरा
  • आंखों का रंग – ब्राउन
  • बालों का रंग – सफ़ेद

रतन टाटा के सुन्दर विचार- Ratan tata quotes in hindi

मैं सही निर्णय लेने में विश्वास नहीं करता। मैं निर्णय लेता हूँ और फिर उन्हें सही साबित कर देता हूँ।
अगर आप तेजी से चलना चाहते हैं तो अकेले चलिए। लेकिन अगर आप दूर तक चलना चाहते हैं तो साथ मिलकर चलिए।
ऐसी कई चीजें हैं, जो अगर मुझे दोबारा जीने के मौका मिले तो शायद मैं अलग ढंग से करूँगा। लेकिन मैं पीछे मुड़कर ये नहीं देखना चाहूँगा कि मैं क्या नहीं कर पाया। रतन टाटा(टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष तथा भारतीय व्यवसायी)

रतन टाटा सोशल मीडिया अकाउंट

रतन टाटा जी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर काफी कम एक्टिव रहते हैं, वह दिखावा पसंद नहीं करते उन्हें सादगी के साथ जीवन जीना पसंद है. लेकिन रतन टाटा जी दुनिया भर में प्रसिद्ध व्यक्तियों में से एक है. अगर आप रतन टाटा जी को फॉलो करना चाहते हैं तो नीचे दिए लिंक से कर सकते हैं.

Instagram account- Click here

रतन टाटा के अवार्ड तथा उपलब्धियां – Ratan Tata awards

  • साल 2000 में भारत सरकार द्वारा पदम भूषण से सम्मानित.
  • साल 2008 में भारत सरकार द्वारा पदम विभूषण से सम्मानित.
  • साल 2004 में उरुग्वे के ओरिएंटल गणराज्य की पदक उरुग्वे की सरकार
  • साल 2004 में प्रौद्योगिकी के मानद डॉक्टर एशियन इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी
  • साल 2005 साइंस की मानद डॉक्टर वारविक विश्वविद्यालय
  • साल 2006 साइंस की मानद डॉक्टर इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी मद्रास
  • साल 2007 मानद फैलोशिप अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान के लंदन स्कूल
  • साल 2007 परोपकार की कार्नेगी पदक अंतर्राष्ट्रीय शांति के लिए कार्नेगी एंडोमेंट
  • साल 2008 लीडरशिप अवार्ड लीडरशिप अवार्ड
  • साल 2008 लॉ की मानद डॉक्टर कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय
  • साल 2008 साइंस की मानद डॉक्टर इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी मुंबई
  • साल 2008 मानद नागरिक पुरस्कार सिंगापुर सरकार
  • साल 2008 मानद फैलोशिप इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संस्थान
  • साल 2009 ब्रिटिश साम्राज्य के आदेश के मानद नाइट कमांडर   यूनाइटेड किंगडम
  • साल 2008 के लिए इंजीनियरिंग में लाइफ टाइम योगदान पुरस्कार इंजीनियरिंग इंडियन नेशनल एकेडमी
  • साल 2009 इतालवी गणराज्य की मेरिट के आदेश के ‘ग्रैंड अधिकारी’ का पुरस्कार इटली की सरकार
  • साल 2010 लॉ की मानद डॉक्टर कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय
  • साल 2010 हैड्रियन पुरस्कार विश्व स्मारक कोष
  • साल 2010 शांति पुरस्कार के लिए ओस्लो व्यापार शांति प्रतिष्ठान के लिए व्यापार
  • साल 2010 लीडरशिप अवार्ड में लीजेंड येल विश्वविद्यालय
  • साल 2010 कानून की मानद डॉक्टर पेपरडाइन विश्वविद्यालय
  • साल 2010 इस साल के बिजनेस लीडर एशियाई पुरस्कार
  • साल 2012 मानद फैलो इंजीनियरिंग की रॉयल अकादमी
  • साल 2012 व्यापार मानद डॉक्टर न्यू साउथ वेल्स विश्वविद्यालय
  • साल 2013 विदेश एसोसिएट नेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग
  • साल 2013 अर्नस्ट और वर्ष का सर्वश्रेष्ठ युवा उद्यमी – लाइफटाइम अचीवमेंट अर्न्स्ट एंड यंग
  • साल 2013 व्यापार व्यवहार के मानद डॉक्टर कार्नेगी मेलॉन विश्वविद्यालय
  • साल 2013 डॉक्टरेट की मानद उपाधि एम्स्टर्डम विश्वविद्यालय
  • साल 2014 व्यापार के मानद डॉक्टर सिंगापुर मैनेजमेंट यूनिवर्सिटी
  • साल 2014 सयाजी रत्न पुरस्कार बड़ौदा मैनेजमेंट एसोसिएशन
  • साल 2014 ब्रिटिश साम्राज्य के आदेश के मानद नाइट ग्रैंड क्रॉस यूनाइटेड किंगडम
  • साल 2014 कानून की मानद डॉक्टर न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय, कनाडा
  • साल 2015 ऑटोमोटिव इंजीनियरिंग की मानद डॉक्टर क्लेमसन विश्वविद्यालय
  • साल 2015 मानद एचईसी पेरिस
  • साल 2016 कमांडर ऑफ ऑनर फ्रांस की सरकार
  • साल 2023 में ऑस्ट्रेलिया सर्वोच्च नागरिक सम्मान ऑस्ट्रेलिया की सरकार

रतन टाटा की नेट वर्थ – Ratan Tata net worth

रतन टाटा जी की सभी कंपनियों की मार्केट वैल्यू की बात करें तो 1700000 करोड रुपए के एक रिपोर्ट के मुताबिक उनकी कुल संपत्ति लगभग 118 बिलियन डॉलर है. रतन टाटा इसमें से 65% पैसा लोगों की मदद करने के लिए दान देते हैं.टाटा समूह के चैरिटेबल ट्रस में दान जाता है.

कुल संपत्ति Net Worth -1 18 बिलियन$, 8.25 लाख करोड़ लगभग

रतन टाटा के बारे में रोचक जानकारियां- Facts

  • रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 में सूरत (गुजरात) में हुआ था,रतन टाटा नवल टाटा के बेटे हैं जिनको नवजबाई ने गोद लिया था.
  • रतन टाटा की कंपनी ने मुंबई में हुए हमले में जितने भी घायल हुए थे, उनका इलाज करवाया और वहां के कर्मचारियों को वेतन भी दिया था.
  • रतन टाटा जी दुनिया के सबसे अमीर आदमियों की लिस्ट में नहीं है क्योंकि वह अपने कमाई का आधा परसेंट दान कर देते हैं.
  • रतन टाटा की उम्र 2023 में, 85 वर्ष है
  • रतन टाटा सभी प्रमुख कंपनियां जैसे टाटा स्टील , टाटा मोटर्स, टाटा पावर , टाटा कंसलटेंसी सर्विस, टाटा केमिकल्स, इंडियन हॉस्टल और टाटा टेलीसर्विस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. लेकिन वे अभी भी टाटा समूह के चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं.

FAQ Section-

Q. रतन टाटा कौन है.

Ans. रतन टाटा टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष तथा भारतीय व्यवसायी है. रतन टाटा सभी प्रमुख कंपनियां जैसे टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाटा पावर, टाटा कंसलटेंसी सर्विस, टाटा केमिकल्स, इंडियन हॉस्टल और टाटा टेलीसर्विस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. लेकिन वे अभी भी टाटा समूह के चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं.

Q. रतन टाटा की कितनी पत्नियां हैं?

Ans. रतन टाटा जी अविवाहित हैं उन्होंने कभी शादी नहीं की. वह लॉस एंजेलिस कैलिफोर्निया मैं एक लड़की से प्यार करती थी लेकिन उनकी शादी नहीं हो पाई.

Q. क्या रतन टाटा के बेटे हैं?

Ans. रतन टाटा जी अविवाहित हैं उन्होंने कभी शादी नहीं की.

Q. टाटा का पुराना नाम क्या है?

Ans. टाटा का पुराना नाम टेल्को “टाटा इंजीनियरिंग एंड लोकोमोटिव कंपनी लिमिटेड ” था

Q. टाटा की कितनी कंपनियां है?

Ans. टाटा समूह की कुल 96 कंपनियां है सात अलग-अलग व्यवसाई क्षेत्रों में सक्रिय हैं इन 96 में से केवल 28 पब्लिक लिस्टेड कंपनी है टाटा ग्रुप छह महाद्वीपों के 40 से भी अधिक देशों में सक्रिय टाटा समूह दुनिया के ऐसे 40 से भी अधिक देशों के उत्पाद करता है.

Q.रतन टाटा के माता पिता का नाम क्या है?

Ans. पिता का नाम- नवल टाटा माता का नाम – सोनू टाटा पत्नी का नाम – अविवाहित

Q. रतन टाटा जी की उम्र कितनी है?

Ans. रतन टाटा की उम्र 2023 में, 85 वर्ष है

Q.रतन टाटा जी की पत्नी का क्या नाम है?

इन्हें भी देखें.

रोमन रेंस जीवन परिचय (अमेरिकी पहलवान) – ” Click here “

मिक शूमाकर जीवन परिचय (जर्मन मोटरस्पोर्ट्स रेसिंग ड्राइवर)  – ” Click here “

अंतिम पंघल जीवन परिचय (U-20 Gold Medalist 2022)  – ” Click here “

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रतन टाटा की जीवनी – Ratan Tata Biography Hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको रतन टाटा की जीवनी – Ratan Tata Biography Hindi के बारे में बताएगे।

रतन टाटा की जीवनी – Ratan Tata Biography Hindi

रतन टाटा सुप्रसिद्ध उद्योगपति है तथा वे टाटा समुह के वर्तमान अध्यक्ष, जो भारत की सबसे बड़ी व्यापारिक समूह है, जिसकी स्थापना जमशेदजी टाटा ने की और उनके परिवार की पीढियों ने इसका विस्तार किया और इसे दृढ़ बनाया।दुनिया की सबसे छोटी कार बनाने से पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हुए1991 से 2012 तक और फिर 2016 -17 में वह देश के प्रतिष्ठित टाटा ग्रुप के चेयरमैन रहे।

टाटा समूह के बिजनेस का दूसरे देशों में विस्तार किया।

2008 में उन्हे पद्मविभूषण और 2000 में उन्हे पद्मभूषण से सम्मानित किया गया।

अब अपने चैरिटी से जुड़े कार्यों में व्यस्त रहते हैं।

  • नवम्बर 2007 में फॉर्च्यून पत्रिका ने उन्हें व्यापर क्षेत्र के 25 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में शामिल किया।
  • मई 2008 में टाटा को टाइम पत्रिका की 2008 की विश्व के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में शामिल किया गया।

रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को मुंबई, महाराष्ट्र, भारत में हुआ था।

उनके पिता का नाम नवल टाटा तथा उनकी माता का नाम सोनू टाटा है।

उनके दादा का नाम श्री जमशेदजी टाटा था रतन टाटा की एक सौतेली माँ भी है ।

जिसका नाम सिमोन टाटा हैं।

सिमोन का एक पुत्र हैं जिसका नाम नोएल टाटा हैं। नवल और सोनू ने रतन टाटा को गोद लिया था।

जब वे मात्र 10 साल की उम्र में उनके माता -पिता उनसे अलग हो गये थे तब नवल और सोनू ने उनका पालन-पोषण किया था.

शिक्षा – रतन टाटा की जीवनी

रतन टाटा ने कैपियन स्कूल से शुरूआती पढ़ाई करने के बाद उन्होने   कार्निल यूनिवर्सिटी लंदन से आर्किटेक्चर एंड स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग की स्नातक की डिग्री प्राप्त की और फिर हार्वड विश्वविघालय से एडवांस मैनेजमेंट प्रोग्राम कोर्स किया। उन्हें प्रतिष्टित कंपनी आईबीएम से नौकरी का बढ़िया प्रस्ताव मिला, लेकिन रतन ने उस प्रस्ताव को ठुकराकर अपने पुश्तैनी बिजनेस को ही आगे बढ़ाने की ठानी।

रतन जी ने अपने करियर की शुरुआत 1961 में की, शुरू में उन्होंने शॉप फ्लोर आदि पर वर्क किया।

इसके बाद में रतन जी टाटा समूह और ग्रुप के साथ जुड़े थे।

1971 में रतन जी नेल्को कंपनी (रेडियो और इलेक्ट्रॉनिक) में डायरेक्टर पद पर नियुक्त हुए।

1981 में जमशेदजी टाटा ने रतन को टाटा समूह का नया अध्यक्ष बनाया।

रतन टाटा के समय टाटा इंड्रस्ट्री ने कई मंजिले पाई, 1998 में पहली बार रतन टाटा के निर्देशन में टाटा मोटर्स ने एक भारतीय कार ” टाटा इंडिका ” को बाजार में उतारा था।

इससे टाटा समूह की पहचान धीरे-धीरे बढ़ती चली गयी।

इसके बाद रतन टाटा ने एक छोटी कार टाटा नैनो जो भारत में बनी है मार्केट में उतारी, जो भारत के इतिहास में सबसे सस्ती कार थीं। उसके बाद रतन टाटा ने 2012 में टाटा के सभी प्रमुख पदों से सेवा मुक्त होने की घोषणा की। टाटा अभी चेरीटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष का पद देखते हैं। रतन टाटा ने देश और विदेशों में भी कई संघटनो के साथ भी कार्य किया हैं और अपने बिजनेस को आगे लेकर गए है।

सम्मान और पुरस्कार – रतन टाटा की जीवनी

  • भारत के 50वें गणतंत्र दिवस समारोह 26 जनवरी 2000 पर रतन टाटा को तीसरे नागरिक अलंकरण पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।
  • उन्हें 26 जनवरी 2008 भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक अलंकरण पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
  • वे नैसकॉम ग्लोबल लीडरशिप (NASSCOM Global Leadership) पुरस्कार 2008 प्राप्त करने वालों में से एक थे।
  • ये पुरस्कार उन्हें 14 फ़रवरी 2008 को मुम्बई में एक समारोह में दिया गया।
  • मार्च 2006 में टाटा को कॉर्नेल विश्वविद्यालय द्वारा 26वें रॉबर्ट एस सम्मान से सम्मानित किया गया।
  • आर्थिक शिक्षा में हैटफील्ड रत्न सदस्य, वह सर्वोच्च सम्मान जो विश्वविद्यालय कंपनी क्षेत्र में प्रतिष्ठित व्यक्तियों को प्रदान करती है।
  • फरवरी 2004 में, रतन टाटा को चीन के झोज्यांग प्रान्त में हांग्जो (Hangzhou) शहर में मानद आर्थिक सलाहकार की उपाधि से सम्मानित किया गया।
  • उन्हें लन्दन स्कूल ऑफ़ इकॉनॉमिक्स (London School of Economics) से मानद डॉक्टरेट की उपाधि हासिल हुई,

इसे भी पढ़े – कुशल पंजाबी की जीवनी – Kushal Punjabi Biography Hindi

Sonu Siwach

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रतन टाटा का जीवन परिचय Ratan Tata Biography in Hindi

रतन टाटा उनकी दादी के पास बड़े हुए। जब उनके माता पिता अलग हो गए। उन्होंने टाटा स्टील की दुकान पर एक साथी कार्यकर्ता के रूप में कार्य शुरू किया और अपने परिवार के व्यवसाय के बारे में जानकारी हासिल कर ली। जे.आर.डी. के सेवानिवृत्ति के बाद , वह टाटा समूह के नए अध्यक्ष बने। उनके नेतृत्व में , संगठन ने नई ऊंचाई हासिल की और बड़ी मात्रा में विदेशी राजस्व उत्पन्न किया।

उन्होंने टेटली, जगुआर लैंड रोवर और कोरस के अधिग्रहण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई,जिसने टाटा को एक प्रमुख भारत-केंद्र कंपनी से वैश्विक ब्रांड नाम के रूप में बदल दिया। अपने बहुराष्ट्रीय विस्तार के अलावा, उन्होंने भारत और विदेशों में संगठनों में विभिन्न प्रकार से सेवा की।

Table of Content

बचपन और प्रारंभिक जीवन Early Life and Childhood

रतन टाटा के एक भाई, जिमी और एक सौतेले भाई, नोएल टाटा हैं। जब वह दस वर्ष के थे, उनके माता-पिता अलग हो गए और उसके बाद,  उन्हें और उनके भाई को उनकी दादी नवाज बाई टाटा ले आयीं।

व्यवसाय Occupation

1962 में , उन्होंने टाटा स्टील डिवीजन के साथ अपने करियर की शुरुआत की, जहां उन्होंने नीले कॉलर वाले कर्मचारियों के साथ भट्टियों में काम किया। यह एक कठिन काम था। अपने परिवार के व्यवसाय के लिए उन्हें बेहतर समझ और सम्मान हासिल करने में मदद मिली।

1977 में , उन्हें टाटा समूह के भीतर एक संघर्षरत कपड़ा मिल की एम्प्रेस मिल्स में ले जाया गया था। उन्होंने मिल के लिए एक योजना प्रस्तावित की लेकिन अन्य टाटा अधिकारी ने इसे खारिज कर दिया और मिल बंद हो गयी। बाद में , उन्हें टाटा इंडस्ट्रीज में स्थानांतरित कर दिया गया।

उन्होंने विभाजन के प्रबंधन और दृष्टि को बदल दिया , और काफी बड़ा लाभांश लाने में कामयाब रहे। वह व्यापार और उद्योग पर प्रधान मंत्री परिषद के सदस्य भी बने। उन्होंने एशिया प्रशांत नीति के लिए रैंड सेंटर के सलाहकार बोर्ड पर कार्य किया और भारत में एड्स पहल कार्यक्रम के भी सक्रिय भागीदारी है। वह मित्सुबिशी निगम , अमेरिकन इंटरनेशनल ग्रुप , जेपी मॉर्गन चेस और बूज एलन हैमिल्टन के अंतर्राष्ट्रीय सलाहकार बोर्ड के भी सदस्य हैं।

प्रमुख कार्य Major Works and Success

पुरस्कार और उपलब्धियां awards, व्यक्तिगत जीवन और विरासत personal life.

रतन टाटा एक स्नातक है। वह अपनी कम प्रोफ़ाइल जीवन शैली के लिए जाने जाते हैं। वह मुंबई में एक साधारण घर में रहते है और एक टाटा की सेडान कार ड्राइव करते है।

ratan ji tata biography in hindi

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