Hindi Yatra

10+ दिवाली पर निबंध – Essay on Diwali in Hindi 2023

Essay on Diwali in Hindi  : दोस्तो आज हमने दिवाली पर निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए लिखा है। इस निबंध के माध्यम से हमने भारतवर्ष में मनाया जाने वाला सबसे बड़ा त्यौहार Diwali के बारे में जानकारी दी है कि यह कब मनाया जाता है और क्यों मनाया जाता है।

दिवाली का त्यौहार पूरे भारतवर्ष में मनाया जाता है इस त्यौहार को सभी धर्मों ने स्वीकारा है और खूब उत्साह है और हर्षोल्लास से हर वर्ष इस त्योहार को मनाते है।

दिवाली के इस निबंध को हमने अलग अलग शब्द सीमा मी लिखा है जिससे सभी विद्यार्थियों को निबंध लिखने में आसानी हो। आप दिवाली पर कविता भी पढ़ सकते है

essay on diwali in hindi

Get Some Best Essay on Diwali in hindi for students 100, 200, 500, 2000 words।

10 Line Essay on Diwali in Hindi For Class 2,3,4

(1) भारत में हिंदू धर्म के लोगों द्वारा बनाया जाने वाला सबसे बड़ा त्यौहार दिवाली है।

(2) प्रत्येक वर्ष दीपावली अमावस्या के दिन सितंबर से अक्टूबर माह के मध्य में मनायी जाती है।

(3) भगवान श्री राम के 14 वर्ष के वनवास काटने के बाद अयोध्या लौटने पर उनके स्वागत में यह त्योहार मनाया जाता है।

(4) यह त्यौहार पांच दिनों तक चलता है जिसमें धनतेरस गोवर्धन पूजा भैया दूज इत्यादि उत्सव शामिल होते है।

यह भी पढ़ें –  दिवाली की शुभकामनाएं – Diwali ki Shubhkamnaye

(5) इन दिन सभी लोगों सभी लोग अपने घरों की साफ-सफाई करते है रंग-बिरंगे फूलों और लाइटों से घर को सजाते है।

(6) दिवाली के दिन संध्या के समय भगवान श्री गणेश, महालक्ष्मी और मां सरस्वती की पूजा की जाती है।

(7) दीपावली किस दिन को प्रकाश पर्व भी कहा जाता है क्योंकि इसमें सभी लोग अपने घरों में दीपक जलाते है जिससे चारों तरफ रोशनी ही रोशनी फैल जाती है।

(8) यह भारत देश का सबसे बड़ा त्यौहार है इसलिए इस उपलक्ष में राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाता है।

(9) यह त्यौहार बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है सभी लोग नये कपड़े पहनते है बच्चे पटाखे छुड़ाते है और बड़े लोग एक दूसरे को गले लगाकर दिवाली की बधाइयां देते है।

(10) दिवाली बुराई पर अच्छाई की विजय के रूप में भी मनाया जाता है।

Short Essay on Diwali in Hindi For Class 5,6

भारत एक विशाल देश है जहां पर प्रत्येक दिन कोई ना कोई त्यौहार मनाया जाता है। इनमें सबसे बड़ा त्योहार Diwali को माना जाता है। दिवाली का त्योहार सितंबर से अक्टूबर माह के बीच में आता है। इस त्यौहार को प्रमुख रूप से हिंदू धर्म के लोगों द्वारा खूब धूमधाम से मनाया जाता है।

इस त्योहार को मनाने के लिए लोग महीने भर पहले से ही तैयारियां करनी चालू कर देते है। सभी लोग अपने घरों दुकानों और अपने आसपास के क्षेत्र की सफाई करते है और अपने घरों को रंग बिरंगे रंगों से रंगते है।

यह भी पढ़ें –  गणेश चतुर्थी पर निबंध – Essay on Ganesh Chaturthi in Hindi

दीपावली के त्योहार को मनाने की प्रमुख वजह यह है कि इस दिन भगवान राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या लौट कर आए थे और वहां की निवासियों ने उनके स्वागत के लिए घी के दीपक जलाए थे जिसके कारण पूरा अयोध्या रोशनी से चमक उठा था।

इसीलिए दीपावली के दिन घोर अंधेरे को पराजित करने के लिए दीपक जलाए जाते है। दीपावली के दिन प्रमुख रूप से मां लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है साथ ही भगवान गणेश और मां सरस्वती की भी पूजा की जाती है।

दीपावली के दिन पूरा भारत रोशनी से जगमग हो उठता है चारों ओर खुशहाली ही खुशहाली छाई रहती है।

Diwali Par Nibandh in Hindi for Class 7, 8,9

भूमिका –

भारत विभिन्न, परंपराओं, संस्कृतियों, विचारों, भाषाओं एवं धर्मों वाला देश है यहां पर प्रत्येक धर्म का त्यौहार सभी लोग खूब धूमधाम से मनाते है। दिवाली का त्यौहार हिंदू धर्म के लोगों का सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है और यह पूरे देश में मनाया जाता है।

दिवाली का त्यौहार दशहरे के 21 दिन बाद सितंबर से अक्टूबर माह के बीच में अमावस्या के दिन मनाया जाता है। दिवाली का त्यौहार वर्षा ऋतु के समाप्त होने और शरद ऋतु की प्रारंभ होने का संकेत होता है दीपावली के त्योहार पर मौसम गुलाबी ठंड के लिए भी रहता है जिससे चारों और खुशहाली का मौसम बनता है।

यह भी पढ़ें –  दि‍वाली पर कविता – Best Poem on Diwali in Hindi

दिवाली त्यौहार की पौराणिक मान्यता –

इस त्योहार को सिख, बौद्ध और जैन धर्म के लोग भी मनाते है जैन धर्म के लोग इसे महावीर के मोक्ष दिवस के रूप में मनाते है क्योंकि इसी दिन जैन धर्म के भगवान महावीर ने मोक्ष की प्राप्ति की थी तथा सिख समुदाय इसे बन्दी छोड़ दिवस के रूप में मनाता है क्योंकि इसी दिन सिख समुदाय के छठे गुरु हरगोबिन्द सिंह जी को जेल से रिहा किया गया था।

दिवाली के दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मां लक्ष्मी को धन-धान्य एवं सुख संपदा की देवी माना जाता है और साथ में भगवान गणेश और मां सरस्वती की पूजा भी की जाती है।

दिवाली का त्यौहार आने से पहले ही लोग अपने घरों की साफ-सफाई और रंगाई पुताई का काम प्रारंभ कर देते है।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार Diwali के दिन महालक्ष्मी सभी साफ-सुथरे एवं स्वच्छ घरों में आती है और अपने साथ सुख समृद्धि भी लेकर आती है इसीलिए महालक्ष्मी की पूजा के समय सभी लोग अपने घर के दरवाजे खुले छोड़ देते है।

यह भी पढ़ें –  दशहरा पर निबंध – Essay on Dussehra in Hindi

दिवाली का आयोजन – 

यह त्यौहार 5 दिनों तक की लंबी अवधि तक चलने वाला त्यौहार है। पहले दिन लोग धनतेरस के रूप में मनाते हैं इस दिन में बाजार से कुछ वस्तुएं खरीद के लाते है दीपावली का दूसरा दिन नारक चतुर्दशी या छोटी दिपावली के रूप में मनाया जाता है क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध करके बुराई पर अच्छाई की जीत का परचम लहराया था।

इस त्यौहार का तीसरा दिन बहुत प्रमुख होता है क्योंकि इसी दिन दीपावली का ऐतिहासिक पर्व मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या में पधारे थे इसलिए अयोध्या वासियों ने अपने भगवान राम को खुश करने के लिए उनके स्वागत में सभी जगह फूलों की बरसात कर दी और जी के दीपक जला दिए।

इसीलिए दिवाली के दिन भी दीपक जलाए जाते है वर्तमान में दीपक की जगह मोमबत्तियां और चाइनीज लाइटों ने ले ली है। दिवाली के चौथे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है माना जाता है कि इसी दिन भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठाकर भगवान इंद्र के क्रोध से हुई भारी वर्षा से बचाया था।

दिवाली का अंतिम दिन भैया दूज के रूप में मनाया जाता है इस दिन सभी भाई बहन एक दूसरे से मिलते है।

उपसंहार –

Diwali के इस पर्व के उपलक्ष में सभी लोग नए कपड़े पहनते है और अपने रिश्तेदारों को मिलते है जिससे समाज में सदभावना उत्पन्न होती है यह त्यौहार धार्मिक परंपरा के साथ साथ सामाजिक भावनाओं के साथ भी जुड़ा हुआ है।

Essay on Diwali in Hindi for Class 10,11,12

प्रस्तावना –.

दीपावली का त्यौहार खुशियों और सुख-समृद्धि का त्यौहार है। यह पांच दिवसीय हिंदुओं द्वारा मनाया जाने वाला सबसे बड़ा त्यौहार है। दिवाली के त्यौहार को भारत के प्रत्येक राज्य में मनाया जाता है। इस दिन अमावस्या की काली रात होने के बावजूद भी पूरा भारत रोशनी से जगमगाया हुआ होता है।

Diwali का त्यौहार असत्य पर सत्य की जीत और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। इस त्यौहार को सिर्फ हमारे देश में ही ही ही विदेशों में भी मनाया जाता है इससे इसकी प्रमुखता का पता लगाया जा सकता है। केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं है बल्कि इसका सामाजिक, आध्यात्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक और आर्थिक महत्व भी है।

दिवाली के त्यौहार को हिंदू धर्म के लोगों के साथ साथ वर्तमान में अन्य लोगों द्वारा भी बहुत ही धूमधाम है और हर्षोल्लास से मनाया जाता है। दिवाली के दिन सभी लोग अपने दुख दर्द भुला कर खुशी से इस त्योहार को मनाते है।

यह भी पढ़ें –   मकर संक्रांति पर निबंध – Makar Sankranti Essay in Hindi

वर्ष 2022 में दीपावली कब है – Diwali Kab Hai

इस वर्ष दीपावली का त्यौहार 24 अक्टूबर 2022 को मनाया जाएगा । दिवाली के इस पवित्र पर्व को हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक कृष्ण अमावस्या के दिन मनाया जाएगा।

दिवाली त्योहार का इतिहास – History of Diwali in hindi

दीपावली का त्यौहार भारत में प्राचीन समय से ही मनाया जाता रहा है इस त्यौहार का इतिहास अलग-अलग राज्यों के लोग भिन्न-भिन्न मानते है लेकिन अधिकतर लोगों का मानना है कि जब भगवान राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे तब अयोध्या वासियों ने उनके स्वागत के लिए घी के दीपक प्रज्वलित किए थे और साथ ही अयोध्या के हर रास्ते को सुनहरे फूलों से सजा दिया गया था।

जिस दिन भगवान राम अयोध्या लौट कर आए थे उस दिन अमावस्या की काली रात थी जिसके कारण वहां पर कुछ भी नहीं दिखाई दे रहा था इसलिए अयोध्या वासियों ने वहां पर दीपक जलाए थे इसलिए इस दिन को अंधकार पर प्रकाश की विजय भी माना जाता है।

और यह सच भी है क्योंकि इस दिन पूरा भारत अमावस्या की काली रात होने के बावजूद भी दीपको की रोशनी से जगमगाता रहता है। जैन धर्म के लोग दीपावली के त्यौहार को इसलिए मनाते हैं क्योंकि इस दिन चौबीसवें तीर्थंकर, महावीर स्वामी को इस दिन मोक्ष की प्राप्ति हुई थी और संयोगवश इसी दिन उनके शिष्य गौतम को ज्ञान प्राप्त हुआ था।

सिख धर्म के लोग भी इस त्यौहार को बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं वे लोग त्यौहार को इसलिए मनाते है क्योंकि इसी दिन ही अमृतसर में 1577 में स्वर्ण मन्दिर का शिलान्यास हुआ था साथ ही सिक्खों के छठे गुरु हरगोबिन्द सिंह जी को भी इसी दिन जेल से रिहा किया गया था

दिवाली त्योहार की तैयारी –

Deepavali के त्यौहार की तैयारियां भारत में महीने भर पहले ही प्रारंभ कर दी जाती है क्योंकि भारत में ज्यादातर है हिंदू धर्म को मानने वाले लोग रहते हैं इसलिए यह त्यौहार उनका सबसे बड़ा त्यौहार होता है। इस त्यौहार की तैयारियों को लेकर लोग इतने उत्सुक रहते हैं कि वह महीना भर पहले ही अपने घर और प्रतिष्ठानों की साफ सफाई करने लग जाते है।

हिंदू धर्म के लोगों का मानना है कि अगर घर में साफ सफाई होगी तो मां लक्ष्मी उनके घर पर आएगी और साथ में सुख समृद्धि भी लेकर आएगी।

यह भी पढ़ें – दिवाली पर स्लोगन – Slogan on Diwali in Hindi

आजकल लोग Diwali के कुछ दिन पहले ही घरों की रंगाई पुताई करवाते हैं साथ ही रंग बिरंगी लाइट ओं और फूलों द्वारा अपने घर और प्रतिष्ठान को सजाते है। बाजारों में इस त्यौहार के पहले एक अलग ही रौनक आ जाती है बाजार भीड़ से खचाखच भरे रहते है हर तरफ लोग खरीदारी करते दिखाई देते है।

दीपावली के त्यौहार को धूमधाम से मनाने के लिए लोग इस दिन के लिए नए कपड़े खरीदते हैं बच्चे खेलने के लिए खिलौने एवं पटाखे खरीदते है। दीपावली का यह त्यौहार 5 दिनों तक चलता है जिस के पहले दिन धनतेरस होती है।

धनतेरस के दिन लोग ज्यादा से ज्यादा खरीदारी करना पसंद करते हैं यह दिल लोग अपने घर कुछ ना कुछ बर्तन जरूर लेकर जाते है साथी लोग इस दिन सोने और चांदी के आभूषण खरीदना भी पसंद करते है। लोगों का मानना है कि इस दिन खरीदारी करने से घर में बरकत होती है।

दीपावली का दूसरा दिन नरक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण ने राक्षस नरकासुर को मार गिराया था। कुछ लोगों द्वारा इस दिन को छोटी दिवाली के रूप में भी मनाया जाता है इस दिन घर के बाहर 5 दीपक जलाए जाते है। प्राचीन परंपरा के अनुसार इस दिन लोग दीपक का काजल अपनी आंखों में डालते है उनका मानना है कि इसे आंखें खराब नहीं होती है।

तीसरा दिन दीपावली त्यौहार का मुख्य दिन होता है एक दिन महालक्ष्मी की पूजा की जाती है साथ ही विद्या की देवी मां सरस्वती और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। इस दिन घर में रंगोली बनाई जाती है और तरह-तरह की मिठाइयां बनाई जाती है।

दिवाली के दिन सभी लोग शाम के समय मां लक्ष्मी की पूजा करते है। इस दिन घर को दीपक जलाकर रोशनी से जगमग आ दिया जाता है भारत में इस दिन रात के समय सबसे ज्यादा रोशनी होती है जिसका उदाहरण अंतरिक्ष से ली गई फोटो में आप देख सकते हैं –

india space photo on diwali

दिवाली के चौथे दिन को गोवर्धन पूजा की जाती है क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण ने इंद्र की क्रोध से हुई मूसलाधार वर्षा से लोगों को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत अपनी एक अंगुली पर उठा लिया था। इस दिन घर के बाहर महिलाएं गोबर रखकर पारंपरिक पूजा करती है।

दिवाली त्योहार का आखिरी दिन भाई दूज के रूप में मनाया जाता है इस दिन बहन ने भाई को रक्षा सूत्र बनती हैं साथ ही तिलक लगाकर मिठाई खिलाती है और बदले में भाई उनकी रक्षा का वचन देते हैं और उन्हें अच्छा उपहार भी देते है। यह दिन कुछ कुछ रक्षाबंधन त्यौहार की तरह ही होता है।

दीपावली का महत्व – Importance of Diwali in hindi

दीपावली का त्योहार सभी वर्गों के लोगों के लिए महत्वपूर्ण होता है यह हिंदू धर्म का सबसे बड़ा त्यौहार माना गया है। सबसे बड़ा त्यौहार होने के कारण सभी की आस्था इस समय से जुड़ी हुई है यह त्यौहार सभी तरह के महत्व अपने अंदर समेटे हुए हैं इसके महत्व का वर्णन हमने नीचे किया है –

आध्यात्मिक महत्व –

दीपावली त्यौहार की आध्यात्मिक महत्व जुड़ा हुआ है यह त्योहार अनेक धार्मिक ऐतिहासिक और कहानियों से मिलकर बना है। इस त्योहार की नीव अच्छाई पर टिकी हुई है इसलिए यह त्योहार जब भी आता है तो सभी लोगों में एक अलग ही खुशी और आस्था होती है।

दीपावली के त्यौहार को हिंदू, जैन, सिख आदि धर्मों द्वारा भी बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है इन सभी धर्मों में दीपावली के दिन ही ऐसी कोई ना कोई घटना हुई है जिससे अंधकार पर प्रकाश, अज्ञान पर ज्ञान और निराशा पर आशा बुराई पर अच्छाई की विजय हुई है।

यह भी पढ़ें –  Holi Essay in Hindi – होली पर निबंध

दीपावली का त्यौहार पूजा पाठ हो रहा अच्छाई से जुड़ा हुआ है इसलिए लोग इस पर्व पर आध्यात्मिकता की ओर बढ़ते है और इससे अच्छे विचारों को उद्गम होता है।

सामाजिक महत्व –

Diwali के त्योहार का सामाजिक महत्व भी बहुत बड़ा है क्योंकि इस त्योहार पर सभी धर्मों के लोग मिलजुलकर त्योहार को मनाते है। इस दिन सभी लोग पूजा करते हैं एक दूसरे से मिलने जाते है जिससे सामाजिक सद्भावना उत्पन्न होती है।

आजकल की भीड़भाड़ जिंदगी में लोगों को एक दूसरे से मिलने का कोई मिलता है इसलिए इस दिन लोग एक दूसरे से स्नेह मिलन के रूप में मिलते हैं साथ में एक दूसरे को मिठाइयां बांटते हैं और गले मिलते हैं जिसे लोगों को एक दूसरे की भावनाओं और धर्मों को समझने में रुचि उत्पन्न होती है।

दीपावली के दिन छोटे बच्चे बड़ों के पैर छूते हैं और बड़े उन्हें आशीर्वाद देते है। इस त्योहार के दिन लोग एक दूसरे के साथ इतना घुल मिल जाते है जैसे कई रंग एक दूसरे में घुल गए हो, इसलिए इस त्योहार का सामाजिक महत्व भी बढ़ जाता है।

आर्थिक महत्व –

दीपावली के त्यौहार पर भारतीय लोग जमकर खरीदारी करते हैं वे अपने घरों में सभी सुख सुविधाओं की चीजें लेकर जाते है। सभी लोग अपने घरों में उपहार, सोने-चांदी के आभूषण, बर्तन, राशन का सामान, कपड़े, मिठाइयां इत्यादि लेकर जाते है। इस पर्व पर लोग वर्ष के सभी दिनों से ज्यादा खरीदारी करते है।

हिंदू धर्म के लोगों का मानना है कि दिन खरीदारी करने से घर में किसी भी वस्तु की कमी नहीं रहती है और इस दिन खरीदारी करने से वह वस्तु फलदाई रहती है। इसलिए बाजारों में इस दिन ज्यादा चहल-पहल और अधिक खरीदारी होती है जिसके कारण लोगों की आमदनी बढ़ जाती है।

दीपावली त्योहार के पीछे सबसे पुराना आर्थिक महत्व इस बात पर जुड़ा हुआ है कि भारत में लगभग सभी फसलें मानसून पर निर्भर करती है इसलिए गर्मियों की फसल इस त्यौहार के पर्व से कुछ दिन पहले ही पक कर तैयार हो जाती है तो किसान इस फसल को काटकर बाजारों में बेचकर आमदनी कमाता है।

चूँकि भारत में अधिकतर लोग खेती करते हैं इसलिए कई दिनों बाद फसल को बेचकर इस चमार पर उन्हें अच्छी आमदनी होती है इसलिए इस बार का आर्थिक महत्व और भी बढ़ जाता है।

ऐतिहासिक महत्व –

दीपावली के त्यौहार के इस दिन बहुत सी ऐतिहासिक घटनाएं घटी है जिसके कारण इस त्योहार का महत्व और भी बढ़ जाता है। इस दिन भगवान राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या में लौटे थे और वे श्रीराम से मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम कहलाए थे।

इसी दिन समुंदर मंथन के दौरान मां लक्ष्मी का जन्म हुआ था जिन्हें धन और सुख-समृद्धि की देवी भी कहा जाता है। स्वामी रामतीर्थ का जन्म व महाप्रयाण दोनों दीपावली के दिन ही हुए थे। दीपावली के पावन अवसर पर आर्य समाज की स्थापना हुई थी।

इसी दिन मुगल समाज के सबसे बड़े बादशाह है अकबर ने दौलत खाने में 40 फीट ऊंचा आकाश दीप जलाकर दीपावली त्यौहार को मनाना शुरू किया था। इस कारण हिंदू और मुसलमान धर्म के लोगों में एक दूसरे के प्रति नफरत खत्म हो गई थी।

1619 में दीवाली के दिन सिक्खों के छठे गुरु हरगोबिन्द सिंह जी को जेल से रिहा किया गया था। महावीर स्वामी को इस दिन मोक्ष की प्राप्ति हुई थी।

विदेशों में दिवाली का त्यौहार – Diwali festival abroad

मलेशिया – दीपावली के पर्व पर मलेशिया में भारत की तरह सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाता है। यहां पर सभी धर्मों के लोगों द्वारा मिलकर इस चौहान को बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है इस त्यौहार के दिन सभी लोगों द्वारा सभी के लिए भोजन की व्यवस्था की जाती है और पूरे दिन भर लोग अच्छे खाने का आनंद उठाते हैं और एक दूसरे से मिलते है।

दिवाली के इस त्योहार को मलेशिया में सामाजिक सद्भावना के रूप में मनाया जाता है

संयुक्त राज्य अमेरिका –

अमेरिका में भी भारतीय मूल के बहुत से लोग बसे हुए हैं इसलिए वहां पर भी Diwali के त्यौहार को उत्साह और धूमधाम से मनाया जाता है। सन 2003 में अमेरिका के व्हाइट हाउस में पहली बार दिवाली का त्यौहार मनाया गया था। उसके बाद से लगभग पूरे अमेरिका ने इस त्योहार को अपना लिया। अमेरिका में 4 लाख भारतीय लोग रहते है।

नेपाल –

हमारे भारत देश का पड़ोसी देश नेपाल एक छोटा सा देश है जहां पर हमारी दीपावली के पर्व के दिन ही नव वर्ष मनाया जाता है। नेपाल में दीपावली को “तिहार” या “स्वन्ति” के रूप में जाना जाता है और वहां पर भी इसे 5 दिनों तक मनाया जाता है इस पर्व पर यहां के लोग दान धर्म करते हैं और पशु पक्षियों को भी खाना खिलाते है।

नेपाल के लोगों का मानना है कि इस दिन दान धर्म करने से पूरा साल अच्छा व्यतीत होता है। भारत का पड़ोसी देश होने के कारण नेपाल में भी भारतीय संस्कृति देखने को मिलती है। यहां पर भी पूरे विधि विधान के साथ मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है।

सिंगापुर –

सिंगापुर में दीपावली के त्यौहार के उपलक्ष में राजपत्रित अवकाश होता है। यहां पर भारतीय मूल के तमिल समुदाय के लोग रहते हैं जो कि दीपावली के त्यौहार को बड़ी धूम-धाम से मनाते है। दीपावली के त्यौहार पर सिंगापुर के बाजारों में भी रोनक देखने को मिलती है।

यहां पर भी भारतीय बाजारों की तरह ही सजावट की जाती है और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते है। सिंगापुर सरकार द्वारा भी सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करवाए जाते है।

मॉरीशस –

इस देश की लगभग 44% आबादी भारतीय लोगों की है जिसके कारण यहां पर हिंदू संस्कृति बहुत बड़े पैमाने पर देखने को मिलती है साथ ही यहां पर दीपावली के त्यौहार के दिन सार्वजनिक अवकाश होता है। इस देश में हिंदी भाषा भी बोली जाती है।

श्रीलंका –

श्रीलंका में भी दीपावली के त्यौहार के उपलक्ष में सार्वजनिक अवकाश होता है यहां पर भारतीय मूल के तमिल लोग अधिक मात्रा में रहते हैं जिसके कारण यहां पर भारतीय संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। यहां पर भी दीपावली को खूब हर्षोल्लास से मनाया जाता है दीपावली के दिन यहां पर महालक्ष्मी की पूजा की जाती है और चारों तरफ मोमबत्तियां और दीपक जलाए जाते है।

इस त्योहार से हमें हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती रहती है यह त्यौहार हमें सिखाता है कि कभी भी अंधकार से नहीं डरना चाहिए क्योंकि एक छोटे से दीपक की लौ भी काले अंधकार को प्रकाश में बदल सकती है। इसलिए समय हमेशा जीवन में आशावादी रहना चाहिए और अपने जीवन में हमेशा खुश रहना चाहिए।

दीपावली का त्यौहार सांस्कृतिक इन सामाजिक सौहार्द का प्रतीक है इस त्यौहार से सभी के जीवन में खुशियां आती है इसी त्यौहार के कारण लोगों में आज भी सामाजिक एकता बनी हुई है।

यह भी पढ़ें –

दुर्गा पूजा पर निबंध – Essay on Durga Puja in Hindi

दिवाली पर स्लोगन – Slogan on Diwali in Hindi

दि‍वाली पर कविता – Best Poem on Diwali in Hindi

छठ पूजा पर निबंध – Essay on Chhath Puja in Hindi

श्री लक्ष्मी जी की आरती । Laxmi Ji Ki Aarti

हम आशा करते है कि हमारे द्वारा Essay on Diwali in Hindi  आपको पसंद आया होगा। अगर यह लेख आपको पसंद आया है तो अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ शेयर करना ना भूले। इसके बारे में अगर आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं।

10 thoughts on “10+ दिवाली पर निबंध – Essay on Diwali in Hindi 2023”

Good knowledge and very nice word to you use.Thanks

Thank you Mahesh Singh rajput for appreciation and keep visiting hindi yatra.

Thanks for wriing does lines …. it’s hepls me for doing my project

Thank you Sakshi for appreciation.

Great essays There were so many interesting facts

It helps me for my first time paragraph writing

We glad you like our content, Thank you Deveshi for appreciation and keep visiting hindi yatra.

Very nice information about Diwali thanks for sharing this type helpful and magical informatrion.

thank you Arun for appreciation, keep visiting hindiyatra.

Good line Thanks for writing

thank you aniket

Leave a Comment Cancel reply

दिवाली पर निबंध Essay on Diwali in Hindi(1000W)

दिवाली पर निबंध Essay on Diwali in Hindi(1000W)

आज हमने इस आर्टिकल में दिवाली पर निबंध Essay on Diwali in Hindi लिखा है जिसमें हमने प्रस्तावना, पौराणिक एवं ऐतिहासिक महत्व, वैज्ञानिक दृष्टि से महत्व, व्यावसायिक महत्व, दार्शनिक महत्व, दिवाली से लाभ और दिवाली से हानि, Ecofriendly मनाने का तरीके, कविताएं तथा दिवाली पर 10 लाइन के बारे में लिखा है।

Table of Contents

प्रस्तावना (दिवाली पर निबंध Essay on Diwali in Hindi)

प्रतिवर्ष कार्तिक मास के अमावस के दिन हिंदू समाज में दिवाली का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है।दिवाली का अर्थ है- दीपों की पंक्ति इस दिन घर- घर को दीपों से सजाया जाता है इसीलिए इस पर्व को दिवाली कहते हैं। एक साथ असंख्य दीपों की जगमगाती लड़ियों से संपूर्ण वातावरण प्रकाशित हो  उठता होता है।

दीपमालाओं की प्रज्वलित सिखाओ की  घटा देखते ही बनती है, घर घर में लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है। इस दिन लोग आपकी दुश्मनी को भूलकर एक दूसरे के घर जाते हैं और मिठाइयां बांटते हैं।

बच्चों के लिए यह दिन विशेष खुशी का होता है इस दिन रंग-बिरंगे कपड़ों को पहनकर पटाखे फोड़ते हैं और अपने दोस्तों के साथ मिठाईयां खाते हैं। दिवाली मनाने की तैयारी पहले से ही प्रारंभ हो जाती है। लोग अपने घरों और दुकानों को साफ-सफाई करवाते हैं तथा रंग लगाते हैं और अनेक प्रकार के रंग बिरंगे बल्ब के द्वारा सजाते हैं।

दीपावली का इतिहास व महत्व History and importance of Deepawali in Hindi

 दीपों का खास पर्व होने के कारण इसे दीपावली नाम दिया गया है। अर्थात दीपावली का अर्थ होता है दीपों की अवलि। कार्तिक माह की अमावस्या को मनाया जाने वाला यह पर्व अंधेरी रात को दिये जलाकर दीपावली मनाया जाता है। दीपावली के पीछे अलग-अलग कारण और कहानियां हैं।

1. भगवान राम कार्तिक अमावस्या को 14 वर्ष का वनवास  पूरा करके तथा असुरी कृतियों के प्रति बुराई का दमन करके अयोध्या लौटे थे तो अयोध्या वासियों ने उनके स्वागत में पूरे अयोध्या को असंख्य दिये जलाकर  उन की स्वागत की थी  तथा उत्सव मनाए थे इसी कारण यह प्रमुख त्योहारों में से एक है।

2. इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने अत्याचारी नरकासुर का वध किया। इसलिए इस दिन जनता खुश हो कर के अपने घरों में घी के दीया जलाए थे।

पौराणिक एवं ऐतिहासिक महत्व Mythological and Historical significance in Hindi

दिवाली का अपना पौराणिक महत्व है। इसका संबंध पुराणों से वर्णित भारतीय समाज के पौराणिक इतिहास से है। इसी दिन काली माता ने रक्तबीज नामांक राक्षस का संहार क्या था, जिसके अत्याचार से संपूर्ण समाज परेशान था, उस दुष्ट राक्षस के सहार के बाद लोगों ने अपने घर में घी के दिये जलाए थे, इस मंगलकारी घटना के स्मृति में ही प्रतिवर्ष यह त्यौहार मनाया जाता है।

लंका विजय के बाद जब भगवान राम अयोध्या लौटे, तो इस दिन उनका राज्याभिषेक किया गया था, और संपूर्ण भारत वर्ष में दीपक जला कर ख़ुशियाँ मनाई गई थी, कुछ लोग दीपक का प्रारंभ है इसी दिन से मानते हैं किंतु विद्वानों का मानना है कि दिवाली का त्यौहार इससे भी प्राचीन काल से मनाया जाता रहा है। यह विद्वान इस पर्व का संबंध है मां काली द्वारा रक्तबीज के संघार से ही बताते हैं।

वैज्ञानिक दृष्टि से महत्व Scientific Significance in Hindi

दिवाली का पौराणिक महत्व तो है ही लेकिन इसका वैज्ञानिक दृष्टि से भी महत्व है। वर्षा ऋतु से उत्पन्न न कीड़े, मकोड़े जल, में  घास -फूस एवं गंदगी के सड़ने से उत्पन्न विषैली गैस, तथा घर मकान में व्याप्त सीलन को दूर करने में दिवाली के त्यौहार की महत्वपूर्ण भूमिका है।

लोग दिवाली का त्यौहार आने की बहुत पहले से ही उनके घरों एवं आस पास की सफाई करना प्रारंभ कर देते हैं। वे घर एवं दुकानों पर नया रंग रोगन करवाते हैं।  इससे घर कि सीतन एवं कोनों में छुपे हुए कीट मुखड़े भी नष्ट हो जाते हैं।

प्राचीन काल से दिवाली के दिन सरसों एवं घी का दीपक जलाए जाते थे। इससे वातावरण का प्रदूषण दूर होता था। और कीड़े मकोड़े इसकी दीपशिखा ऊपर जल मरते हैं।

व्यवसायिक महत्व Business Value in Hindi

दिवाली के दिन व्यवसाय लक्ष्मी की पूजा करते हैं। इस दिन से किसी व्यवसाय कार्य का आरंभ है शुभ माना जाता है। इसके पीछे भी कुछ बताने का रहे हैं, इस काल में वर्षा ऋतु पूर्णतय समाप्त हो जाती है। यात्रा और व्यावसायिक कार्य के लिए यह समय अनुकूल माना जाता है।

इस समय किसानों के घर धान की फसल काट कर आना शुरू हो जाती है, और उन्हें इसी समय अपने किसी संबंधी सामग्रियों का क्रय करना होता है। 

दीपावली का दार्शनिक महत्व Philosophical Importance in Hindi

दिवाली को प्रकाश पर्व कहा जाता है। यहां अंधेरे पर प्रकाश से तथा असत्य से सत्य पर विजय की प्रतीक है यह इस दार्शनिक तथ्य को अभिव्यक्त करता है कि, अंधेरा कितना भी खाना हो गया, ज्ञान और कर्तव्य का सामूहिक दीप अंधेरे को प्रकाश में बदल देता है।

किसी समाज के उत्थान के लिए प्रेरक इस तथ्य को वाड़ी देते हुए दीपमाला  की अनगिनत हमसे यह कहते हुए प्रतीत होती है कि, हमारी तरह जल कर देखो तुझे से भी प्रकाश की किरणें निखरने लगेगी जो समाज में छाए हुए अंधेरे को मिटा देगी।

दिवाली से लाभ Benefit from Diwali in Hindi

 दिवाली मात्र एक  त्यौहार ही नहीं अपितु इससे अनेक लाभ भी हैं, घर मोहल्लों के साथ सफाई  वातावरण की शुद्धि,  आपसि सद्भावना का विकास  तथा नए कार्य  व नए योजनाओं का आरंभ है करने की प्रेरणा के साथ-साथ दिवाली हमें अंधेरे से लड़ने की प्रेरणा भी देती है।

दिवाली से हानि Loss from Diwali in Hindi

मनुष्य एक ऐसा प्राणी है, जो अपने आंतरिक (ईर्ष्या और द्वेष से पुण) विचार एवं अज्ञानता पुण व्यवहारों के द्वारा किसी लाभप्रद रीति-रिवाजों को भी हानिकारक बना देता है।

दिवाली के दिन जुआ खेलने शराब पीने पर अनिष्ट आचरण से विनाश को आमंत्रित करने वाले लोग आज भी हैं। ऐसे लोगों के लिए दिवाली का त्यौहार लाभ के बदले हानि को आमंत्रित करता है।

देश में पटाखों के रूप में अरबों रुपए का बारूद फूंक दिया जाता हैं इससे देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित होती है, और वातावरण भी प्रदूषित होता है। अनेक लोग पटाखों के कारण पाली दुर्घटना से प्रदूषित हो कर अपने जीवन को नर्क बना लेते हैं।

दीपावली के दौरान मनाए जाने वाले त्योहार Festivals celebrated during Deepawali in Hindi

 दीपावली के दौरान मनाए जाने वाले त्योहार धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दिवाली, गोवर्धन पूजा, भाई दूज

धनतेरस Dhanteras in Hindi

कार्तिक कृष्ण पक्ष त्रयोदशी के दिन दीपावली का पहला दिन होता है जिसे धनतेरस कहते हैं। धनतेरस के दिन कुछ भी खरीदना शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि उस दिन घर में लक्ष्मी का आगमन होता है। लोग उस दिन अपने जरूरत का सामान खरीदते हैं, जैसे सोना, चांदी, गाड़ी, कार, बर्तन आदि।

नरक चतुर्दशी Nakarak Chaturdashi in Hindi

कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्दशी के दिन दीपावली का दूसरा दिन होता है इसे नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली, रूप चौदस, काली चौदस के नाम से जानी जाती है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर का संहार किया था इसीलिए उनके जीत के किसी के सम्मान में यह त्यौहार मनाया जाता है। अपनी मृत्यु के समय नरकासुर सत्यभामा से विनती की थी कि उनकी मृत्यु को रंगीन प्रकाशमय उत्सव के रूप में मनाया जाए।

दीपावली Deepawali in Hindi

दीपावली का यह त्यौहार कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। यहां हिंदुओं का मुख्य धार्मिक व सामाजिक पर्व है। कहा जाता है कि रामचंद्र जी 14 बरस का बनवास पूरा करके अयोध्या लौटे थे जिनकी खुशी में अयोध्यावासी असंख्य दीप जलाकर उनका स्वागत किया था।

गोवर्धन पूजा Govardhan Pooja in Hindi

गोवर्धन पूजा कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है। इस दिन गोवर्धन तथा गाय की विशेष पूजा की जाती है। जिसका अपना एक खास महत्व हैं। इस पर्व को कृष्ण भगवान की जन्मभूमि मथुरा, गोकुल, और वृंदावन में खास तौर पर मनाया जाता है।

हालांकि भारत के कई क्षेत्रों में भी ऐसे लोग बहुत ही श्रद्धा के साथ बड़ी धूमधाम से मनाते हैं। गोवर्धन पूजा कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा के दिन गौ के गोबर से गोवर्धन बनाया जाता है और उसे विशेष प्रकार के फूलों से सजा कर उसकी पूजा-अर्चना की जाती है।

कहां जाता है कि मूलाधार बारिश से बचाने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को 7 दिनों तक अपनी एक उंगली पर उठाए रखा। इससे इंद्र क्रोधित हो उठे और मूलाधार बारिश होने लगी गोवर्धन पर्वत के नीचे सभी बृजवासी सुरक्षित थे।

सातवें दिन जब श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को नीचे रखा और गोवर्धन पूजा की अभिभूत बनाकर उसकी पूजा करने को कहा तब से दीपावली के समय गोवर्धन पूजा जाने की कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष प्रतिपदा के दिन गोवर्धन पूजा की जाती है।

भाई दूज Bhai Dooj in Hindi

यह त्यौहार बहन के प्रति भाई का कर्तव्य का बोध कराता है। इस दिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र और समृद्ध जीवन की कामना करते हैं। इसे भारत के विभिन्न जगहों पर भव बिच, भाई तिलक, रात्र द्वितीय, आदि कहा जाता है।

हिंदू समाज में भाई-बहन के प्रेम को सम्मान दिया जाता है। भाई दूज का यह त्यौहार दीपावली के 2 दिन बाद आता है। हिंदुओं के बाकी परंपराओं की तरह यह त्यौहार भी से जुड़ा हुआ है इस दिन बहनें अपने भाई को तिलक लगाकर, उपहार देकर उनकी लंबी उम्र की कामना करती है।

बदले में भाई अपनी बहन की रक्षा करने का वचन देता है। भाई दूज को यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। इसीलिए इस पर्व पर यम देव की पूजा भी की जाती है। मान्यता के अनुसार इस दिन जो यम देवता की पूजा अर्चना करता है उसे असमय मृत्यु का कोई भय नहीं रहता।

दीपावली मेरा प्रिय त्यौहार है मुझे इस त्यौहार का बेसब्री से इंतजार रहता है दीपावली के समय हम घरों में दीया जलाते हैं मुझे यह त्यौहार बहुत ही अच्छा लगता है।

दीपावली कैसे मनाते हैं? How to celebrate Deepawali in Hindi

  • दीपावली के दिन हम रंग बिरंगी रंगोलियां बनाते हैं।
  • उस दिन लोग नए नए कपड़े पहनते हैं।
  • दीपावली के दिन महालक्ष्मी की पूजा की जाती है।
  • उस दिन रात्रि के समय पूरे घरों को असंख्य दीपों से सजाया जाता है ।
  • लोग पटाखे फोड़ते हैं, फुलझड़ियां जलाते हैं, और दीपावली का आनंद लेते हैं परंतु हमें दिवाली में पटाखे नहीं फोड़ना चाहिए।
  • दीपावली के दिन घरों में अनेक प्रकार की मिठाइयां बनाए जाते हैं।
  • दीपावली के दिन लोग एक दूसरे को मिठाई बांटते हैं और दीपावली की शुभकामनाएं देते हैं।

प्रदूषण मुक्त दीपावली Pollution free Deepawali in Hindi

हमें हमेशा प्रदूषण मुक्त दीपावली (Ecofriendly Diwali) की मनाना चाहिए। हमें दीपावली के समय ज्यादा से ज्यादा दिया जलाकर ही दीपावली का आनंद लेना चाहिए। ना की पटाखे फोड़ कर। दीपावली के समय पटाखों के कारण कई प्रकार के हादसे होते हैं।

पटाखों के धुए से वायु भी प्रदूषित होता है तथा उसके ध्वनि से ध्वनि प्रदूषण भी होता है।  दीपावली के समय पटाखों के कारण हमारा वातावरण प्रदूषित होता है इस कारण हमें पटाखों का प्रयोग ना करके हम दीया जलाकर दीपावली मना सकते है। इको फ्रेंडली दीपावली मना कर ही हम हमारे वातावरण को सुरक्षित रख सकते है।

दिवाली पर 10 लाइन 10 lines on Diwali

  • प्रतिवर्ष कार्तिक मास के अमावस के दिन हिंदू समाज में दिवाली का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है।
  • दिवाली का अर्थ है- दीपों की पंक्ति इस दिन घर- घर को दीपों से सजाया जाता है इसीलिए इस पर्व को दिवाली कहते हैं। 
  • एक साथ असंख्य दीपों की जगमगाती लड़ियों से संपूर्ण वातावरण प्रकाशित हो  उठता होता है।
  • दीपमालाओं की प्रज्वलित सिखाओ की  घटा देखते ही बनती है, घर घर में लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है।
  • इस दिन लोग आपकी दुश्मनी को भूलकर एक दूसरे के घर जाते हैं और मिठाइयां बांटते हैं।
  • बच्चों के लिए यह दिन विशेष खुशी का होता है इस दिन रंग-बिरंगे कपड़ों को पहनकर पटाखे फोड़ते हैं और अपने दोस्तों के साथ मिठाईयां खाते हैं।
  • दिवाली मनाने की तैयारी पहले से ही प्रारंभ हो जाती है। लोग अपने घरों और दुकानों को साफ-सफाई करवाते हैं तथा रंग लगाते हैं और अनेक प्रकार के रंग बिरंगे बल्ब के द्वारा सजाते हैं।
  • दिवाली का अपना पौराणिक महत्व है। इसका संबंध पुराणों से वर्णित भारतीय समाज के पौराणिक इतिहास से है।
  • इसी दिन काली माता ने रक्तबीज नामांक राक्षस का संहार क्या था, जिसके अत्याचार से संपूर्ण समाज परेशान था, उस दृष्ट राक्षस के सहार के बाद लोगों ने अपने घर में घी के दिये जलाए थे, इस मंगलकारी घटना के स्मृति में ही प्रतिवर्ष यह त्यौहार मनाया जाता है।
  • लंका विजय के बाद जब भगवान राम अयोध्या लौटे, तो इस दिन उनका राज्याभिषेक किया गया था, और संपूर्ण भारतवर्ष में दीपक जला कर खुशियां मनाई गई थी, कुछ लोग दीपक का प्रारंभ है इसी दिन से मानते हैं किंतु विद्वानों का मानना है कि दिवाली का त्यौहार इससे भी प्राचीन काल से मनाया जाता रहा है।

दीपावली पर कविता Poem on diwali in Hindi

  • गर सूख गया हो दीये का मान, मौसम है स्नेह का तेल चढ़ा लेना। हो मन में कहीं गर लोभ क्रोध का अंधेरा, मौका है प्रेम के दीये जला लेना। घर को मन को कर चुके हो साफ, पड़ोस पड़ोसियों से कचरा क्लेश भी हटा लेना। कब तक रखोगे रामायण में राम, आज दिन है मन में भगवान बसा लेना। गर सूख गया हो दीये का मन, मौसम है स्नेहा का तेल चढ़ा लेना।
  • दीपावली का त्योहार आया, साथ में खुशियों की बौछार लाया। दीपो की सजी है कतार, जगमग आ रहा है पूरा संसार। अंधकार पर प्रकाश की विजय लाया, दीपावली का त्योहार आया। सुख समृद्धि की बौछार लाया, भाईचारे का संदेश लाया। बाजारों में रौनक छाया, दीपावली का त्यौहार आया।
  • दीपों का त्योहार दिवाली आई है, खुशियों का संसार दिवाली आई है। घर आंगन सब नया सा लगता है, नया-नया परिधान सभी को फबता है। नए-नए उपहार दिवाली लाई है, खुशियों का संसार दिवाली लाई है।
  • दीप जलाओ दीप जलाओ आज दिवाली रे, खुशी-खुशी सब हंसते आओ आज दिवाली रे, नाचो गाओ खुशी मनाओ आज दिवाली आई, दीप जलाओ दीप जलाओ आज दिवाली रे, नए नए कपड़े पहनो खाओ खूब मिठाई,  हाथ जोड़ कर पूजा कर लो आज दिवाली आई।
  • आओ मिलकर दीप जलाएं अंधेरा धरा से दूर भगाएं। रहा न जाए अंधेरा कहि घर का कोई सुना कोना, सदा ऐसा कोई दीप जलाते रहना, हर घर आंगन में रंगोली सजाएं, आओ मिलकर दीप जलाएं।

निष्कर्ष Conclusion

किसी त्योहार को मनाते समय हमें उसमें निहित कल्याणकारी अर्थ को भी समझना चाहिए। दिवाली के त्यौहार में भी यही दृष्टिकोण अपनाना उचित होगा, तभी हम इसका वास्तविक आनंद प्राप्त कर सकते हैं।

यदि आपको  यह दिवाली पर निबंध Essay on Diwali in Hindi अच्छा लगा हो तो और भी जानकारी पाने के लिए हमारे साथ इसी तरह से जुड़े रहिए।

Leave a Comment Cancel reply

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed .

CollegeDekho

Frequently Search

Couldn’t find the answer? Post your query here

  • एजुकेशन आर्टिकल्स

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - हिंदी में दीपावली पर निबंध कक्षा 1 से 8 तक के लिए 200 से 500 शब्दों में यहां देखें

Updated On: July 17, 2024 01:43 pm IST

  • दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - शुभ …

दिवाली पर पैराग्राफ (Paragraph on Diwali in Hindi)

  • दिवाली पर निबंध 200 शब्दों में (Essay on Diwali in …
  • दिवाली पर हिंदी में निबंध 500 शब्दों में (Essay on …
  • दिवाली पर निबंध हिंदी में (Essay on Diwali in Hindi) …
  • दिवाली पर हिंदी में निबंध 10 लाइन (Essay on Diwali …
  • हिंदी में दीपावली निबंध (Deepavali Essay in Hindi) - दिवाली …

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi)

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - शुभ मुहूर्त

  • दीपदान: लोग अपने घरों, मंदिरों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर दीपक जलाते हैं।
  • पटाखे चलाना: लोग आतिशबाजी और पटाखे चलाते हैं।
  • भाई दूज: बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाती हैं और उन्हें उपहार देती हैं।
  • छोटी दिवाली: यह दीपावली से एक दिन पहले मनाई जाती है। इस दिन, लोग लक्ष्मी पूजन करते हैं।

दिवाली पर निबंध 200 शब्दों में (Essay on Diwali in Hindi in 200 words)

दिवाली पर हिंदी में निबंध 500 शब्दों में (Essay on Diwali in Hindi in 500 Words) - प्रस्तावना

Paragraph on Diwali in Hindi

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi)

दिवाली पर निबंध हिंदी में (essay on diwali in hindi) - उपसंहार.

--

दिवाली पर हिंदी में निबंध 10 लाइन (Essay on Diwali in Hindi in 10 Lines)

  • दिवाली या दीपावली एक भारतीय धार्मिक त्योहार है।
  • यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतिक है.
  • दुनिया भर में लोग अलग-अलग कारणों और अवसरों पर दिवाली मनाते हैं।
  • दीये, मोमबत्तियाँ जलाना और पटाखे फोड़ना दिवाली उत्सव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
  • दिवाली या शुभ दीपावली न केवल हिंदू समुदाय के बीच बल्कि अन्य धर्मों के लोगों द्वारा भी मनाई जाती है।
  • दिवाली आमतौर पर पांच दिवसीय त्योहार है और इस दौरान भारत में हर साल सोने और नए कपड़ों की बिक्री आसमान छूती है।
  • हिंदू कैलेंडर के अनुसार, दिवाली कार्तिक माह के 15वें दिन मनाई जाती है।
  • अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह आमतौर पर अक्टूबर या नवंबर महीने में मनाया जाता है।
  • आमतौर पर, दिवाली उत्सव के रूप में स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी कार्यालयों के लिए 3 से 4 दिनों की छुट्टियों की घोषणा की जाती है।
  • इस अवसर पर देश भर से परिवार और मित्र एकत्रित होते हैं और आनंदमय समय एक साथ बिताते हैं।

diwali ke bare mein

हिंदी में दीपावली निबंध (Deepavali Essay in Hindi) - दिवाली के साथ मनाए जाने वाले अन्य त्यौहार

  • दिवाली लगभग 5 दिनों का त्यौहार है, दिवाली से एक दिन पहले लोग धातु की वस्तुएं (सोना, चांदी, पीतल आदि) की खरीदारी करके धनतेरस का त्यौहार मनाते हैं।
  • दिवाली के अगले दिन को लोग छोटी दीपावली के रूप में भी मनाते हैं।
  • दीपावली के तीसरे दिन देवी महालक्ष्मी और भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है।
  • इसके बाद, दीपावली से ठीक चौथे दिन पर गोवर्धन पूजा की जाती है क्योंकि इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने इंद्रदेव के क्रोध से हुई मूसलाधार वर्षा से लोगों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठा लिया था।
  • दीपावली के पांचवे दिन आखिरी पर्व को भाई दूज के रूप में मनाया जाता है।

Are you feeling lost and unsure about what career path to take after completing 12th standard?

Say goodbye to confusion and hello to a bright future!

दिवाली का पूरा कैलेंडर यहां दिया गया है- 

शुभ दीपावली का उत्सव कार्तिक अमावस्या को मनाया जाता है और ज्योतिष शाश्त्र के अनुसार इस वर्ष दिवाली 1 नवंबर 2024 को मनाया जाएगा। 

दीपावली को लेकर कई किस्से हैं लेकिन, हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान राम, रावण को मारकर और 14 वर्षों का वनवास काटकर अयोध्या नगरी वापस लौटे थे, उनके आने की खुशी में अयोध्या वासियों ने घी के दीप जलाए व जश्न मनाया था और तब से भारत में दिवाली की शुरुआत हुई।

दिवाली को दीपावली भी कहा जाता है और इसके पीछे कारण यह है कि दीपावली संस्कृत शब्द से लिया गया है, जिसका का अर्थ होता है- दीप + आवलिः (कतार में रखे हुए दिप)।

प्राचीनकाल में दिवाली को दीपोत्सव के नाम से जाना जाता था, जिसका अर्थ है दीपों का उत्सव होता है। 

प्राचीन काल से दिवाली को विक्रम संवत के कार्तिक माह में मनाया जा रहा है। पद्म पुराण और स्कन्द पुराण में दिवाली का उल्लेख मिलता है। दिये को स्कन्द पुराण में सूर्य के हिस्सों का प्रतिनिधित्व करने वाला माना गया है, जो जीवन के लिए प्रकाश और ऊर्जा का लौकिक दाता भी है।

उत्तर भारत में लोग मिट्टी के दीयों को जलाकर रावण को हराने के बाद श्री राम की अयोध्या वापसी का जश्न मनाते हैं, जबकि दक्षिणी भारत इसे उस दिन के रूप में मनाता है जब भगवान कृष्ण ने राक्षस नरकासुर को हराया था।

दिवाली पर निबंध हिंदी में लिखकर नमूना के साथ यहां विस्तार में बताया गया है। इच्छुक इस लेख में दिए गए बिंदुओं से अपने लिए बेहतरीन हिंदी में दीपावली पर निबंध तैयार कर सकते हैं। 

क्या यह लेख सहायक था ?

सबसे पहले जाने.

लेटेस्ट अपडेट प्राप्त करें

Related Questions

Contact : college direct telephone contact number.

  • 278 Answers

Delete my account please

How much is the minimum qualifying exam aggregate one must score to be eligible for B.Ed admission in a reputed institute?

Hi there, LPU does offer B Ed Program. You need to fulfil eligibility criteria to be able to get admission. FOr details visit website or contact LPU officials through phone chat or email. GOod LUck

I need mechanical engineering in this I can do without diploma??

Admission to the Mechanical Engineering program at Lovely Professional University (LPU) is based on your performance in the LPUNEST exam, followed by an interview. The program is designed to provide a solid foundation in core mechanical concepts, enhanced with practical learning through workshops, labs, and industry visits. LPU offers state-of-the-art facilities and experienced faculty to guide students in their academic and professional journey. The university also provides scholarships based on academic merit and other criteria to support deserving students. Graduates from LPU's Mechanical Engineering program are well-prepared for careers in various sectors, including manufacturing, automotive, aerospace, and more.

क्या आपके कोई सवाल हैं? हमसे पूछें.

24-48 घंटों के बीच सामान्य प्रतिक्रिया

व्यक्तिगत प्रतिक्रिया प्राप्त करें

बिना किसी मूल्य के

समुदाय तक पहुंचे

समरूप आर्टिकल्स

  • बी.एड. एंट्रेंस एग्जाम 2024 के लिए बेस्ट बुक्स की लिस्ट (Best Books for B.Ed. Entrance Exams 2024)
  • एमपीएसओएस रिजल्ट 2024 (MPSOS Result 2024 in Hindi): रुक जाना नहीं 10वीं, 12वीं रिजल्ट यहां चेक करें
  • हिंदी दिवस पर भाषण (Hindi Diwas Speech): राष्ट्रभाषा हिंदी पर भाषण लिखना सीखें
  • यूजीसी नेट नॉर्मलाइजेशन प्रोसेस 2024 (Normalization Process for UGC NET 2024 in Hindi): यूजीसी नेट मार्क्स की गणना कैसे करें?
  • यूजीसी नेट हिंदी अपेक्षित कटऑफ 2024 (UGC NET Hindi Expected Cutoff 2024): सभी श्रेणियों के लिए अपेक्षित कटऑफ मार्क्स
  • बीएड एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी के टिप्स (Tips to Prepare for BEd Entrance Exams) - स्टडी प्लान, प्रिपरेशन स्ट्रेटजी जानें

नवीनतम आर्टिकल्स

  • यूजीसी नेट 2024 सब्जेक्ट लिस्ट (UGC NET 2024 Subject List in Hindi): 83 विषयों के नाम और सिलेबस डाउनलोड करें
  • यूजीसी नेट 2024 परीक्षा (UGC NET 2024 Exam): एग्जाम दिन के लिए गाइडलाइन और आवश्यक दस्तावेजों की लिस्ट
  • यूजीसी नेट प्रश्न पत्र 2022 (UGC NET Question Papers 2022 in Hindi) - पीडीएफ डाउनलोड करें
  • यूजीसी नेट हिंदी सिलेबस 2024 (UGC NET Hindi Syllabus 2024): इंपार्टेंट टॉपिक के साथ यूजीसी नेट के लिए हिंदी सिलेबस का पीडीएफ
  • यूजीसी नेट पासिंग मार्क्स 2024 (UGC NET Passing Marks 2024): कैटेगरी वाइज और सबजेक्ट वाइज पासिंग मार्क्स यहां जानें
  • यूजीसी नेट 2024 पेपर I में उच्चतम अंक प्राप्त करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण विषय (Most Important Topics to Score Highest Marks in UGC NET 2024 Paper I)
  • यूजीसी नेट पासिंग मार्क्स 2023 : कैटेगरी वाइज और सबजेक्ट वाइज
  • एनएएसी रैंकिंग (NAAC Ranking): पात्रता मानदंड, टॉप कॉलेज और बहुत कुछ
  • राजस्थान बोर्ड कक्षा 10वीं ग्रेडिंग सिस्टम 2025 (Rajasthan Class 10th Grading System 2025 in Hindi): आरबीएसई 10वीं ग्रेडिंग सिस्टम और पासिंग मार्क्स
  • आरबीएसई 10वीं एडमिट कार्ड 2025 कैसे डाउनलोड करें? (How to Download RBSE 10th Admit Card 2025?): डेट और डायरेक्ट लिंक
  • रक्षाबंधन पर निबंध (Raksha Bandhan Essay in Hindi): कक्षा 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 के लिए रक्षा बंधन पर निबंध
  • यूपी बोर्ड कक्षा 10वीं और 12वीं ग्रेडिंग सिस्टम 2025 (UP Board 10th, 12th Grading System 2025 in Hindi) - UPMSP कक्षा 10 और 12 मार्किंग स्कीम यहाँ देखें
  • भारत में पीएचडी एडमिशन 2024 (PhD Admission in India 2024): तारीखें, पात्रता, प्रवेश परीक्षा, प्रवेश प्रक्रिया और टॉप कॉलेज
  • बीएड एंट्रेंस एग्जाम 2024 लिस्ट (B.Ed Entrance Exams 2024 List in Hindi): डेट, एप्लीकेशन फॉर्म, एलिजिबिलिटी और सिलेबस देखें
  • यूपी टीईटी आवेदन पत्र 2024 (UP TET Application Form 2024): आवेदन के लिए आवश्यक डाक्यूमेंट और स्टेप्स देखें
  • नवोदय विद्यालय क्लास 9 एडमिशन 2025 (Navodaya Vidyalaya Class 9 Admission 2025): एप्लीकेशन फॉर्म (जल्द), तारीखें, शुल्क और एडमिशन प्रोसेस
  • नवोदय कक्षा 6 एडमिशन 2025 (Navodaya Class 6th Admission 2025): जवाहर नवोदय विद्यालय कक्षा 6 में एडमिशन शुरू
  • सीजी टीईटी 2024 (CG TET 2024): आंसर की (जारी), तारीखें, रिजल्ट, चयन प्रक्रिया और लेटेस्ट अपडेट
  • रीट सिलेबस 2024 (REET Syllabus 2024 in Hindi): रीट लेवल 1 और 2 का सब्जेक्ट वाइज सिलेबस हिंदी में डाउनलोड करें
  • सीटेट ओएमआर शीट 2024 (CTET OMR Sheet 2024): जुलाई सत्र के लिए ओएमआर शीट जारी, इंस्ट्रक्शंस, स्कोर कैलकुलेशन और सैंपल
  • एमपी बीएड एडमिशन 2024 (MP B.Ed 2024 Admission): तारीखें, एप्लीकेशन फॉर्म, एलिजिबिलिटी, मेरिट लिस्ट, च्वाइस फिलिंग, सीट आवंटन
  • हरियाणा बीएड एडमिशन 2024 (Haryana B.Ed Admission 2024): एप्लीकेशन फॉर्म, पात्रता मानदंड, मेरिट लिस्ट, काउंसलिंग प्रक्रिया और सीट आवंटन
  • सीटीईटी एग्जाम 2024 के बाद करियर के अवसर (Career Opportunities After CTET Exam 2024): नौकरियां, वेतनमान, शिक्षण पद जानें
  • यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती पात्रता मानदंड (UP Police Constable Recruitment Eligibility Criteria): तारीखें, वैकेंसी डिटेल, आवेदन शुल्क जानें

नवीनतम समाचार

  • WB नीट UG मेरिट लिस्ट 2024 (जारी): सत्यापित उम्मीदवारों की पीडीएफ सूची डाउनलोड करें
  • RGUKT AP Third Selection List Expected Release Time 2024 for August 23

ट्रेंडिंग न्यूज़

12वीं के बाद कंप्यूटर कोर्सेस की लिस्ट (List of Computer Courses After 12th in Hindi): बेसिक कंप्यूटर कोर्सेस लिस्ट

Subscribe to CollegeDekho News

  • Select Program Type UG PG Diploma Ph.D Certificate

Top 10 Education Colleges in India

  • Approved by: UGC, NAAC, National Assessment and Accreditation Council (NAAC)
  • Type: Private Aided
  • Download Brochure
  • Approved by: ISO, NAAC, AICTE
  • Type: Private UnAided
  • Get Free Counselling
  • Approved by: UGC, NAAC
  • Type: Public
  • Type: Private
  • Approved by: Bar Council of India, AIU, NCTE, Pharmacy Council of India, NABL, IAP, UGC-AICTE-DEC ( Joint committee), ICAR, Indian Association of Physiotherapists, NCTE, ACU, UGC, ACBSP, NAAC, COA, National Assessment and Accreditation Council (NAAC), IAU, Punjab State Council For Agricultural Education (PSCAE), Institute Of Town Planners, ITPI
  • Approved by: UGC, National Assessment and Accreditation Council (NAAC)
  • Type: Government
  • Approved by: UGC, AIU, ISO, RCI, ICAR, NCTE, ACU, BCI, PCI
  • Approved by: UGC, AICTE, BCI, AIU, NCTE, NAAC

Popular Degrees

  • B.Ed. (Bachelor of Education)
  • M.Ed. (Master of Education)
  • B.Ed. + M.Ed.

कॉलेजदेखो के विशेषज्ञ आपकी सभी शंकाओं में आपकी मदद कर सकते हैं

  • Enter a Valid Name
  • Enter a Valid Mobile
  • Enter a Valid Email
  • Select Level UG PG Diploma Ph.D Certificate
  • By proceeding ahead you expressly agree to the CollegeDekho terms of use and privacy policy

शामिल हों और विशेष शिक्षा अपडेट प्राप्त करें !

Details Saved

essay in hindi about diwali

Your College Admissions journey has just begun !

Try our AI-powered College Finder. Feed in your preferences, let the AI match them against millions of data points & voila! you get what you are looking for, saving you hours of research & also earn rewards

For every question answered, you get a REWARD POINT that can be used as a DISCOUNT in your CAF fee. Isn’t that great?

1 Reward Point = 1 Rupee

Basis your Preference we have build your recommendation.

Nibandh

दिवाली पर निबंध

ADVERTISEMENT

रूपरेखा : परिचय - पौराणिक कथाएँ - दिवाली त्योहार का महत्त्व - दिवाली की तैयारी - सामाजिक महत्व - उपसंहार।

दुर्गापूजा की तरह दीवाली भी भारत के बड़े त्योहारों में एक है। यह हमारे देश में बड़े उत्साह के साथ मनायी जाती है। इसमें सभी तरह की जातियों, धर्मों और संप्रदायों के लोग दिल खोलकर भाग लेते हैं और सारे भेदभाव भुला देते हैं। अतः दीवाली हमारा एक महान राष्ट्रीय पर्व है। दिवाली को दीपावली भी कहते हैं।

दीवाली के आरंभ की अनेक पौराणिक कथाएँ प्रचलित हैं। एक कथा के अनुसार श्रीरामचंद्र जब 14 वर्ष के बाद रावण को मारकर सीता और लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटे तब सभी जगह खुशी के दीये जलाये गये। उसी विजय की स्मृति में यह दीवाली हर वर्ष मनायी जाने लगी। दूसरी कथा के अनुसार दीवाली उस दिन शुरू हुई, जब श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध किया। इसी खुशी में दीवाली का श्रीगणेश हुआ। तीसरी कथा है कि जब भगवान विष्णु राजा बलि के दान से प्रसन्न हुए, तब यह वर दिया कि सभी लोग बलि के नाम पर घी के दीये जलायेंगे। एक कथा यह भी प्रचलित है कि जब भगवान शंकर ने महाकाली का क्रोध शांत किया, तभी से दीवाली मनायी जाने लगी।

कथा चाहे जो भी हो, इन बातों से एक बात बिलकुल साफ है कि दीवाली हर साल हम भारतवासियों को जीवन का नया संदेश देने आती है और यह बताती है कि सत्य की जीत और असत्य की हार एक-न-एक दिन अवश्य होती है। यह हमारे जीवन का अंधकार दूर कर फुलझरियों की तरह नया प्रकाश बिखेरती है। हम अपने अंदर नवीनता का अनुभव करते हैं।

दीवाली आने के पहले से ही लोग अपने-अपने घर की सफाई, पुताई-रँगाई शुरू कर देते हैं। छोटे-बड़े, अमीर-गरीब सभी तरह के लोग दीवाली के स्वागत की तैयारी में लग जाते हैं। किसी शुभ कार्य का आरंभ भी दीवाली के दिन होता है। दीवाली आती है अमावस्या की रात में। मकान के छतों-छज्जों और मुँडेरों पर दीपों की माला सजायी जाती है। बच्चे पटाखे और रंग-बिरंगी फुलझरियाँ छोड़ते हैं। हर जगह रोशनी-ही-रोशनी दिखायी देती है। रोशनी की इस जगमगाहट में सबके चेहरों पर खुशी की लहर छा जाती है। लोग बाजार की रोशनी और सजावट देखने घर से बाहर जाते हैं। मिठाइयाँ खाते-खिलाते रात के कुछ घंटे बीत जाते हैं। व्यापारी और सेठ-साहूकार रात में धन की देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं, नये-नये कपड़े और बरतन खरीदते हैं।

दीवाली का धार्मिक महत्व तो है ही, इसका सामाजिक महत्त्व भी है। वर्षाऋतु के बाद मकानों की मरम्मत और उसकी पुताई, खिड़कियों और दरवाजों की रँगाई, पास-पड़ोस की सफाई— हमारे यहाँ इसी दीवाली के उपलक्ष्य में होती है। साल में एक बार ऐसा करना जरूरी समझा जाता है। इस प्रकार, सारी गंदगी दूर हो जाती है।

दिवाली हमारे जीवन में नयी प्रकाश लाती है, हमारे आसपास के वातावरण को शुद्ध और पवित्र बनाती है। यह हमें भाईचारे, सहयोग, सुख और शांति का संदेश देती है।

Nibandh Category

Meaning In Hindi

  • Essay On Diwali In Hindi...... »

Essay On Diwali In Hindi – दिवाली पर निबंध 200, 500, 1000 शब्दों में

Essay on Diwali in Hindi ( दिवाली पर निबंध ): जैसा कि हमारे देश में कई तरह के त्योहार मनाए जाते है जिनका अपने आप में अलग अलग विशेषता और महत्व होती है। भारत में होली, दीपावली, रक्षाबंधन, ईद, लोहड़ी आदि त्योहार मुख्य रूप से मनाया जाता है। लेकिन ज्यादातर सबका पसंदीदा त्योहार दीपावली ही होता है। जिसका लोग बेचैनी से इंतजार कर रहे होते है। इस त्योहार का कुछ अलग ही माहौल होता है।

Essay on Diwali in Hindi

क्षात्रो को स्कूल में हमेशा टास्क दिया जाता है “दिवाली पर निबंध लिखें (Write an Essay on Diwali)” ऐसे में कई बच्चो को Essay लिखने में प्रॉब्लम होती है। इसी प्रॉब्लम का समाधान इस लेख में दी जा रही है। यहाँ पर दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali) लिखी जा रही है।

Essay on Diwali – Introduction

हमारे देश भारत में दिवाली को दीपावली के नाम से भी जानते है। Diwali(दिवाली) के बारे में सोचते ही आपके दिमाग में सबसे पहले क्या आता है?

जब भी दिवाली करीब आती है तो लाइट, fireworks (पटाखे), मिठाइयां और ड्राई फ्रूट्स आदि ऐसी चीजे मन में आती है। यह एक ऐसा अवसर होता है जब हमारे परिवार के सभी सदस्य दिवाली की रात मनाने के लिए एक साथ आते हैं।

दिवाली (Diwali) को हिंदू के सबसे बड़े festivals में से एक कहा जा सकता है जो न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में खुशी और सुंदर भाव के साथ मनाया जाता है। 

दीपावली का त्योहार हर साल october या november के महीने में होता है। यह विजयदशमी (vijayadashmi) के ठीक 20 दिन बाद मनाया जाता है। Deepawali दो शब्दों दीप या दीया और आवली शब्द से मिलकर बना है। दिवाली (Diwali) भारत में ही नही बल्कि विदेशों में भी हिंदुओं और अन्य गैर हिंदू समुदायों द्वारा मनाई जाती है जो वहां रहते हैं। इस त्योहार को अन्य समुदाय (बौद्ध,जैन आदि) के लोग भी मानते है। 

Essay on Diwali – दिवाली (Diwali) कैसे मनाई जाती है?

दीपावली आने के लगभग 10 दिन पहले से ही सभी घरों में साफ सफाई होने लगती है।

लोग अपने अपने घरों, दुकानों आदि की साफ सफाई में जुट जाते है। और बहुत से लोग अपने  घरों या दुकानों को नया बनाने के लिए पेंट कराते है। कहा जाता है की दीपावली पर घरों की सफाई करना इसलिए जरूरी होता है क्योंकि इस दिन lord Ganesha और lordess lakshmi जी ही घरों में वास करते है।

बाजारों में खूब दौड़ भाग होती है। लोग इस मौके पर नए कपड़े, बर्तन, मिठाइयां और गणेश और लक्ष्मी जी की मूर्ति आदि खरीदते है। हिंदुओं द्वारा देवी lakshmi की पूजा की जाती है क्योंकि व्यापारी दिवाली के पर्व पर नई खाता बही की शुरुआत करते हैं। लोगों का मानना है कि यह खूबसूरत त्योहार सभी के लिए धन, समृद्धि और सफलता लाता है।

लोग खुशी और उत्साह के साथ दिवाली का पूरा आनंद लेते हैं। इस दिन घर में तरह तरह की मिठाइयाँ बनाई जाती हैं और दोस्तों और रिश्तेदारों में बाँटी जाती हैं। लोग अपने पड़ोसी और प्रिय लोगों को आमंत्रित करते हैं। लोग अपने रिश्तेदारों और दोस्तों से मिलने भी जाते हैं और गिफ्ट और सूखे मेवों का आदान प्रदान भी करते हैं।

वही कुछ लोग ऐसे भी जिनके यह त्योहार कुछ अलग ही रूप से मनाया जाता है जैसे शराब का सेवन, जुआ खेलना, टोना-टोटका करना और पटाखों के गलत इस्तेमाल से इसे ख़राब करने में जुटे रहते हैं। जो की समाज की बहुत बुरी आदत है। कम से कम इस दिन तो ये सोच बनाके रखना चाहिए की इस पावन अवसर पर ये बुरी आदत छोड़के अपने अंदर अच्छी आदतों का वास करना चाहिए।

बच्चे इस त्योहार का बेसब्री से इंतजार करते हैं।  उन्हें पटाखे फोड़ने और आतिशबाजी में खूबसूरत रंगोली बनाने और अपने घर को सजाने में भी मजा आता है।

Essay on Diwali: इतिहास

यह त्योहार बहुत ही खूबसूरत और इमोशनल इतिहास के अंदर छिपा हुआ है।

हिंदू मान्यताओं के अनुसार इस त्योहार के दिन ही भगवान राम (Ram) 14 वर्षों के वनवास के बाद अपनी पत्नी सीता,भाई लक्ष्मण और उनके प्रिय भक्त हनुमान के साथ अयोध्या ( Ayodhya), राक्षस रावण और उसकी सेना को हराने के बाद, लौटे थे।

अमावस(Amavasya) की रात होने के कारण Diwali के दिन काफी अंधेरा होता है, जिस वजह से उस दिन पुरे Ayodhya को दीपों और फूलों से श्री Ram Chandra के लिए सजाया गया था ताकि भगवान राम के आगमन में कोई परेशानी न हो और तब से लेकर आज तक इसे दीपों का त्योहार और अंधेरे पर प्रकाश की जीत के रूप में मनाया जाता है।

उस समय पूरे अयोध्या के लोगों ने अपने प्रिय राजकुमार राम पत्नी सीता,भाई लक्ष्मण और हनुमान के साथ मिट्टी के दीये जलाकर और पटाखे फोड़कर स्वागत किया। 

दीपावली त्योहार के बारे में एक और पौराणिक कथा भगवान विष्णु के साथ देवी लक्ष्मी की शादी है। कहते है इस दिन देवी lakshmi ने भगवान विष्णुओ को चुना और उनसे विवाह किया। देवी लक्ष्मी को धन और समृद्धि देने के लिए भी जाना जाता है।

दूसरी तरफ यह भी है की Diwali हिंदुओं का सबसे ज्यादा मनाया जाने वाला त्योहार है। मुगल सम्राट जहांगीर( Jahangir) की कैद से Guru Govind की रिहाई की याद में सिख(Sikh) दीवाली मनाते हैं।

जैन धर्म में भी दीवाली को “महावीर निर्वाण दिवस” महावीर की शारीरिक मृत्यु और अंतिम मुक्ति के दिन के रूप में मनाया जाता है।

बौद्ध देवी लक्ष्मी की पूजा करके diwali मनाते हैं।

दीपावली के उत्सव के बारे में एक और मिथ्या यह है कि विष्णु के अवतार भगवान कृष्ण ने राक्षस नरकासुर (Narkasur) को मार डाला और राक्षस नरकासुर द्वारा बंदी बनाई गई 16000 से अधिक लड़कियों को रिहा कर दिया। जिस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था, उसे दिवाली से एक दिन पहले नरक चतुर्दशी (Chaturdashi) के रूप में मनाया जाता है।

लोग diwali पर भगवान गणेश की पूजा करते हैं जो बाधाओं को दूर करने और तलाश करने के प्रतीक है। यह त्योहार पूरे देश का त्योहार है।  हिंदू पौराणिक कथाओं के लिए इसका बहुत महत्व है और लोगों को वास्तविक सुख और शांति के महत्व को समझने की जरूरत है।

यह बुराई पर अच्छाई की जीत का त्योहार है। Diwali अच्छे कर्मों में विश्वास पैदा करती है और खुशी, आनंद और बुराई के अंत का दिन है। यह भारत के प्रत्येक शहर और शहर में और विदेशों में भी भारतीयों द्वारा असाधारण उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह यूनिटी का प्रतीक बन जाता है।  भारत इस पर्व को हजारों सालों से मनाता आ रहा है और आज भी मनाता आ रहा है।

यह पांच दिन तक मनाने जाना वाला त्योहार है जिसमें अच्छा भोजन, आतिशबाजी, रंगीन रेत और विशेष मोमबत्तियां और दीपक शामिल हैं।  हिंदू जहां रहते हैं उसके आधार पर दीवाली की कहानी की व्याख्या करते हैं।

दीपावली कितने दिनों तक मनाते है?

दिवाली का यह त्योहार लगभग 5 दिनों तक मनाया जाता है। जिस के पहले दिन धनतेरस(Dhanteras) होता है। धनतेरस के दिन लोग धातु(Metals) की वस्तुओं जैसे सोने और चांदी के आभूषण को खरीद कर अपने घर जरूर लेकर जाते हैं।

Deepawali का दूसरा दिन नरक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। कुछ लोग इस दिन को छोटी दिवाली के रूप में भी मनाते हैं।

तीसरा दिन deepawali त्योहार का मुख्य दिन होता है। इस दिन महालक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है।

Deepawali के चौथे दिन गोवर्धन (Govardhan) पूजा की जाती है क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण ने इंद्र के क्रोध से हुई लगातार वर्षा से लोगों को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी एक उंगली पर उठा लिया था।

दिवाली के त्योहार के आखिरी दिन को भाई दूज के रूप में मनाया जाता है। इस दिन पर बहन अपने भाई को रक्षा बांधकर मिठाई खिलाती है।

दीपावली से तमाम जानकारी प्राप्त करके हम इस निष्कर्ष पर पहुंच गए हैं की दिवाली को सभी उत्साहों में से एक माना गया है जिसका एक अलग ही महत्व है। Deepawali का त्यौहार असत्य पर सत्य की जीत और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है।

दीपावली के त्योहार के दिन हमें अपने अंधकार को मिटाकर दीयों और रोशनी से पूरे एनवायरनमेंट को रोशन करना चाहिए। जैसा कि हम जानते हैं कि दीपावली के पर्व का अर्थ दीप, प्रेम और सुख समृद्धि होता है। इस दिन ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए जिससे किसी को दुख पहुंचे क्योंकि ऐसा करने से इस festival का कोई मतलब ही नहीं रह जाता। हमे हर दुखिजनों के साथ इस पर्व को celebrate करना चाहिए।

भेदभाव और अपने अंदर की बुराइयों का त्याग़ करना चाहिए। साथ ही साथ खुद के अंदर भी अंधकार को खत्म करके एक रोशन दीप जलाना चाहिए।

Related Articles

rashi name

Leave a Comment जवाब रद्द करें

pmmodiyojanaye.in

pmmodiyojanaye.in

सरकारी योजनाएं हिंदी में

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) – दीपावली पर निबंध हिंदी में Class 1 से 10 तक के लिए यहाँ देखें

दीवाली हिन्दुओं का सबसे प्रमुख त्यौहार है। आज के इस आर्टिकल में हम दीवाली के महत्व को समझते हुए छात्रों के लिए दीपावली पर निबंध लेकर आये हैं। आप यहाँ से दीवाली पर निबंध हिंदी में कैसे लिखें यह जान सकेंगे। लेख में हमने कक्षा 1 से 10 तक के लिए Diwali essay in Hindi में उपलब्ध कराया है।

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - दीपावली पर निबंध हिंदी में Class 1 से 10 तक के लिए यहाँ देखें

यह भी देखें: दिवाली के समान ही हिन्दू धर्म में मकर संक्रांति को बहुत शुभ माना जाता है यदि आप जानना चाहते है कि यह त्यौहार क्यों मनाया जाता है, महत्व एवं आसान शब्दों में निबंध लिखने के लिए यहाँ क्लिक करें।

Table of Contents

दिवाली पर निबंध / deepawali in hindi

प्रस्तावना – दीवाली हिन्दुओं का सबसे बड़ा त्यौहार है। यह त्यौहार प्रत्येक वर्ष बड़ी धूमधाम से भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में मनाया जाता है। दीपावली भारत देश के सभी नागरिकों द्वारा बड़ी धूम धाम से मनाया जाने वाला खुशियों भरा त्यौहार है, दीपावली पर हर घर में भगवान गणेश और लक्ष्मी माता जी की पूजा होती है।

भारत के निवासी दीवाली के त्यौहार को अन्य देश में रहते हुए भी बड़े धूमधाम से मनाते है। दिवाली को 2 दिन तक छोटी दीवाली बड़ी दीवाली के रूप में मनाया जाता है।

दिवाली का अर्थ –

WhatsApp

दीपावली का अर्थ दो शब्दों से मिलकर बनी है दीप + आवली जहाँ दीप का अर्थ होता है दीपक और आवली का अर्थ होता है श्रृंखला या रेखा/पंक्ति। दीपावली शब्द संस्कृत भाषा से लिए गए शब्द है।

दिवाली त्यौहार की विशेषता

दिवाली मुख्यतः हिन्दू धर्म के लोगों के द्वारा जाती है। यह हिन्दुओं का सबसे बड़ा त्यौहार है। यह पर्व भारत देश सभी नागरिकों के द्वारा धूमधाम के साथ मनाया जाता है।

प्रत्येक वर्ष यह त्यौहार कार्तिक मास को अक्तूबर या नवंबर में मनाया जाता है। दीपावली दीपों का त्यौहार है इस दिन भारत देश में विभिन्न प्रकार की लड़ियों और दीयों, मोमबतियों से घर को सजाया जाता है ।

दिवाली क्यों मनाई जाती है

भारत में सबसे बड़ा त्यौहार दिवाली का त्यौहार है। पौराणिक कथाओं के अनुसार दिवाली के त्यौहार को मनाये जाने के पीछे यह तर्क है की जब भगवान श्री राम 14 वर्ष के वनवास को काटकर और रावण का वध करके अपनी जन्मभूमि अयोध्या की तरफ लौटे थे तो उनके अयोध्या लौटने की ख़ुशी में अयोध्या वासियों द्वारा इस दिन घी के दिए जलाये गए थे। उसी दिन से ही दिवाली का यह पवन त्यौहार प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है।

दिवाली में विभिन्न प्रकार के उपहारों और मिठाइयों को अपने रिश्तेदारों और पड़ोसियों को दिया जाता है और पटाखे जलाये जाते हैं। दिवाली के त्यौहार में भारत में हर घर में रौशनी फैली होती है।

दिवाली सभी लोगों का एक महत्वपूर्ण त्यौहार है सभी लोगों के द्वारा इस त्यौहार को ख़ुशी के रूप में उत्साहित होकर मनाया जाता है।

दीपावली कब मनाई जाती है

दीपावली दशहरे के 21 दिन बाद अक्तूबर से नवम्बर माह के बीच में कार्तिक मास की अमावस्या को मनाई जाती है। इस त्यौहार को धूमधाम से कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी से कार्तिक शुक्ल द्वितीय अर्थात् पाँच दिनों मनाया जाता है।

दिवाली में हिन्दू देवी देवता जिनकी पूजा की जाती है

दिवाली के शुभ अवसर पर भगवान श्री गणेश और माता लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है। यह पूजा धन की प्राप्ति और स्वस्थ जीवन की प्राप्ति के लिए की जाती है।

Beautiful-Goddess-Laxmi-Ganesh-Photo

लक्ष्मी जी घर में स्वागत के लिए उस दिन हर घर में रंगोली बनाई जाती है। इस दिन लक्ष्मी जी और भगवान गणेश जी की पूजा अर्चना की जाती है।

दिवाली मनाने की तैयारियाँ

इस त्यौहार को बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। दीपावली के कई दिन पहले लोग अपने घरों की साफ-सफाई करने के काम में लग जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि जिस घर में साफ सफाई होती है, उसी घर में दिवाली के दिन माँ लक्ष्मी अपनी कृपा बनाये रखती है तथा अपना आशीर्वाद प्रदान करती है।

दीवाली के दिन सभी खुशियां मानते हैं। व्यापारी और दुकानदार अपनी-अपनी दुकानों को सजाते हैं और साफ़ सफाई पर विशेष ध्यान देते हैं। दीपावली के दिन बाजारों में खूब भीड़ होती है क्योंकि लोग खरीददारी करने बाजार जाते हैं और ढेर सारी मिठाइयां पटाखे खरीदते हैं और गणेश जी, लक्ष्मी जी, आदि की तस्वीरें खरीद कर घर में लगाई जाती है मंदिर को सजाया जाता है।

बाजारों में खूब रौनक देखने को मिलती है। दिवाली के इस अवसर पर सभी लोग नए कपड़े, बर्तन, मिठाइयां आदि खरीदते हैं और इक दूसरे को बधाइयाँ देते हैं। रात्रि के समय लक्ष्मी, गणेश के पूजा के बाद पटाखे जलाये जाते हैं । भारत की कुछ-कुछ जगहों पर दीवाली को नया साल की शुरुआत के रूप में माना जाता है।

दिवाली के साथ मनाये जाने वाले त्यौहार

  • दिवाली से पहले दिन- दीपावली का त्यौहार कुल मिलाकर 5 दिनों तक चलता है। दिवाली से एक दिन पहले धनतेरस होता है। इस दिन लोग अपने घर कुछ ना कुछ बर्तन लेकर जरूर आते हैं और कुछ लोग इस दिन सोना- चांदी के आभूषण भी खरीदते है। मान्यता है की धनतेरस के दिन खरीददारी करने से घर में बरकत आती है।
  • दूसरा दिन -दीपावली के दूसरा दिन को नरक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है, क्योंकि इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था। लोगों द्वारा इस दिन को छोटी दिवाली के रूप में भी मनाया जाता है। घर के बाहर दीपक जलाये जाते हैं।
  • तीसरा दिन -यह दीपावली त्यौहार का मुख्य दिन होता है। माँ लक्ष्मी जी की पूजा इस दिन की जाती है, मां सरस्वती और भगवान श्री गणेश की पूजा भी की जाती है। इस दिन घरों के आंगन में रंगोली बनाई जाती है और विभिन्न प्रकार की मिठाइयां रसोई में बनाई जाती है।
  • चौथा दिन -दीपावली के चौथे दिन को गोवर्धन पूजा की जाती है, मान्यता अनुसार इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने इंद्र के क्रोध के फलस्वरूप हुई मूसलाधार वर्षा से लोगों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी एक छोटी अंगुली पर उठा लिया था। इस दिन महिलाएं घर के बाहर गोबर की पूजा करती है।
  • पांचवा दिन- इस दिन दीपावली के त्यौहार के अंतिम दिन को भाई दूज त्यौहार के रूप में मनाया जाता है।   बहन अपने भाई की कलाई में रक्षा सूत्र बाँधती हैं और तिलक लगाकर उन्हें मिठाई खिलाती है और सभी भाई अपनी बहन को उसकी रक्षा करने का वचन और उपहार देते है।

दीपावली का महत्त्व

दीपावली एक महत्वपूर्ण त्यौहार है जो सभी वर्गों के लोगों के लिए उत्साहवर्धक त्यौहार है यह मुख्यता हिंदू धर्म का सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है। धर्म का अधर्म पर विजय का सूचक यह त्यौहार सभी की आस्था से जुड़ा हुआ है। इस त्यौहार के मानव जीवन में बहुत महत्व हैं। –

दिवाली का सामाजिक महत्व

इस दीपावली के त्यौहार को सभी धर्मों के लोगों के द्वारा मिल-जुलकर मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने घर के मंदिरों में पूजा पाठ किया करते हैं। एक दूसरे से मिलने उनके घर जाते है बधाइयाँ देते हैं जिससे सामाजिक सद्भावना को बढ़ावा मिलता है।

वर्तमान समय में इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में जब किसी के पास किसी अन्य व्यक्ति के लिए समय नहीं है तो यही त्यौहार हैं जिसमें आपको मौका मिल पता है एक दूसरे के साथ मिलने का जिससे लोगों में सद्भावना आती है।

लोगों को एक- दूसरे के त्योहारों की विशेषता का पता लगता है। अलग-अलग धर्मों के लोग एक दूसरे के त्योहारों में रुचि दिखते हैं और त्योहारों को एक साथ मानते हैं। इस तरह त्यौहारों का अपना एक सामाजिक महत्व होता है जो सामाजिक सद्भावना बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाहन करता है।

दीपावली का आध्यात्मिक महत्व

इस त्यौहार को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है, जब कभी भी दिवाली का त्यौहार आता है तो सभी लोगों में एक उमंग और उत्साह का सञ्चालन होता है।

दीपावली के त्यौहार को सभी वर्ग के लोगों जैसे- हिंदू, सिख ,जैन, आदि धर्मों को मानने वाले लोग भी बड़ी धूमधाम से मनाते है। इन सभी धर्मों में दीपावली के दिन ही ऐसी कोई ना कोई ऐसी घटना घटित हुई है, जिसमें बुराई पर अच्छाई की विजय हुई है।

दीपावली का त्यौहार पूजा पाठ और बुराई पर अच्छाई की जीत से जुड़ा हुआ है। इसलिए लोग इस पर्व पर अध्यात्म की ओर अग्रसर होते हैं और इससे अच्छे विचारों का उत्थान होता है।

दिवाली का आर्थिक महत्व

दीपावली के त्यौहार में भारत के हर बाजार में खरीदारी की जाती है। सभी लोग बाजार जाते हैं और अपने लिए नए कपडे मिठाइयां सामान पटाखे खरीदते हैं।

इस त्योहार में नए सामान को खरीदना शुभ माना जाता है, क्योंकि माँ लक्ष्मी को धन-समृद्धि की देवी के रूप में माना जाता है। दीवाली के समय सोने और चांदी की खूब खरीददारी होती है। साथ ही साथ नए वस्त्र ,मिठाई, और पटाखों की खूब बिक्री भी होती है।

इस दौरान हर जगह खूब चहल पहल देखने को मिलती है आसमान में खूब रोशनी प्रकाशमान रहती है। लोग पटाखों पर खूब खर्चा करते हैं।

दिवाली का त्यौहार की विशेषता

अंधकार पर प्रकाश की विजय, बुराई पर अच्छी की विजय का यह पर्व समाज में नयी उमंग, उत्साह का संचार करता है। आपसी भाई-चारा और प्रेम के सन्देश का सूचक यह त्यौहार अपने आप में बहुत ज्यादा महत्व रखता है।

यह त्यौहार सामूहिक रूप तथा व्यक्तिगत रूप दोनों ही प्रकार से मनाया जाने वाला त्यौहार है जो धार्मिक और सामाजिक विशेषता रखता है।

अलग-अलग राज्य, क्षेत्र में दीपावली मनाने के कारण एवं तरीके अलग-अलग हैं। भारत के सभी जगह यह त्यौहार अपनी अलग-अलग विशेषता को संजोये हुए है।

सभी लोगों में दीपावली के त्यौहार को लेकर बड़ी उत्सुकता होती है। लोग अपने घरों, दफ्तरों की साफ सफाई करना कुछ दिन पूर्व से ही शुरू कर देते हैं। मिठाइयों और उपहार को एक दूसरे को भेंट करते हैं, एक दूसरे के घर जाते है। हर घर के आंगन में सुन्दर रंगोली बनाते है, तरह-तरह के दीपक जलाए जाते हैं और आतिशबाजी का आनंद उठाते है।

बड़े-छोटे सभी आयु वर्ग के लोग इस त्योहार में बढ़ चढ़ कर भाग लेते हैं। अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक यह पवन त्यौहार समाज के हर वर्ग के लिए उत्साह सम्पनता को लेकर आता है। दिवाली का यह पर्व समाज में उल्लास, भाई-चारे व प्रेम का संदेश फैलाता है।

Diwali par Nibandh (निष्कर्ष)

प्रातः उठकर नहाने के बाद सरे काम निपटने के बाद सभी लोग शाम के समय अपने घरों के सामने और प्रवेश द्वार में दीपक जलाते है। इस दिन सभी घरों में धन की देवी माता लक्ष्मी और श्री गणेश जी की पूजा-अर्चना की जाती है।

ऐसा माना जाता है कि देवी लक्ष्मी उसी के घर में प्रवेश करती हैं जिसके घरों में साफ़ सफाई, रौशनी और सजावट होती है। माता लक्ष्मी के स्वागत के लिए हर घर के आंगन में दीपक प्रज्वलित किये जाते हैं।

इस त्यौहार को भारत में रौशनी का त्यौहार कहा जाता है। इस तरह दिवाली का मानव के जीवन एक खास महत्व है।

दिवाली पर निबंध 10 पंक्तियों में

  • दिवाली को दीपों एवं प्रकाश का त्यौहार कहा जाता है।
  • दीपावली सनातनियों का सबसे बड़ा एवं महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक है।
  • दिवाली भारत के अलावा सिंगापुर, मलेशिया, नेपाल, त्रिनिनाद, मॉरिशस जैसे देशों में भी मनाई जाती है।
  • दिवाली के दिन हिन्दू अपने घरों में माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करते हैं।
  • दिवाली हर वर्ष कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाई जाती है।
  • यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है।
  • मान्यताओं और शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान श्री राम, लंकापति रावण पर विजय प्राप्त करके, चौदह वर्ष के वनवास को पूर्ण करके अयोध्या लौटे थे।
  • इस दिन सभी हिन्दू मिट्टी के दिये जलाते है है।
  • दिवाली के दिन लोग मिठाइयाँ बांटते हैं और पटाखे जला कर खुशियां मनाते हैं।
  • दिवाली के दिन सार्वजनिक अवकाश घोषित होता है।

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) FAQs –

दीपावली कब मनाई जाती है.

दिवाली प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास की अमावस्या को मनाई जाती है। जो की अक्तूबर और नवम्बर के दौरान पड़ती है।

दिवाली 2024 में कब है ?

इस बार दीवाली 31 अक्टूबर को है ।

Diwali kab manai jaayegi

इस वर्ष दिवाली 31st October को मनाई जाएगी।

दीपावली का त्यौहार क्यों मनाया जाता है ?

दीपावली के ही दिन भगवन राम चौदह वर्ष का वनवास पूरा करके लौटे थे, इस लिए दिवाली मनाई जाती है।

दिवाली पर निबंध कैसे लिखें ?

यदि आप दिवाली पर निबंध लिखना चाहते हैं तो इसके लिए आपको दिवाली क्यों, कब ,कैसे मनाई जाती है और इसका क्या महत्व है इनके बारे में जानकारी होनी चाहिए।

Leave a Comment Cancel reply

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

Easy Hindi

केंद्र एव राज्य की सरकारी योजनाओं की जानकारी in Hindi

दीपावली पर निबंध हिंदी में | Diwali Par Nibandh | Diwali Essay in Hindi 2023

  • Festival 2024

Diwali Essay in Hindi

Diwali Par Nibandh:- दीपावली हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है पूरे भारत में इसे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है दीपावली मनाने के पीछे की कहानी काफी रोचक है I ऐसा कहा जाता है कि इसी दिन भगवान श्री राम अपनी पत्नी सीता के साथ अपनी नगरी अयोध्या वापस आए थे I जिसके कारण वहां के निवासियों ने दीप जला कर उनका स्वागत किया था .दीपावली को बुराई पर अच्छाई के जीत के तौर पर भी देखा जाता है | इसके पीछे की वजह है कि भगवान श्रीराम ने रावण को युद्ध में हराकर ही अपने नगर वापस आए थे I इसलिए दीपावली का त्यौहार अपने आप में काफी महत्वपूर्ण है I ऐसे में अगर आप एक छात्र हैं और दिवाली पर निबंध लिखना चाहते हैं लेकिन आपको समझ में नहीं आ रहा है कि आप दीपावली के ऊपर एक बेहतरीन Deepavali Essay in Hindi 2023   कैसे लिखें तो हम आपसे निवेदन करेंगे कि हमारे आर्टिकल पर आखिर तक बने रहे हैं चलिए शुरू करते हैं:–

Deepawali

Diwali Par Nibandh 2023 – Overview

त्यौहार का नामदीपावली
साल2023
त्यौहार की तारीख12 नवंबर
कहां कहां मनाया जाएगा?पूरे भारत में
कौन से धर्म के लोग मनाते हैं?हिंदू धर्म के
क्यों मनाई जाती है?इसी दिन भगवान श्री राम अयोध्या वापस आए थे
दीपावली के दिन किसकी पूजा की जाती हैमाता लक्ष्मी और भगवान गणेश
दीपावली का शुभ मुहूर्त 2023 में06:12 से 08 : 15 तक |

दीपावली भारत का एक प्रमुख त्यौहार है I इसे भारत के प्रत्येक राज्य में मनाया जाता है I दीपावली का अपने आप में एक खास महत्व है I दीपावली के दिन पर हम अपने घर में माता लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा करते हैं I छोटे बच्चे विशेष तौर पर इस दिन पटाखा जलाते हैं I इसके अलावा घर को हम भिन्न प्रकार के रंग बिरंगी लाइट के द्वारा सजाते हैं I इस दिन पूरा वातावरण प्रकाश में रहता है चारों तरफ प्रकाश ही प्रकाश दिखाई पड़ता है I

Diwali ka Nibandh

दीपावली का त्यौहार 2023 में 12 नवंबर को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा I इस दिन हम सभी लोग अपने घर में माता लक्ष्मी भगवान गणेश की पूजा करते हैं I इसके 2 दिन पहले धनतेरस का भी त्यौहार हम मनाते हैं और उस दिन घर के अंदर कुबेर और भगवान धन्वंतरि की पूजा करते हैं I ऐसा है कि कुबेर की पूजा करने से आपके घर में धन में वृद्धि होगी क्योंकि कुबेर को जन्म का देवता माना जाता है और अगर आप धनवंतरी की पूजा करते हैं तो आप हमेशा स्वस्थ रहेंगे क्योंकि धनवंतरी को आधुनिक शल्य चिकित्सा का जनक कहा जाता है I

दीपावली पर निबंध कक्षा- 3/ 4 /5 /6 /7 8 /9 10

 दीपावली एक विशेष प्रकार का हिंदू पर्व है और इसे कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है I इसे हम लोग ज्योति और प्रकाश उत्सव के रूप में भी जानते हैं इसकी प्रमुख वजह है कि इस दिन दीप जलाए जाते हैं I दीपावली कार्तिक अमावस्या महीने में आता है और इस महीने में ही और भी चार प्रकार के त्यौहार आते हैं I इसीलिए इस महीने लोग काफी हर्षोल्लास के साथ सभी पर्वों को मनाते हैं I दीपावली के पहले दिन धनतेरस का त्यौहार आता है जिस दिन कोई ना कोई नया वर्तन आभूषण खरीदने की मान्यता है I इसके बाद आती  छोटी दीपावली और फिर बड़ी दीपावली अगले कुछ दिनों में गोवर्धन पूजा और उसके बाद छठ पूजा इस प्रकार सभी त्योहार इसी महीने में समाप्त हो जाते है I

Diwali Quotes

Diwali Essay For Class 3 to 10

Diwali Par Nibandh For Class 3/ 4 /5 /6 /7 8 /9 10:- दीपावली त्यौहार से जुड़ी हुई कई धार्मिक और ऐतिहासिक घटना भी है समुद्र मंथन करते समय प्राप्त 14 रत्नों में से लक्ष्मी देवी प्रकट होते हैं  इसके अलावा जैन मत के अनुसार तीर्थंकर महावीर का महानिर्वाण भी किस दिन हुआ था I  भारतीय संस्कृति के आदर्श पुरुष श्री राम लंका नरेश रावण पर विजय प्राप्त कर सीता लक्ष्मण सहित अयोध्या लौटे थे उस कारण भी दीपावली मनाई जाती है I ऐतिहासिक दृष्टि से इस दिन से जुड़ी महत्वपूर्ण घटनाओं में सिक्खों के छठे गुरु हरगोविन्दसिंह मुगल शासक औरंगजेब की कारागार से मुक्त हुए थे। राजा विक्रमादित्य सिंहासन पर बैठे थे I यह त्यौहार बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है और इस दिन सभी लोग दीप और मोमबत्ती जलाते हैं I इसके अलावा माता लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है और उसके बाद प्रसाद का वितरण सभी लोगों के बीच में किया जाता है I

दिवाली स्टेटस हिंदी में

दीपावली पर निबंध हिंदी में 10 लाइन (Diwali Essay 10 Lines)

Diwali Essay 10 Lines

  • दीपावली हिंदुओं का विशेष पर्व है I
  • दीपावली के दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है I
  • दिवाली त्यौहार धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दिवाली, गोवर्धन पूजा और भैया दूज त्यौहार का समूह माना जाता है।
  • दीपावली के दिन पूजा समाप्त होने के बाद हम सभी अपने बड़ों का आशीर्वाद देते हैं
  • दिवाली के दिन हम अपने घरों को रंग बिरंगी लाइटों के द्वारा सजाते हैं I
  • होली पर नई चीजें खरीदना काफी शुभ माना जाता है I
  • दीपावली लोग एक दूसरे को उपहार और मिठाइयों का भेंट देते है।
  • दीपावली पर छोटे बच्चे काफी पटाखा जलाते हैं
  • दीपावली पर्व को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है I
  • दीपावली कार्तिक पूर्णिमा महीने में मनाई जाती है I

Also Read: दिवाली शायरी हिंदी में

दीपावली पर निबंध 20 लाइन ( Dipawali Per 20 Lines)

  • दीपावली भारत का सबसे बड़ा पर्व है।
  • दिवाली एक प्रमुख हिंदू त्यौहार है .
  •  दीपावली को प्रकाश का पर्व भी कहा जाता है
  • दीपावली के दिन भगवान श्री राम 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या वापस आए थे
  • भगवान राम के आने की खुशी में अयोध्या के लोगों दीप जलाए थे
  • Diwali त्योहार पूरे 5 दिन मनाया जाता है
  • दिवाली के दिनों घरों लाइटों से सजाए जाते हैं
  • इस दिन भगवान गणेश जय माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है I
  • दीपावली के शुभ अवसर पर छोटे बच्चे पटाखे कुछ चलाते हैं
  • दिवाली के त्यौहार से पहले घर के साफ-सफाई काफी अच्छी तरह से की जाती है
  • दीपावली के पांचवे दिन को भाई बीज का त्यौहार मनाया जाता है।
  • दिवाली के दिन दीप जलाए जाते हैं I
  • दिवाली का त्यौहार अमावस्या की रात को मनाया ऐसी मान्यता है कि दीप जलाने से आपके जीवन का अंधकार दूर हो जाएगा
  • दिवाली से पहले धनतेरस और धनतेरस के बाद छोटी दिवाली आती है छोटी दिवाली के बाद गोवर्धन की पूजा होती है और उसके अगले दिन भैया दूज आता है।
  • दीवाली की रात को लोग माता लक्ष्मी की पूजा कर लोग धन की प्राप्ति करते हैं और गणेश जी की पूजा कर उन्हें गणेश जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है जिसे उनके जीवन में अगर कोई भी संकट या दुख है तो उसका निवारण हो जाएगा
  • भगवान श्री राम ने रावण का वध कर अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या आए थे
  • दीपावली को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में देखा जाता है I
  • हर साल कार्तिक मास की अमावस्या की रात को दिवाली का त्यौहार मनाया जाता है।
  • दीपावली कार्तिक पूर्णिमा महीने में मनाई जाती है
  • मिठाई की दुकाने सजने लगती हैं बाज़ारों में पटाखों और फुलझड़ियों की दुकाने सजती हुई दिखाई देती हैं I

दीपावली पर निबंध 150 शब्द | Diwali Per Nibandh (150 Words)

Diwali Par Nibandh :- भारत में दीपावली का त्यौहार बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता हैं। इस त्यौहार को हिन्दू धर्म के परंपरा और मान्यता के अनुसार मनाया जाता है दीपावली के पहले घर की साफ सफाई की जाती है उसके बाद दीपावली के दिन घर में माता लक्ष्मी और भगवान गणेश जी की मूर्ति स्थापित कर विधि विधान के साथ पूजा की जाती है ताकि आपके ऊपर माता लक्ष्मी की विशेष कृपा बनी रहे I इस दिन पूजा समाप्त होने के बाद प्रसाद का वितरण किया जाता है और लोगों के घरों में जाकर मिठाई देने की भी परंपरा है इस दिन सभी व्यक्ति ने नए कपड़े पहनते हैं और छोटे बड़े सभी पटाखा जलाते हैं I दीपावली मनाने के पीछे सबसे प्रमुख वजह है कि इसी दिन भगवान श्रीराम अपनी पत्नी सीता के साथ अयोध्या वापस आए थे और उनके आने की खुशी में वहां के निवासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया था तभी से दीपावली मनाने की परंपरा स्थापित हो चुकी है तभी से दीपावली मनाने का प्रयास शुरू हुआ I

Also Read: दीपावली पर कविता हिंदी में

दीपावली पर निबंध 200 शब्दों में | Diwali Par Nibandh 200 Words

Diwali Per Nibandh :- हम भारत देश में रहते हैं जिसे अलग-अलग धर्मों में एकता, संस्कृति, रीति-रिवाजों और अलग-अलग उत्सवों की वजह से जाना जाता है। भारत को त्योहारों का देश कहा जाता है I यहां पर विभिन्न प्रकार के त्योहार मनाए जाते हैं I ऐसे में दीपावली भी भारत का एक प्रमुख त्योहार है दीपावली मनाने के पीछे क्या कारण है कि इस दिन भगवान श्री राम अपनी नगरी अयोध्या वापस आए थे  I उनके आने की खुशी में दीपावली बनाने की परंपरा शुरू हुई I

दीपावली को हम सभी लोग अपने घर को रंग बिरंगी लाइट से सजाते हैं I इसके अलावा घर में विभिन्न प्रकार के पकवान बनते हैं I हर एक व्यक्ति एक दूसरे के घर में जाता है और वहां पर जाकर दीपावली की हार्दिक बधाइयां देता है I इसके अलावा पूजा संपन्न होने के बाद हम प्रसाद का वितरण करने दूसरे के घर में जाते हैं और वहां पर जाने के बाद हमें वहां से भी प्रसाद मिलता है I दीपावली एक प्रकार का भाईचारा त्यौहार है  I सभी लोग गले मिलते हैं I दीपावली आने से पहले हम अपने घर की साफ सफाई अच्छी तरह से करते हैं उसके बाद ही दीपावली का त्यौहार हम मनाते हैं I

दिवाली पर निबंध 500 शब्द | Diwali Par Nibandh 500 Words

भूमिका : भारत दुनिया का ऐसा देश है I जहां पर विभिन्न धर्म के मानने वाले लोग रहते हैं और यहां के त्यौहार भी काफी अलग अलग है I इसलिए भारत में प्रत्येक महीने कोई ना कोई त्यौहार आता ही रहता है I ऐसे में दीपावली हिंदुओं का एक विशेष त्यौहार है  I इसी दिन भगवान श्री राम ने रावण का वध किया था और उसके बाद अपनी पत्नी सीता को रावण के कैद से आजाद करवाया और उसके बाद उन्हें लेकर अयोध्या गए I जिसके कारण आज आवासी बहुत ज्यादा खुश है और श्री राम के आने की खुशी में उन्होंने पूरे नगर में दीप जलाए I जिसके बाद से ही दीपावली मनाने की परंपरा और प्रथा शुरू हो गई जो आज तक कायम है I

वर्षा ऋतु समाप्त होने के बाद जब शीत ऋतु का आगमन होता है तो उसे समय दीपावली का त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है I इस त्यौहार को पांच दिनों तक मनाया जाता है जिसमें धनतेरस, छोटी दीपावली, बड़ी दीपावली, गौधन, भाई दूज आदि त्यौहार बनाए जाते हैं

दीपावली का अर्थ :

दीपावली दो शब्दों से मिलकर बना है जो संस्कृत से लिया गया है जिसका अर्थ होता है दीपों की पंक्ति या दीपों से सजी हुई पंक्ति। रीना अधिक मात्रा में दीप और मोमबत्तियां जलाई जाती हैं जिसके कारण दीपावली को दीपोत्सव कहा जाता है I

दीपावली का महत्व :

दीपावली को पूरे भारत में बहुत ही खुशी और धूम-धाम से मनाया जाता है। दीपावली को अंधकार पर प्रकाश बुराई पर अच्छाई और अज्ञानता पर ज्ञान की विजय के रूप में देखा जाता है दीपावली को सुंदर और तरीके से मनाया जाता है इस दिन भारत के प्रत्येक राज्य में विभिन्न प्रकार के दीपावली संबंधित कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जिसमें अधिक से अधिक लोग भाग लेते हैं इसके अलावा घरों में माता लक्ष्मी और भगवान गणेश जी की विधि विधान के साथ पूजा की जाती है उसके बाद लोग दूसरे के घर प्रसाद देने के लिए जाते हैं  I दीपावली के दिन लोग बर्तन सोना मिठाइयां कपड़े इत्यादि खरीदते हैं और पैसे खर्च करते हैं उनका मानना है कि इस दिन अगर वह पैसे माता लक्ष्मी के चरणों में अर्पित करेंगे तो उनके धन में वृद्धि होगी I

इस दिन का महत्त्व पांडवों की वजह से भी बढ़ जाता है क्योंकि इसी दिन पांडवों 13 वर्ष का वनवास समाप्त हुआ था I इसके अलावा दीपावली मनाने के पीछे और भी एक रोचक कहानी है ऐसा कहा जाता है कि आज के दिन ही माता लक्ष्मी का जन्म हुआ था और उन्होंने भगवान विष्णु से विवाह किया था जिसके कारण इस दिन को दीपावली के रूप में मनाया जाता है I

दीपावली की बुराईयाँ :

कोई भी त्यौहार या पर अब खराब नहीं होता है लेकिन उसे खराब करने का काम इंसान ही करते हैं I दीपावली के दिन कई लोग घर में जुआ और शराब का भी सेवन करते जो कि इस महान पर्व के लिए कलंक के समान है I ऐसा करने वाले लोगों की संख्या अधिक है I इसलिए हमें दीपावली त्यौहार को काफी हर्षोल्लास और पवित्र तौर पर बनाना चाहिए ना की कुरीतियों जैसे काम कर I

इसके अलावा आज के समय  आवाज वाले पटाखे का इस्तेमाल किया जाता है I जिसके कारण वायु प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण जैसी समस्या उत्पन्न होती है I जिससे हमारा वातावरण प्रदूषित होता है I और इसका खामियाजा आने वाले पीढ़ी और हमें भी भुगतना पड़ेगा I इसलिए हमें दीपावली के दिन पटाखों का इस्तेमाल कम करना होगा और अगर आप पटाखा जलाना चाहते हैं तो ऐसे पटाखे का इस्तेमाल करें जिसकी आवाज ना के बराबर हो I

Diwali Par Nibandh PDF Download:

Download PDF :

FAQ. Diwali Par Nibandh 2023

Q: भारत में दिवाली का त्यौहार क्यों मनाया जाता है.

Ans: दीपावली का त्योहार पौराणिक कथा के अनुसार इसी दिन भगवान श्रीराम 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या वापस आए थे I इसीलिए इस दिन को दीपावली मनाया जाता है

Q. क्या भारत के अलग-अलग राज्यों में दिवाली को एक ही रूप में मनाया जाता है ?

Ans बिल्कुल नहीं प्रत्येक राज्य में दीपावली मनाने की परंपरा और रीति-रिवाज अलग है

Q: दीपावली में माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा क्यों की जाती है ?

Ans; दीपावली के दिन माता लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है इसके पीछे की वजह है कि माता लक्ष्मी को धन का देवी कहा जाता है और भगवान गणेश को बुद्धि का इसलिए अगर आपके पास बुद्धि होगी तभी तो आप धन का सदुपयोग कर पाएंगे I

Q वर्ष 2023 में दीपावली का त्यौहार कब मनाया जायेगा?

12 नवंबर 2023 को दीपावली का त्यौहार मनाया जायेगा

इस ब्लॉग पोस्ट पर आपका कीमती समय देने के लिए धन्यवाद। इसी प्रकार के बेहतरीन सूचनाप्रद एवं ज्ञानवर्धक लेख easyhindi.in पर पढ़ते रहने के लिए इस वेबसाइट को बुकमार्क कर सकते हैं

Leave a reply cancel reply.

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

Related News

essay in hindi about diwali

Ghar Baithe Paise Kaise Kamaye | घर बैठेपैसे कैसे कमाए

essay in hindi about diwali

संचार कम्युनिकेशन | Verbal Communication In Hindi

essay in hindi about diwali

Selfie Sahi Ya Galat In Hindi । सेल्फी सही या गलत

essay in hindi about diwali

हेरा पंचमी उत्सव : Hera Panchami Festival in hindi

Pariksha Point

Join WhatsApp

Join telegram, दिवाली पर निबंध (essay on diwali in hindi): सरल भाषा में पढ़ें.

Photo of author

घरों में रोशनी की झिलमिलाहट और बाज़ारों में मिट्टी के दीयों की महक बताती है कि दिवाली (Diwali) या दीपावाली (Deepawali) का त्योहार आने ही वाला है। हिंदुओं का सबसे प्रमुख और बड़ा त्योहार दिवाली है। दीपों का खास पर्व होने की वजह से इसे दीपावली या दिवाली के नाम से जाना जाता है, जिसका अर्थ होता है दीपों की अवली यानी कि पंक्ति। दिवाली हमारे जीवन के दुखों के अंधकार को दूर कर खुशियों की रोशनी भरने का संदेश देकर चली जाती है। आप हमारे इस पेज से दिवाली पर निबंध हिंदी में (Diwali Essay In Hindi) पढ़कर दिवाली के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

भारत के लोग त्योहारों के ज़रिए अपनी खुशी ज़ाहिर करने में पीछे नहीं हटते और हमारे देश में हर महीने कोई-न-कोई त्योहार मनाया जाता है। अलग-अलग धर्मों के लोग अपने-अपने त्योहार अपनी परंपरा, संस्कृति और रीति-रिवाज के अनुसार मनाते हैं। इन्हीं में से एक त्योहार है दिवाली। दिवाली खुशियों का त्यौहार है, जिसे हिंदू धर्म के लोग बड़ी ही उत्साह के साथ मनाते हैं। दिवाली का त्योहार पूरे पांच दिनों तक चलता है, जिसमें धनतेरस, छोटी दिवाली, दिवाली, गोवरधन पूजा और भाईदूज शामिल है। दिवाली का त्योहार केवल हमारे देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। दिवाली के दिन अमावस्या की काली रात होती है, लेकिन इसके बावजूद भी दीपक और रंग-बिरंगी लाइटों की रोशनी से काली रात भी जगमगा उठती है। दिवाली का अर्थ, इतिहास और महत्त्व जानने के लिए आगे पढ़ें।

दिवाली का अर्थ

दिवाली शब्द संस्कृत के दीपावली शब्द से लिया गया है। दीपावली दो शब्दों दीप+आवली से मिलकर बना है, जिसका हिंदी में अर्थ है दीपक और श्रृंखला यानी कि दीपकों की श्रृंखला या दीपों की पंक्ति। दिवाली के पर्व को दीपोत्सव भी कहा जाता है। दीपक को स्कन्द पुराण में सूर्य के हिस्सों का प्रतिनिधित्व करने वाला भी माना गया है। दिवाली के अर्थ को आसान शब्दों में इस प्रकार समझ सकते हैं कि दिवाली का त्योहार अंधकार से प्रकाश में ले जाने वाला रोशनी का उत्सव है।

दिवाली कब मनाई जाती है?

हिंदी कैलेंडर के अनुसार दिवाली का त्यौहार दशहरे के 21 दिन बाद कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है, जो अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार अक्टूबर या नवंबर का महीना होता है। दिवाली के त्योहार की रौनक पाँच दिनों तक रहती है। दिवाली की विशेष बात यह है कि इसके साथ चार अन्य त्यौहार और मनाये जाते हैं। दिवाली का उत्साह एक दिन नहीं बल्कि पूरे एक हफ्ते तक रहता है। दिवाली के त्योहार के साथ-साथ शरद ऋतु यानी सर्दियां की प्रारंभ हो जाती हैं और मौसम भी ठंडा होने लगता है।

दिवाली का इतिहास

भारत में दिवाली या दीपावली का त्योहार प्राचीन समय से ही मनाया जाता हुआ आ रहा है। दिवाली के इतिहास को लोग कई अलग-अलग तरह से देखते हैं, लेकिन ज़्यादतर लोग मानते हैं कि जब भगवान श्री रामचन्द्रजी चौदह वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे, तब अयोध्या वासियों ने उनके स्वागत के लिए घी के दीपक जलाए थे और पूरी अयोध्या नगरी को फूलों से सजा दिया था। जिस दिन भगवान श्री राम अयोध्या लौटकर आए थे उस दिन अमावस्या की काली रात थी।

हर तरफ अंधेरा ही अंधेरा था जिस वजह से वहाँ पर कुछ भी साफ नज़र नहीं आ रहा था। इसलिए अयोध्या वासियों ने वहाँ पर दीपक जलाकर पूरी अयोध्या नगरी को रोशन कर दिया था। इस दिन को अंधकार पर प्रकाश की विजय का दिन भी माना जाता है क्योंकि दिवाली के दिन जहाँ एक तरफ पूरे भारत में अमावस्या की काली रात होती है, तो वहीं दूसरी तरफ दीपकों की रोशनी उस काली रात को रोशन कर देती है। हिंदू धर्म के लोगों के अलावा अन्य धर्म के लोग भी इस त्योहार को बड़ी ही धूमधाम से मनाते हैं।

दिवाली का महत्त्व

हिंदू धर्म के लोगों के लिए दिवाली का विशेष महत्त्व होता है। दिवाली का त्योहार घरों की साफ-सफाई से शुरू होता जिसके बाद इस त्योहार में एक के बाद एक कई चीज़ें शामिल होती चली जाती हैं, जैसे- नए कपड़े और नए बर्तनों की खरीदारी, घरों की सजावट के लिए लाइटें और अन्य सामग्री, लक्ष्मी और गणेश की नई तस्वीर, मिठाइयां, प्रसाद, गिफ्ट आदि। लोग दिवाली की तैयारी दिवाली से लगभग दस दिन पहले ही शुरू कर देते हैं।

दिवाली हमें हमारी परंपरा से जोड़ने का काम करती है और हमारे आराध्य के पराक्रम का बोध कराती है। दिवाली हमें ये ज्ञान और शिक्षा भी देकर जाती है कि अंत में विजय हमेशा सच और अच्छाई की ही होती है। हिंदू धर्म का सबसे बड़ा त्योहार होने के कारण हर हिंदू की आस्था दिवाली से जुड़ी हुई है। दिवाली का त्योहार कई तरह के महत्त्व को अपने अंदर समेटे हुए है, जैसे- आध्यात्मिक, सामाजिक, आर्थिक, ऐतिहासिक आदि।

सबसे पहले अगर हम इसके आध्यात्मिक महत्त्व को देखें, तो हमें दिवाली के पर्व से जुड़ी हुई कई धार्मिक और पौराणिक कहानियां सुनने को मिलती हैं। इस त्योहार को हिंदू, जैन, सिख आदि कई धर्मों के लोग बड़ी ही धूमधाम से मनाते हैं। इन सभी धर्मों में दिवाली के दिन ऐसी कोई ना कोई घटना ज़रूर हुई है, जो अंधकार पर प्रकाश, अज्ञान पर ज्ञान, निराशा पर आशा और बुराई पर अच्छाई की विजय को दर्शाती है। दिवाली का त्यौहार धर्म और अध्यात्म से जुड़ा हुआ है, जो लोगों के विचारों में सकारात्मकता लाने का काम करता है और लोगों को अध्यात्म की तरफ बढ़ने के लिए भी प्रेरित करता है।

आध्यात्मिक महत्त्व के साथ दिवाली का सामाजिक महत्त्व भी बहुत बड़ा है। दिवाली के पर्व को सभी धर्मों के लोग मिल-जुलकर मनाते हैं। लोग एक-दूसरे से मिलने के लिए और दिवाली की शुभकामनाएं देने के लिए उनके घर जाते हैं, जो सामाजिक सद्भावना को बढ़ावा देता है। दिवाली के अवसर पर हम भारतीय लोग जमकर खरीदारी भी करते हैं जिससे बाज़ारों में आर्थिक उछाल आता है और विक्रेताओं की आमदनी भी बढ़ती है। इससे दिवाली का आर्थिक महत्त्व और भी बढ़ जाता है।

दिवाली के दिन कई ऐतिहासिक घटनाएं हुईं, जैसे- भगवान राम चौदह वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या लौटे, समुंदर मंथन के दौरान मां लक्ष्मी का जन्म हुआ, आर्य समाज की स्थापना हुई, अकबर ने दीप जलाकर दिवाली का त्योहार मनाया, सिक्खों के छठे गुरु हरगोबिन्द सिंह जी को जेल से रिहा किया, महावीर स्वामी को इस दिन मोक्ष की प्राप्ति हुई आदि। ये सभी घटनाएं दिवाली के ऐतिहासिक महत्त्व को दर्शाती हैं।

दिवाली खुशियों का त्योहार है और खुशियाँ हमेशा बांटने से ही बढ़ती हैं। दिवाली के पर्व के अवसर पर जिस प्रकार एक दीपक अंधेरे को दूर करके हमारे आसपास रोशनी देने का काम करता है, ठीक उसी प्रकार हम भी अपने आसपास के ज़रूरत मंद लोगों की मदद कर उनके जीवन के दुख के अंधेरे को दूर कर खुशियों की रोशनी देने का काम कर सकते हैं। ये ही दिवाली का संदेश भी है और उद्देश्य भी।

दिवाली पर निबंध 300 शब्द में

दिवाली पर निबंध (Diwali Essay In Hindi)- दिवाली खुशियों का त्योहार है, जो हर किसी के लिए खुशियां लेकर आती है। बच्चे हों या फिर बड़े हर कोई इस त्योहार को बड़ी ही धूम-धाम के साथ मनाता है। दिवाली का त्योहार स्कूलों, कॉलेजों, दफ्तरों आदि जगहों पर भी बहुत ही उल्लास के साथ मनाया जाता है। दिवाली कार्तिक मास की अमावस्या को साल में एक बार मनाई जाती है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार दिवाली अक्टूबर या नवम्बर के महीने में होती है। सबसे पहले दिवाली प्रभु राम के चौदह वर्ष का वनवास पूरा करके अयोध्या वापस आने की खुशी में अयोध्या के लोगों ने घी के दीये जलाकर मनाई थी। तब से हर साल पूरे देश में दिवाली मनाई जाने लगी।

स्कंद पुराण में दिवाली से जुड़ी अनेक कथाएं सुनने को मिलती हैं। आध्यात्मिक दृष्टि से अगर देखें, तो दिवाली हिंदुओं का बहुत बड़ा और महत्त्वपूर्ण त्योहार है। दिवाली का इतिहास बहुत ही पुराना है और इससे जुड़ी अनेक पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं, जैसे- कुछ लोगों का मानना है कि सतयुग में भगवान नृसिंह ने इस दिन हिरण्यकश्यप का वध किया था। इसलिए इस उपलक्ष्य में दिवाली मनाई जाती है।

कुछ लोग मानते हैं कि द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर का वध कार्तिक अमावस्या को किया था, इसलिए दिवाली मनाई जाती है। और कुछ लोगों के अनुसार इस दिन माता लक्ष्मी दूध सागर से प्रकट हुई थीं और उन्होंने महाकाली का रूप लिया था। इसलिए ये त्योहार मनाया जाता है। दिवाली मनाए जाने वाले कारणों में सबसे प्रचलित कहानी त्रेता युग में प्रभु राम की है, जिसमें उन्होंने रावण का वध किया था और चौदह वर्ष के बाद माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटे थे, जिसके उपलक्ष्य में पूरी अयोध्या नगरी को फूलों और दीपों से सजाया गया था और तब से हर साल कार्तिक अमावस्या को दिवाली मनाई जाने लगी।

दिवाली के साथ जुड़ी अनेक पौराणिक कहानियां इसके महत्त्व को और अधिक बढ़ा देती हैं। इस त्योहार से हम सभी को सच्चाई की राह पर चलने की सीख प्राप्त होती है। हमें दिवाली का त्योहार एक-दूसरे के साथ अपनी खुशियां बांटकर मनाना चाहिए और इस बात को भी हमेशा याद रखना चाहिए कि हम अपने उत्साह की वजह से प्रकृति और प्राकृतिक चीज़ों को नुकसान न पहुंचाएं।

ये भी पढ़ें

  • दिवाली पर निबंध
  • दशहरा पर निबंध
  • दुर्गा पूजा पर निबंध

दिवाली पर 10 लाइनें

1. दिवाली का त्योहार हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसे दीपों का त्योहार भी कहा जाता है। 2. दिवाली का त्योहार पूरे पांच दिनों तक चलता है, जिसमें धनतेरस, छोटी दिवाली, दीपावली, गोबरधन पूजा और भाई दूज शामिल है। 3. दिवाली इसलिए मनायी जाती है क्योंकि इस दिन भगवान श्री राम चौदह साल का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे। 4. भगवान श्री राम के वापस अयोध्या लौटने की खुशी में वहां के लोगों ने इस दिन को दिवाली के रूप में मनाया। 5. दिवाली का त्योहार हर साल अक्टूबर या नवम्बर माह में कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। 6. इस दिन पूरे भारत को दुल्हन की तरह सजाया जाता है। 7. दिवाली की शाम भगवान लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है। 8. इन दिन सभी लोग अपने घरों, दुकानों, दफ्तरों आदि में दीप जलाते हैं। 9. दिवाली के दिन सभी लोग अपने पड़ोसियों और रिश्तेदारों को मिठाई, गिफ्ट आदि देते हैं। 10. इन दिन बहुत से लोग पटाखे भी जलाते हैं।

दिवाली पर FAQs

प्रश्न- दिवाली का क्या महत्व है?

उत्तरः दिवाली का महत्त्व धर्म और इतिहास से जुड़ा हुआ है।

प्रश्न- दीपावली के दिन किसकी पूजा की जाती है?

उत्तरः भगवान लक्ष्मी और गणेश जी की।

प्रश्न- दीपावली पर हम क्या क्या करते हैं निबंध?

उत्तर: हर कोई इस त्यौहार को बड़ी ही धूम धाम से मनाता है। साथ ही स्कूलों, कॉलेजों, दफ्तरों आदि में भी दिवाली का त्यौहार बहुत ही उल्लास के साथ मनाया है। अधिक जानकारी के लिए हमारा ये आर्टिकल पढ़ें।

प्रश्न- दीपावली क्यों मनाई जाती है निबंध लिखना है?

उत्तर: दिवाली इसलिए मनायी जाती है क्योंकि इस दिन भगवान श्री राम 14 साल का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे।

प्रश्न- दीपावली का प्राचीन नाम क्या है?

उत्तर: इसे दीपोत्सव भी कहते हैं। दीपों का खास पर्व होने के कारण इसे दीपावली या दिवाली नाम दिया गया।

प्रश्न- दिवाली सिख हिस्ट्री?

उत्तर: सिख धर्म के लोग भी इस त्यौहार को बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं। वे लोग इस त्यौहार को इसलिए मनाते है क्योंकि इसी दिन अमृतसर में 1577 में स्वर्ण मन्दिर का शिलान्यास हुआ था। साथ ही सिक्खों के छठे गुरु हरगोबिन्द सिंह जी को भी इसी दिन ग्वालियर की जेल से जांहगीर द्वारा रिहा किया गया था।

प्रश्न- दीपावली का अर्थ?

उत्तर: शुद्ध शब्द “दीपावली” है , जो ‘दीप’ (दीपक) और ‘आवली’ (पंक्ति) से मिलकर बना है जिसका अर्थ है ‘दीपों की पंक्ति’।

1 thought on “दिवाली पर निबंध (Essay On Diwali In Hindi): सरल भाषा में पढ़ें”

भाई बहुत ही बढ़िया और सरल भाषा में निबंध लिखा है। मुझे दीवाली पर लिखे सायरी काफी पसंद आए। आगे भी ऐसे ही लेख को आप देते रहेगा। आप मेरे पोस्ट पर भी जा सकते है। जिसमे हमने आपको यदि इंटरनेट न होता तो कें बारे में विस्तारपर्वक चर्चा की है।

Leave a Reply Cancel reply

Recent post, mp b.ed merit list 2024 {जारी} second additional round, mp iti merit list 2024 – पांचवें ओपन कन्वर्जन में प्रवेश लेने की अंतिम तिथि, mp iti admission 2024 – एडमिशन की पूरी जानकारी, mp iti online form 2024 {ओपन कन्वर्जन राउंड} एमपी आईटीआई का फॉर्म ऐसे भरें, rbse 10th sanskrit model paper 2024 – राजस्थान बोर्ड कक्षा 10 संस्कृत मॉडल पेपर 2024 देखें, राजस्थान बोर्ड 10वीं अंग्रेजी मॉडल पेपर 2024 (rbse 10th english model paper 2024).

Join Telegram Channel

Join Whatsapp Channel

Subscribe YouTube

Join Facebook Page

Follow Instagram

essay in hindi about diwali

School Board

एनसीईआरटी पुस्तकें

सीबीएसई बोर्ड

राजस्थान बोर्ड

छत्तीसगढ़ बोर्ड

उत्तराखंड बोर्ड

आईटीआई एडमिशन

पॉलिटेक्निक एडमिशन

बीएड एडमिशन

डीएलएड एडमिशन

CUET Amission

IGNOU Admission

डेली करेंट अफेयर्स

सामान्य ज्ञान प्रश्न उत्तर

हिंदी साहित्य

[email protected]

© Company. All rights reserved

About Us | Contact Us | Terms of Use | Privacy Policy | Disclaimer

InfinityLearn logo

Diwali Essay in Hindi – दिवाली पर निबंध हिंदी में

iit-jee, neet, foundation

Table of Contents

दिवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi) – दिवाली एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जिसे ‘बुराई पर अच्छाई की विजय’ का प्रतीक माना जाता है। इस त्योहार की खूबी और महत्व को छात्रों को परिचित कराने के लिए छोटी कक्षाओं में ‘दिवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi)’ का प्रश्न पूछा जाता है, जो हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में होता है।

Fill Out the Form for Expert Academic Guidance!

Please indicate your interest Live Classes Books Test Series Self Learning

Verify OTP Code (required)

I agree to the terms and conditions and privacy policy .

Fill complete details

Target Exam ---

इस हिंदी दिवाली निबंध (Diwali Essay in Hindi) से वे युवा छात्र जो दीवाली त्योहार पर हिंदी में निबंध लिखना चाहते हैं, सिख सकते हैं। निम्नलिखित निबंध में हमने ‘दीपावली’ के महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में संक्षेप में जानकारी प्रदान की है। बच्चे इस निबंध से सीख सकते हैं कि वे कैसे अपने लेखन कौशल को बेहतर बना सकते हैं, और कैसे उन्हें दीपावली निबंध में किन-किन बिंदुओं का महत्व है।”

दिवाली पर निबंध 100 शब्दों में (Diwali Essay in Hindi)

दिवाली हिंदू त्योहार है, जिसको भारत में खुशी-खुशी मनाया जाता है। यह त्योहार हमें यह सिखाता है कि अच्छाई हमेशा बुराइयों पर विजय प्राप्त करेगी। इससे कई हफ्ते पहले से ही तैयारियां शुरू हो जाती हैं। लोग अपने घर और काम के स्थान की सफाई करने लगते हैं। फिर वे अपने घरों और काम के स्थानों को रोशनी, लैंप, फूल, और अन्य सजावटी चीजों से सजाते हैं।

इस उत्सव के मौके पर, लोग अपने प्रियजनों के लिए नए कपड़े, घर के सामान, और उपहार खरीदते हैं। इस मौसम में बाजार में विभिन्न प्रकार के उपहार और खाने-पीने की चीजें खरीदी जाती हैं। दिवाली भी प्रियजनों के साथ संबंधों को मजबूत करने का अच्छा मौका प्रदान करती है।

Essay on Diwali in Hindi

दिवाली पर निबंध 200 शब्दों में (Diwali Essay in Hindi)

हम भारत में रहते हैं, जो विभिन्न धर्मों, संस्कृतियों, परंपराओं, और विभिन्न त्योहारों के संगठन के लिए प्रसिद्ध है। भारत में, सभी धर्मों के त्योहारों को महत्व दिया जाता है, जैसे कि हिन्दुओं के लिए दीपावली का महत्व है। दीपावली त्योहार को कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन भगवान श्री राम 14 वर्ष के वनवास के बाद अपने देश अयोध्या लौटे थे।

श्री राम के आगमन के मौके पर, लोगों ने दीपकों की पंक्ति जलाकर अयोध्या नगर को चमक दिया। दीपावली शब्द का अर्थ होता है ‘दीपों की पंक्ति’, जिसमें दीपकों को एक पंक्ति में जलाने का रितुअल होता है। इस दिन को और भी खास बनाने के लिए, लोग नए कपड़े, पटाखे, बर्तन, और सजावटी वस्त्र खरीदते हैं। दीपावली के दिन, लोग पहले लक्ष्मी पूजा करते हैं, फिर आपसी मिलनसर मनाते हैं, और मिठाईयों का साझा करते हैं। बच्चे पटाखे जलाकर अपनी खुशी व्यक्त करते हैं। इस तरह, लोग भगवान श्री राम के आगमन के इस पवित्र दिन को खुशी और आनंद के साथ मनाते हैं।

Take free test

दिवाली पर निबंध 300 शब्दों में (Diwali Essay in Hindi)

दिवाली हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय और महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जिसे बहुत उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया जाता है। बच्चे दिवाली पर निबंध लिखकर इस त्योहार के बारे में अपने खुशी के पलों को साझा करने का मौका पाते हैं। युवा लोग इस त्योहार को आमतौर पर बहुत पसंद करते हैं, क्योंकि यह सबके लिए खुशियों और आनंद के पल लेकर आता है। वे अपने परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलते हैं और अपने प्रियजनों के साथ शुभकामनाएं और उपहार साझा करते हैं। साल 2023 में दिवाली पर्व 12 नवंबर, 2023 को मनाया जाएगा। इस दिन विशेष रूप से धन की देवी माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है।

दीपावली पूजा शुभ मुहूर्त

दिवाली के अवसर पर, धन की देवी माँ लक्ष्मी, विघ्नहर्ता गणेश जी, और कुबेर जी की पूजा को विशेष महत्व दिया जाता है। लक्ष्मी पूजा को प्रदोष काल में करने का विशेष महत्व है, इससे बड़े पुण्य की प्राप्ति होती है। प्रदोष काल में स्थिर लग्न में लक्ष्मी पूजन करना भी बहुत शुभ माना जाता है। यह कहा जाता है कि स्थिर लग्न में पूजा करने से माता लक्ष्मी आपके घर में आने के लिए प्रसन्न हो जाती हैं।

साल 2023 में, दिवाली के अवसर पर, 12 नवंबर को लक्ष्मी पूजन का मुहूर्त सायं 05:41 मिनट से रात 07:37 मिनट तक होगा। लक्ष्मी पूजन मुहूर्त की कुल अवधि लगभग 01 घंटे 55 मिनट होगी। बताया जा रहा है कि साल 2022 में, देश भर में दिवाली का त्योहार 24 अक्टूबर को मनाया गया था।

दिवाली का इतिहास

हिंदू धर्म के अनुसार, दिवाली का महत्व है क्योंकि इस दिन भगवान श्री राम, जिन्होंने 14 साल के वनवास के बाद अपनी पत्नी सीता, भाई लक्ष्मण, और हनुमान जैसे उनके भक्तों के साथ अयोध्या लौटने का समय चुना, वे इसी दिन लौटे थे। इस दिन का विशेषत: बहुत अंधेरा होता है क्योंकि यह अमावस्या का दिन होता है, और इसलिए अयोध्या के लोगों ने अपने नगर को दीपों और फूलों से सजाया ताकि भगवान श्री राम का स्वागत कर सकें। इसके बाद से, दिवाली को दीपों का त्योहार और अंधेरे के खिलाफ प्रकाश की जीत के रूप में मनाया जाता है।

इस शुभ अवसर पर, बाजारों में भगवान गणेश जी, लक्ष्मी जी, और भगवान श्री राम की मूर्तियों की खरीददारी की जाती है। इस समय बाजार में बहुत चहल-पहल होती है। लोग इस मौके पर नए कपड़े, बर्तन, मिठाइयाँ, और अन्य चीजें खरीदते हैं। हिंदू लोग दिवाली के पर्व के दिन देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं, क्योंकि व्यापारी वर्ग इस दिन नए खाता बही की शुरुआत करते हैं। इसके साथ ही, लोग मानते हैं कि दिवाली सभी के लिए धन, समृद्धि, और सफलता का प्रतीक है। लोग दिवाली के इस खास मौके पर अपने परिवार, दोस्त, और रिश्तेदारों के साथ उपहारों का आदान-प्रदान करने के लिए तैयार रहते हैं।

Take free test

दीपवाली से जुड़ी सामाजिक कुरीतियां

जैसे ही दीपावाली जैसे धार्मिक महत्व वाले पर्व के पावन अवसर के पास आते हैं, कुछ लोग इसके महत्वपूर्ण दिनों पर असामाजिक कार्यों में लिपट जाते हैं, जैसे कि शराब पीना, जुआ खेलना, टोना-टोटका करना, और पटाखों का गलत तरीके से उपयोग करना। इससे दीपावाली का महत्व बिगाड़ दिया जाता है। अगर हम समाज में इन गलतियों को दीपावाली के दिनों पर नहीं करें, तो वास्तव में दीपावाली का पर्व खुशियों और पौराणिक महत्व के साथ मनाया जा सकता है।

दिवाली पर निबंध 10 लाइन

  • दीपावली को दीपों का त्योहार या दीपोत्सव भी कहा जाता है।
  • दिवाली भारत के सबसे लोकप्रिय और महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक है।
  • यह त्यौहार भगवान राम की याद में मनाया जाता है जो चौदह वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे।
  • इस अवसर पर हिंदू अनुयायी मिट्टी के दीपक जलाते हैं और अपने घरों को रंगोली से सजाते हैं।
  • बच्चे इस त्योहार पर पटाखे जलाकर बहुत खुश होते हैं।
  • हिंदूओं में इस अवसर पर धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं।
  • बच्चे, बूढ़े और जवान, सभी इस दिन धन की देवी माता लक्ष्मी और विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश की पूजा करते हैं।
  • इस दिन सभी लोग अपने दोस्तों और पड़ोसियों को मिठाइयाँ और उपहार देते हैं।
  • भारत में इस दिन सार्वजनिक अवकाश रहता है और लोग इस त्योहार को बड़े धूम-धाम के साथ मनाते हैं।
  • यह हिंदूओं के सबसे प्रिय और आनंददायक त्योहारों में से एक है, जिसे अन्य धर्म और संप्रदाय के लोग भी आपस में मिलजुल कर मनाते हैं।
Also Check

दिवाली पर निबंध FAQs

दीपावली पर निबंध दीपावली क्यों मनाई जाती है.

दीपावली पर्व हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण त्योहार के रूप में मनाया जाता है, जो विजय का प्रतीक है।

What time is Diwali Puja in 2023?

Diwali Puja time in 2023 varies but generally falls in the evening.

What are the 5 days of Diwali?

The 5 days of Diwali are known as Dhanteras, Choti Diwali, Diwali, Govardhan Puja, and Bhai Dooj.

Why is Diwali famous for?

Diwali is famous for celebrating the victory of light over darkness and good over evil.

दिवाली क्यों प्रसिद्ध है?

दिवाली पुनर्मिलित नियमों के हिस्से के रूप में प्रसिद्ध है, और इसके साथ ही हिन्दू धर्म का महत्वपूर्ण त्योहार है।

In which year Diwali will be on 17 October?

Diwali will be on 17 October in the year 2030.

What is the real date of Diwali in 2025?

The real date of Diwali in 2025 is November 14th.

What is day 3 of Diwali called?

Day 3 of Diwali is called Diwali or the main Diwali day.

Can we drink on Dhanteras?

Drinking on Dhanteras is a matter of personal choice and cultural beliefs.

How many diyas are lit on Dhanteras?

Typically, 13 diyas are lit on Dhanteras.

Why do we light 13 diyas on Diwali?

The tradition of lighting 14 diyas on Diwali varies, but it can symbolize various aspects, including celebrating the 14th day of Kartik, a lunar month.

Why do we light 14 diyas on Diwali?

There are 14 diyas for Diwali, often representing the 14th day of Kartik or various aspects of the festival's significance.

Related content

Image

Get access to free Mock Test and Master Class

Register to Get Free Mock Test and Study Material

Offer Ends in 5:00

Select your Course

Please select class.

  • Choose your language
  • मुख्य ख़बरें
  • अंतरराष्ट्रीय
  • उत्तर प्रदेश
  • मोबाइल मेनिया
  • 84 महादेव (उज्जैन)
  • बॉलीवुड न्यूज़
  • मूवी रिव्यू
  • खुल जा सिम सिम
  • आने वाली फिल्म
  • बॉलीवुड फोकस
  • दैनिक राशिफल
  • आज का जन्मदिन
  • आज का मुहूर्त
  • वास्तु-फेंगशुई
  • टैरो भविष्यवाणी
  • पत्रिका मिलान
  • रत्न विज्ञान

लाइफ स्‍टाइल

  • वीमेन कॉर्नर
  • नन्ही दुनिया
  • श्री कृष्णा
  • व्रत-त्योहार
  • श्रीरामचरितमानस

धर्म संग्रह

  • Diwali essay in hindi
  • 104 शेयरà¥�स

सम्बंधित जानकारी

  • हिन्दी निबंध : दीपावली क्यों, कब और कैसे मनाई जाती है?
  • जानिए, दीपावली पर करीबी लोगों को कौन से तोहफे दिए जा सकते हैं?
  • 4 नवंबर को गोवत्स द्वादशी, जानिए कैसे करें गाय-बछड़ों का पूजन, पढ़ें मंत्र भी...
  • गाय और बछड़ों की सेवा का पर्व गोवत्स द्वादशी, होगा गाय-बछड़े का पूजन, पढ़ें कथा..
  • दीपों का त्योहार दीपावली : निबंध

Hindi Essay On Diwali : दीपावली पर निबंध हिंदी में

How To Celebrate Diwali

Diwali puja item list : दिवाली पूजन-सामग्री की संपूर्ण सूची

  • वेबदुनिया पर पढ़ें :
  • महाभारत के किस्से
  • रामायण की कहानियां
  • रोचक और रोमांचक

घर की इन जगहों पर पाए जाते हैं डेंगू के मच्छर, जानें कैसे करें बचाव!

घर की इन जगहों पर पाए जाते हैं डेंगू के मच्छर, जानें कैसे करें बचाव!

दिल नहीं शरीर का ये ऑर्गन करता है खून साफ, जानें कैसे करता है ये काम

दिल नहीं शरीर का ये ऑर्गन करता है खून साफ, जानें कैसे करता है ये काम

ये 7 फास्ट फूड सेहत के लिए हैं सबसे ज्यादा खतरनाक! जानें कैसे रहें हेल्दी

ये 7 फास्ट फूड सेहत के लिए हैं सबसे ज्यादा खतरनाक! जानें कैसे रहें हेल्दी

क्या रोज गुड़ खाने से वजन बढ़ सकता है? आइए जानते हैं सेवन करने का सही तरीका

क्या रोज गुड़ खाने से वजन बढ़ सकता है? आइए जानते हैं सेवन करने का सही तरीका

वजन कम करने के लिए कितने दिन तक ग्रीन टी पीना चाहिए? जानिए कुछ बेहतरीन फायदे

वजन कम करने के लिए कितने दिन तक ग्रीन टी पीना चाहिए? जानिए कुछ बेहतरीन फायदे

और भी वीडियो देखें

essay in hindi about diwali

Brain Clotting होने पर शरीर में दिखाई देते हैं ये 5 लक्षण, जानें कैसे करें बचाव

Brain Clotting होने पर शरीर में दिखाई देते हैं ये 5 लक्षण, जानें कैसे करें बचाव

दिमाग को डैमेज कर सकती है OCD की बीमारी, जानें कैसे करें बचाव

दिमाग को डैमेज कर सकती है OCD की बीमारी, जानें कैसे करें बचाव

दूध नहीं, सुबह पिएं इन 7 चीजों से बनी चाय, सेहत को मिलेंगे कई फायदे

दूध नहीं, सुबह पिएं इन 7 चीजों से बनी चाय, सेहत को मिलेंगे कई फायदे

दिमाग को तेज बनाने के लिए एक दिन में कितने अखरोट खाने चाहिए? जानिए कुछ बेहतरीन फायदे

दिमाग को तेज बनाने के लिए एक दिन में कितने अखरोट खाने चाहिए? जानिए कुछ बेहतरीन फायदे

ये है आज का सबसे धमाकेदार चुटकुला : I Love You से शुरू हुई बातचीत भाई-बहन बनकर खत्म हुई

ये है आज का सबसे धमाकेदार चुटकुला : I Love You से शुरू हुई बातचीत भाई-बहन बनकर खत्म हुई

  • हमारे बारे में
  • विज्ञापन दें
  • हमसे संपर्क करें
  • प्राइवेसी पालिसी

Copyright 2024, Webdunia.com

दिवाली पर निबंध | Diwali Essay in Hindi : दीपावली का निबंध हिंदी में यहां से पढ़ें

essay in hindi about diwali

दिवाली हमारे भारत देश का सबसे बड़ा त्यौहार है। इसे हम दीपावली के नाम से भी जानते हैं। इस दिन हर तरफ ख़ुशी का माहौल होता है, लोग रंग-बिरंगी लाइटों से अपने-अपने घरों को सजाते हैं और बच्चे-युवा लोग मिलकर घरों के बाहर पटाखे छुड़ाते हैं। दिवाली सिर्फ देश का ही नहीं अपितु भारत के बाहर रहने वाले भारतीय और अन्य लोगों के लिए भी एक महत्वपूर्ण त्यौहार है। वे लोग भी दिवाली को बहुत धूम-धाम से मानते हैं। दीपावली के मौके पर स्कूलों-कॉलेजों में अवकाश रहता है। स्कूलों-कॉलेजों में निबंध लेखन किया जाता है तो कहीं-कहीं प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। अतः बहुत से छात्र-छात्राएं इंटरनेट पर दिवाली पर निबंध हिंदी में खोजते हैं। हम अपने ऐसे ही पाठकों के लिए यह आर्टिकल लेकर आये हैं जहाँ आप दिवाली के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। जैसे कि दिवाली का त्यौहार कैसा होता है, दिवाली का महत्व क्या है, दीपावली क्यों मनाते है, दीपावली मनाने का कारण क्या है, दीपावली का अर्थ क्या है, दिवाली पर निबंध शार्ट में या 10 लाइन में आदि। स्कूलों के अलावा भी अन्य बहुत से क्षेत्रों के लोग भी दिवाली पर निबंध हिंदी में खोजते हैं अतः इसके बारे में और अधिक विस्तृत जानकारी के लिए यह अर्टिकल पूरा पढ़ें।

दिवाली पर निबंध | Diwali Essay in Hindi

दिवाली का त्यौहार हर किसी के लिए खुशियां लेकर आता है, फिर चाहे वो बड़ा हो या बच्चा। हर कोई इस त्यौहार को बड़ी ही धूम धाम से मनाता है। साथ ही स्कूलों, कॉलेजों, दफ्तरों आदि में भी दीवाली का त्यौहार बहुत ही उल्लास के साथ मनाया है। ये त्यौहार साल में एक बार आता है जो कि अक्टूबर या नवम्बर की माह में होता है। दीवाली आते ही लोग अपने घर की साफ-सफाई भी करते है। नए कपड़े पहनते है, मिठाई खाते हैं, दीप जलाते है, पटाखे जलाते हैं, लक्ष्मी-गणेश भगवान की पूजा करते हैं। दीवाली के त्यौहार के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए आप नीचे दिए गए निबंध पढ़ सकते हैं।

दीपावली का निबंध (400-500 Words)

दिवाली के इस विशेष त्योहार के लिए हिंदू धर्म के लोग बहुत उत्सुकता से इंतजार करते हैं। यह बच्चों से लेकर बड़ों तक के लिए हर किसी का सबसे महत्वपूर्ण और पसंदीदा त्यौहार है। दीवाली भारत का सबसे महत्वपूर्ण और मशहूर त्यौहार है। जो पूरे देश में साथ-साथ हर साल मनाया जाता है। रावण को पराजित करने के बाद, 14 साल के निर्वासन के लंबे समय के बाद भगवान राम अपने राज्य अयोध्या में लौटे थे। लोग आज भी इस दिन को बहुत उत्साहजनक तरीके से मनाते हैं। भगवान राम के लौटने वाले दिन, अयोध्या के लोगों ने अपने घरों और मार्गों को बड़े उत्साह के साथ अपने भगवान का स्वागत करने के लिए प्रकाशित किया था। यह एक पवित्र हिंदू त्यौहार है जो बुरेपन पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह सिखों द्वारा भी मुगल सम्राट जहांगीर द्वारा ग्वालियर जेल से अपने 6 वें गुरु, श्री हरगोबिंद जी की रिहाई मनाने के लिए मनाया जाता है।

इस दिन बाजारों को एक दुल्हन की तरह रोशनी से सजाया जाता है ताकि वह इससे एक अद्भुत त्यौहार दिख सके। इस दिन बाजार बड़ी भीड़ से भरा होता है, विशेष रूप से मीठाई की दुकानें। बच्चों को बाजार से नए कपड़े, पटाखे, मिठाई, उपहार, मोमबत्तियां और खिलौने मिलते हैं। लोग अपने घरों को साफ करते हैं और त्योहार के कुछ दिन पहले रोशनी से सजाते हैं। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार सूर्यास्त के बाद लोग देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करते हैं। वे अधिक आशीर्वाद, स्वास्थ्य, धन और उज्जवल भविष्य पाने के लिए भगवान और देवी से प्रार्थना करते हैं। वे दिवाली त्यौहार के सभी पांच दिनों में खाद्य पदार्थों और मिठाई के स्वादिष्ट व्यंजन बनाते हैं। लोग इस दिन पासा, कार्ड गेम और कई अन्य प्रकार के खेल खेलते हैं। वे अच्छी गतिविधियों के करीब आते हैं और बुरी आदतों को दूर करते हैं।

पहले दिन धनतेरस या धन्त्ररावदाशी के रूप में जाना जाता है जिसे देवी लक्ष्मी की पूजा करके मनाया जाता है। लोग देवी को खुश करने के लिए आरती, भक्ति गीत और मंत्र गाते हैं। दूसरे दिन नरका चतुर्दशी या छोटी दिवाली के रूप में जाना जाता है जिसे भगवान कृष्ण की पूजा करके मनाया जाता है क्योंकि उन्होंने राक्षस राजा नारकसुर को मार डाला था।  तीसरे दिन मुख्य दिवाली दिवस के रूप में जाना जाता है जिसे शाम को रिश्तेदारों, दोस्तों, पड़ोसियों और जलती हुई फायर क्रैकर्स के बीच मिठाई और उपहार वितरित करते हुए देवी लक्ष्मी की पूजा करके मनाया जाता है। चौथे दिन भगवान कृष्ण की पूजा करके गोवर्धन पूजा के रूप में जाना जाता है। लोग अपने दरवाजे पर पूजा करकेगोबर के गोवर्धन बनाते हैं। पांचवें दिन यम द्वितिया या भाई दौज के रूप में जाना जाता है जिसे भाइयों और बहनों द्वारा मनाया जाता है। बहनों ने अपने भाइयों को भाई दौज के त्यौहार का जश्न मनाने के लिए आमंत्रित करती हैं।

Essay on Diwali for Students in English

  • Diwali Essay in 100 Words
  • Diwali Essay in 200 Words
  • Diwali Essay in 500 Words

दिपावली का निबंध (200-300 Words) शॉर्ट निबंध

दिपावली का त्यौहार भारत में और अन्य कई देशों में बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है। दीपावली को दीप का त्यौहार भी कहा जाता है। दिवाली का त्यौहार भारत के प्रमुख त्यौहारों में से एक है। जिसे भारत में बहुत ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। कहा जाता है कि इस दिन भगवान श्री राम ने रावण को पराजित करके और अपना 14 साल का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे। श्री राम भगवान की आने की खुशी वहां के सभी लोगों ने दिये जलाए थे। तब से लेकर अब तक हर वर्ष इस दिन को दीवाली के त्यौहार के रूप में मनाया जाता है। लोग आज भी इस दिन को उतने की खुशी से मनाते हैं। ये त्यौहार बच्चा, बूढें, बड़े हर कोई बहुत ही अच्छे से मनाता है। यहां तक कि स्कूल, कॉलेज और दफ्तरों में भी दीवाली को त्यौहार को बहुत धूम धाम से मनाया जाता है। इन दिन लोग एक दूसरे को दीवाली की बधाई देते हैं और बहुत से उपहार भी तोहफे के रूप में देते हैं।

दिवाली का त्यौहार हर साल अक्टूबर या नवम्बर माह में मनाया जाता है। दीवाली आने से कुछ दिन पहले ही लोग इस त्यौहार को मनाने की तैयारी में लग जाते हैं। दीवाली के दिन लोग अपनी दुकानें, अपना घर, स्कूल, दफ्तर आदि को दुल्हन की तरह सजाते हैं। सभी लोग नए कपड़े खरीदते हैं, इस दिन घर और दुकानों की भी अच्छे से सफाई की जाती है। दीवाली की रात पूरा भारत जगमगाता है। रंग बिरंगी लाइटें, दिए, मोमबत्ती आदि से पूरे भारत को सजाया जाता है। दीवाली की शाम भगवान लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है। पूजा करने के बाद सभी लोग अपने पड़ोसियों और अपने रिश्तेदारों को प्रसाद, मिठाई, गिफ्ट आदि देते हैं। इस दिन लोग पटाखे, बम, फुलजड़ी आदि भी जलाते हैं। दीवाली के त्यौहार को बुरे पर अच्छाई की जीत का प्रतीक भी माना जाता है। भारत की नहीं बल्कि और भी कई देशों में दीवाली का त्यौहार बहुत की धूम धाम से मनाया जाता है।

दिपावली पर 10 लाइनें

  • दिवाली का त्यौहार हिंदूओ के प्रमुख त्यौहारों में से एक है।
  • दिपावली को दीप का त्यौहार भी कहा जाता है।
  • दिवाली इसलिए मनायी जाती है क्योंकि इस दिन भगवान श्री राम 14 साल का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे।
  • भगवान श्री राम के वापिस अयोध्या लौटने की खुशी में वहां के लोगों ने इस दिन को दीवाली के रूप में मनाया।
  • दिवाली का त्यौहार हर साल अक्टूबर या नवम्बर माह में आता है।
  • इस दिन पूरे भारत को दुल्हन की तरह सजाया जाता है।
  • दीवाली की शाम भगवान लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है।
  • इन दिन सभी लोग अपने घरों, दुकानों, दफ्तरों आदि में दीप जलाते हैं।
  • दीवाली के दिन सभी लोग अपने पड़ोसियों और रिश्तेदारों को मिठाई, गिफ्ट आदि देते हैं।
  • इन दिन बहुत से लोग पटाखे, फुलझड़ी, बम आदि भी जलाते हैं।

दिवाली लेखन हिंदी में

  • दिवाली – लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त, समय, तिथि, दिवाली का महत्व आदि
  • दिवाली महत्वपूर्ण क्यों है
  • दीपावली का निबंध हिंदी में यहां से पढ़ें
  • दिवाली की कविताएं और शुभ दीपावली शायरी
  • दिवाली स्लोगन और दिवाली कोट्स
  • दिवाली पर शुभकामनाएँ, बधाई, मैसेज
  • पटाखे बिना दिवाली मनाने के तरीके

Share this:

Similar posts.

बैसाखी 2023 : जानें क्यों और कैसे मनाया जाता है BAISAKHI का पर्व

बैसाखी 2023 : जानें क्यों और कैसे मनाया जाता है BAISAKHI का पर्व

Baisakhi 2023 : बैसाखी जिसे वैसाखी के नाम से भी जाना जाता है। प्रत्येक वर्ष यह त्योहार 13 या 14 अप्रैल को मनाया जाता है। बैसाखी ना सिर्फ पंजाब में धूम धाम से मनाई जाती है बल्कि देश के अन्य राज्यों में भी धूमधाम से मनाई जाती है। खासतौर बैसाखी पंजाब और हरियाणा के लोग…

ईद पर शायरी, बधाई संदेश, मैसेज, शुभकामनाएँ, स्लोगन

ईद पर शायरी, बधाई संदेश, मैसेज, शुभकामनाएँ, स्लोगन

ईद का पर्व दुनिया भर में मनाया जाने वाला प्रसिद्ध त्यौहार है। इस त्यौहार को मुसलमान कम्युनिटी के पवित्र त्योहारों में गिना जाता है। हर वर्ष ईद का त्यौहार दो बार मनाया जाता है, पहला ईद-उल-फितर के नाम से और दूसरा ईद-उल-अजहा के नाम से मनाया जाता है। यह मुसलमानों का पवित्र त्यौहार है जो…

होली पर निबंध 2023 | Holi Essay in Hindi 300-400 शब्द

होली पर निबंध 2023 | Holi Essay in Hindi 300-400 शब्द

होली का पर्व हिन्दुओं के द्वारा मनाये जाने वाले प्रमुख त्योहारों में से एक है। होली पूरे भारत में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाने वाला त्योहार है। हर भारतवासी होली का पर्व हर्ष और उल्लास के साथ मनाते हैं। सभी लोग इस दिन अपने सारे गिले, शिकवे भुला कर एक दुसरे को गले लगाते…

15 अगस्त पर कविता, शायरी, मैसेज, कोट्स यहां से देंखे

15 अगस्त पर कविता, शायरी, मैसेज, कोट्स यहां से देंखे

कई वर्षों तक अंग्रेजों की गुलामी करने के बाद हमारा देश 15 अगस्त 1947 को आज़ाद हुआ था। आज़ादी के लिए हुए संघर्ष को कोई भूल नहीं सकता। इसलिए आज़ादी के बाद हर वर्ष हम 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मानते हैं। स्वतंत्रता दिवस के दिन सभी स्कूलों और सरकारी कार्यालयों में…

2 अक्टूबर पर भाषण (Speech on 2 October in hindi) यहां से देखें

2 अक्टूबर पर भाषण (Speech on 2 October in hindi) यहां से देखें

भारतीय इतिहास में 2 अक्टूबर का एक बहुत ही महत्व है। इस दिन ही देश के राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी का जन्म हुआ था। इसी वजह से 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के रूप में मानते हैं। इस दिन लोग गांधी जयंती पर निंबध, गांधी जयंती  पर स्पीच, 2 अक्टूबर का इतिहास के बारे में…

वैलेंटाइन डे Wishes 2023 – मैसेज, बधाई सन्देश, स्लोगन

वैलेंटाइन डे Wishes 2023 – मैसेज, बधाई सन्देश, स्लोगन

वैलेंटाइन डे विश्व भर में प्रतिवर्ष फरवरी को मनाया जाता है। विश्व भर में वैलेंटाइन का पर्व बड़े ही हर्ष एवं उल्लास के साथ मनाया जाता है। वैलेंटाइन डे खासकर नवयुवक जोड़ों के खास पर्व के रूप में जाना जाता है। इस दिन लोग अपने चाहते वालो को विभिन्न प्रकार के गिफ्ट देकर अपने प्यार…

Leave a Reply Cancel reply

Discover more from अगलासेम.

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Type your email…

Continue reading

hindimeaning.com

दीपावली पर निबंध – Diwali Essay In Hindi

essay in hindi about diwali

Essay On Diwali In Points

1. दिवाली हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय त्योहारों में से एक है जिसे बहुत उत्साह और खुशी के साथ मनाया जाता है। 2. हिन्दू महाकाव्य रामायण के अनुसार दीपावली का त्यौहार श्री राम भगवान, सीता माता और लक्ष्मण के 14 वर्ष 2 महीने के वनवास के बाद अयोध्या लौटने की खुशी में मनाया जाता है। 3. दीपावली का त्योहार अक्टूबर या नवम्बर के महीने में कार्तिक मास के अमावस्या के दिन मनाया जाता है। 4. इस पर्व के दिन लोग रात को अपनी प्रसन्नता प्रकट करने के लिए दीपों की पंक्तियाँ जलाते हैं और प्रकाश करते हैं इसलिए इसे दीपों का पर्व भी कहा जाता है। दीपावली को तद्भव भाषा में दीवाली भी कहा जाता है। 5. इस दिन समुद्र मंथन के समय लक्ष्मी जी का जन्म हुआ था इसी वजह से दीपावली पर लक्ष्मीजी की पूजा की जाती है और घर में धन-धान और एश्वर्य की कामना की जाती है।। 6. दीपावली की तैयारियां लोग दशहरे से ही करने लग जाते हैं। दीपावली से पहले सभी लोग अपने घरों की सफाई करते हैं और घर की लिपाई-पुताई करवाते हैं। 7. दीपावली के अवसर पर लोग अपने लिए नए कपड़े, मोमबत्तियां, खिलौने, पटाखे, मिठाईयां, रंगोली बनाने के लिए रंग और घरों को सजाने के लिए बहुत सामान खरीदते हैं। 8. इस शुभ अवसर पर, बाजारों में गणेश जी, लक्ष्मी जी, राम जी आदि की मूर्तियों की खरीदारी की जाती है। बाजारों में खूब चहल पहल होती है। 9. इस दिन लोग अपने ईष्ट बन्धुओं और मित्रों को बधाई देते हैं और नूतन वर्ष में सुख-समृदधि की कामना करते हैं। बालक-बालिकाएं नए कपड़े पहनकर मिठाईयां बांटते हैं। 10. बच्चे अपनी इच्छानुसार बम, फुलझड़ियाँ तथा अन्य पटाखे खरीदते हैं और आतिशबाजी का आनंद उठाते हैं। 11. यह त्यौहार नया जीवन जीने का उत्साह प्रदान करता है। हमें इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि हमारे किसी भी काम और व्यवहार से किसी को भी दुःख न पहुंचे तभी दीपावली का त्यौहार मनाना सार्थक होगा।

Also Read :  Essay On Diwali In Hindi For Class 5,6,7 And 8

Essay On Diwali In Details

भारत को त्यौहारों का देश माना जाता है। भारत के प्रमुख त्यौहार होली, रक्षाबंधन, दशहरा और दीपावली हैं पर इन सभी त्यौहारों में दीपावली सबसे अधिक प्रमुख त्यौहार है। यह त्यौहार दीपों का पर्व है। जब हम अज्ञान रूपी अंधकार को हटाकर ज्ञान रूपी प्रकाश प्रज्ज्वलित करते हैं तो हमें एक असीम और आलौकिक आनन्द का अनुभव होता है। दीपावली भी ज्ञान रूपी प्रकाश का प्रतीक है।

इस दिन दीप जलाये जाते हैं इसलिए इसे दीपों का पर्व भी कहा जाता है। दीपावली को तद्भव भाषा में दीवाली भी कहा जाता है। दीपावली को हिन्दुओं का सबसे प्रमुख त्यौहार माना जाता है। दीपावली को लोग बहुत ही उत्साह के साथ मनाते है।

दीपावली का त्यौहार पांच दिन तक मनाया जाता है। दशहरे के त्यौहार के बाद से ही दीपावली की तैयारियां की जाने लगती हैं। जो लोग नौकरियां करते हैं उन्हें दीपावली का पर्व मनाने के लिए कुछ दिनों की छुट्टियाँ भी दी जाती हैं ताकि वे अपने परिवार के साथ खुशी से दीपावली मना सकें।

दीपावली को अक्टूबर या नवम्बर के महीने में मनाया जाता है।  इस पर्व के दिन लोग रात को अपनी प्रसन्नता प्रकट करने के लिए दीपों की पंक्तियाँ जलाते हैं और प्रकाश करते हैं। नगर और गाँव दीपों की पंक्तियों से जगमगाने लगते हैं ऐसा लगता है मानो रात दिन में बदल गयी हो।

दीपावली का अर्थ

दीपावली शब्द संस्कृत से लिया गया है। दीपावली दो शब्दों से मिलकर बना होता है दीप और आवली जिसका अर्थ होता है दीपों से सजा। दीपावली को रोशनी का त्यौहार और दीपोत्सव भी कहा जाता है क्योंकि इस दिन चारों और दीपों की रोशनी होती है। इस दिन हम सभी दीपों की पंक्ति बनाकर अंधकार को मिटाने में जुट जाते हैं और अमावस्या की अँधेरी रात जगमग असंख्य दीपों से जगमगाने लगती है।

दीपावली का यह पावन पर्व कार्तिक मांस की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। गर्मी और वर्षा ऋतू को विदा कर शीत ऋतू के स्वागत में यह पर्व मनाया जाता है। उसके बाद शीत के चन्द्र की कमनीय कलाएं सबके चित्त-चकोर को हर्ष विभोर कर देती है। शरद पूर्णिमा को ही भगवान कृष्ण ने महारास लीला का आयोजन किया था। इसे बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है।

दीपावली का इतिहास

जब भगवान श्री राम लंकापति रावण को मारकर और चौदह वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे तो अयोध्यावासियों ने उनके आगमन पर प्रसन्नता प्रकट करने के लिए और उनका स्वागत करने के लिए दीपक जलाए थे। उसी दिन की पावन स्मृति में यह दिन बड़े ही उत्साह से मनाया जाता है।

इस दिन के अवसर पर भगवान राम की स्मृति बिलकुल ताजा हो जाती है। इस दिन समुद्र मंथन के समय लक्ष्मी जी का जन्म हुआ था इसी वजह से दीपावली पर लक्ष्मीजी की पूजा की जाती है और घर में धन-धान और एश्वर्य की कामना की जाती है। इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस का वध भी किया था।

दीपावली की तैयारियां

दीपावली की तैयारियां लोग दशहरे से ही करने लग जाते हैं। दीपावली से पहले सभी लोग अपने घरों की सफाई करते हैं और घर की लिपाई-पुताई करवाते हैं। दीपावली के अवसर पर लोग अपने लिए नए कपड़े, मोमबत्तियां, खिलौने, पटाखे, मिठाईयां, रंगोली बनाने के लिए रंग और घरों को सजाने के लिए बहुत सामान खरीदते हैं।

दीपावली के दिन पहनने के लिए नए कपड़े बनवाए जाते हैं, मिठाईयां बनाई जाती हैं। घरों को सजाने के लिए बिजली से जलने वाली झालर लगाई जाती है। दीपावली भारत का सबसे अधिक प्रसन्नता और मनोरंजन का पर्व है। इस दिन बच्चों से लेकर बूढों तक में खुशी की लहर उत्पन्न हो उठती है।

आतिशबाजी और पटाखों की आवाज से सारा आकाश गूंज उठता है। लोग शरद ऋतू के आरम्भ में घरों की लिपाई पुताई करवाते हैं तथा कमरों को चित्रों से सजवाते हैं। अच्छी तरह से साफ-सफाई करने की वजह से मक्खी-मच्छर भी दूर हो जाते हैं।

दीपावली पर्व का महत्व

दीपावली का भारत देश में बहुत अधिक महत्व है। इस दिन को अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक माना जाता है। इस दिन को बहुत ही सुंदर और बड़े पारंपरिक तरीके से मनाया जाता है। दीपावली के दिन धन की देवी लक्ष्मी जी, सरस्वती जी और गणेश भगवान की पूजा की जाती है।

हिन्दू महाकाव्य रामायण के अनुसार दीपावली का त्यौहार श्री राम भगवान, सीता माता और लक्ष्मण के 14 वर्ष 2 महीने के वनवास के बाद अयोध्या लौटने की खुशी में मनाया जाता है। भारत के कुछ क्षेत्रों में महाकाव्य महाभारत के अनुसार दीपावली त्यौहार को पांडवों के 12 वर्ष के वनवास और 1 वर्ष के अज्ञातवास के बाद लौटने की खुशी में भी मनाया जाता है।

ऐसा भी माना जाता है कि इस दिन देवी-देवताओं और राक्षसों द्वारा समुद्र मंथन करते समय माता लक्ष्मी का जन्म हुआ था। भारत के कुछ पूर्वी और उत्तरी क्षेत्रों में नव हिंदी वर्ष के रूप में भी इस त्यौहार को मनाया जाता है।

दीपावली का वर्णन

दीपावली त्यौहार कार्तिक माह की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। दीपावली का त्यौहार पांच दिनों तक चलने वाला सबसे बड़ा त्यौहार होता है। दीपावली से तीन दिन पहले धनतेरस आती है इस दिन अहोई माता का पूजन किया जाता है। इस दिन के अवसर पर लोग पुराने बर्तनों को बेचते हैं और नए बर्तनों को खरीदते हैं।

सभी बर्तनों की दुकानें बर्तनों से बहुत ही अनोखी दिखाई देती है। चतुर्दशी के दिन लोग घरों के कूड़े-करकट को बाहर निकालते हैं। कार्तिक मास की अमावस्या को दीपावली का त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। धनतेरस के दिन व्यापारी अपने नए बहीखाते बनाते हैं।

अगले दिन नरक चौदस के दिन सूर्योदय से पहले स्नान करना अच्छा माना जाता है। अमावस्या के दिन लक्ष्मीजी की पूजा की जाती है। पूजा में खील-बताशे का प्रसाद चढाया जाता है। नए कपड़े पहने जाते हैं। असंख्य दीपों की रंग-बिरंगी रोशनियाँ मन को मोह लेती हैं।

दुकानों, बाजारों और घरों की सजावट दर्शनीय रहती है। अगला दिन परस्पर भेंट का दिन होता है। एक-दूसरे के गले लगकर दीपावली की शुभकामनाएँ दी जाती हैं। गृहिणियां मेहमानों का स्वागत करती हैं। लोग छोटे-बड़े, अमीर-गरीब का भेदभाव भूलकर आपस में मिलकर इस त्यौहार को मनाते हैं।

महापुरुषों का निर्वाण दिवस

दीपावली के दिन ही जैनियों के तीर्थकर महावीर स्वामी ने निर्वाण प्राप्त किया था। इसी वजह से यह दिन जैन भाईयों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। स्वामी दयानन्द और स्वामी रामतीर्थ भी इसी दिन निर्वाह को प्राप्त हुए थे। ऋषि निर्वाणोत्सव का दिन आर्य समाजी भाईयों के लिए विशेष महत्व रखता है। सिक्ख भाई भी दीपावली को बड़े समारोह के साथ मनाते हैं। इस प्रकार यह दिन धार्मिक दृष्टि से बड़ा पवित्र होता है।

लक्ष्मी पूजन

यह पर्व शुरू में महालक्ष्मी पूजा के नाम से मनाया जाता था। कार्तिक अमावस्या के दिन ही समुद्र मंथन में महालक्ष्मी जी का जन्म हुआ था। आज भी इस दिन घरों में महालक्ष्मी जी की पूजा की जाती है।

इस दिन लोग अपने ईष्ट बन्धुओं और मित्रों को बधाई देते हैं और नूतन वर्ष में सुख-समृदधि की कामना करते हैं। बालक-बालिकाएं नए कपड़े पहनकर मिठाईयां बांटते हैं। रात के समय में आतिशबाजी चलाते हैं। बहुत से लोग रात के समय लक्ष्मी पूजन भी करते हैं। कहीं-कहीं पर दुर्गा सप्तमी का पाठ किया जाता है। जो लोग तामसिक वृत्ति के होते हैं वे जुआ खेलकर बुद्धि नष्ट करते हैं।

स्वच्छता का प्रतीक

दीपावली जहाँ पर अंत:करण के ज्ञान का प्रतीक है वहीं पर बाह्य स्वच्छता का भी प्रतीक है। घरों में मच्छर, खटमल, पिस्सू आदि धीरे-धीरे अपना घर बना लेते हैं। मकड़ी के जाले लग जाते हैं इसीलिए दीपावली से कई दिन पहले से ही घरों की सफाई, लिपाई, पुताई और सफेदी होने लग जाती है। सारे घर को चमकाकर स्वच्छ किया जाता है। लोग अपनी परिस्थिति के अनुकूल घरों को सजाते हैं।

किसी अच्छे उद्देश्य को लेकर बने त्यौहार में भी कालान्तर में विकार पैदा हो जाते हैं। जिस लक्ष्मी की पूजा लोग धन-धान्य की प्राप्ति हेतु बड़ी श्रद्धा से करते थे उनकी पूजा बहुत से लोग जुआ खेलने के लिए भी करते हैं। जुआ खेलना एक प्रथा बन गयी है जो समाज व पावन पर्वों के लिए एक कलंक के समान है।

इसके अलावा आधुनिक युग में बम्ब पटाखों से हुए कई दुष्परिणाम भी देखने को मिलते हैं। आज के समय में पुरे भारत में पटाखों का प्रयोग बहुत ही जोर-शोर से होता है। ऐसा माना जाता है कि दीपावली के दिन भारत के प्रदुषण की मात्रा 50% बढ़ जाती है। पटाखों का उपयोग करके हम थोड़ी देर के मजे के लिए अपने पर्यावरण को बहुत हद तक बर्बाद कर देते हैं।

आतिशबाजी हमारे शरीर और पर्यावरण दोनों के लिए बहुत ही हानिकारक होती है। दीपावली में पटाखों का प्रयोग करके हम भारतीय केवल भारत का ही नहीं बल्कि पूरे विश्व का प्रदुषण बढ़ाते हैं। पटाखों के कारण ऐसे बहुत से हादसे होते हैं जिनका शिकार बच्चे से लेकर बड़े तक हो जाते हैं।

पटाखों के धुएं की वजह से अस्थमा और कई प्रकार की अन्य बीमारियाँ हो जाती हैं। पटाखों की वजह से सभी तरह का प्रदुषण होता है जैसे – धुएं के कारण वायु प्रदुषण, पटाखों की आवाज के कारण ध्वनि प्रदुषण, जहरीले पदार्थ धरती पर गिर जाने से भूमि प्रदुषण, पटाखों का जहरीला पदार्थ पानी में मिल जाने की वजह से जल प्रदुषण आदि।

दीपावली हमारा धार्मिक त्यौहार है। दीपावली का पर्व सभी पर्वों में एक विशिष्ट स्थान रखता है। हमें अपने पर्वों की परम्पराओं को हर स्थिति में सुरक्षित रखना चाहिए। परम्पराओं से हमें उसके आरम्भ और उसके उद्देश्य को याद करने में आसानी होती है।

परम्पराएँ हमें उस पर्व के आदिकाल में पहुंचा देती हैं जहाँ पर हमें अपनी आदिकालीन संस्कृति का ज्ञान होता है। आज हम अपने त्यौहारों को भी आधुनिक सभ्यता का रंग देकर मनाते हैं लेकिन हमें उसके आदि स्वरूप को बिगाड़ना नहीं चाहिए। इसे हमेशा यथोचित रीति से मनाना चाहिए।

जुआ और शराब का सेवन बहुत ही बुरा होता है हमें सदैव इससे बचना चाहिए। आतिशबाजी पर अधिक व्यय नहीं करना चाहिए। हम सभी का कर्तव्य होता है कि हम अपने पर्वों की पवित्रता को बनाये रखें। इस दिन लोग व्याख्यान देकर जन साधारण को शुभ मार्ग पर चला सकते हैं।

यह त्यौहार नया जीवन जीने का उत्साह प्रदान करता है। हमें  इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि हमारे किसी भी काम और व्यवहार से किसी को भी दुःख न पहुंचे तभी दीपावली का त्यौहार मनाना सार्थक होगा।

Essay On Diwali In English

Bharat ko tyauharon ka desh mana jata hai. Bharat ke pramukh tyauhar Holi, Rakshabandhan, Dashhara or Dipawali hain par in sabhi tyauharon me Dipawali sabse adhik pramukh tyauhar hai. Yah tyauhar dipon ka parv hai. Jab ham agyan rupi andhkar ko hatakar gyan rupi prakash prajjvalit karte hain to hamen ek aseem or aalaukik aanand ka anubhav hota hai. Dipawali bhi gyan rupi prakash ka pratik hai.

Is din deep jalaye jate hain isliye ise dipon ka parv bhi kaha jata hai. Dipawali ko tadbhav bhasha me Diwali bhi kaha jata hai. Dipawali ko hinduon ka sabse pramukh tyauhar mana jata hai. Dipawali ko log bahut hi utsah ke sath manate hain.

Dipawali ka tyauhar panch din tak manaya jata hai. Dashhare ke tyauhar ke baad se hi Dipawali ki taiyariyan ki jane lagti hain. Jo log naukriyan karte hain unhen Dipawali ka parv manane ke liye kuch dinon ki chhuttiyan bhi di jati hain taki ve apne parivar ke sath khushi se Dipawali mana saken.

Dipawali ko october ya november ke mahine me manaya jata hai. Is parv ke din log raat ko apni prasannta prakat karne ke liye dipon ki panktiyan jalate hain or prakash karte hain. Nagar or ganv dipon ki panktiyon se jagmagane lagte hain aesa lagta hai mano raat din me badal gayi ho.

Dipawali ka arth 

Dipawali shabd Sanskrat se liya gaya hai. Dipawali do shabdon se milkar bana hota hai dip or aavli jiska arth hota hai dipon se saja. Dipawali ko roshni ka tyauhar or dipotsav bhi kaha jata hai kyonki is din charon or dipon ki roshni hoti hai. Is din ham sabhi dipon ki pankti banakar andhkar ko mitane me jut jate hain or amavasya ki andheri raat jagmag asankhya dipon se jagmagane lagti hai.

Dipawali ka yah pavan parv kartik mans ki amavasya ke din manaya jata hai. Garmi or varsha ritu ko vida kar sheetritu ke svagat me yah parv manaya jata hai. Uske baad sheet ke chandra ki kamniya kalayen sabke chitt-chakor ko harsh vibhor kar deti hai. Sharad purnima ko hi bhagvan Krishna ne maharas leela ka aayojan kiya tha. Ise burayi par achhayi ki jeet ka pratik mana jata hai.

Dipawali ka itihas 

jab bhahvan Shree Ram Lankapati Ravan ko markar or chaudah varsh ka vanvas katkar Ayodhya laute the to ayodhyavasiyon ne unke aagman par prasannta prakat karne ke liye or unka svagat karne ke liye deepak jalaye the. Usi din ki pavan smrati me yah din bade hi utsah se manaya jata hai.

Is din ke avsar par bhagvan Ram ki smrati bilkul taja ho jati hai. Is din samudra manthan ke samay Lakshmi ji ka janam huaa tha isi vajah se Dipawali par Lakshmi ji ki pooja ki jati hai or ghar me dhan-dhaan or aeshvarya ki kamna ki jati hai. Isi din bhagvan Shree Krishna ne narkasur namak rakshas ka vadh bhi kiya tha.

Dipawali ki taiyariyan 

Dipawali ki taiyariyan log Dashahare se hi karne lag jate hain. Dipawali se pahle sabhi log apne gharon ki safayi karte hain or ghar ki lipayi-putayi karvate hain. Dipawali ke avsar par log apne liye naye kapde, mombattiyan, khilaune, patakhe, mithayiyan, rangoli banane ke liye rang or gharon ko sajane ke liye bahut saman kharidte hain.

Dipawalli ke in pahanane ke liye naye kapde banvaye jate hain, mithayiyan banayi jati hain. Gharon ko sajane ke liye bijli se jalne vali jhalar lagayi jati hai. Dipawali Bharat ka sabse adhik prasannta or manoranjan ka parv hai. Is din bacchon se lekar budhon tak me khushi ki lahar utpann ho uthti hai.

Aatishbaji or patakhon ki aavaj se sara aakash guunj uthta hai. Log sharad ritu ke aarmbh me gharon ki lipayi putayi karvate hain tatha kamron ko chitrin se sajvate hain. Achhi tarah se saaf-safayi karne ki vajah se makkhi-macchar bhi door ho jate hain.

Dipawali parv ka mahatva 

Dipawali ka bharat desh me bahut adhik mahatva hai. Is din ko andhkar par prakash ki vijay ka pratik mana jata hai. Is din ko bahut hi sundar or bade parnparik tarike se manaya jata hai. Dipawali ke din dhan ki devi Lakshmi ji, Saraswati ji or Ganesh bhagvan ki pooja ki jati hai.

Hindu Mahakavya Ramayana ke anusar Dipawali ka tyauhar Shree Ram bhagvan, Seeta mata or Lakshman ke 14 varsh 2 mahine ke vanvas ke baad Ayodhya lautne ki khushi me manaya jata hai. Bharat ke kuch kshetron me Mahakavya Mahabharat ke anusar Dipawali tyauhar ko Pandavon ke 12 varsh ke vanvas or 1 varsh ke agyatvas ke baad lautne ki khushi me bhi manaya jata hai.

Aesa bhi mana jata hai ki is din devi-devtaon or rakshason dvara samudra manthan karte samaya mata Lakshami ka janam huaa tha. Bharat ke kuch purvi or uttari kshetron me nav Hindi varsh ke rup me bhi is tyauhar ko manaya jata hai.

Dipawali ka varnan 

Dipawali tyauhar kartik maah ki amavasya ke din manaya jata hai. Dipawali ka tyauhar panch dinon tak chalne vala sabse bada tyauhar hota hai. Dipawali se teen din pahle Dhanteras aati hai is din Ahoyi Mata ka pujan kiya jata hai. Is din ke avsar par log purane bartanon ko bechte hain or naye bartanon ko kharidte hain.

Sabhi bartanon ki dukanen bartanon se bahut hi anokhi dikhayi deti hai. Chaturdashi ke din log gharon ke kude-karkat ko bahar nikalte hain. Kartik maah ki amavasya ko Dipawali ka tyauhar badi dhumdham se manaya jata hai. Dhanteras ke din vyapari apne naye bahikhate banate hain.

Agle din narak chaudas ke din suryoday se pahle snan karna accha mana jata hai. Amavasya ke din Lakshmi ji ki pooja ki jati hai. Pooja me kheel-batashe ka prasad chadhaya jata hai. Naye kapde pahne jate hain. Asankhya dipon ki rang-birangi roshniyan man ko moh leti hain.

Dukanon, bajaron or gharon ki sajavat darshniya rahti hai. Agla din parspar bhent ka din hota hai. Ek-dusre ke gale lagkar Dipawali ki shubhkamnayen di jati hain. Grahiniyan mehmanon ka svagat karti hain. Log chhote-bade, ameer-garib ka bhedbhav bhulkar aapas me milkar is tyauhar ko manate hain.

Mahapurushon ka nirvan divas 

Dipawali ke din hi jainiyon ke tirthkar mahaveer Swami ne nirvan prapt kiya tha. Isi vajah se yah din jain bhayiyon ke liye bahut mahatvapurn hai. Swami Dayanand or Swami Ramtirth bhi isi din nirvah ko prapt huye the. Rishi Nirvanotsav ka din aarya samaji bhayiyon ke liye vishesh mahatva rakhta hai. Sikkha bhai bhi Dipawali ko bade samaroh ke sath manate hain. Is prakar yah din sharmik drashti se bada pavitra hota hai.

Lakshmi Pujan 

Yah parv shuru me mahalakshmi pooja ke name se manaya jata tha. Kartik amavasya ke din hi smudra manthan me Mahalakshmi ji ka janam huaa tha. Aaj bhi is din gharon me Mahalakshmi ji ki pooja ki jati hai.

Is din log apne yisht bandhuon or mitron ko badhayi dete hain or nutan varsh me sukh-samraddhi ki kamna karte hain. Balak-balikayen naye kapde pahankar mithayiyan bantte hain. Raat ke samay me aatishbaji chalate hain. Bahut se log raat ke samay Lakshmi pujan bhi karte hain. Kahin-kahin par Durga Saptmi ka paath kiya jata hai. Jo log tamsik vratti ke hote hain ve juaa khelkar buddhi nasht karte hain.

Swachhta ka pratik 

Dipawali jahan par antahkaran ke gyan ka pratik hai vahin par bahay swachhta ka bhi pratik hai. Gharon me macchar, khatmal, pissu aadi dheere-dheere apna ghar bana lete hain. Makdi ke jaale lag jate hain isliye Dipawali se kayi din pahle se hi gharon ki safayi, lipayi, putayi or safedi hone lag jati hai. Sare ghar ko chamkakar swachh kiya jata hai. Log apni paristhiti ke anukul gharon ko sajate hain.

Kisi acche uddeshya ko lekar bane tyauhar me bhi kalantar me vikar paida ho jate hain. Jis Lakshmi ki pooja log dhan-dhanya ki prapti hetu badi shraddha se karte the unki pooja bahut se log juaa khelne ke liye bhi karte hain. Juaa khelna ek pratha ban gayi hai jo samaj va pavan parvon ke liye ek kalank ke saman hai.

Iske alava adhunik yug me bamb patakhon se huye kayi dushparinam bhi dekhne ko milte hain. Aaj ke samay me pure Bharat me patakhon ka prayog bahut hi jor-shor se hota hai. Aesa mana jata hai ki Dipawali ke din Bharat ke pradushan ki matra 50% badh jati hai. Patakhon ka upyog karke ham thodi der ke maje ke liye apne paryavaran ko bahut had tak barbad kar dete hain.

Aatishbaji hamare shrir or pryavaran donon ke liye bahut hi hanikarak hoti hai. Dipawali me patakhon ka prayog karke ham Bhartiya keval Bharat ka hi nhin balki pure vishva ka pradushan badhate hain. Patakho ke kaaran aese bahut se hadse hote hain jinka shikar bachhe se lekar bade tak ho jate hain.

Patakhon ke dhuyen ki vajah se asthma or kayi prakar ki anya bimariyan ho jati hain. Patakhon ki vajah se sabhi tarah ka pradushan hota hai jaise – dhuyen ke kaaran vaayu pradushan, patakhon ki aavaj ke kaaran dhvani pradushan, jahrile padarth dharti par gir jane se bhoomi pradushan, patakhon ka jahrila padarth pani me mil jane ki vajah se jal pradushan aadi.

Dipawali hamara dharmik tyauhar hai. Dipawali ka parv sabhi parvon me ek vishisht sthan rakhta hai. Hamen apne parvon ki parmparaon ko har sthiti me surakshit rakhna chahiye. Parmparaon se hamen uske aarambh or uske uddeshya ko yaad karne me aasani hoti hai.

Parmparayen hamen us parv ke aadikal me pahuncha deti hain jahan par hamen apni aadikalin sanskrati ka gyan hota hai. Aaj ham apne tyauharon ko bhi aadhunik sabhyata ka rang dekar manate hain lekin hamen uske aadi svarup ko bigadna nhin chahiye. Ise hamesha yathochit riti se manana chahiye.

Juaa or sharab ka sevan bahut hi bura hota hai hamen sadaiv isse bachna chahiye. Aatishbaji par adhik vyay nhin karna chahiye. Ham sabhi ka kartavya hota hai ki ham apne parvon ki pavitrata ko banaye rakhen. Is din log vyakhyan dekar jan sadharan ko shubh marg par chala sakte hain.

Related posts:

  • परीक्षाओं में बढती नकल की प्रवृत्ति पर निबंध-Hindi Nibandh
  • प्रातःकाल का भ्रमण पर निबंध-Paragraph On Morning Walk In Hindi
  • ई-कॉमर्स व्यवसाय पर निबंध
  • भारत के गाँव पर निबंध-Essay On Indian Village In Hindi
  • डॉ मनमोहन सिंह पर निबंध-Dr. Manmohan Singh in Hindi
  • मानव और विज्ञान पर निबंध-Science and Human Entertainment Essay In Hindi
  • पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं पर निबंध-Hindi Essay on Paradhi Supnehu Sukh Nahi
  • नर हो न निराश करो मन को पर निबंध
  • दूरदर्शन के लाभ, हानि और महत्व पर निबंध-Television Essay in Hindi
  • ईद पर निबंध-Essay On Eid In Hindi
  • झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई पर निबंध-Rani Laxmi Bai In Hindi
  • लोकमान्य गंगाधर तिलक पर निबंध-Bal Gangadhar Tilak In Hindi
  • वायु प्रदूषण पर निबंध-Essay On Air Pollution In Hindi (100, 200, 300, 400, 500, 700, 1000 Words)
  • प्रदूषण पर निबंध-Essay On Pollution In Hindi
  • हिंदी दिवस के महत्व पर निबंध-Hindi Diwas Essay In Hindi
  • दशहरा पर निबंध-Essay On Dussehra In Hindi
  • रबिन्द्रनाथ टैगोर पर निबंध-Essay On Rabindranath Tagore In Hindi
  • बाल दिवस पर निबंध-Essay On Children’s Day In Hindi
  • महिला सशक्तिकरण पर निबंध-Women Empowerment Essay In Hindi
  • मेक इन इंडिया पर निबंध-Make In India Essay In Hindi

दीपावली पर निबंध

Essay on Diwali in Hindi: भारत एक विशाल देश है। यहां पर हर धर्म के लोग रहते हैं। भारत में हर धर्म के त्यौहार को धूमधाम से मनाया जाता है। भारत में सबसे अधिक त्यौहार मनाए जाते हैं, इसलिए भारत को त्योहारों का देश भी कहा जाता है।

दिवाली हिंदू धर्म का बड़ा त्यौहार है, इसे हर धर्म के लोग मनाना पसंद करते हैं। यह त्यौहार भारत ही नहीं बल्कि अन्य देशों में भी मनाया जाता है। दिवाली को अंधकार पर प्रकाश की जीत का पर्व माना जाता है।

Diwali Essay in Hindi

यहां पर दिवाली पर निबंध शेयर (Essay on Diwali in Hindi) कर रहे हैं। इस निबंध में हमने आसान से शब्दों में दीपावली के बारे में जानकारी बताई है।

यह भी पढ़े:   हिंदी के महत्वपूर्ण निबंध

दीपावली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi)

दिवाली पर निबंध 10 लाइन.

  • दिवाली भारत के मुख्य त्यौहारों में से एक महत्वपूर्ण त्यौहार है, जिसे 5 दिन तक मनाया जाता है।
  • इस दिन भगवान श्री राम 14 वर्ष का वनवास पूर्ण करके अयोध्या लौटे थे।
  • दिवाली दशहरे के ठीक 20 दिन बाद मनाया जाता है।
  • दिवाली के दिन गणेश जी और लक्ष्मी जी की पूजा साथ की जाती है।
  • दिवाली प्रतिवर्ष कार्तिक महीने की अमावस्या को मनाई जाती है।
  • धनतेरस , नरक चतुर्दशी , दीपावली , गोवर्धन पूजा और भाई दूज के त्यौहार का समूह होता है।
  • दिवाली के दिन सरस्वती माता की भी पूजा की जाती है।
  • दिवाली के त्यौहार को निराशा पर आशा की विजय का प्रतीक माना गया है।
  • दिवाली को प्रकाश का त्यौहार और दीपावली के नाम से भी जाना जाता है।
  • दिवाली को अंधकार पर प्रकाश की जीत का पर्व माना जाता है।

10 Lines on Diwali in Hindi

दीपावली पर निबंध 200 शब्दों में

भारत एक त्यौहारों का देश है। भारत में हर महीने कई त्यौहार मनाये जाते हैं। भारत को त्यौहारों का देश भी कहा जाता है। क्योंकि पूरे विश्व में सबसे ज्यादा त्यौहार भारत में ही मनाये जाते हैं। भारत में दिवाली त्यौहार को सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है।

दिवाली को हिन्दू धर्म में विशेष स्थान प्राप्त है। दिवाली हिन्दू धर्म के प्रत्येक लोगों द्वारा मनाई जाती है। भारत में हर धर्म के लोग रहते हैं, दिवाली हर धर्म के लोगों द्वारा मनाया जाता है।

हिन्दू धर्म में इस दिन का विशेष महत्व है। क्योंकि इसी दिन भगवान श्री राम 14 वर्ष का वनवास पूरा करके अयोध्या लौटे थे। इस दिन अंधकार होने के कारण अयोध्या के लोगों ने श्री राम का स्वागत घी के दिये जलाकर किया था।

घी के दीयों से पूरा अयोध्या रोशनी से चमक उठा था और पूरा अन्धकार लुप्त हो गया था। इस दिन धन की देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है और इसके साथ ही भगवान गणेश और विद्या की देवी सरस्वती की भी पूजा की जाती हैं।

दिवाली का त्यौहार दशहरे के 21 दिन बाद कार्तिक महीने की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। दिवाली के दिन शरद ऋतु का प्रारम्भ होता है और वर्षा ऋतु के पूरा होने का संकेत मिलता है।

Diwali Essay in Hindi

दीपावली पर निबंध 300 शब्दों में

भारत एक विशाल देश हैं। यहां पर सभी धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं। भारत में हर प्रकार के त्यौहार धूमधाम और बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाये जाते हैं। हर त्यौहार को हमारे देश में विशेष महत्व और सम्मान दिया जाता हैं। इस कारण ही भारत को पूरे विश्व में त्यौहारों का देश कहा जाता है।

भारत में हर दिन कोई छोटा त्यौहार जरूर आता हैं। भारत के बड़े त्यौहारों में दिवाली का विशेष महत्व है। दिवाली का त्यौहार भारत ही नहीं पूरे विश्व में बड़ी उमंग के साथ मनाया जाता है।

दिवाली के दिन लोग अपने घरों में घी के दिए जलाते हैं। मिठाइयां बनाते और बांटते है। दिवाली को हर धर्म के लोग मनाते है और विशेष महत्व भी देते हैं।

दिवाली दशहरे के 21 दिन बाद कार्तिक माह में आने वाली अमावस्या के दिन मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने घरों में घी के दिये जलाकर अन्धकार को रोशनी में बदल देते हैं।

इस दिन का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है और इस त्यौहार को प्रत्येक भारतीय बड़ी भावना के साथ मनाते हैं। दिवाली को रोशनी का त्यौहार और दीपावली भी कहते हैं। क्योंकि इस दिन देश के सभी घर मिट्टी के दीयों से जगमगाते है और अन्धकार का हरण कर देते हैं।

इस दिन भगवान श्रीराम अपना 14 वर्ष का वनवास पूरा करके, असुरों के राजा का रावण को मारकर अयोध्या लौटे थे। श्री राम के अयोध्या लौटने की ख़ुशी में अयोध्यावासियों ने अपने घरों और अयोध्या को मिट्टी के दीयों को घी से जलाकर सजाया था और पूरी अयोध्यानगरी को रोशनी से भर दिया था।

इस दिन को बुराई पर अच्छाई की विजय के लिए मनाया जाता है और इस दिन धन की देवी लक्ष्मी के घर में प्रवेश का संकेत है।

भारत में ऐसी मान्यता है कि इस दिन अपने घर, दुकान और ऑफिस की सफाई रखने से लक्ष्मी प्रशन्न होती है, वहां पर प्रवेश करती है।

ऐसी मान्यता भी है कि इस दिन नई वस्तुएं खरीदने से भी घर में लक्ष्मी आती है। इस दिन धन की देवी लक्ष्मी के साथ गणेश जी की पूजा की जाती है।

  • ईको-फ्रेंडली दिवाली पर निबंध
  • बिना पटाखों की दिवाली पर निबंध

दीपावली पर निबंध 500 शब्दों में

पूरे विश्व में भारत के ऐसा देश है, जहां पर सभी त्यौहार बड़े धूमधाम और रीतिरिवाजों के साथ मनाये जाते हैं। हमारे देश में हर त्यौहार को विशेष महत्त्व के साथ मान-सम्मान दिया जाता है।

भारत में दिवाली का महत्व बाकि त्यौहारों के मुकाबले अधिक है। इसे रोशनी का त्यौहार और दीपावली भी कहा जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है।

भारत एक हिन्दू राष्ट्र हैं और यहां पर दीपावली को विशेष महत्व दिया जाता है। इस दिन हम पुरानी बातों को भूलकर सब मिलकर ख़ुशी से दिवाली का त्यौहार मनाते हैं।

इस दिन सभी और प्रकाश ही प्रकाश होता है। हमारे जीवन में प्रकाश का बहुत महत्व होता है। दिवाली के दिन सभी लोग भारत की परम्परा और संस्कृति के साथ सभी से मिलते-जुलते हैं और पुरानी सब बातों को भूलकर नई शुरूआत करते हैं।

दिवाली के दिन हमारी प्रकृति में बहुत बदलाव देखने को मिलते है। दिवाली से पहले वर्षा ऋतु पूरी धरती को जल से पवित्र कर धरती से पानी की कमी को दूर करती है और दिवाली के बाद शरद ऋतु शुरू हो जाती है। अर्थात् दिवाली के दिन वर्षा ऋतु समाप्त होती है और उसकी जगह पर शरद ऋतु आरम्भ होती हैं। इसलिए हमारी प्रकृति में भी इस दिन का विशेष महत्व है।

यह त्यौहार प्रतिवर्ष दशहरे के बाद के 21 दिन पूरे हो जाने और कार्तिक महीने की अमावस्या को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्यौहार 5 दिन तक लगातार चलने वाला भारत का विशेष त्यौहार है। इनके पांचों दिनों का महत्व अलग-अलग है। सभी दिन विशेष महत्व के लिए मनाये जाते हैं।

कार्तिक माह की अमावस्या के भगवान श्री राम ने अपना 14 वर्ष का वनवास पूरा किया था। इसी दिन श्री राम असुरों के राजा रावण का वध करके अयोध्या लौटे थे। इसकी ख़ुशी में अयोध्या के लोगों ने श्री राम स्वागत पूरे अयोध्या में अमावस्या के दिन रोशनी करके किया।

सभी लोगों ने अपने घरों में मिठाइयां बनाई और सभी में बांटी। सभी लोगों ने अपने घरों व अयोध्या को मिट्टी के दीयों से सजाया, अयोध्या में फ़ैले अंधकार को दूर किया।

उस दिन पूरी अयोध्यानगरी रोशनी से खिल उठी थी, पूरे राज्य में रोशनी ही रोशनी थी। सभी के चेहरों पर श्री राम के आने की ख़ुशी झलक रही थी।

इस दिन भगवान राम ने अपना वनवास पूरा किया था और रावण हरण करके बुराई पर अच्छाई की जीत हासिल की थी। अर्थात् असत्य पर सत्य की विजय हुई थी। इसी ख़ुशी में दिवाली के त्यौहार को बड़ी ख़ुशी के साथ आज भी मनाया जाता।

इस दिन सभी लोग अपने घरों की साफ-सफाई करते हैं और घर में मां लक्ष्मी की स्थापना करते हैं। भारत में ऐसी मान्यता है कि इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी प्रशन्न होकर धन की वर्षा करती है। इस दिन लक्ष्मी मां की पूजा की जाती है और इसके साथ गणेश जी और विद्या की देवी सरस्वती की भी पूजा की जाती है।

लोग इस दिन की ख़ुशी मिठाइयां बांटकर, पटाखे जलाकर मनाते हैं। इस दिन सभी लोग अपनी पुरानी बातों को भूलकर एक दूसरे को बधाइयां देते हैं। दिवाली के दिन अंधकार प्रकाश में परिवर्तन होता है।

ये हिन्दू लोगों का विशेष त्यौहार है और इसकी हिन्दू धर्म में बहुत ही ज्यादा है। इस त्यौहार को सभी लोग हिन्दू संस्कृति और हिन्दू रीतिरिवाजों के साथ मनाते है।

  • दशहरा पर निबंध
  • गोवर्धन पूजा पर निबंध

दिवाली पर निबंध 800 शब्दों में

दिवाली का दिन भारतवासियों के लिए विशेष महत्व रखता है। भारत में हर धर्म के लोग रहते हैं और भारत सभी धर्मों का सम्मान करता है।

दिवाली का त्यौहार एक तरह से हिन्दुओं का विशेष त्यौहार है। यह त्यौहार 5 दिनों तक चलता है। इसकी ख़ुशी हर भारतीय को होती है।

भारत में दिवाली

भारत विभिन्न संस्कृतियों, विचारों, भाषाओं, परम्पराओं, रीतिरिवाजों और विभिन्न धर्मों वाला देश है। यहां पर सभी धर्मों के त्यौहारों को धूमधाम से मनाया जाता है। भारत विश्व के सभी देशों से सबसे अधिक त्यौहार मनाता है।

इस कारण भारत को त्यौहारों की भूमि कही जाती है। भारत में हर त्यौहार को बड़े महत्व के साथ मनाया जाता है। भारत में हर त्यौहार का विशेष महत्व होता है और हर एक महीने में कई त्यौहार मनाये जाते हैं।

इन त्यौहारों में दिवाली का विशेष महत्व होने के साथ-साथ हिन्दू धर्म में भी इसका विशेष महत्व है। यह हिन्दू धर्म का सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है और ये हर हिन्दू द्वारा मनाया जाता है।

आज के समय में दिवाली का त्यौहार सभी धर्मों के लोग मनाने लग गये हैं। सभी धर्मों के लोगों ने इसका महत्व समझना शुरू कर दिया है।

विभिन्न धर्मों में दिवाली का महत्व

भारत में सभी धर्म के लोग रहते है और सभी लोग दिवाली का त्यौहार अलग-अलग कारणों से मनाते है। हिन्दू धर्म में दिवाली मनाने का कारण, जैन धर्म में दिवाली मनाने का कारण और सिख धर्म में दिवाली मनाने का कारण अलग-अलग है।

दिवाली का त्यौहार कार्तिक माह की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। इस दिन पूरा अन्धकार छाया हुआ रहता है। हिन्दू धर्म के लोग इस दिन को बुराई पर अच्छाई पर विजय के रूप में मानते हैं।

इस दिन ही भगवान श्री राम रावण को मारकर और अपने 14 वर्ष का वनवास को पूरा कर अयोध्या वापस लौटे थे। इस दिन अयोध्या के लोगों ने राम के आने की ख़ुशी में पूरे अयोध्या को अमावस्या के अन्धकार से मुक्त कर दिया था।

सभी ने अपने घरों में और अयोध्या नगरी में मिट्टी के दिये जलाये थे। उस अमावस्या की रात प्रकाश की अंधकार पर विजय हुई थी। पूरी अयोध्या नगरी रोशनी से चमक रही थी भगवान राम के स्वागत में। उस दिन भगवान राम बुराई पर अच्छाई को विजय कर अयोध्या लौट रहे थे।

जैन धर्म के लोग इस दिन दिवाली इस लिए मनाते हैं क्योंकि इसी दिन भगवान माहवीर को मोक्ष प्राप्त हुआ था और किसी संयोग से इसी दिन उनके शिष्य गौतम को भी ज्ञान प्राप्त हुआ था।

सिख धर्म के लोग दिवाली इस लिए मानते हैं क्योंकि इसी दिन ही 1577 में पंजाब के अमृतसर में स्वर्ण मंदिर का शिलन्यास हुआ था और इसी दिन ही सिखों के छठे गुरु गुरू हरगोबिन्द साहब जी को जेल से रिहा किया गया था।

दिवाली के दिन क्या होता है?

दिवाली का नाम सुनते ही सभी लोगों के चेहरों पर एक अलग सी ख़ुशी छा जाती है। इस दिन सभी लोग अपने-अपने घरों, दुकानों आदि की साफ़ सफाई करते हैं। उनको नये रंग से रंगते हैं और सभी को नया कर देते हैं।

ये त्यौहार 5 दिनों तक चलता है। इस दिन लोग अपने घरों में नई वस्तुएं खरीद कर लाते है और भी कई सारी वस्तुएं, कपड़ों, वाहनों और अति आवश्यक चीजों की खरीदारी करते हैं।

इस दिन घर में लक्ष्मी आने का संकेत माना जाता है और इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। घरों में मिठाइयां बनाई जाती हैं, सभी में बांटी जाती है और सभी लोग अपने बुरी बातों को भूलकर सबको शुभकामनाएं देते हैं। इस दिन मां लक्ष्मी के साथ गणेश जी की भी पूजा की जाती है।

भारत विभिन्न मान्यताओं और रीतिरिवाजों वाला देश है। यहां पर सभी संस्कृति के लोग रहते हैं और सभी अपने त्यौहार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाते है। दिवाली एक ऐसा त्यौहार है जो सभी धर्मों के लोगों द्वारा मनाया जाने वाला त्यौहार है।

दीपावली पर निबंध 1000 शब्दों में

भारत के विशाल देश है। यहां पर सभी रीतिरिवाजों, संस्कृतियों, धर्मों, भाषाओं के लोग रहते हैं। यहां पर सभी धर्मों को सम्मान दिया जाता है और यहां पर सभी धर्मों के पर्व मनाये जाते हैं। विश्व में भारत एक ऐसा देश है, जहां पर सभी धर्म के लोग रहते हैं और यहां पर अपने त्यौहार मनाते हैं।

भारत में विश्व के सभी त्यौहार मनाये जाते हैं। अर्थात् विश्व में भारत ही एक ऐसा देश है जहां पर सबसे ज्यादा त्यौहार मनाये जाते हैं। इतने त्यौहार विश्व के और किसी भी देश में नहीं मनाये जाते हैं, जितने भारत अकेले में मनाये जाते हैं। इस कारण भारत को त्यौहारों का देश भी कहा जाता है।

यहां पर सभी लोग बहुत प्रेम से सभी त्यौहार मनाते हैं और अपनी ख़ुशी जताते हैं। सभी लोग यहां पर बिना किसी भेदभाव से सभी को बधाइयाँ देते हैं और हिन्दू धर्म के अनुसार सभी रीतिरिवाज, परम्परा और संस्कृति का मनाते हुए, सभी का सम्मान करते हुए इन त्यौहारों का आनंद लेते हैं।

भारत के बड़े त्यौहारों में सबसे पहले दिवाली का नाम आता है। ये 5 दिनों तक चलने वाला त्यौहार हैं और इस दिन धन की देवी लक्मी मां की पूजा की जाती है। हिन्दू धर्म में दिवाली का विशेष महत्व है।

दिवाली की शुरुआत

दिवाली की सबसे पहले शुरूआत तब हुई जब भगवान श्री राम ने अपने 14 वर्ष का वनवास पूरा किया और अयोध्या लौटे थे तब वहां के लोगों ने दिवाली मनाई थी।

जब भगवान राम ने असुरों के राजा रावण को मारकर और अपने 14 वर्ष के वनवास का कार्यकाल पूरा करके जब अयोध्या लौटे थे। तब कार्तिक माह की अमावस्या का दिन था।

भगवान श्री राम बुराई पर अच्छाई की जीत करके और 14 वर्ष के वनवास को पूरा करके वापस अयोध्या लौट रहे थे। इसकी ख़ुशी पूरे अयोध्या के लोगों को थी।

इस ख़ुशी में अयोध्या के लोगों ने अमावस्या की अन्धी रात को प्रकाश से भर दिया था। उस दिन अंधकार पर प्रकाश की जीत हुई थी।

उस दिन अयोध्या के लोगों ने ख़ुशी में पूरी अयोध्या और अपने सभी घरों में मिट्टी के दिए घी से जलाये थे और पूरे अंधकार को प्रकाश से दूर कर दिया था।

उस अमावस्या की रात को राम के आने की ख़ुशी में अयोध्या को दीयों की रोशनी से नहला दिया गया था। कार्तिक माह की उस अमावस्या को अयोध्या रोशनी से खिल उठी थी।

श्री राम के आने की ख़ुशी में उस दिन वहां के लोगों द्वारा अयोध्या को बहुत ही सुन्दर रूप से दीयों की रोशनी से सजाया गया था और मिठाइयां बांटी गई। वहां सभी लोग एक दूसरे को बधाइयाँ दे रहे थे।

दिवाली का महत्व

हिन्दू धर्म बहुत ही पुराना धर्म है। इसकी सभी मान्यताएं, परम्पराएं किसी न किसी विशेष कारण से मानी जाती है। हर परम्परा और मान्यता के पीछे एक विशेष महत्व होता है। हिन्दू धर्म के हर त्यौहार मनाने के पीछे भी एक कारण होता है। दिवाली हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखती है।

इस दिन असत्य पर सत्य की विजय हुई थी और इसी दिन भगवान राम ने असुरों के राजा रावण का अंत किया था। दिवाली सम्पूर्ण भारत में मनाई जाती है।

यहां पर सभी लोग धूमधाम से इस त्यौहार को मनाते हैं। दिवाली भारत में ही नहीं विश्व के बहुत से देशों में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है।

दिवाली हर धर्म के लोग मनाते हैं। सभी धर्मों में इसका महत्व अलग-अलग है। सभी धर्मों में इसको विशेष महत्व दिया गया है। जैन धर्म के लोग दिवाली को भगवान महावीर को इस दिन मोक्ष प्राप्त हुआ था इस कारण मनाते हैं और सिख धर्म के लोग भी इसे बड़ी धूमधाम से मनाते हैं।

सिख धर्म के लोगों को इसे मनाने का कारण है कि इस दिन ही पंजाब के अमृतसर में 1577 में स्वर्ण मन्दिर का शिलन्यास हुआ। इसी दिन सिखों के छठे गुरु को जेल से रिहा किया था।

दीपावली का अर्थ

दीपावली को रोशनी का त्यौहार भी कहा जाता है। दीपावली दो शब्दों से मिलकर बना है। जो दीप और अवली है। इसका सही मलतब दीपो की कतार या दीपों की पंक्ति होता है।

दीपावली के मनाने के पीछे कई सारी कथाएं है, जो बताती है कि दिवाली क्यों मानते हैं? इन पौराणिक कथाओं में सबसे प्रचलित कथा ये ही है कि इस दिन बुराई पर अच्छाई की विजय रावण को मारकर हुई थी और इसी दिन राम का 14 वर्ष का वनवास पूरा हुआ।

दीपावली 5 दिनों तक मनाई जाती है। जिसमें सभी दिनों का विशेष महत्व है। पहले दिन को धनतेरस के रूप में मनाते हैं।

इस दिन सभी लोग बाजार से खरीदारी करते हैं और अपने घर में सोने-चांदी के आभूषण, बर्तन, नये वाहन और कई सारी आवश्यक वस्तुएं भी खरीदते है। इसके अगले दिन यानी दूसरे दिन छोटी दिवाली के रूप में मनाते है।

इस दिन हमारे शरीर के सभी रोग और बुराई मिटाने के लिए सरसों का उबटन करते हैं। तीसरे दिन जो कि दिवाली का मुख्य दिन होता है। उस दिन लक्ष्मी और गणेश जी की पुजा की जाती है।

जिससे की घर में सुख और सम्पति आये। चौथे दिन हिन्दू केलेंडर के अनुसार नये साल की शुरूवात होती है और अगले दिन भाई दूज के रूप में मनाते हैं।

लक्ष्मी पूजा

दिवाली के दिन धन की देवी लक्ष्मी को पूजा जाता है। इस दिन से पहले सभी लोग अपने घरों में साफ सफाई करते है और उसे स्वच्छ करते हैं।

इससे मां लक्ष्मी प्रशन्न होकर वहां पर धन वर्षा करती है। धन के देवी लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश और विद्या की देवी सरस्वती की भी पूजा की जाती है।

हिन्दू धर्म में दिवाली का विशेष महत्व होता है। इसे सभी लोग बड़ी धूमधाम से मनाते हैं और इस दिन सभी लोग अपनी बीती बातें भूलकर सभी को बधाइयाँ देते हैं। सभी के अच्छे स्वास्थ्य की मंगल कामना करते हैं।

  • नवरात्रि पर निबंध
  • भाई दूज पर निबंध

दिवाली पर निबंध 1200 शब्दों में

विश्व में कई त्यौहार मनाये जाते हैं। सबसे ज्यादा त्यौहार भारत देश में मनाये जाते हैं। विश्व में भारत एक ऐसा देश है जहां पर हर धर्म का त्यौहार मनाया जाता है। विश्व के सभी देशों से सबसे ज्यादा त्यौहार भारत में मनाये जाते हैं। इस कारण भारत को त्यौहारों का देश या त्यौहारों की भूमि कहा जाता है।

भारत में सभी धर्मों के लोग रहते हैं। सभी धर्मों के त्यौहार मनाये जाते हैं। भारत में एक महीने में कई सारे त्यौहार आते हैं, सभी त्यौहारों के पीछे कोई बड़ा महत्व होता है। जिसके कारण वह त्यौहार बड़ी उमंग से मनाया जाता है।

हिन्दू धर्म में भी त्यौहारों को विशेष महत्व दिया गया है। भारत के विशेष त्योहारों में दिवाली, होली, रक्षाबंधन आदि आते हैं। इनमें दिवाली का विशेष महत्व है। दिवाली सभी त्यौहारों में सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है। यह त्यौहार सभी धर्मों द्वारा मनाया जाता है।

दिवाली का त्यौहार

भारत में दिवाली का त्यौहार सबसे बड़ा त्यौहार है। यह त्यौहार 5 दिनों तक मनाया जाता है। ये कार्तिक मास की अमावस्या के दिन सम्पूर्ण भारत के साथ विश्व में भी मनाया जाता है।

इस त्यौहार में लोग अपने घरों को साफ व स्वच्छ बनाते हैं और इनको नये रंग से रंगते हैं। भारत में ऐसी मान्यता है कि साफ सफाई करने से धन की देवी मां लक्ष्मी घर में धन की वर्षा करती है और खुद धन के साथ प्रवेश करती है।

दिवाली की शुरुआत धनतेरस से होती है। इस दिन सभी लोग घर में नये आभूषण, बर्तन, कीमती सामान और वाहन खरीदते है। इन दिन भारत के बाजारों में भारतीय संस्कृति की झलक देखने को मिलती है।

इसके अगले दिन को छोटी दिवाली के रूप में मनाया जाता है। इस दिन हमारे घरों में हमारे अच्छे स्वस्थ के लिए सभी रोगों को दूर करने के लिए सरसों का उबटन किया जाता है।

इसके अगले दिन जो कि दिवाली का मुख्य दिन होता है। इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है, जिससे मां लक्ष्मी प्रशन्न होकर धन की वर्षा करती है।

फिर अगले दिन यानी चौथे दिन हिन्दू केलेंडर के अनुसार नये साल की शुरुआत होती है और अंतिम दिन और पांचवे दिन को भाई और बहन का त्यौहार भाई दूज मनाया जाता है।

दिवाली कब और क्यों मनाई जाती है?

दिवाली प्रतिवर्ष कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाई जाती है। दशहरे के त्यौहार के बाद से दिवाली की तैयारियां शुरू हो जाती है। दिवाली अंग्रेजी केलेंडर के अनुसार अक्टूबर और नवम्बर के बीच में आती है। ये भारत में मनाया जाने वाला 5 दिवसीय त्यौहार है।

इस दिन भगवान श्री राम अपने 14 वर्ष के वनवास को पूरा करके और असुरों के राजा रावण का अंत करके अयोध्या लौट रहे थे। भगवान राम के लौटने की ख़ुशी में अयोध्या के लोगों ने अमावस्या की अंधेरी रात को मिट्टी के दीयों को जलाकर प्रकाश किया था।

उस दिन पूरी अयोध्यानगरी में दीयों से रोशनी की गई थी। सभी लोगों ने अपने घरों में घी से मिट्टी के दिए जलाएं और अमावस्या की काली रात को भी प्रकाश से चमका दिया था। वहां अन्धकार पर प्रकाश की विजय हुई थी। पूरी अयोध्या अमावस्या की रात होने पर भी चमक रही थी।

वहां के सभी लोगों ने उस दिन मिठाइयां बांटी और सबको बधाई दी। उस दिन भगवान राम बुराई पर अच्छाई की जीत हासिल करके आ रहे थे। इस लिए वहां के सभी लोगों ने दीयों से पूरी अयोध्यानगरी को सजा दिया था श्री राम के स्वागत में।

दीपावली का महत्व

भारत में दिवाली का दिन विशेष महत्व रखता है। इस दिन असुरों के राजा रावण पर श्री राम ने विजय पाई थी और इसी दिन भगवान ने अपना 14 वर्ष का वनवास पूरा किया था और अयोध्या लौटे थे। इसी ख़ुशी में लोग अपने घरों की साफ-सफाई करते हैं और वहां पर धन की देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं, उन्हें प्रशन्न करते हैं।

इसके साथ ही हमारी प्रकृति में भी इस दिन विशेष महत्व है। इस दिन वर्षा ऋतु का अंत होता है और इसकी जगह पर शरद की शुरुआत होती है। अर्थात् इस दिन शरद ऋतु के आने और वर्षा ऋतु के जाने का संकेत होता है।

इतिहास में दिवाली का दिन

  • इस दिन भगवान राम ने अपना 14 वर्ष का वनवास पूर्ण किया था, जिससे वो श्री राम से मर्यादापुरुषोत्तम राम कहलाये।
  • दिवाली के दिन ही धन और सुख-समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी का समुन्द्रमंथन् के दौरान जन्म हुआ था।
  • इस दिन स्वामी रामतीर्थ का जन्म और महाप्रयाण हुआ था।
  • दिवाली के दिन ही आर्य समाज की स्थापना हुई थी।
  • दीपावली के दिन मुगल समाज के सबसे बड़े बादशाह अकबर दौलत खाने में 40 फिट ऊंचा आकाशदीप जलाकर दिवाली मनाना शुरू किया था। इससे हन्दू-मुस्लिम लोगों के बीच प्यार बढ़ गया था।
  • इस दिन पंजाब के अमृतसर में स्वर्ण मंदिर का शिलन्यास हुआ था और सिखों के छठे गुरु हरगोबिन्द सिंह जी को जेल से रिहाई मिली थी।
  • दिवाली के दिन भगवान महावीर को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी।

भारत के अलावा विभिन्न देशों में दिवाली

दिवाली एक ऐसा त्यौहार है जो भारत में ही नहीं विश्व के और भी कई देशों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। ये त्यौहार मुख्य रूप से भारत में ही मनाया जाता है।

भारत के अलावा ये त्यौहार मलेशिया, संयुक्त राज्य अमेरिका, नेपाल, सिंगापुर, मौरीशस और श्री लंका में भी बहुत ही हर्षोल्लास के मनाया जाता है।

इन देशों में भारतीय मूल के लोग दीपावली का त्यौहार मनाते हैं। दिवाली के दिनों में इन देशों के बाजारों में भारतीय संस्कृति की झलक देखने को मिलती है।

इन सभी देशों में दिवाली भारतीय मान्यताओं के अनुसार ही मनाई जाती है। इनमें से कई देशों ने दिवाली के दिन अवकाश की घोषणा की हुई है।

इन देशों के लोग दीवाली के त्यौहार के दिन लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था करते हैं और सभी अपने घरों को दीयों से सजाते हैं। इन देशों में दिवाली के दिन रोनक छाई रहती है।

दिवाली एक ऐसा त्यौहार है जो सभी धर्मों के लोगों के द्वारा बहुत ही शांति और मनोभाव से मनाया जाता है। इस दिन का हिन्दू धर्म में बहुत महत्व है। इस दिन हमें भारतीय संस्कृति, भारतीय रीतिरिवाज, भारतीय परम्पराएं आदि की झलक देखने को मिलती है।

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारे द्वारा शेयर किया गया यह दिवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi) पसन्द आया होगा। इसे आगे शेयर जरूर करें। आपको यह निबन्ध कैसा लगा, हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

धनतेरस पर निबंध

बैसाखी पर निबंध

होली पर निबंध

रक्षा बंधन पर निबंध

Rahul Singh Tanwar

Related Posts

  • Privacy Policy
  • Happy Diwali 2023
  • Happy Diwali
  • Diwali 2023
  • Deepawali 2023
  • Happy Diwali: 2023

दीपावली पर निबंध कक्षा 4 के विद्यार्थियों के लिए: दिवाली का महत्व और रोशनी से भरपूर त्योहार

DiwaliShare

Essay on Diwali in Hindi for Class Four

दीपावली पर निबंध कक्षा 4 के विद्यार्थियो के लिए.

जो छात्र कक्षा 4 मे पढ़ते है, उनको अपने स्कूल मे दीपावली पर निबंध  कक्षा 4 Essay On Diwali Hindi for Class Four लिखने को दिया जाता है, तो उन विद्यार्थियो के लिए इस पोस्ट मे दीपावली पर निबंध कक्षा 4 के लिए बताने जा रहे है, जिसकी सहायता से आप अपने क्लास मे दिवाली पर निबंध Essay On Diwali Hindi for Class Four लिख सकते है। और दिवाली के बारे मे जानकारी देने के लिए इस दीपावली पर निबंध कक्षा 4 Essay on Diwali Hindi for Class Four को शेयर भी कर सकते है, और इसे पढ़कर दिवाली के महत्व को भी बता सकते है,

दीपावली पर निबंध कक्षा 4

Essay on diwali hindi for class four.

दिवाली जो की भारतीय संस्कृति का सर्वप्रमुख त्यौहार है यह प्रतिवर्ष कार्तिक अमावस्या को मनाया जाता है ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय ‘अंधेरे से ज्योति अर्थात प्रकाश की ओर जाइये यह अपने उपनिषदों की आज्ञा मानी जाती है अर्थात प्रत्येक मनुष्य अपने जीवन के गम के अंधेरों को खत्म करके उजाले की ओर जाए अपने मन के अंधेरों को भी खत्म करे यही दीपावली का त्यौहार है।

Table of Contents

भारत त्योहारों और मेलों का देश है। दिवाली या दीपावली भारत के सबसे महत्वपूर्ण और रंगीन त्योहारों में से एक है। इसे रोशनी का त्योहार कहा जाता है। दीवाली 14 साल के वनवास में रहने के बाद भगवान राम, सीता और लक्ष्मण की अयोध्या वापसी का जश्न मनाती है। अयोध्या के लोग बड़ी संख्या में उनका स्वागत करने के लिए खुशी से झूम उठे। यह पर्व भगवान राम के समय से ही मनाया जाता रहा है। लोग अपने घरों, दुकानों और अन्य इमारतों की सफेदी और पेंटिंग करके महान त्योहार की तैयारी करते हैं।

दीपावली की रात को, धन की देवी भगवान गणेश और लक्ष्मी की पूजा की जाती है। पटाखों और फुलझड़ियों से खेल रहे लोग। धन, स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए प्रार्थना। यह त्यौहार पूरे भारत में मनाया जाता है। सभी लोग, चाहे वे किसी भी जाति के हों या उत्सव में शामिल हों। इस त्योहार को मनाने के लिए दूसरे देशों में रहने वाले भारतीय समुदाय भी इस त्योहार को बहुत ही धूमधाम से मनाते दिवाली का पर्व मनाते है।

यह त्यौहार बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन लोगों द्वारा दीपों व मोमबत्तियाँ जलाने से हुए प्रकाश से कार्तिक मास की अमावस्या की रात पूर्णिमा की रात में बदल जाती है। इस त्यौहार के आगमन की प्रतीक्षा हर किसी को होती है। सामान्यजन जहां इस पर्व के आने से माह भर पहले ही घरों की साफ-सफाई, रंग-पुताई में जुट जाते हैं।

वहीं व्यापारी तथा दुकानदार भी अपनी-अपनी दुकानें सजाने लगते हैं। इसी त्यौहार से व्यापारी लोग अपने बही-खाते शुरू किया करते हैं। इस दिन बाजार में मेले जैसा माहौल होता है। बाजार तोरणद्वारों तथा रंग-बिरंगी पताकाओं से सजाये जाते हैं। मिठाई तथा पटाखों की दुकानें खूब सजी होती हैं। इस दिन खील-बताशों तथा मिठाइयों की खूब बिक्री होती है। बच्चे अपनी इच्छानुसार बम, फुलझड़ियां तथा अन्य आतिशबाजी खरीदते हैं।

दिवाली के दिन घरों, दुकानों और अन्य इमारतों को मोमबत्ती, दीयों और छोटे बल्बों से सजाया जाता है। हम चारों तरफ रोशनी देख सकते हैं। दिवाली के दिन, लोग अच्छे कपड़े पहनते हैं, वे खुश दिखते हैं और उत्सव के मूड में होते हैं। वे मिलते हैं और अपने रिश्तेदारों और दोस्तों के साथ बधाई का आदान-प्रदान करते हैं। वे मिठाइयों का आदान-प्रदान भी करते हैं।

उपसंहार –

दीपावली के प्रकाश से हमारा घर-आँगन और तन-मन दोनों ही आलोकित उठते हैं। हमारे दिल से मनमुटाव दूर हो जाते हैं। हमारे ह्रदय स्नेह और सदभाव से भर जाते हैं। इससे सामाजिक जीवन को नई चेतना मिलती है और लोगों को नूतन वर्ष के कर्तव्यों को पूरा करने का बल मिलता है।

दिवाली से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर

Faq on diwali in hindi.

प्रश्न:- हिंदू धर्म का सबसे बड़ा त्यौहार कौन सा है ??

उत्तर:- दीपावली हिंदू धर्म का सबसे बड़ा त्यौहार सा है, जो की शरद ऋतू के कार्तिक महीने के अमावस्या के दिन हर वर्ष मनाया जाता है,

प्रश्न:- दिवाली पर किसकी पूजा की जाती है ?

उत्तर:- दिवाली पर भगवान श्रीगणेश और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है।

प्रश्न:- दिवाली कब मनाया जाता है ?

उत्तर:- दीपावली शरद ऋतू के कार्तिक महीने के अमावस्या के दिन हर वर्ष मनाया जाता है,

प्रश्न:- दिवाली कैसे मनाया जाता है ?

उत्तर:- दिवाली के पहले घरो की रंगाई पुताई करके दिवाली के दिन घरो को दियो, लाइट से सजाकर, नए वस्त्र पहनकर गणेश जी और माँ लक्ष्मी की पूजा करके एक दूसरे को मिठाई खिलाकर दिवाली का त्योहार मनाया जाता है।

प्रश्न:- दिवाली को क्यो मनाया जाता है ?

उत्तर:- दिवाली के दिन ही भगवान श्रीराम जी 14 वर्षो के वनवास के पश्चात वापस अपने घर अयोध्या लौटे थे, जिनके लौटने की खुशी मे हर घर दिये जलाए गए थे, जिस कारण से तब से हर साल दिवाली मनाया जाता है।

प्रश्न:- दिवाली पर घरो को कैसे सजाते है ?

उत्तर:- दिवाली के दिये घरो को दियो और लाइट से सजाते है, और रंगीन झालर भी लगाते है।

प्रश्न:- इस साल 2023 मे दिवाली कब है ?

उत्तर:- इस साल 2023 मे दिवाली 12 नवंबर को है, जिस दिन रविवार है।

दिवाली के इन पोस्ट को भी पढे :-

  • दीपावली 2023 पर शुभकामनाये
  • दिवाली पर 25 लाइन निबंध
  • दिवाली पर 30 लाइन निबंध
  • Diwali Ki Shubhkamnaye In Hindi
  • दीपावली 2023 पर टेक्स्ट विशेस मैसेज
  • दिवाली पर 50 लाइन निबंध 2023
  • 10 Lines Essay On Diwali In Hindi
  • 10 Lines On Diwali In Hindi
  • 10 Lines On Diwali In Hindi For Class 4
  • Diwali Essay
  • Diwali Essay 10 Lines In Hindi
  • Diwali Essay In Hindi
  • Diwali Essay In Hindi Class 4
  • Diwali Pe Essay In Hindi
  • Essay On Diwali
  • Essay On Diwali In English
  • Essay On Diwali In Hindi
  • Essay On Diwali In Hindi For Class 4
  • Essay Writing In Hindi
  • Short Essay On Diwali In Hindi
  • दिपावली निबंध
  • दिपावली पर निबंध
  • दिवाली निबंध
  • दिवाली पर निबंध
  • दिवाली पर निबंध हिंदी में
  • दीपावली का निबंध
  • दीपावली दिवाली पर निबंध
  • दीपावली निबंध
  • दीपावली निबंध हिंदी में
  • दीपावली पर 10 लाइन का निबंध हिंदी में
  • दीपावली पर निबंध
  • दीपावली पर निबंध 10 लाइन का
  • दीपावली पर निबंध हिंदी में
  • दीपावली पर निबंध हिंदी रचना शिक्षण पाठ योजना
  • दीपावली पर लेख
  • दीपावली पर संस्कृत में निबंध
  • दीवाली पर निबंध
  • होली पर निबंध

Diwali FAQs: दिवाली से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर: दिवाली के बारे में सब कुछ जानें

दिवाली क्यों और कैसे मनाई जाती है पूरी जानकारी और रोचक तथ्य, 2023 में दिवाली कब है जानिए तारीख और महत्वपूर्ण तिथियाँ, leave a reply cancel reply.

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

  • Now Trending:
  • Nepal Earthquake in Hind...
  • Essay on Cancer in Hindi...
  • War and Peace Essay in H...
  • Essay on Yoga Day in Hin...

HindiinHindi

Essay on diwali in hindi दिवाली पर निबंध.

Know information about essay on Diwali in Hindi for kids and read an essay on Diwali in Hindi. दिवाली पर निबंध हिंदी मे। Read an essay on Diwali in Hindi language in 200, 300, 350, 400, 500 and 1000 words. You will find results for Diwali essay in Hindi or Hindi Essay about Diwali. These days most students want to know about Diwali festive. We have added Diwali essay in Hindi for kids as well as young students who want to give the competitive exams. Essay on Diwali in Hindi is one of the most frequently asked questions in classes 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12.

hindiinhindi Essay on Diwali in Hindi

Essay on Diwali in Hindi 200 Words

भारत एक त्यौहारों का देश है। यहाँ पर कई त्यौहार मनाए जाते है उनमें से एक हैं दीवाली। दीवाली या दीपावली भारत का एक बड़ा त्यौहार है। दीपावली का मतलब ‘दीपक की पंक्ति है’। यह त्यौहार राम जी के चौदह वर्ष बाद बनवास से अध्योया वापिस लौट आने की खुशी में मनाया जाता है। इस दिन अध्योया के लोगों ने उनका स्वागत धी के दीपक जलाकर किया था। यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।

लोग इस त्यौहार को बहुत हर्ष और उल्लास के साथ मनाते है। लोग अपने घरों को दीपक से सजाते है और हर तरफ रोशनी फैलाते है। शाम के वक्त माता लक्ष्मी जी की और गणेश जी की पूजा की जाती है। पूजा के बाद बच्चे पटाखे जलाते है। यह त्यौहार रिश्तेदारों तथा दोस्तों को मिठाईयॉ बॉटकर, तोहफे देकर मनाया जाता है। यह त्यौहार हिन्दुओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और वह बेसब्री से इस त्यौहार का इंतजार करते हैं। हमें बुराई पर अच्छाई की जीत जो इस त्यौहार का प्रतीक है, इससे कुछ सीख लेनी चाहिए और कोई भी गलत काम नहीं करना चाहिए।

Essay on Diwali in Hindi 250 Words

दीपावली यानी रोशनी, सजावट, पटाखे, मिठाई, और हाँ, स्कूल की लंबी छुट्टियाँ भी! अब ऐसे त्योहार का भला किसे इंतजार नहीं रहेगा! क्या बच्चे, क्या बड़े सभी दीपावली का बेसब्री से इंतजार करते हैं। दीपावली का अर्थ है – दीपों की पंक्ति। माना जाता है कि इस दिन अयोध्या के राजा श्री रामचंद्र चौदह बरस के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे। लोगों ने अपने राजा के स्वागत में घी के दीपक जलाए थे। उस समय अमावस्या की अँधेरी रात दीयों की रोशनी से जगमगा उठी थी। तब से आज तक यह त्योहार कार्तिक मास की अमावस्या को उसी उमंग, उसी जोश के साथ मनाया जाता है।

दीपावली कई दिनों तक मनाया जाने वाला त्योहार है। दशहरे के बाद से ही इसकी तैयारियाँ शुरू होने लगती हैं। घरों और दुकानों की साफ-सफाई, और रँगाई-पुताई की जाती है। यहाँ तक कि गली-मोहल्लों में भी रंग-बिरंगी झालरों से सजावट की जाती है। लोग नए कपड़े खरीदते हैं। घरों में मिठाइयाँ और पकवान बनाए जाते हैं।

दीपावली से दो दिन पहले धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन घर में एक दीया जलाया जाता है और बर्तन खरीदे जाते हैं। इसके अगले दिन छोटी दीपावली मनाई जाती है। इस दिन भी खूब रोशनी की जाती है और बड़ी दीपावली की सारी तैयारियाँ पूरी कर ली जाती हैं।


अगले दिन यानी बड़ी दीपावली को सुबह से ही लोग अपने मित्रों और, रिश्तेदारों के घर मिठाइयाँ और पकवान लेकर शुभकामनाएँ देने जाने लगते हैं। शाम को माँ लक्ष्मी और गणेशजी की पूजा की जाती है। सभी घर, गलियाँ और बाजार दीयों, मोमबत्तियों और रंगीन बल्बों से जगमगा उठते हैं। भले ही देश के अलग-अलग राज्यों में इसे अलग-अलग तरह से मनाया जाता हो, पर यह हर जगह खुशियाँ लेकर आता है।

Essay on Diwali in Hindi 300 Words

भारत त्यौहारों का देश है और दिवाली भारत में हिन्दुओं द्वारा मनाया जाने वाला सबसे बड़ा त्योहार है। यह त्यौहार प्रतिवर्ष कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। दीपों का खास पर्व होने के कारण इसे दीपावली या दिवाली नाम दिया गया है। दीपावली का मतलब होता है, दीपों की अवली यानि पंक्ति। दिवाली दशहरा के 20 दिन बाद अक्टूबर या नवंबर महीने में मनाया जाता है। दशहरे के बाद से ही घरों में दिवाली की तयारियाँ शुरू हो जाती है। इस दिन ही अयोध्या के राजा श्री राम ने लंका के अत्याचारी राजा रावण का नाश कर और चौदह वर्ष का वनवास काटकर सीता, लक्ष्मण सहित अयोध्या वापस लौटकर आये थे। उनकी विजय और आगमन की खुशी में अयोध्यावासियों ने पूरे नगर को घी के दीयों से प्रकाशित कर दिया था। उस दिन से ही प्रत्येक वर्ष भारतवासी इस दिन दीप जलाकर अपना हार्दिक हर्षोउल्लास प्रकट करते हैं और एक दूसरे को मिठाईया खिलाकर अपनी प्रसन्ता जाहिर करते है।

दिवाली से कुछ दिन पहले से ही घर, दुकान और कार्यालय की साफ़ – सफाई की जाती है क्यूंकि ऐसा माना जाता है कि दिवाली के दिन अपने घर, दुकान, और कार्यालय आदि में सफाई रखने से उस स्थान पर लक्ष्मी माता का प्रवेश होता है। इस दिन सभी लोग खास तौर से बच्चे उपहार, मिठाईयां, पटाखे और नये कपड़े बाजार से खरीदते हैं। दिवाली के दिन घर, दुकान, कार्यालय में लक्ष्मी और गणेश पूजा की जाती है। पूजा संपन्न होने के बाद सभी एक दूसरे को प्रसाद और उपहार बाँटते हैं तथा साथ ही ईश्वर से अपने जीवन और दूसरों की खुशियों की कामना करते हैं। शाम के समय सभी अपने घर में पूजा करने के बाद घरों को दीयों से सजाते हैं और अंत में पटाखों और विभिन्न खेलों से सभी दिवाली की मस्ती में डूब जाते है।

दिवाली सभी के लिये एक महत्वपूर्ण उत्सव है क्योंकि यह लोगों के लिये खुशी और आशीर्वाद लेकर आता है। इसी दिन लोग बुरी आदतों को छोड़कर अच्छी आदतों को अपनाते हैं। इस दिवाली के साथ ही बुराई पर अच्छाई की जीत के साथ ही नए सत्र की शुरुआत भी होती है। सभी भारतीयों के लिए दिवाली एक प्रिय त्यौहार है।

Essay on Diwali in Hindi 350 Words

भारत त्योहारों की भूमि के रूप में जाने वाला महान देश है। यहाँ प्रसिद्ध और सबसे ज्यादा मनाया जाने वाले त्योहारों में से एक दीवाली या दीपावली है। दीवाली हिंदुओं का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो देश भर में और साथ ही देश के बाहर हर साल मनाया जा रहा है। यह रोशनी का त्योहार है, जो कि लक्ष्मी के घर आने और बुराई से सच्चाई की जीत का प्रतीक है। यह तब मनाया जाता है, जब 14 वर्ष के वनवास के बाद भगवान राम, सीता और लक्ष्मण अयोध्या लौटे थे और अयोध्या के लोगों ने उनका तेल का दीपक जलाकर स्वागत किया था। यही कारण है कि इसे ‘प्रकाश का महोत्सव’ कहा जाता है। इस दिन भगवान राम ने लंका के राक्षस राजा, रावण को मार डाला ताकि पृथ्वी को बुरी गतिविधियों से बचाया जा सके। यह हिन्दू कैलेंडर द्वारा हर साल कार्तिक के महीने की अमावस्या पर मनाया जाता हैं। दीवाली के दिन हर कोई खुश होता है और एक दसरे को बधाई देता है। लक्ष्मी का स्वागत करने के लिए लोग अपने घरों कार्यालयों और दुकानों को साफ करते हैं और सफेदी भी करवाते है, वे अपने घरों को सजाते हैं, और दीपक जलाकर माता लक्ष्मी का स्वागत करते है।

दिवाली के त्योहार में पांच दिन का जश्न है जिसे आनंद और प्रसन्नता के साथ मनाया जाता है। दिवाली का पहला दिन धनतेरस के रूप में जाना जाता है, दूसरे दिन नारका चतुर्दशी या छोटी दिवाली है, तीसरी दिन मुख्य दीवाली या लक्ष्मी पूजा है,चौथे दिन गोवर्धन पूजा है और पांचवे दिन भैया दौज है। दिवाली समारोह के पांच दिनों में से प्रत्येक का अपना धार्मिक और सांस्कृतिक विश्वास है। दिवाली त्योहार पूरे देश का त्योहार है। यह हमारे देश के प्रत्येक नुक्कड़ और कोने में मनाया जाता है। इस प्रकार यह त्यौहार भी लोगों के बीच एकता की भावना पैदा करता है। यह एकता का प्रतीक बन गया है। भारत इस त्यौहार को हजारों सालों से मना रहा है और आज भी इसे जश्न और उल्लास के साथ मनाया जाता है, जो ऐतिहासिक और धार्मिक दोनों है।

Essay on Diwali in Hindi 400 Words

दीपावली बच्चो का सबसे मन-पसंदिदा त्यौहार है। यह उन्हें पटाके चलने के साथ साथ जश्न मानाने का भी मौका देता है। दीपावली के साथ जुडी बहुत कहानिया है। दीपावली का त्यौहार भगवान राम व पत्नी सीता और उनके भाई लक्ष्मण का 14 वर्षो के बनवास काटने के बाद उनकी वापसी के सम्मान के रूप में मानते हैं। ऐसा कहा जाता है की प्रभु श्री राम ने लंका-पति रावण को मर जब अयोध्या में वापिसी की थी, इसी ख़ुशी में प्रभु के स्वागत के लिए दीपवाली मनाई जाती है। विष्णु के “वामन” अवतार द्वारा महाबली चाकुरवर्ती की हार भी इसी दिन हुई थी।

दीवाली से एक दिन पहले नरक चतुदर्शी का त्यौहार होता है जिसे लोग अगले दिन दीप और पटाखों के साथ इस अवसर को मनाते है। दिवाली का अर्थ ही दीपों की पंक्तियां है। दिवाली सिर्फ हिंदुओं का ही नहीं बल्कि जैन और सिख लोग भी इसे अपने-अपने कारन इस त्यौहार को मनाते हैं। जैन:ओ के आखिरी देवता वर्धमान महावीर का निर्माण भी इसी दिन हुआ था। इस दिन पर लोग धन की देवी माँ लक्ष्मी देवी जी की पूजा करते हैं। माना जाता है कि इसे जिन माता लक्ष्मी अपने भक्तों को दर्शन देती हैं। दरअसल दिवाली का दूसरा नाम ही लक्ष्मी पूजा है। मारवाड़ी लोक भी इसी दिन माँ लक्ष्मी पूजा को बहुत महत्व देते हैं, यहां तक कि उनका नया साल की दिवाली के साथ ही शुरू होता है।

दिवाली के दिन सभी सुबह जल्दी उठकर स्नान करके, नए कपड़े पहनते हैं, स्वादिष्ट मिठाई के साथ अपना दिन बताते हैं। घर में छोटे-बड़े श्रद्धा के साथ लक्ष्मी जी की पूजा करते हैं। सूर्यास्त में दीपक जलाते हैं और पटाखे भी फोड़ते हैं। अमृत की अंधेरी रात में दीपावली पर जलाया दीपक चमक उठता है। दिवाली पर आतिशबाजी सर्दियों की ठंडक कम कर देती है। दिवाली की रात जैसे ही गाढ़ी हो जाती है और पटाखों का शोर कम हो जाता है, अगले वर्ष तक रहने वाली खुशियां लिपटकर बच्चे अपने बिस्तर पर सो जाते हैं।

Essay on Diwali in Hindi 450 Words

दिवाली हिन्दुओं का एक प्रसिद्ध त्यौहार है। दीपावली को दीपों का त्यौहार भी कहा जाता है। इस दिन लोग अपने घरों पर मोमबत्तियों और दीपकों की कतार लगा देते है। यह त्यौहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को पूरे भारत में बड़ी धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह त्यौहार विशेष रूप से पांच दिन तक होता है। पहले दिन धनतेरस के रूप में जाना जाता है, जिसे देवी लक्ष्मी की पूजा करके मनाया जाता है। दूसरे दिन नरका चतुर्दशी या छोटी दिवाली के रूप में जाना जाता है, जिसे भगवान कृष्ण की पूजा करके मनाया जाता है। तीसरे दिन मुख्य दिवाली दिवस के रूप में जाना जाता है जिसे देवी लक्ष्मी की पूजा करके मनाया जाता है।

चौथे दिन भगवान कृष्ण की पूजा करके गोवर्धन पूजा के रूप में जाना जाता है। लोग अपने दरवाजे पर पूजा करके गोबर के गोवर्धन बनाते हैं। पांचवें दिन यम द्वितिया या भाई दौज के रूप में जाना जाता है। जिसे भाइयों और बहनों द्वारा मनाया जाता है। दिवाली पर दीपों, मोमबत्तियों और बिजली के बल्बों से इतनी रौशनी की जाती है की अमावस्या की रात पूर्णिमा की रात जैसे जगमगाती है। कहा जाता है की इस दिन श्रीराम 14 साल बनवास काटकर तथा रावण का वध कर, सीता और लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटे थे। इसके आने की खुशी में अयोध्या के लोगों ने दिये जलाये थे। साथ ही हर घर मिठाईयां बाँटी थी। इसीलिए दिवाली को बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक भी माना जाता है।

ऐसा माना जाता है कि इस दिन अपने घर, दुकान, और कार्यालय आदि में साफ-सफाई रखने से उस स्थान पर लक्ष्मी का प्रवेश होता है। दिवाली के दिन घरों को दीयो से सजाना और पटाखे फोडने का भी रिवाज है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन नई चीजों को खरीदने से घर में लक्ष्मी माता आती है। इस दिन सभी लोग खास तौर से बच्चे उपहार, पटाखे, मिठाइयां और नये कपडे बाजार से खरीदते है। शाम के समय, सभी अपने घर में लक्ष्मी आराधना करने के बाद घरों को रोशनी से सजाते है। पूजा संपन्न होने पर सभी एक दूसरे को प्रसाद और उपहार बाँटते है, साथ ही ईश्वर से जीवन में खुशियों की कामना करते है।

अंत में पटाखों और विभिन्न खेलों से सभी दीवाली की मस्ती में डूबा जाते है। दीपावली का त्योहार सभी के जीवन को खुशी प्रदान करता है। नया जीवन जीने का उत्साह प्रदान करता है। अंधकार पर प्रकाश की विजय का यह पर्व समाज में उल्लास, भाईचारे व प्रेम का संदेश फैलाता है। दीप जलते रहें मन से मन मिलते रहें, गिले शिकवे सारे मन से निकलते रहें, सारे विश्व मे सुख-शांति की प्रभात ले आये, ये दीपो का त्योहार खुशी की सौगात ले आये…

Essay on Diwali in Hindi 500 Words

जन-जन ने हैं दीप जलाए, लाखों और हज़ारों ही । धरती पर आकाश आ गया, सेना लिए सितारों की ।

भूमिका – ‘दीपावली’ का अर्थ होता है – ‘दीपों की आवली या पंकित’ यह त्यौहार कार्तिक मास की अमावस को मनाया जाता है । यह सब धर्मो का सबसे बड़ा त्यौहार है । इस दिन लोग अमावस की काली रात को असंख्य दीपक जलाकर पूर्णिमा में बदल देते हैं ।

इतिहास : इस त्योहार को मनाने के कारणों में सबसे प्रमुख कारण है इस दिन भगवान श्री राम लंका के राजा रावण को मारकर तथा वनवास के चौदह वर्ष पूरे कर सीता और लक्ष्मण सहित अयोध्या लोटे थे । उनके स्वागत में अयोध्यावासियों ने घी के दीये जलाये थे ।

जैन धर्म के प्रवर्तक महावीर स्वामी तथा आर्यसमाज के संस्थापक स्वामी दयानंद और अट्ठेत वेदान्त के संस्थापक स्वामी रामतीर्थ को इसी दिन निर्वाण प्राप्त हुआ था । सिक्ख भाई भी दीवाली को बड़े धूमधाम से मनाते है क्योंकि छठे गुरु हरगोबिंद सिंह जी 52 राजाओं को ग्वालियर की जेल से मुक्त करवाकर लाए थे । इन सबकी पवित्र याद में सब धर्मो के द्वारा यह दिन बड़े सम्मान से मनाया जाता है । दीपावली से दो दिन पूर्व ” धनतेरस’ मनाई जाती है । इस दिन लोग नए बर्तन खरीदना शुभ मानते हैं । अगले दिन चौदस के घरों का कूड़ा-कर्कट बाहर निकाला जाता है और छोटी दीवाली मनाई जाती है क्योंकि इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था ।

मनाते की तैयारी : दीपावली है कुछ दिन पहले ही लोग घरों की लिपाई-पुताई करवा कर उन्हें चमकाना शुरू कर देते हैं घर, बाजार सजाना शुरू कर देते हैं । मिठाइयाँ, पटाखे और सजावट की वस्तुओं से बाजार भर जाते हैं ।

” होली लाईं पूरी, दीवाली लाई भात । “

मनाने का ढंग : अमावस्या के दिन दीवाली मनाई जाती है । घरों में रोशनी की जाती है । रात को लश्मी-पूजा की जाती है । सगे-संबंधियों और मित्रों को मिठाइयाँ तथा उपहार भेजे जाते है । बच्चे बम तथा पटाखे चलाते हैं । व्यापारी लोग लक्षमी-पूता के बद नये बही-खाते शुरू करते हैं । अमृतसर की दीवाली की शोभा अनोखी होती है ।

दिवाली पूरे वातावरण में उमंग, उल्लास, उत्साह और नवीनता का संचार करती है ।

संदेश : यह त्यौहार हमे अंधेरे पर प्रकाश की विजय और बुराई पर अच्छाई की जीत की प्रेरणा देता है । कहीं-कहीं पटाखों को लापरवाही से चलाते समय बच्चों के हाथ-पाँव जल जाते है । ‘ अहिंसा परमो धर्म: ‘ का पालन करते हुए अधिकार जैन लोग पटाखे नहीं चलाते ताकि जीव हत्या न हो । ऐसा करने से धन की हानि पर भी अंकुश लगता है ।

उपसंहार : जिन महापुरषों की याद में यह दीपावली पर्व मनाया जाता है, हमें उनके आदर्शो पर चलना चाहिए। यह त्योहार सबके मनों में ज्ञान का उजाला भरे इसी शुभेच्छा के साथ हमें इसे मनाना चाहिए।

Essay on Diwali in Hindi 700 Words

आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी ने एक स्थान पर लिखा है: “दीपावली प्रकाश का पर्व है। इस दिन जिस लक्ष्मी की पूजा होती है, वह गरुड़वाहिनी है; शक्ति, सेवा और गतिशीलता उसके मुख्य गुण हैं। प्रकाश और अंधकार का नियत विरोध है। अमावस्या की रात को प्रयत्नपूर्वक लाख-लाख प्रदीपों को जलाकर हम लक्ष्मी के उलुकवाहिनी रूप की नहीं, गरुड़वाहिनी रूप की उपासना करते हैं। हम अंधकार का समाज से बटकर रहने की स्वार्थपरता का प्रयत्नपूर्वक प्रत्याख्यान करते हैं और प्रकाश का, समाजिकता का और सेवावृत्ति का आह्वान करते हैं। हमें भूलना नहीं चाहिए कि यह उपासना ज्ञान द्वारा चालित और क्रिया द्वारा अनुगमित होकर ही सार्थक होती है।

”सर्वध्या दया महालक्ष्मी स्त्रिगुणा परमेश्वरी।

लक्ष्यातिलक्ष्य स्वरूपा सा व्याप्य कुत्स्नं व्यवस्थिता ।।”

अर्थात् दीपावली प्रकाश का त्योहार है। यह घने अंधकार को दूर भगाने वाले उज्ज्वल प्रकाश का त्योहार। यह मानव-मन की साम्यवादिता और पवित्रता का त्योहार है। हमारा मन परस्पर अंधी और जाग्रत दोनों ही प्रकार की वृत्तियों से युक्त होता है और ये ही दोनों हमारे सम्पूर्ण जीवन को प्रभावित करती हैं। जिस व्यक्ति में अंधी वृत्तियों का दबाव ज्यादा होता है, वह व्यक्ति अपने जीवन में जिस-जिस प्रकार के कार्यों को संपन्न करता है उन्हें प्रायः असामाजिक और कुकृत्य कहकर संज्ञानित किया जाता है। किन्तु जिस व्यक्ति में जाग्रत वृत्तियों का बाहुल्य होता है वह व्यक्ति अपने सम्पूर्ण जीवन में जितनी भी कार्यों को संपन्न करता है उन्हें सम्पूर्ण समाज पूरी हार्दिकता के साथ न केवल सम्मानीय स्थान प्रदान करता है, अपितु उन्हें सम्पूर्ण समाज का अनुकरणीय प्रतिमान के रूप में भी स्थापित करता है। दीपावली एक ऐसा ही त्योहार है जो मानव-मन की सात्विक वृत्तियों को प्रेरित, पोषित और पल्लवित करता है। वह हममें अनेकानेक ऐसे जीवन-संकल्पों को जाग्रत कराती है जो न केवल हमारे व्यक्तिगत, मनुष्योचित-विकास के प्रधान कारक होते हैं बल्कि सम्पूर्ण समाज के समुचित उन्नयन के कारक भी होते हैं।

दीपावली भारत का एक अति प्राचीन त्योहार है। कहा जाता है कि ये त्योहार महात्मा बुद्ध के समय में और गुप्तकाल में भी इसी भांति मनाया जाता था, जिस प्रकार इसे आज मनाया जाता है। दीपावली का ऐतिहासिक, पौराणिक और सांस्कृतिक महत्व भारतीयों के लिए बहुत अधिक है। उनकी आन्तरिक भावनाएं और आस्थाएं इस पर्व से पूर्णत: मिली और घुली हुई हैं।

दीपावली का पर्व जिस गहरे उत्साह और जोश के साथ मनाया जाता है उससे हम सभी लोग परिचित हैं। इस अवसर पर प्रत्येक भांति की स्वच्छता का पूरा ध्यान रखा जाता है। घरों की सफाई आदि व्यापक स्तर पर हम लोगों ने इस अवसर पर ही होती हुई देखी हैं। हम सभी लोग साफ-सुथरे वस्त्र और अन्य भांति के अनेक प्रसाधन धारण करते हैं। इस अवसर पर नाना भांति के खाद्य पदार्थ और व्यंजन तैयार किए जाते हैं। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि इस दिन शाम को हर घर में लक्ष्मी जी की पूजा होती है ताकि प्रत्येक प्रकार की अभावग्रस्तता से हम मुक्त हो सके।

किन्तु इस व्यापक पर्व का जो सामाजिक-महत्व है उसे अत्यंत उच्चतर श्रेणी का कहा जा सकता है। द्विवेदी जी ने इसे रेखांकित करते हुए लिखा है: “आज से हजारों वर्ष पहले मनुष्य ने निश्चय किया था कि वह दरिद्रता की अवस्था में नहीं रहेगा, वह सामाजिक रूप में समृद्ध रहेगा। एक व्यक्ति नहीं, एक परिवार नहीं, एक जाति भी नहीं, बल्कि समूचा मानव समाज समृद्धि चाहता है, अदारिद्र्य चाहता है, अभावों का अन्त चाहता है, उल्लास और उमंग चाहता है दीपावली का उत्सव उसी सामाजिक मंगलेच्छा का दृश्यमान मूर्तरूप है।” अर्थात यह त्योहार एक सामान्य प्रकार का उत्सव न होकर एक अति विशिष्ट उद्देश्य और लक्ष्य से प्रेरित उत्सव है। यह पर्व समूची मानव-जाति की शुभेच्छा चाहने वाला और उस शुभेच्छा को प्राप्त करने हेतु गतिशीलता प्रदान करने वाला पर्व है।

अन्त में कहा जा सकता है कि दीपावली मात्र मनोरंजन आदि का पर्व नहीं अपितु, वह समस्त मानव सभ्यता के मूल में गतिशील रही उस जिजीविषा का पर्व है जो उसे निरन्तर मंगल की ओर, प्रकाश की ओर, हार्दिकता और मनुष्यता की ओर गतिशील बने रहने का संदेश देता है।

Essay on Diwali in Hindi 1000 Words

रूपरेखा : दीपावली का महत्त्व, दीपावली की तैयारी, दीपावली मनाने के विविध कारण, सजे-धजे बाज़ार, मनाने की विधि, लक्ष्मी पूजन का महत्त्व, गोवर्धन और भैयादूज, कतिपय कुरीतियों का समावेश और उनका निवारण, दीपावली का संदेश, उपसंहार।

दीपावली दीपों का त्योहार है। प्रकाश का त्योहार है। सुख-समृधि का त्योहार है। हर्ष-विनोद का त्योहार है। प्यार-प्रीति और उल्लास का त्योहार है। मनुष्य ने ईश्वर से सदैव अँधेरे से उजाले की ओर ले जाने की प्रार्थना की है -“तमसो मा ज्योतिर्गमय – हे प्रभु! हमें अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलो।” यह अंधकार अज्ञान का है, अभाव का है, दीन-हीनता और गरीबी का है, आपसी वैरभाव और मनमुटाव का है। दीपावली के दिन दीप जलाकर हम जैसे संपूर्ण मानवजाति को इन सबसे मुक्त करने की कामना करते हैं, ज्ञान का प्रकाश फैलाने का संकल्प लेते हैं और गा उठते हैं – जगमग जगमग दीप जल उठे, चमक उठी है रजनी काली।

सारे भारत में शरद ऋतु में दीपावली का त्योहार किसी-न-किसी रूप में बड़े उत्साह से मनाया जाता है। कई सप्ताह पहले से ही इस त्योहार की तैयारी आरंभ हो जाती है। सभी लोग अपने घरों की सफ़ाई करते हैं। वर्षाकाल में मकानों के अंदर और बाहर जो गंदगी इकट्ठी हो जाती है, उसे निकाल दिया जाता है। मकानों की रँगाई और पुताई की जाती है, सड़कों और गलियों की विशेष सफ़ाई कराई जाती है। दुकानदार अपनी दुकानों की सफ़ाई कराकर उन्हें आकर्षक ढंग से सजाते हैं। त्योहार के समय सभी ग्राम तथा नगर बड़े ही साफ़-सुथरे दिखाई देते हैं। इसलिए हम दीपावाली को स्वच्छता का त्योहार भी कह सकते हैं।

दीपावली हमारे देश का बहुत प्राचीन त्योहार है। कहा जाता है कि दीपावली के दिन श्री रामचंद्र जी चौदह वर्ष का वनवास पूरा करके अयोध्या लौटे थे। इसलिए अयोध्यावासियों का हृदय उल्लास से भरा हुआ था। विजयी राम के स्वागत में अयोध्या नगर के निवासियों ने नगर की दीपमालाओं से सजाया था। तभी से दीपावली का त्योहार प्रतिवर्ष मनाया जाने लगा।

यह सुख-समृद्धि का त्योहार है। कृषि प्रधान देश में खरीफ़ की फ़सल इस समय तक कटकर घर में आ जाती है। घर अन्न से भर जाते हैं और लोग हर्षपूर्वक दीपावली मनाकर समृधि की देवी लक्ष्मी का पूजन करते हैं।

दीपावली का त्योहार वास्तव में प्रकाश और आनंद का पर्व है। इस अवसर पर घरों में तरह-तरह की मिठाइयाँ और पकवान बनते हैं। बाज़ार से खील, बतासे, मिठाइयाँ, खिलौने, लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियाँ आदि खरीदकर लाई जाती हैं। बच्चे पटाखे और विभिन्न प्रकार की आतिशबाज़ी खरीदते हैं। शहर की सड़कों पर और गली में आतिशबाज़ी की दुकानें पहले से लगी रहती हैं।

दीपावली का पर्व लगातार पाँच दिनों तक मनाया जाता है – धनतेरस से लेकर भैयादूज तक। दीपावली के दो दिन पूर्व धनतेरस होती है। यह भी दीपावली का ही अंग है। धनतेरस के दिन बाज़ार सजाए जाते हैं और वे दीपावली तक सजे रहते हैं। बरतनों की दुकानों की शोभा तो देखते ही बनती है। इस दिन प्रायः सभी हिंदू परिवारों में कोई छोटा या बड़ा बरतन अवश्य खरीदा जाता है। धनतेरस के अगले दिन छोटी दीपावली होती है। छोटी दीपावली पर भी लोग कुछ दीपक जलाकर अपना उल्लास प्रकट करते हैं।

दीपावली के दिन सायंकाल में लक्ष्मी और गणेश की पूजा की जाती है। दुकानदार अपनीअपनी दुकानों पर भी लक्ष्मी-गणेश का पूजन करते हैं। इस पूजन के बाद जगमगाते दीपकों से मकानों और दुकानों की सजावट की जाती है। चारों ओर बच्चे पटाखे छोड़ते हुए घूमते हैं। शहरों में बिजली की रोशनी से भी सजावट होती है। उस समय का दृश्य बड़ा ही मनोहारी होता है। अमावस्या के गहन अंधकार के बीच छोटे-छोटे दीपों की मालाएँ बहुत आकर्षक लगती हैं। जब बच्चे जी भरकर आतिशबाज़ी छोड़ लेते हैं और पटाखों का संग्रह समाप्त हो जाता है, तब वे घर जाकर प्रसाद, खील-बतासे और मिठाइयाँ खाते हैं। लोग अपने पड़ोसियों और संबंधियों के यहाँ उपहार के रूप में खील-बतासे, मिठाई-पकवान आदि भेजते हैं। देर रात तक चहल-पहल रहती है और पटाखों की आवाज़ गूंजती रहती है।

दीपावली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा की धूमधाम रहती है। इस दिन लोग अपनी पशु-संपदा की पूजा करते हैं। अनेक स्थानों पर गाय-बैलों को रंगों से अलंकृत भी किया जाता है। तीसरे दिन भैयादूज (भ्रातृ द्वितीया) का पर्व मनाया जाता है। भैयादूज के दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक करती हैं। उन्हें मिठाई खिलाती हैं और उनके मंगलमय भविष्य की कामना करती हैं।

खेद की बात है कि इस पवित्र पर्व के साथ कुछ बुराइयाँ भी जुड़ गई हैं। आजकल खतरनाक ढंग से आतिशबाज़ी छोड़ने का रिवाज़ बहुत बढ़ गया है। इसके कारण प्रायः आग लग जाने की दुर्घटनाएँ हो जाती हैं। कभी-कभी बच्चे अपने हाथ-पैर आदि जला बैठते हैं। आतिशबाज़ी से प्रदूषण भी बहुत फैलता है। यदि बच्चे आतिशबाज़ी का प्रयोग करें भी तो हलकी-फुलकी आतिशबाज़ी का प्रयोग करें और बड़ों के निर्देशन में ही करें। यह प्रसन्नता की बात है कि अब धीरे-धीरे लोगों में आतिशबाज़ी के भयंकर परिणामों के प्रति चेतना जगने लगी है।

इस पर्व पर लोग जुआ भी खेलते हैं, जिसके कारण अनेक परिवार नष्ट हो जाते हैं। यह कुरीति दीपावली के अवसर पर जैसे भी आई हो, उचित नहीं है। शायद उल्लास के इस पर्व को मनाने की उमंग में यह दुष्प्रवृत्ति बढ़ती गई। इस कुरीति को बिलकुल ही समाप्त कर देने का संकल्प लेना चाहिए। अच्छा यह होगा कि दीपावली को हम प्रकाश का ही पर्व बना रहने दें। उसे अँधरे की ओर न ठेलें। धरती पर फैले सभी प्रकार के अँधेरे को मिटाने का संकल्प लें। इस कवि की गुहार भी सुनें – जलाओ दिये पर रहे ध्यान इतना, अँधेरा धरा पर कहीं रह न पाए।

Other Hindi Essay

Essay on Dussehra in Hindi

Essay on Holi in Hindi

Essay on Festivals of India in Hindi

Essay on Onam Festival in Hindi

Essay on Baisakhi in Hindi

Now you can send your essay on Diwali in Hindi language through comments section. Write essay on Diwali in Hindi for kids in 300 words.

Thank you for reading. Don’t forget to give us your feedback.

अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करे।

Share this:

  • Click to share on Facebook (Opens in new window)
  • Click to share on Twitter (Opens in new window)
  • Click to share on LinkedIn (Opens in new window)
  • Click to share on Pinterest (Opens in new window)
  • Click to share on WhatsApp (Opens in new window)

About The Author

essay in hindi about diwali

Hindi In Hindi

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Email Address: *

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

Notify me of follow-up comments by email.

Notify me of new posts by email.

HindiinHindi

  • Cookie Policy
  • Google Adsense

HindiKiDuniyacom

दिवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi)

दिवाली

दीपावली (Deepawali) या दिवाली का अर्थ है दीपों की अवली मतलब दीपों की पंक्ति। यह पर्व विशेष कर भारत और भारत के पड़ोसी देश नेपाल में बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। इसके अतिरिक्त अन्य देशों में (जहां हिंदू निवास करते हैं) भी यह विधि पूर्वक मनाया जाता है। यह पर्व अपने साथ खुशी, उत्साह और ढ़ेर सारा उमंग लेकर आता है। कार्तिक माह के अमावस्या को दिवाली का पर्व अनेक दीपों के प्रकाश के साथ मनाया जाता है। इस विशेष दिन पर अमावस्या की काली रात दिपों के जगमगाहट से रौशन हो जाती है। दिपावली पर पुराने रीत के अनुसार सभी अपने घरों को दीपक से सजाते हैं।

दिवाली पर 10 वाक्य   || दिवाली के कारण होने वाला प्रदूषण पर निबंध

दीपावली 2021 पर छोटे-बड़े निबंध (Short and Long Essay on Diwali 2021 in Hindi, Deepawali par Nibandh Hindi mein)

निबंध – 1 (300 शब्द).

प्रभु राम के चौदह वर्ष का वनवास पूर्ण कर अयोध्या वापस आने के उपलक्ष्य में दिवाली मनाया गया, तब से प्रति वर्ष दिवाली मनाया जाने लगा। स्कंद पुराण के अनुसार दिवाली से जुड़ी अनेक कथाएं प्रचलित हैं। अतः आध्यात्मिक दृष्टि से दिवाली हिंदुओं का बहुत अधिक महत्वपूर्ण त्योहार है।

दीपावली (Deepawali) के उपलक्ष्य में विभिन्न प्रचलित कथाएं (इतिहास)

दिवाली का इतिहास बहुत पुराना है, इससे जुड़ी अनेक पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं जैसे कुछ लोगों के अनुसार सतयुग में भगवान नृसिंह ने इस दिन हिरण्यकश्यप का वध किया था इस उपलक्ष्य में दिवाली मनाया जाता है। कुछ लोगों का मानना है द्वापर में कृष्ण ने नरकासुर का वध कार्तिक आमवस्या को किया था इसलिए मनाया जाता है। कुछ के अनुसार इस दिन माता लक्ष्मी दूध सागर से प्रकट हुई थी, एवं अन्य के अनुसार माँ शक्ति ने उस दिन महाकाली का रूप लिया था इसलिए मनाया जाता है।

यह भी पढ़े :  छठ पूजा पर 10 वाक्य

दीपावली की सर्वाधिक प्रचलित कथा

दिवाली मनाए जाने वाले कारणों में सबसे प्रचलित कहानी त्रेता युग में प्रभु राम के रावण का वध कर चौदह वर्ष पश्चात माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटने के उपलक्ष्य में पूरी अयोध्या नगरी को फूलों और दीपों से सजाया गया। तब से प्रति वर्ष कार्तिक अमावस्या को दिवाली मनाया जाने लगा।

दीपावली कब मनाई जाती है

उत्तरी गोलार्द्ध में शरद ऋतु के कार्तिक माह की पूर्णिमा को यह दिपोत्सव धूम-धाम से मनाया जाता है। ग्रेगोरी कैलेंडर के अनुसार यह त्योहार अक्टूबर या नवम्बर माह में मनाया जाता है।

दीपावली (Deepawali) का महत्व

दिवाली की तैयारी के वजह से घर तथा घर के आस-पास के स्थानों की विशेष सफाई संभव हो पाती है। साथ ही दिवाली का त्योहार हमें हमारे परंपरा से जोड़ता है, हमारे आराध्य के पराक्रम का बोध कराता है। इस बात का भी ज्ञान कराता है कि, अंत में विजय सदैव सच और अच्छाई की होती है।

दिवाली के साथ जुड़ी अनेक पौराणिक कहानियां इसके महत्व को और अधिक बढ़ा देती हैं। इस त्योहार से हम सभी को सच के राह पर चलने की सीख प्राप्त होती है।

यह भी पढ़े:  लक्ष्मी पूजा पर 10 लाइन

निबंध – 2 (400 शब्द)

दीपावली (Deepawali), स्वयं में अपनी परिभाषा व्यक्त करने वाला एक शब्द है, जिसे हम सब त्योहार के रूप में मनाते हैं। यह दीपों और रोशनी का त्योहार है। हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अमावस्या को हम दीवाली के रुप में मनाते हैं। इसे सभी हिंदू देशों जैसे की भारत, नेपाल, आदि में बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। परन्तु इस वर्ष कोरोना के कारण दीवाली की परिभाषा थोड़ी अलग होगी। खुशियां तो आएंगी परंतु अभी लोगों से दूरी बनाने में ही समझदारी है।

2020 की कोरोना वाली दीवाली

इस वर्ष जहां एक ओर पूरा विश्व कोरोना नामक महामारी से लड़ रहा है तो वही त्योहारों का मौसम भी ज़ोर पर है। त्योहारों का आनंद जरूर उठाये परन्तु यह याद रखें की सावधानी हटी, दुर्घटना घटी अर्थात कोरोना किसी भी रूप में आप तक पहुंच सकता है इस लिये कुछ नियमों का पालन करें जैसे:

  • बाज़ार आवश्यक होने पर ही जाएं।
  • सामान लेने के बाद घर आकर सामान को सैनिटाइज जरूर करें।
  • मास्क पहनना न भूलें और एक छोटा सैनिटाइजर भी साथ में अवश्य रखें।
  • दीवाली अपने साथ ठंडक को भी दस्तक देती है तो अपनी सेहत का भी ध्यान दें।
  • एक जिम्मेदार नागरिक बनें और बच्चों को भी पटाखों से होने वाले नुकसान बताएं।
  • मौसम बदलने पर ज्यादातर लोग बीमार पड़ते हैं इस लिये त्योहार की भागा दौड़ी में खुद का ख्याल रखना न भूलें।
  • घरों में डस्टिंग और सफाई आदि करने से कई बार श्वास संबंधी रोग से पीड़ित लोगों को दिक्कत होने लगती है, इस लिये इसे करने से बचें क्यों की किसी भी तरह की श्वास संबंधी बीमारी होने पर लोगों में बेमतलब कोरोना की आशंका हो जाती है।
  • स्वास्थ्य के अतिरिक्त लोकल सामानों को खरीदें और लोकल के लिये वोकल बनें और भारतीय उत्पाद अपनाएं।
  • दीयों से खूबसूरत कुछ नहीं लगते, इस लिये विदेशी लाइटों की जगह घरों को मिट्टी के दीयों से सजाएँ और देश की अर्थव्यवस्था सुधारने में मदद करें।

अपकी दीवाली केवल परिवार के साथ

दीवाली रोशनी का त्योहार तो है ही, साथ में खुशियां भी लाती है। बच्चों से लेकर बूढ़ों तक हर कोई इस दिन का बेसबरी से इंतजार करता है। नए कपड़ों, रंग-बिरंगी मिठाइयों और रंगोली के सामान से बाजारों में रौनक आ जाती है। लोग जम कर खरीदारी करते हैं और अपने-अपने घरों को भी सजाते हैं। इस दिन पूरे देश में खुशी का माहौल रहता है।

इस दीवाली खुद भी सुरक्षित रहें और दूसरों को भी रखें इस लिये इस वर्ष किसी के घर न जाएं सब को फ़ोन पर ही बधाई दे दें। अच्छा भोजन खाएं, ज्यादा बाज़ार के उत्पाद न खाएं घर पर बना खाना खाएं और स्वास्थ्य का विशेष ध्यान दें और परिवार के साथ इसका आनंद लें।

हर त्योहार की अपनी खासियत होती है, ठीक इसी प्रकार रोशनी के इस पर्व को समृद्धि का सूचक माना जाता है। ज्यादातर घरों में इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है और धन-धान्य का वरदान मांगा जाता है। इस वर्ष पर्यावरण और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए एक शांत और रोशनी से भरपूर त्योहार अपने-अपने परिवार के साथ मनाएं।

Diwali Essay

यह भी पढ़े : धनतृयोदशी या धनतेरस या धनवंन्तरी तृयोदशी

निबंध – 3 (500 शब्द)

दीपावली (Deepawali) धन, धान्य, सुख, चैन व ऐश्वर्य का त्योहार है। भारत के विभिन्न राज्य इस अवसर पर पौराणिक कथाओं के आधार पर विशेष तरह की पूजा करते हैं। दिवाली, भारत तथा नेपाल में प्रमुख रूप से मनाया जाता है। इसके अलावा अन्य देशों में भी उत्साह के साथ मनाया जाता है।

भारत के विभिन्न स्थान पर दिपावली मानाने की वजह

भारत के विभिन्न राज्यों में दिवाली मानाने की अलग-अगल वजह है। उन में से कुछ प्रमुख निम्नवत् हैं-

  • भारत के पूर्वी भाग में स्थित उड़ीसा, बंगाल इस दिन माता शक्ति को, महाकाली का रूप धारण करने के वजह से मनाते हैं। और लक्ष्मी के स्थान पर काली की उपासना करते हैं।
  • भारत के उत्तरी भाग में स्थित पंजाब के लिए दिवाली बहुत महत्व रखता है क्योंकि 1577 में इसी दिवस पर अमृतसर में स्वर्ण मंदिर की नींव रखी गई थी। और इसी दिन पर सिक्खों के गुरु हरगोबिंद सिंह को जेल से रिहा किया गया था।
  • भारत के दक्षिण भाग में स्थित राज्य जैसे तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, आदि दिवाली पर, द्वापर में कृष्ण द्वारा नरकासुर के वध के खुशी में कृष्ण की पूजा करके मनाते हैं।

विदेश में दिपावली का स्वरूप

  • नेपाल – भारत के अलांवा भारत के पड़ोसी देश नेपाल में दिपावली का त्योहार धूम-धाम से मनाया जाता है। इस दिवस पर नेपाली कुत्तों को सम्मानित करते हुए उनकी पूजा करते हैं। इसके अलांवा वह संध्याकाल में दीपक जलाते हैं तथा एक-दूसरे से मिलने उनके घर जाते हैं।
  • मलेशिया – मलेशिया में हिंदुओं की संख्या ज्यादा होने के वजह से इस दिन पर सरकारी अवकाश दिया जाता है। लोग अपने घरों में पार्टी आयोजित करते हैं। जिसमें अन्य हिंदू व मलेशियाई नागरिक सम्मिलित होते हैं।
  • श्रीलंका – इस द्वीप में रह रहे लोग दिवाली के सुबह उठ कर तेल से स्नान करते हैं और पूजा के लिए मंदिर जाते हैं। इसके अतिरिक्त यहां दिवाली के मौके पर खेल, आतिशबाजी, गायन, नृत्य, भोज आदि आयोजित किया जाता है।

इन सब के अतिरिक्त अमेरिका, न्यूजीलैंड, मॉरिशस, सिंगापुर, रीयूनियन, फिजी में बसे हिंदुओं द्वारा यह पर्व मनाया जाता है।

दीपावली (Deepawali) पर ध्यान रखने योग्य बातें

विशेषकर लोग दीपावली (Deepawali)पर पटाखे जलाते हैं, यह पटाखे अत्यधिक खतरनाक होते हैं। मस्ती में होने के वजह से अनचाही दुर्घटना होने का खतरा बना रहता है। अतः त्योहार के धूम-धाम में व्यक्ति को सुरक्षा का भी पूर्ण खयाल रखना चाहिए।

दीपावली (Deepawali)पर अभद्र व्यवहार न करें

कई लोगों का मानना है, दिपावली के अवसर पर जुआ खेलने से घर में धन की बाढ़ आ जाती है। इस कारणवश अनेक लोग इस अवसर पर जुआ खेलते हैं। यह उचित व्यवहार नहीं है।

अत्यधिक पटाखो का जलाया जाना

पटाखों के आवाज से अनेक बेजुबान जानवर बहुत अधिक डरते हैं। इसके अलांवा बड़े-बुजुर्ग और गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीज़ भी इन ध्वनि से परेशानियों का सामना करते हैं। इसके साथ ही दिवाली के दूसरे दिन प्रदुषण में वृद्धि हो जाती है।

दिवाली खुशीयों का त्योहार है। इससे जुड़ी प्रत्येक चीज हमें खुशी देती है। हम सभी को समाज के ज़िम्मेदार नागरिक होने के नाते यह कर्तव्य बनता है की हमारे मस्ती और आनंद के वजह से किसी को भी किसी प्रकार का कष्ट न होने पाए।

संबंधित जानकारी

दिवाली पर छात्रों के लिए भाषण

बाली प्रतिप्रदा या गोवर्धन पूजा

भाई दूज पर निबंध

संबंधित पोस्ट

मेरी रुचि

मेरी रुचि पर निबंध (My Hobby Essay in Hindi)

धन

धन पर निबंध (Money Essay in Hindi)

समाचार पत्र

समाचार पत्र पर निबंध (Newspaper Essay in Hindi)

मेरा स्कूल

मेरा स्कूल पर निबंध (My School Essay in Hindi)

शिक्षा का महत्व

शिक्षा का महत्व पर निबंध (Importance of Education Essay in Hindi)

बाघ

बाघ पर निबंध (Tiger Essay in Hindi)

Chhoti Badi Baatein

  • हिंदी निबंध संग्रह - Hindi Essay Collection

दिवाली पर निबंध – Essay on Diwali in Hindi

(दिवाली पर निबंध / दीपावली पर निबंध – Essay on Diwali in Hindi – Hindi Essay On Diwali – Diwali Essay in Hindi – Diwali Par Nibandh – Diwali Nibandh in Hindi – Diwali Festival Essay in Hindi – दिवाली के त्योहार पर निबंध – Essay on the festival of Diwali in Hindi)

दिवाली हिंदुओं का सबसे बड़ा त्योहार है। रोशनी के इस त्यौहार को “दीपावली ” के नाम से भी जाना जाता है। दिवाली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। भले ही बुराई रावण की तरह शक्तिशाली और बुद्धिमान हो, लेकिन उसका अंत एक दिन अवश्य होता है।

Table of Contents

दीपावली पर निबंध (300 शब्दों में) – Diwali Essay in Hindi

दिवाली, हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है, जिसका अर्थ है ‘दीपकों की पंक्ति।’ यह त्यौहार ख़ुशी और उत्सव का प्रतीक है और हर साल अक्टूबर और नवंबर के बीच मनाया जाता है। दिवाली के दिन लोग अपने घरों को सुंदर ढंग से सजाते हैं और रात में दीयों से रोशनी करते हैं।

दिवाली का महत्व कई परंपराओं और कहानियों से जुड़ा हुआ है। एक प्रमुख किंवदंती के अनुसार, इस दिन भगवान राम, उनकी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण अपने 14 साल के वनवास से अयोध्या लौटे थे, लोगों ने उनके स्वागत के लिए दीपक जलाए थे। इसके साथ ही श्रीकृष्ण ने राक्षस नरकासुर का वध करके लोगों को खुशहाली भी दिलाई थी।

दिवाली के पांच दिवसीय त्योहार में हर दिन का विशेष महत्व होता है। पहले दिन को ‘धनतेरस’ कहा जाता है, जिसमें लोग अपने व्यवसायों और घरों की सफाई करते हैं। दूसरे दिन को ‘छोटी दिवाली’ कहा जाता है, जिसमें लोग अपने घरों को खूबसूरती से सजाते हैं। तीसरे दिन को ‘मुख्य दिवाली’ कहा जाता है, जब लोग अपने घरों को दीयों से रोशन करते हैं और देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं।

दिवाली के इस खास मौके पर लोग नए कपड़े पहनते हैं और मिठाइयां बनाते हैं। फूल और पटाखे फोड़े जाते हैं और दुकानों, बाजारों और घरों को रंग-बिरंगे दीयों से सजाया जाता है।

दिवाली के चौथे दिन को ‘गोवर्धन पूजा’ कहा जाता है, जिसमें गाय माता की पूजा की जाती है। इस दिन, लोग बहुत सारे विशेष व्यंजन, जैसे खील-बताशा, बर्फी, गुलाब जामुन और अन्य स्वादिष्ट भोजन तैयार करते हैं और उन्हें दोस्तों और परिवार के साथ साझा करते हैं।

दिवाली के आखिरी दिन को ‘भाई दूज’ कहा जाता है, जिसमें बहनें यमराज की पूजा करती हैं और अपने भाइयों के लिए आशीर्वाद मांगती हैं।

दिवाली का त्योहार हर किसी के जीवन में सुख और समृद्धि का प्रतीक है। इसे एक नई शुरुआत का संकेत माना जाता है और लोग नए संकल्प लेते हैं और अपने जीवन को सफल और खुशहाल बनाने की कोशिश करते हैं।

दिवाली के इस उत्सव के तहत, लोग अपने दोस्तों और परिवार के साथ मिलकर खुशियाँ मनाते हैं, और सामाजिक और आपसी दोस्ती को मजबूत करते हैं।

दिवाली पर निबंध (500 शब्दों में) – Diwali Nibandh in Hindi

दिवाली, जिसे “रोशनी का त्योहार” के रूप में जाना जाता है, न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर के हिंदू समुदायों द्वारा मनाए जाने वाले सबसे प्रमुख और प्राचीन हिंदू त्योहारों में से एक है। यह भव्य त्योहार अपने साथ समृद्धि, खुशियाँ और रोशनी की आशा लेकर आता है, जिसे विभिन्न समुदायों के लोगों द्वारा अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है।

दिवाली कार्तिक माह की अमावस्या को पड़ती है। यह एक ऐसा समय होता है जब अंधेरी रात अनगिनत दीपकों और दीयों के साथ जीवंत हो उठती है, जिससे आसपास का वातावरण जगमगा उठता है। दिवाली का बड़ा धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह चौदह साल के वनवास के बाद भगवान राम की अयोध्या वापसी की याद दिलाता है। उनकी वापसी के दौरान, अयोध्या के निवासियों ने अंधेरे पर प्रकाश की जीत का प्रतीक, दीपक जलाकर उनका स्वागत किया था।

इसके अतिरिक्त, इस दिन, भगवान कृष्ण ने राक्षस नरकासुर को हराया था, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक था। दिवाली जैन धर्म के संस्थापक भगवान महावीर के निर्वाण दिवस का भी प्रतीक है। इन कई कारणों से, दिवाली कई लोगों के दिलों में एक विशेष स्थान रखती है।

यह त्यौहार पांच दिनों तक चलता है, जो धनतेरस से शुरू होता है और भाई दूज के साथ समाप्त होता है। दिवाली की तैयारियां कई दिन पहले से ही शुरू हो जाती हैं। घरों की अच्छी तरह से सफाई की जाती है और सजावट शुरू हो जाती है। नए कपड़े सिले जाते हैं और तरह-तरह की स्वादिष्ट मिठाइयाँ बनाई जाती हैं। ठंड का मौसम भव्यता, स्वच्छता और जीवंत सजावट के समय में बदल जाता है, जो हमारे घरों में धन की देवी लक्ष्मी का स्वागत करता है।

पहले दिन, धनतेरस पर, लोग सोने और चांदी के आभूषण जैसी धातु की वस्तुएं खरीदते हैं क्योंकि इस दिन इन सामग्रियों में निवेश करना शुभ माना जाता है। दूसरा दिन नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली है, जब कुछ लोग पटाखे फोड़कर भी जश्न मनाते हैं।

तीसरा दिन, मुख्य दिवाली का दिन, देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा के लिए समर्पित है। यह दिन खासतौर पर उन व्यापारियों के लिए बहुत महत्व रखता है जो नए बही-खाते की शुरुआत करते हैं। विभिन्न आयु वर्ग और विभिन्न वर्गों के लोग धार्मिक अनुष्ठान करने और देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश का आशीर्वाद लेने के लिए एक साथ आते हैं।

चौथे दिन, गोवर्धन पूजा मनाई जाती है, जो भगवान इंद्र के प्रकोप के कारण होने वाली मूसलाधार बारिश से ग्रामीणों की रक्षा के लिए भगवान कृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत को उठाने का प्रतीक है। यह पर्व प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर जोर देता है।

दिवाली का आखिरी दिन, भाई दूज, भाई-बहन के रिश्ते को समर्पित है। बहनें अपने भाइयों की आरती करती हैं और उनकी सलामती के लिए प्रार्थना करती हैं और बदले में भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं।

दिवाली धार्मिक सीमाओं से परे है, विभिन्न धर्मों और पृष्ठभूमि के लोग त्योहार मनाने के लिए एक साथ आते हैं। यह एक सामाजिक और सांस्कृतिक उत्सव है जो परिवारों और दोस्तों के बीच प्यार, एकता और खुशी का प्रतीक है।

रोशनी का त्योहार दिवाली हमारे दिलों में एक खास जगह रखता है। यह एक नई शुरुआत का आरंभ करता है और हमारे जीवन को खुशी, आशा और सकारात्मकता से भर देता है। यह वह समय है जब अंधकार दूर हो जाता है और प्रकाश बुराई पर विजय प्राप्त करता है। यह त्योहार हमें याद दिलाता है कि अच्छे कर्म, एकता और विश्वास हमें हमेशा एक उज्जवल कल की ओर ले जाएंगे।

दिवाली के त्योहार पर निबंध (600 शब्दों में) – Essay on the festival of Diwali in Hindi

प्रस्तावना:

दिवाली हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय और महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जिसे बड़े उत्साह और धूमधाम से मनाया जाता है। आमतौर पर छोटे बच्चों को यह त्योहार बहुत पसंद आता है क्योंकि यह सभी के लिए ढेर सारी खुशियाँ और उपहार लाता है। दिवाली का त्योहार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है।

दिवाली का मतलब

“दिवाली”, जिसे “दीपावली” के नाम से भी जाना जाता है, भारत और दुनिया भर में रहने वाले हिंदुओं के सबसे पवित्र त्योहारों में से एक है। यह त्यौहार हिंदू पौराणिक और सांस्कृतिक धार्मिक महत्व से ओत-प्रोत है और विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग नामों और परंपराओं के साथ मनाया जाता है।

दिवाली का अर्थ “दीपकों की पंक्ति” से है, जो दर्शाता है कि इस त्योहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा दीपक या दीये जलाना है। ‘दीपावली’ संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है – दीप+आवली। ‘दीप’ का अर्थ है ‘दीपक’ और ‘आवली’ का अर्थ है ‘श्रृंखला’, जिसका अर्थ है दीपकों की श्रृंखला या दीपकों की पंक्ति।

इस त्यौहार के अवसर पर घरों को दीपों से सजाया जाता है, जिससे रात बेहद खूबसूरत और रोशनी से भरी हो जाती है। यह दीयों की चमकती रोशनी है जिसका महत्वपूर्ण प्रतीक बुराई के अंधेरे से अच्छाई की रोशनी की ओर बढ़ना है।

दिवाली त्योहार की तैयारियां

“दिवाली” के त्यौहार की तैयारियां दिवाली से कई दिन पहले ही शुरू हो जाती हैं। दिवाली के आगमन से ही लोग अपने घरों को सजाना शुरू कर देते हैं। इस त्योहार की तैयारियों में घर की साफ-सफाई सबसे अहम होती है। लोग अपने घरों को साफ-सुथरा करके सजाते हैं, जिससे घर का वातावरण शुद्ध और रमणीय हो जाता है।

ऐसा माना जाता है कि दिवाली के दिन, धन और समृद्धि की देवी देवी लक्ष्मी जी का आगमन होता हैं, और वह विशेष रूप से उन घरों में प्रवेश करती हैं जहां साफ-सफाई और सुशीलता बनी रहती है। इसलिए ऐसा माना जाता है कि देवी लक्ष्मी के स्वागत के लिए घर का साफ सुथरा होना जरूरी है। देवी लक्ष्मी के आगमन को घर में सुख-समृद्धि बढ़ने का संकेत माना जाता है और इसलिए यह तैयारियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

दिवाली नजदीक आते ही लोग अपने घरों को दीयों और तरह-तरह की लाइटों से सजाना शुरू कर देते हैं। इस त्यौहार की शुरुआत घर के कोने-कोने में दीपक और मोमबत्तियाँ जलाकर की जाती है, जिससे रात के समय घर की सुख-समृद्धि में रोशनी फैल जाती है। दीये और रोशनी का यह उत्स्व बुराई के अंधेरे को हराने और अच्छाई की रोशनी की ओर बढ़ने का संकेत है।

“लक्ष्मी पूजन” का विशेष महत्व है

इस दिन विशेष रूप से धन की देवी माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। दिवाली के शुभ अवसर पर धन की देवी मां लक्ष्मी, विघ्नहर्ता गणेश और धन संचय के देवता कुबेर की विधि-विधान से पूजा करने का विशेष महत्व माना जाता है। दिवाली, जिसे धनतेरस के नाम से भी जाना जाता है, धन और समृद्धि की प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।

इस दिन लोग अपने घर में आने वाले धन का स्वागत करने के लिए अपने घरों को विशेष तरीके से सजाते, साफ-सुथरा और तैयार करते हैं। धनतेरस के दिन लोग अपने घरों को धन और समृद्धि से भरने के लिए देवी लक्ष्मी की पूजा कर उन्हें प्रसन्न करते हैं।

धनतेरस के दिन भगवान गणेश की भी पूजा की जाती है क्योंकि वह घर के रास्ते को साफ और सुरक्षित रखते हैं और बाधाओं को दूर करते हैं। कुबेर जी की पूजा से धन के प्रवाह पर नियंत्रण रहता है।

प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजन सबसे अधिक फलदायी माना जाता है। धनतेरस का महत्व यह भी है कि यह धन निवेश और व्यापार के लिए शुभ समय होता है। इस दिन लोग नई संपत्ति की योजना बनाते हैं और नवीनतम व्यावसायिक प्रक्रियाओं में पहल करते हैं।

दिवाली का मतलब है दीपों की पंक्ति और रोशनी की ओर बढ़ना। इस त्योहार की तैयारियां दिवाली से कई दिन पहले से ही शुरू हो जाती हैं, जिससे हमारे घरों में रोशनी और खुशियां आती हैं। “लक्ष्मी पूजन” इस त्योहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, क्योंकि यह धन और समृद्धि की देवी देवी लक्ष्मी की पूजा है, जो हमारे जीवन में समृद्धि और वित्तीय स्थिति की कामना करती है। दिवाली के दिन घरों को दीपों से सजाने के साथ-साथ आध्यात्मिक और आत्मनिर्भरता की भावना बढ़ती है, जिससे हम अपने जीवन में नए आदर्शों और समर्पण की ओर बढ़ सकते हैं।

दीपावली पर निबंध (900 शब्दों में) – Essay on Diwali in Hindi

दिवाली, जिसे “रोशनी का त्योहार” भी कहा जाता है, भारत और दुनिया भर में बड़े धूमधाम से मनाया जाने वाला एक प्रमुख हिंदू त्योहार है। इस त्योहार का महत्व आने वाले समय में सुख, समृद्धि और रोशनी की आशा से जुड़ा है। दिवाली को “रोशनी का त्योहार” कहा जाता है क्योंकि इस दिन लोग अपने घरों में दीये और पटाखे जलाते हैं, जो रोशनी का प्रतीक है। इस त्योहार के दौरान लोग अपने घरों को सजाते हैं, नए कपड़े पहनते हैं और साफ-सफाई करते हैं। इसके साथ ही दिवाली आध्यात्मिक और आत्मनिर्भर भावना को बढ़ावा देती है और लक्ष्मी पूजन के माध्यम से समृद्धि की कामना करती है।

दिवाली का इतिहास

हिंदू मान्यताओं के अनुसार दिवाली का इतिहास भगवान श्री राम के आगमन से जुड़ा है। भगवान श्री राम, माता सीता और भगवान लक्ष्मण ने चौदह वर्ष के वनवास के बाद अपनी प्रिय अयोध्या लौटने का फैसला किया था। उनके आगमन के दिन अमावस्या की रात थी, जिसके कारण पूरा नगर अंधकार में डूबा हुआ था। लोगों ने अपने घरों को दीपों और फूलों से सजाया था, ताकि भगवान राम और उनके परिवार के स्वागत के लिए पूरा शहर उज्ज्वल और सुंदर हो। 

तब से लेकर आज तक इसे रोशनी के त्योहार और अंधेरे पर प्रकाश की जीत के रूप में मनाया जाता है। लोग अपने घरों को दीयों और दीपों से सजाते हैं, जिससे घरों में रोशनी होती है और त्योहार की भावना में उत्सव का माहौल पैदा होता है। इसे “दीपावली” कहा जाता है, जिसका अर्थ है “दीपकों की पंक्ति”। यह पंक्ति न सिर्फ घर को रोशन करती है बल्कि यह भी दर्शाती है कि रोशनी हर समय बुराई को हराती है।

इस शुभ अवसर पर, भगवान गणेश, लक्ष्मी जी, राम जी और अन्य देवताओं की मूर्तियाँ बाजारों में खरीदारी के लिए उपलब्ध होती हैं। इस समय बाजारों में विशेष रौनक रहती है। इस अवसर पर लोग नए कपड़े, उपहार, आभूषण, बर्तन, मिठाइयाँ और अन्य सामान खरीदते हैं। 

हिंदू धर्म के अनुसार, दिवाली का त्योहार नई व्यावसायिक गतिविधियों की शुरुआत का भी प्रतीक है। व्यवसायी लोग दिवाली के त्योहार पर नए बही-खाते शुरू करके वित्तीय सफलता की आशा करते हैं।

इसके साथ ही लोगों का मानना है कि यह खूबसूरत त्योहार सभी के लिए धन, समृद्धि और सफलता लाता है। दिवाली के अवसर पर, लोग अपने परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ उपहारों और मिठाइयों का आदान-प्रदान करने के लिए उत्सुक रहते हैं, जिससे खुशियों का आदान-प्रदान होता है और रिश्ते मजबूत होते हैं।

दिवाली में पटाखों का महत्व

दिवाली को “रोशनी का त्योहार” कहा जाता है। इस त्यौहार में बच्चे पटाखे और विभिन्न प्रकार की आतिशबाजी जैसे फुलझड़ी, रॉकेट, फव्वारे, चकरी आदि जलाना पसंद करते हैं। दिवाली में पटाखों का भी महत्व है क्योंकि पटाखे इस त्योहार की खुशियों को और भी रंगीन बना देते हैं।

पटाखे फोड़ना इस त्योहार को रंगीन और आनंदमय बनाता है। पटाखे दिवाली मनोरंजन का एक हिस्सा हैं और बच्चों और वयस्कों के बीच मनोरंजन का एक स्रोत हैं। पटाखे अपनी आवाज और ध्वनि से लोगों को आनंद लेने का वातावरण देते हैं और त्योहार के माहौल को और अधिक जीवंत और उत्सवपूर्ण बनाते हैं।

दिवाली के साथ मनाये जाने वाले त्यौहार

  • दिवाली का त्यौहार लगभग 5 दिनों तक मनाया जाता है। दिवाली 5 त्योहारों धनतेरस, नरक चतुर्दशी, महालक्ष्मी पूजा, धनतेरस और भाई दूज का संगम है।
  • धनतेरस: यह दिवाली के त्योहार का पहला दिन होता है, जिसमें लोग सोने और चांदी के आभूषण जैसी धातु की वस्तुएं खरीदते हैं।
  • नरक चतुर्थी (छोटी दिवाली): दिवाली के दूसरे दिन को नरक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है और कुछ लोग इसे छोटी दिवाली के रूप में भी मनाते हैं।
  • मुख्य दीपावली (दिवाली): यह दिवाली का मुख्य दिन है, जिसमें लोग देवी महालक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करते हैं। इस दिन को “अमावस्या” के रूप में मनाया जाता है, जिसका अर्थ है कि अमावस्या की रात होने के बावजूद, अमावस्या की रात को अच्छाई का प्रतीक माना जाता है।
  • गोवर्धन पूजा: दिवाली के त्योहार का चौथा दिन गोवर्धन पूजा के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के बलभद्र गिरिराज रूप की पूजा की जाती है और कई तरह के अनुष्ठान किए जाते हैं।
  • भैया-दूज: दिवाली के त्योहार का आखिरी दिन भैया-दूज के रूप में मनाया जाता है, जिसमें बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं और उनकी रक्षा की कामना करती हैं।

ये त्यौहार अलग-अलग तरीके से मनाए जाते हैं और हर दिन का अपना विशेष महत्व होता है, हर दिन से अपनी-अपनी महत्वपूर्ण कहानियां और धार्मिक मान्यताएं जुड़ी हैं।

दिवाली से जुड़ी सामाजिक कुरीतियाँ

दिवाली जैसे धार्मिक महत्व के त्योहार के शुभ अवसर पर भी कुछ असामाजिक तत्व शराब, जुआ, जादू-टोना और पटाखों के दुरुपयोग जैसी अपनी बुरी आदतों से इसे खराब करने में लगे रहते हैं। पटाखों के अत्यधिक उपयोग से ध्वनि प्रदूषण बढ़ सकता है, जिससे क्षेत्र और आसपास के लोगों को परेशानी हो सकती है। यदि दिवाली के दिन इन बुराइयों को समाज से दूर रखा जाए तो दिवाली का त्योहार सचमुच शुभ दिवाली बन जाएगा।

दिवाली, जिसे भगवान श्री राम की अयोध्या वापसी के दिन के रूप में जाना जाता है, को अच्छाई के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है, और लक्ष्मी पूजा के साथ धन और समृद्धि की कामना की जाती है। पांच दिनों की दिवाली अपने अंदर के अंधेरे को मिटाकर पूरी दुनिया को रोशन करने का त्योहार है। दिवाली के दिन, लोग पटाखों का उपयोग करते हैं, जो उत्सव की आवाज़ और रंगों के साथ जश्न मनाने में मदद करते हैं। हमें यह समझना होगा कि दिवाली के त्योहार का मतलब रोशनी, प्यार और सुख-समृद्धि है। ऐसे में पटाखों का प्रयोग सावधानी से और बड़ों की मौजूदगी में करना चाहिए। इस दिन अवगुणों को दूर करने की जरूरत है ताकि यह त्योहार अपने वास्तविक महत्व को उजागर कर सके।

दिवाली पर निबंध 10 लाइन (Essay on Diwali in 10 lines)

  • दिवाली, जिसे “रोशनी का त्योहार” भी कहा जाता है, भारत का एक प्रमुख और महत्वपूर्ण त्योहार है। 
  • यह त्यौहार भगवान राम की अयोध्या वापसी की ख़ुशी को चिह्नित करने के लिए मनाया जाता है, जब लोग दीपक और रंगोली के साथ उनके आगमन का स्वागत करते हैं।
  • इस दिन, हिंदू अनुयायी मिट्टी के दीपक जलाते हैं और अपने घरों को रंगोली से सजाते हैं। 
  • इस त्योहार के मौके पर बच्चे पटाखे जलाकर अपनी खुशी और उत्साह का इजहार करते हैं, जो खास लगता है।
  • हिंदू धर्म के अनुसार दिवाली के इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी और विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा की जाती है, जिसका महत्व धन, समृद्धि और सफलता की प्राप्ति से जुड़ा है। 
  • लोग इस दिन को अपने दोस्तों और पड़ोसियों के साथ खुशी के लिए उपहार और मिठाइयाँ देकर मनाते हैं।
  • दिवाली को भारत में सार्वजनिक अवकाश के रूप में मनाया जाता है और इस त्योहार को बहुत धूमधाम से मनाने की तैयारी की जाती है। 
  • यह हिंदू समुदाय के सबसे प्रिय और आनंददायक त्योहारों में से एक है, और इसे अन्य धर्मों और संप्रदायों के लोगों द्वारा भी मनाया जाता है। 
  • दिवाली एक महत्वपूर्ण सामाजिक और पारंपरिक अवसर है, जो परिवारों और प्रियजनों के बीच प्रेम और मेल-मिलाप का प्रतीक है।

————————————————–//

अन्य लेख पढ़ें:

  • 110+ दिवाली की शुभकामनाएं संदेश – Diwali Wishes In Hindi
  • दि‍वाली पर हिंदी में कविताएँ – Diwali Poems in Hindi
  • दीवाली पर संस्कृत निबंध – Essay on Diwali in Sanskrit
  • Diwali Nibandh in Marathi – दिवाळी निबंध मराठी
  • दिवाली के बारे में जानकारी और रोचक तथ्य – Information & Interesting Facts About Diwali
  • 50+ भाई दूज पर शुभकामना संदेश – Best wishes message on Bhai Dooj in Hindi
  • भाई दूज क्यों मनाया जाता है? भाई दूज की कहानी और महत्व हिंदी में

Enjoy this blog, Please share this

  • Share on Tumblr

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

Notify me of follow-up comments by email.

Notify me of new posts by email.

  • entertainment

Kabhi Khushi Kabhie Gham, DDLJ, Hum Aapke Hain Koun: 5 Best movies to watch on Diwali

Kabhi Khushi Kabhie Gham, DDLJ, Hum Aapke Hain Koun: 5 Best movies to watch on Diwali

Swades (2004)

Dilwale Dulhania Le Jayenge (1995)

Kabhi Khushi Kabhie Gham (2001)

Hum Aapke Hain Koun (1994)

Visual Stories

essay in hindi about diwali

45,000+ students realised their study abroad dream with us. Take the first step today

Here’s your new year gift, one app for all your, study abroad needs, start your journey, track your progress, grow with the community and so much more.

essay in hindi about diwali

Verification Code

An OTP has been sent to your registered mobile no. Please verify

essay in hindi about diwali

Thanks for your comment !

Our team will review it before it's shown to our readers.

essay in hindi about diwali

  • Essays in Hindi /

Essay on Khadi : छात्रों के लिए खादी पर निबंध

essay in hindi about diwali

  • Updated on  
  • अगस्त 27, 2024

Essay on Khadi in Hindi

महात्मा गांधी के खादी आंदोलन के बाद यह भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण प्रतीक थी। खादी भारतीय परंपरा और शिल्प कौशल में गहराई से जुड़ी हुई है। यह आत्मनिर्भरता और स्वदेशी आंदोलन का प्रतिनिधित्व करती है, जिसका उद्देश्य स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देना और विदेशी वस्तुओं पर निर्भरता कम करना था। इसकी भूमिका को समझने से छात्रों को भारत के स्वतंत्रता संग्राम और महात्मा गांधी के नेतृत्व के ऐतिहासिक संदर्भ को समझने में मदद मिलती है। छात्रों को खादी के बारे में सीखना चाहिए क्योंकि इसका ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और सामाजिक-आर्थिक महत्व है। इसी कारण से कई बार छात्रों को Essay on Khadi in Hindi लिखने के लिए दिया जाता है, इसलिए आपकी मदद के लिए इस ब्लॉग में कुछ सैंपल दिए गए हैं। 

This Blog Includes:

खादी पर 100 शब्दों में निबंध , खादी पर 200 शब्दों में निबंध, प्रस्तावना , भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में खादी का महत्व, महात्मा गांधी का खादी आंदोलन, वर्तमान में खादी की स्थिति.

खादी कपास, ऊन या रेशम के रेशों से बना कपड़ा है जिसे हाथ से काता जाता है और हथकरघे पर बुना जाता है। हाथ से कताई और बुनाई की यह पारंपरिक विधि भारत में सदियों से चली आ रही है। इन कपड़ों का वर्णन करने के लिए स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी द्वारा खादी शब्द गढ़ा गया था। 18वीं शताब्दी में भाप इंजन, कताई मशीनों और बिजली करघों के आविष्कार ने सूती कपड़ा उद्योग में क्रांति ला दी थी। इन उन्नतिओं ने भारत में ब्रिटिश नियंत्रण के साथ मिलकर, देश के कपड़ा उद्योग को बदल दिया था। 1771 तक इंग्लैंड ने अपनी पहली सूती कपड़ा मिल स्थापित की थी, जिसने भारत की भूमिका को हाथ से काते गए कपड़ों के एक प्रमुख उत्पादक और निर्यातक से बदलकर केवल इंग्लैंड को कच्चे कपास की आपूर्ति करने वाले देश में बदल दिया था। इन सभी बदलावों के बावजूद महत्मा गांधी ने खादी को एक अलग पहचान दिलाई। खादी आज़ादी की नई पहचान के रूप में सामने आई। आज़ादी से पहले कुछ समय के लिए तिरंगे झंडे में भी हथकरघे का उपयोग किया गया था जो इसके महत्व को बताता है।  

1918 के समय में भारत के लोगों को खादी से परिचित कराया गया था। इसके प्रमुख उद्देश्य था की आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दिया जा सके और ब्रिटिश वस्त्रों पर निर्भरता कम की जा सके। मई 1915 महात्मा गांधी ने में गुजरात के अहमदाबाद में साबरमती आश्रम से खादी आंदोलन शुरू किया था। यह भारत के स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया। खादी खद्दर शब्द से लिया गया है, जो हाथ से काता और बुना हुआ सूती कपड़ा है जो अपनी खुरदरी बनावट के लिए जाना जाता है। 

महात्मा गांधी ने औपनिवेशिक शासन के खिलाफ भारत के प्रतिरोध का प्रतीक बनाने और स्वदेशी उत्पादों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए खादी कपड़े को चुना था। खादी कातने के लिए चरखा या भारतीय कताई पहिया का प्रयोग किया जाता था। 

यह 1930 के दशक में डिज़ाइन किए गए भारतीय राष्ट्रीय ध्वज पर भी एक महत्वपूर्ण प्रतीक बन गया था। गांधी ने स्वदेशी उत्पादों के उपयोग और विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार को प्रोत्साहित किया था। उसके बाद खादी राष्ट्रवाद के प्रतीक और स्वराज के धागों से बुने हुए कपड़े के रूप में उभरी। गांधीजी का मानना था कि खादी कातने का व्यापक अभ्यास विभिन्न सामाजिक वर्गों के लोगों को एकजुट करेगा। लोगों में अंतर को पाटेगा और एकजुटता को बढ़ावा देगा।  इस आंदोलन का उद्देश्य लोगों को सामाजिक और आर्थिक रूप से ऊपर उठाना था। बाद में खादी राष्ट्रीय वस्त्र बन गई और भारत के स्वतंत्रता संग्राम का एक शक्तिशाली प्रतीक बन गई।

खादी पर 500 शब्दों में निबंध

Essay on Khadi in Hindi 500 शब्दों में निबंध नीचे दिया गया है –

खादी भारत की समृद्ध विरासत और स्वतंत्रता आंदोलन का प्रतीक है। यह सिर्फ़ एक कपड़ा नहीं है, यह आत्मनिर्भरता और राष्ट्रीय गौरव का सार है। 20वीं सदी की शुरुआत में महात्मा गांधी द्वारा शुरू की गई खादी सिर्फ़ एक कपड़ा नहीं थी। यह औपनिवेशिक शोषण के खिलाफ़ एक शक्तिशाली संदेश था और आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण के लिए एक आह्वान था। खादी हाथ से बुनी और सूती, ऊनी या रेशमी रेशों से बनी खादी भारतीय कपड़ा शिल्प कौशल की सदियों पुरानी परंपराओं को दर्शाती है। सांस्कृतिक निरंतरता और प्रतिरोध दोनों का प्रतीक होने के नाते, खादी ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसने विभिन्न सामाजिक स्तरों के लोगों को एकजुट किया था। इसने सामूहिक पहचान की भावना को बढ़ावा दिया था। खादी के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आर्थिक महत्व को समझना भारत की आत्मनिर्भरता की यात्रा और पारंपरिक प्रथाओं को संरक्षित करने की उसकी निरंतर प्रतिबद्धता के बारे में मूल्यवान जानकारी प्रदान करता है।

खादी ने भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। यह ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के खिलाफ प्रतिरोध का प्रतीक और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने का एक साधन थी। महात्मा गांधी ने विदेशी वस्त्रों को अस्वीकार करने और पारंपरिक भारतीय शिल्प कौशल को पुनर्जीवित करने के लिए खादी का समर्थन किया था। गांधीजी जी के ऐसी करने से आर्थिक स्वतंत्रता को बढ़ावा मिला और ग्रामीण कारीगर को सशक्त हुए। इस आंदोलन ने सामाजिक और क्षेत्रीय विभाजनों से परे लोगों को एकजुट किया था और सामाजिक सामंजस्य और सांस्कृतिक पुनरुत्थान को बढ़ावा दिया था। हाथ से काते और हाथ से बुने कपड़े के इस्तेमाल को बढ़ावा देकर खादी ने औपनिवेशिक प्रभुत्व को चुनौती दी थी। इसने भारत की विरासत को संरक्षित करने और स्वतंत्रता संग्राम में लाखों लोगों को संगठित करने में भी मदद की। इसका महत्व आत्मनिर्भरता और एकता के राजनीतिक और आर्थिक दृष्टिकोण से जुड़ा हुआ है।

खादी हाथ से काता और बुना हुआ कपड़ा है जिसका भारत के स्वतंत्रता के इतिहास में एक विशेष स्थान है। वर्ष 1918 में महात्मा गांधी ने स्वदेशी आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए खादी का इस्तेमाल किया था। जिसका उद्देश्य ब्रिटिश आयात का बहिष्कार करना और स्थानीय उद्योग और नौकरियों को बढ़ावा देना था। महात्मा गांधी ने इसे खादी आंदोलन नाम दिया था। उन्होंने भारतीयों को अपनी सामग्री खुद उगाने और खादी कातने के लिए प्रोत्साहित किया, जिससे सामाजिक वर्गों में एकता और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिला। उनके इस प्रयास से भारत को महंगे आयातित सामानों पर अपनी निर्भरता कम करने और आर्थिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देने में मदद मिली। खादी पर्यावरण के भी अनुकूल है। यह कपास, रेशम या ऊन जैसे प्राकृतिक, बायोडिग्रेडेबल रेशों से बनी है इसे कारखानों के बिना बनाया जाता है। आज खादी भारत की सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनी हुई है।

वर्तमान समय में खादी भारत में एक महत्वपूर्ण और प्रिय कपड़ा बना हुआ है। यह इसके ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाता है। इसका उत्पादन विभिन्न सरकारी और निजी संस्थानों द्वारा किया जाता है, जिसमें खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) शामिल है, जो इसके उपयोग को बढ़ावा देता है। यह स्थानीय कारीगरों का समर्थन करता है। टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों में बढ़ती रुचि के कारण खादी की मांग में फिर से उछाल आया है। आधुनिक खादी में पारंपरिक हाथ से कताई और बुनाई की तकनीकें शामिल हैं। साथ ही इसने वर्तमान में फैशन को आकर्षित करने के लिए नए डिज़ाइनों को भी अपनाया गया है।

अपने पुनरुद्धार के बावजूद, खादी क्षेत्र को बड़े पैमाने पर उत्पादित वस्त्रों से प्रतिस्पर्धा और बाजार की मांग में उतार-चढ़ाव जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। उत्पादन विधियों को आधुनिक बनाने, गुणवत्ता में सुधार करने और बाजार तक पहुँच बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। टिकाऊ फैशन को बढ़ावा देने और ग्रामीण अर्थव्यवस्थाओं का समर्थन करने में खादी की भूमिका पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है, जो आज की दुनिया में इसकी विरासत और प्रासंगिकता को बनाए रखने में मदद कर रहा है।

खादी भारत के स्वतंत्रता संग्राम का एक शक्तिशाली प्रतीक है और महात्मा गांधी के आत्मनिर्भरता और एकता के दृष्टिकोण का एक प्रमाण है। इसका महत्व कपड़े के रूप में इसकी भूमिका से कहीं बढ़कर है। यह स्थिरता, सांस्कृतिक विरासत और आर्थिक सशक्तीकरण के आदर्शों को दर्शाता है। आधुनिक समय में खादी का पुनरुत्थान आज के फैशन उद्योग में एक स्थायी विकल्प के रूप में इसकी निरंतर प्रासंगिकता को रेखांकित करता है। स्थानीय शिल्प कौशल का समर्थन करके और पर्यावरण के अनुकूल कार्यों को बढ़ावा देकर खादी भारत की समृद्ध परंपरा का सम्मान करती है। यह समकालीन पर्यावरणीय और आर्थिक चुनौतियों का भी समाधान करती है। देश के इतिहास में गहराई से बुने गए कपड़े के रूप में, खादी आत्मनिर्भरता और राष्ट्रीय गौरव की दिशा में सामूहिक प्रयास की एक मार्मिक याद दिलाती है।

Essay on Khadi in Hindi के कपड़े सिंथेटिक फाइबर की तुलना में ज़्यादा टिकाऊ होते हैं। वे ज़्यादा समय तक चलते हैं, जिसका मतलब है कि कम कचरा पैदा होता है। खादी का कपड़ा पर्यावरण के अनुकूल विनिर्माण और उत्पादन प्रक्रिया के कारण टिकाऊ है। चूँकि यह हाथ से बुना जाता है, इसलिए यह ऊर्जा और प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग को कम करता है। भारत में खादी का ऐतिहासिक और दार्शनिक महत्व है। इसे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने पेश किया था। उन्होंने भारत को आत्मनिर्भर और स्वतंत्र बनाने के लिए खादी कपड़े को बढ़ावा देने के लिए स्वदेशी आंदोलन शुरू किया। खादी ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

हाथ से बुने हुए कपड़े का पहला टुकड़ा 1917–18 के दौरान साबरमती आश्रम में निर्मित किया गया था। कपड़े के मोटेपन के कारण गांधीजी ने इसे खादी कहना शुरू कर दिया। कपड़ा कपास से बनाया जाता है, लेकिन इसमें रेशम या ऊन भी शामिल हो सकते हैं, जिन्हें चरखे पर सूत में काता जाता है।

यह एक हस्तशिल्प विरासत वाला हथकरघा कपड़ा है, जो पूरी तरह से हाथ से तैयार की गई प्रक्रियाओं से बना है – चरखे पर धागे कातने से लेकर हथकरघे पर बुनाई तक। कपड़ा आमतौर पर कपास से बुना जाता है और इसमें रेशम या ऊन भी शामिल हो सकता है। खादी को कभी-कभी स्टार्च के साथ उपचारित किया जाता है ताकि इसे अधिक सख्त बनावट दी जा सके।

संबंधित आर्टिकल

आशा हैं कि आपको इस ब्लाॅग में Essay on Khadi in Hindi के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य निबंध लेखन पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

' src=

Team Leverage Edu

प्रातिक्रिया दे जवाब रद्द करें

अगली बार जब मैं टिप्पणी करूँ, तो इस ब्राउज़र में मेरा नाम, ईमेल और वेबसाइट सहेजें।

Contact no. *

browse success stories

Leaving already?

8 Universities with higher ROI than IITs and IIMs

Grab this one-time opportunity to download this ebook

Connect With Us

45,000+ students realised their study abroad dream with us. take the first step today..

essay in hindi about diwali

Resend OTP in

essay in hindi about diwali

Need help with?

Study abroad.

UK, Canada, US & More

IELTS, GRE, GMAT & More

Scholarship, Loans & Forex

Country Preference

New Zealand

Which English test are you planning to take?

Which academic test are you planning to take.

Not Sure yet

When are you planning to take the exam?

Already booked my exam slot

Within 2 Months

Want to learn about the test

Which Degree do you wish to pursue?

When do you want to start studying abroad.

September 2024

January 2025

What is your budget to study abroad?

essay in hindi about diwali

How would you describe this article ?

Please rate this article

We would like to hear more.

  • क्वेश्चन पेपर
  • सामान्य ज्ञान
  • यूपीएससी नोट्स

essay in hindi about diwali

  • Click on the Menu icon of the browser, it opens up a list of options.
  • Click on the “Options ”, it opens up the settings page,
  • Here click on the “Privacy & Security” options listed on the left hand side of the page.
  • Scroll down the page to the “Permission” section .
  • Here click on the “Settings” tab of the Notification option.
  • A pop up will open with all listed sites, select the option “ALLOW“, for the respective site under the status head to allow the notification.
  • Once the changes is done, click on the “Save Changes” option to save the changes.

Janmashtami 2024: 10 लाइनों में जन्माष्टमी पर निबंध कैसे लिखें|10 Lines on Janmashtami in hindi

10 Lines on Janmashtami in Hindi: हिन्दु धर्म में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है। कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व भारत सहित विश्व के विभिन्न हिस्सों में धूमधाम से मनाया जाता है। खासतौर पर बच्चों और युवाओं में इस पर्व को लेकर विशेष उत्साह रहता है।

10 लाइनों में जन्माष्टमी पर निबंध कैसे लिखें|10 Lines on Janmashtami in hindi

भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन श्रीकृष्ण के जीवन और उनकी बाल लीलाओं पर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। ये कार्यक्रम उत्सव की भांति मानाये जाते हैं जो सभी वर्ग के लोगों को प्रेरित भी करते हैं। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण के उपदेश जीवन में सही मार्ग पर चलने की शिक्षा देते हैं। स्कूलों और घरों में इस दिन विशेष कार्यक्रमों का आयोजन होता है, जहां बच्चे विभिन्न तरीकों से श्रीकृष्ण की लीलाओं का चित्रण करते हैं।

बच्चों के लिए जन्माष्टमी पर 10 पंक्तियों में लेख प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाता है। ये प्रतियोगिता उन्हें भगवान श्रीकृष्ण के आदर्शों से भी परिचित कराता है। इस लेख में, हमने तीन अलग-अलग सेटों में 10 पंक्तियां में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर निबंध प्रस्तुत कर रहे हैं। इन्हें पढ़कर बच्चे 10 लाइनों में जन्माष्टमी पर निबंध लिख सकते हैं।

How to Celebrate Janmashtami: स्कूल या कॉलेज में जन्माष्टमी मनाने के लिए टॉप 10 आईडिया

ये सेट जन्माष्टमी के महत्व, भगवान श्रीकृष्ण के जीवन और उनकी शिक्षाओं पर केंद्रित हैं। बच्चों के लिए यह लेखन न केवल शैक्षिक रूप से श्रेष्ठ होगा, बल्कि उन्हें भारतीय संस्कृति और परंपराओं के बारे में भी जागरूक करेगा।

प्रारूप 1: 10 लाइनों में जन्माष्टमी पर निबंध कैसे लिखें

  • जन्माष्टमी भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का पर्व है।
  • इसे पूरे भारत में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
  • यह पर्व भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है।
  • श्रीकृष्ण का जन्म मथुरा के कारागार में हुआ था। रात्रि 12 बजे श्रीकृष्ण के जन्म के समय, विशेष पूजा और आरती होती है।
  • इस वर्ष जन्माष्टमी का त्योहार 26 अगस्त को मनाया जायेगा।
  • इस दिन भक्तजन व्रत रखते हैं और श्रीकृष्ण की पूजा करते हैं।
  • मंदिरों को विशेष रूप से सजाया जाता है और भगवान श्रीकृष्ण की लीला की झांकियां निकाली जाती हैं।
  • मथुरा और वृंदावन में जन्माष्टमी का विशेष महत्व है।
  • दही-हांडी का आयोजन महाराष्ट्र में बहुत धूमधाम से होता है।
  • यह पर्व हमें धर्म, भक्ति और सत्य की राह पर चलने की प्रेरणा देता है।

प्रारूप 2: 10 लाइनों में जन्माष्टमी पर निबंध कैसे लिखें

  • श्रीकृष्ण जन्माष्टमी हिन्दू धर्म का महत्वपूर्ण पर्व है क्योंकि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है।
  • लोग श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर दिनभर व्रत रखते हैं और रात को श्रीकृष्ण की आराधना करते हैं।
  • इस दिन मंदिरों में विशेष पूजा और झांकियों का आयोजन होता है।
  • श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का स्मरण किया जाता है।
  • दही-हांडी की प्रतियोगिता में सभी वर्ग के लोग उत्साह के साथ भाग लेते हैं।
  • श्रीकृष्ण ने अपने जीवन में धर्म और कर्म का संदेश दिया।
  • मथुरा, वृंदावन और गोकुल में जन्माष्टमी का विशेष आयोजन होता है।
  • इस दिन श्रीकृष्ण के भक्त भजन-कीर्तन और रासलीला का आयोजन करते हैं।
  • जन्माष्टमी का पर्व बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी के लिए विशेष होता है।

Janmashtami Essay in Hindi: कक्षा 1 से 3 के बच्चे 100, 150 और 200 शब्दों में जन्माष्टमी पर निबंध कैसे लिखें

प्रारूप 3: 10 लाइनों में जन्माष्टमी पर निबंध कैसे लिखें

  • जन्माष्टमी भगवान श्रीकृष्ण के जन्म जयंती के रूप में मनाई जाती है।
  • इस वर्ष का त्योहार 26 अगस्त को मनाया जा रहा है। यह पर्व हमें भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं और उपदेशों का स्मरण कराता है।
  • श्रीकृष्ण ने गीता में कर्मयोग और भक्ति का मार्ग दिखाया है।
  • इस दिन लोग मंदिरों में जाकर श्रीकृष्ण की पूजा करते हैं।
  • मथुरा और वृंदावन में इस पर्व का विशेष महत्व है।
  • दही-हांडी की परंपरा श्रीकृष्ण के माखन चोरी की लीला से जुड़ी है।
  • रात्रि 12 बजे श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है।
  • इस दिन मंदिरों में रासलीला का आयोजन भी होता है।
  • जन्माष्टमी का पर्व हमें प्रेम, भक्ति और सत्य की शक्ति का एहसास कराता है।
  • भगवान श्रीकृष्ण का जीवन हमें धर्म और नैतिकता की राह पर चलने की प्रेरणा देता है।

More JANMASHTAMI 2024 News  

Krishna Janmashtami 2024: श्रीकृष्ण की बाल लीलाएं, जानिए कितने शरारती थें भगवान श्रीकृष्ण

National Space Day 2024: कब मनाया जायेगा राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस? जानिए तिथि, थीम और क्या है महत्व?

National Geoscience Awards: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार प्रदान किये

National Geoscience Awards: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार प्रदान किये

CBSE Issues Guidelines: सीबीएसई ने स्कूलों के लिए जारी किए दिशा-निर्देश, जानिए डिटेल्स

CBSE Issues Guidelines: सीबीएसई ने स्कूलों के लिए जारी किए दिशा-निर्देश, जानिए डिटेल्स

  • Don't Block
  • Block for 8 hours
  • Block for 12 hours
  • Block for 24 hours
  • Dont send alerts during 1 am 2 am 3 am 4 am 5 am 6 am 7 am 8 am 9 am 10 am 11 am 12 pm 1 pm 2 pm 3 pm 4 pm 5 pm 6 pm 7 pm 8 pm 9 pm 10 pm 11 pm 12 am to 1 am 2 am 3 am 4 am 5 am 6 am 7 am 8 am 9 am 10 am 11 am 12 pm 1 pm 2 pm 3 pm 4 pm 5 pm 6 pm 7 pm 8 pm 9 pm 10 pm 11 pm 12 am

facebookview

IMAGES

  1. दिवाली पर निबंध

    essay in hindi about diwali

  2. 🌷 Diwali speech in hindi. Diwali Essay in Hindi for Child Class 1st, 2

    essay in hindi about diwali

  3. Hindi Essay On Deepawali/Diwali

    essay in hindi about diwali

  4. Essay on Diwali in Hindi For Class 1, 2, 4, 5, 6, 7, 8, 10th

    essay in hindi about diwali

  5. Essay on Diwali in Hindi

    essay in hindi about diwali

  6. Diwali Essay In Hindi || Diwali/Deepawali Par Nibandh || Deepawali essay in hindi 300 words

    essay in hindi about diwali

COMMENTS

  1. दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi)

    दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - दिवाली पर हिंदी में निबंध लिखने की प्रक्रिया की जानकारी आप इस लेख में दिए गए दिवाली पर नमूने निबंध के माध्यम से प्राप्त कर ...

  2. दिवाली निबंध 500 शब्द इन हिंदी

    दिवाली निबंध इन हिंदी - Diwali par nibandh Hindi me, 150, 200, 300 500 शब्दों में दीपावली पर निबंध, हिंदी में बच्चों के लिए दीपावली पर निबंध यहां पाएं!

  3. दिवाली पर निबंध 100 शब्द, 150 शब्द, 250 से 300 शब्द, 10 Line

    दिवाली पर निबंध Essay on Diwali in Hindi. 10 lines on Diwali in Hindi. Short Essay on Diwali (दिवाली) in 100, 150, 200, 250, 300, 2000 words.

  4. 10+ दिवाली पर निबंध

    Get Some Best Essay on Diwali in hindi for students 100, 200, 500, 2000 words।. विषय-सूची. 10 Line Essay on Diwali in Hindi For Class 2,3,4. Short Essay on Diwali in Hindi For Class 5,6. Diwali Par Nibandh in Hindi for Class 7, 8,9. Essay on Diwali in Hindi for Class 10,11,12. प्रस्तावना -.

  5. दिवाली पर निबंध Essay on Diwali in Hindi (1000W)

    प्रस्तावना (दिवाली पर निबंध Essay on Diwali in Hindi) प्रतिवर्ष कार्तिक मास के अमावस के दिन हिंदू समाज में दिवाली का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है ...

  6. दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi)

    दिवाली पर निबंध 200 शब्दों में (Essay on Diwali in Hindi in 200 words) दीपावली का त्यौहार सभी भारतियों के लिए लोकप्रिय व महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जिसे बड़ी धूमधाम से और ...

  7. दिवाली पर निबंध

    Essay on Diwali in Hindi for Class 10, 11 and 12 Students and Teachers. रूपरेखा : परिचय - पौराणिक कथाएँ - दिवाली त्योहार का महत्त्व - दिवाली की तैयारी - सामाजिक महत्व - उपसंहार।

  8. Essay On Diwali In Hindi

    Essay on Diwali in Hindi ( दिवाली पर निबंध ): जैसा कि हमारे देश में कई तरह के त्योहार मनाए जाते है जिनका अपने आप में अलग अलग विशेषता और महत्व होती है ...

  9. दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) दीपावली पर निबंध हिंदी में।

    दिवाली पर निबंध / deepawali in hindi. प्रस्तावना - दीवाली हिन्दुओं का सबसे बड़ा त्यौहार है। यह त्यौहार प्रत्येक वर्ष बड़ी धूमधाम से भारत के अलग ...

  10. दीपावली पर निबंध हिंदी में

    दिवाली निबंध हिंदी में | ( कक्षा- 3 से 10 के लिए )- Diwali Per Nibandh Hindi Me, 150, 200, 300 500 शब्दों में दीपावली पर निबंध, हिंदी में बच्चों के लिए दीपावली पर निबंध यहां पाएं..!

  11. दिवाली पर निबंध (Essay On Diwali In Hindi): सरल भाषा में पढ़ें

    दिवाली पर निबंध (Diwali Essay In Hindi)-दिवाली खुशियों का त्योहार है, जो हर किसी के लिए खुशियां लेकर आती है। बच्चे हों या फिर बड़े हर कोई इस त्योहार ...

  12. Diwali Essay in Hindi

    Essay on Diwali in Hindi - दिवाली पर हिंदी में निबंध लिखने जानकारी आप इस लेख में दिए गए माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं। हिंदी में Class 1 से 10 तक के लिए 100, 200, 300 शब्दों में

  13. Hindi Essay On Diwali : दीपावली पर निबंध हिंदी में

    Hindi Essay On Diwali : दीपावली पर निबंध हिंदी में. दीपावली का त्योहार पांच दिनों तक चलने वाला सबसे बड़ा पर्व होता है। दशहरे के बाद से ही घरों में ...

  14. दिवाली पर निबंध

    दिवाली पर निबंध | Diwali Essay in Hindi. दिवाली का त्यौहार हर किसी के लिए खुशियां लेकर आता है, फिर चाहे वो बड़ा हो या बच्चा। हर कोई इस त्यौहार को बड़ी ...

  15. दिवाली पर निबंध हिन्दी में, Essay on Diwali in Hindi 2023

    दिवाली पर निबंध Essay on Diwali in Hindi 2023, Format, Examples | दिवाली पर निबंध - इस लेख में हम दिवाली (दीपावली) के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दे रहे हैं - दिवाली का अर्थ, दिवाली कब ...

  16. दीपावली पर निबंध (300 शब्दों में): जानिए दीपावली का महत्व और मनाने के

    दिवाली पर निबंध 300 शब्दों में Essay on Diwali In Hindi 300 Words Essay on Diwali in Hindi 300 Words. दिवाली जो की हमारे भारत देश में मनाया जाने वाला सबसे बडा़ त्यौहार है। यह त्योहार भगवान श्रीराम ...

  17. दीपावली पर निबंध

    Hamen is baat ka vishesh dhyan rakhna chahiye ki hamare kisi bhi kaam or vyavhar se kisi ko bhi dukh na pahunche tabhi Dipawali ka tyauhar manana sarthak hoga. Essay On Diwali In Points 1. दिवाली हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय त्योहारों में से एक है जिसे ...

  18. दीपावली पर निबंध

    दीपावली पर निबंध. 09/11/2023Rahul Singh Tanwar. Essay on Diwali in Hindi: भारत एक विशाल देश है। यहां पर हर धर्म के लोग रहते हैं। भारत में हर धर्म के त्यौहार को धूमधाम से ...

  19. दिवाली पर निबंध (Essay On Diwali 2023 In Hindi)

    Essay On Diwali For Students - Diwali 2023 will be celebrated on Sunday, 12 November 2023. Diwali is also known as Deepawali. On Diwali, every house is decorated with flowers, garlands, candles, diyas, lanterns and lights. Everyone celebrates the festival of Diwali with great enthusiasm.

  20. दीपावली पर निबंध कक्षा 4 के विद्यार्थियों के लिए: दिवाली का महत्व और

    दीपावली पर निबंध कक्षा 4 Essay on Diwali Hindi for Class Four. दीपावली जिसे दीपों का त्यौहार या रोशनी का त्यौहार कहा जाता है, जो की यह दीपावली शरद ऋतू के कार्तिक महीने के ...

  21. Essay on Diwali in Hindi दिवाली पर निबंध

    Know information about essay on Diwali in Hindi for kids and read an essay on Diwali in Hindi. दिवाली पर निबंध हिंदी मे। Read an essay on Diwali in Hindi language in 200, 300, 350, 400, 500 and 1000 words. You will find results for Diwali essay in Hindi or Hindi Essay about Diwali.

  22. दिवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi)

    दिवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi) दीपावली (Deepawali) या दिवाली का अर्थ है दीपों की अवली मतलब दीपों की पंक्ति। यह पर्व विशेष कर भारत और भारत के ...

  23. राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर निबंध (Essay on National Space Day in hindi

    राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर निबंध (Essay on National Space Day in hindi) - 100, 200, 300 शब्दों में Edited By Amiteshwar Kumar Pandey | Updated on Aug 23, 2024 04:06 PM IST

  24. दिवाली पर निबंध

    दीपावली पर निबंध (300 शब्दों में) - Diwali Essay in Hindi. दिवाली, हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है, जिसका अर्थ है 'दीपकों की पंक्ति।' यह त्यौहार ख़ुशी ...

  25. Kabhi Khushi Kabhie Gham, DDLJ, Hum Aapke Hain Koun: 5 Best movies to

    Diwali is a festival of lights, providing reason enough for people to come closer, rejoice, and celebrate. In most households, watching movies becomes an integral part of this celebration while ...

  26. Essay on Kabaddi in Hindi: कबड्डी पर परीक्षाओं में पूछे जाने वाले निबंध

    आशा हैं कि आपको इस ब्लाॅग में Essay on Kabaddi in Hindi के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग इवेंट्स ब्लॉग्स पढ़ने के लिए ...

  27. Essay on Khadi in Hindi : छात्रों के लिए खादी पर निबंध

    Essay on Khadi in Hindi के कपड़े सिंथेटिक फाइबर की तुलना में ज़्यादा टिकाऊ होते हैं। वे ज़्यादा समय तक चलते हैं, जिसका मतलब है कि कम कचरा पैदा होता ...

  28. Janmashtami 2024: 10 लाइनों में जन्माष्टमी पर निबंध कैसे लिखें|10 Lines

    Janmashtami Essay in Hindi: कक्षा 1 से 3 के बच्चे 100, 150 और 200 शब्दों में जन्माष्टमी पर निबंध कैसे लिखें. प्रारूप 3: 10 लाइनों में जन्माष्टमी पर निबंध कैसे लिखें